इंडियन कमसिन भाभी की चुदाई

ये जो कहानी मैं सुनाने जा रहा हूँ, ये एक सच्ची घटना है जिसके बारे मे मैं सपनो मे देखा करता था |मुझे भी कभी लगा नही था की मेरे साथ एसा भी हो सकता है  | ये कहानी आज से दो साल पुरानी है, जब मे  कॉलेज की दूसरे सत्र की परीक्षा पास हुई थी जहाँ मैं अपने मौसेरे भाई के घर दिल्ली मे इंजीनियरिंग करने के लिए गया था | वहाँ सिर्फ भैया और भाभी रहती थी और सिर्फ तीन साल पहले ही मेरे भाई की शादी हुई थी, मेरी इंडियन भाभी बहुत खूबसूरत थी और उनके साथ मेरा सम्बन्ध दोस्त के तरह था, वो मुझसे उम्र मे भी सिर्फ ४ साल ही बड़ी थी | जब भाभी को पता चला की मे अगले २ साल उनके साथ ही रहने वाला हूँ, तो भाभी बहुत खुश हुई थी | भाभी कहने लगी की तुम्हारे भैया महीने के ज्यादातर दिन कही न कही जाते रहते है, और मे अकेली पर जाती हू, तो अब हम दोनों मिलके गप्पे लारयेंगे | भाभी मेरे साथ हर तरह की बाते किया करती थी |

कभी मैं भाभी के साथ इश्कबाज़ी भी किया करता था, मेरी भाभी ज्यादातर जींस और टॉप पहना करती थी | उनके चुचे बहुत भरी और रसदार थे | भाभी ने एक दिन बातों ही बातों मे मुझसे पूछ ही लिया की मेने कभी सेक्स किया है. . ?? तो मैंने भी मोके पे चोका मार दिया और कहा “नहीं” . .!! उसके बाद भाभी मुस्कुराते हुए चली गई | उसी दिन के बाद से मैंने भाभी के अंदर एक बदलाव देखा  | मुझे तो सिर्फ मौका चाहिये था, भाभी को चोदने का जिसका इन्तेजार मैं शादी के बाद से ही कर रहा था लेकिन मझे क्या पता था की भाभी को भी मुझमे दिलचस्पी थी | उसी दिन रात को भैया आए और उन्होंने भाभी से कहा की उनको तीन हफ्तों के लिए मुंबई जाना होगा, तब मेने भाभी के शकल मे एक अलग सी खुशी देखी | वैसे तो भाभी खूबसूरत थी, लेकिन जब भाभी गर्म कुर्ता और लेग्गिंग पहना करती थी तो, भाभी किसी रंडी से कम नही लगती थी |

मैंने एक बार भाभी को नहाते हुए भी देख लिया था, भाभी का गांड किसी टमाटर से कम नही था, मन तो कर रहा था वही उनके चुत मे अपना लंड डाल दूँ, भाभी जब लाल रंग का ब्रा पहना करती थी तो मैं सिर्फ उनके ब्रा को देखा करता था, वैसे तो उनको ये बात पता थी की में उनके चुचो को देखा करता हूँ, लेकिन वो कभी कुछ नही कहती | आखिर मे वो दिन आ ही गया जब भईया मुंबई के लिए रवाना हो गाये, अब घर मे मैं और भाभी अकेले थे, उसी दिन रात को में और भाभी, मूवी देखने गए हुए थे, भाभी बहुत सेक्सी लग रही थी | मैं मूवी देखते वक्त अपना हाथ भाभी के थाई के उप्पर जानबुझ के रख दिया था, भाभी ने एक बार तिरछी नजरों से मुझको देखी, लेकिन कुछ भी नही बोली, और मे तो था ही कमीना, धीरे – धीरे उनकी जाँघों को मसलने लागा |

जब घर गया तो भाभी मुझे घुरने लगी और आखिर उन्होने हँसते हुए कह ही दिया, की तुम बड़े कमीने हो | उसके बाद जब में अपने कमरे मे सोने जा रहा था तो भाभी ने मुझे कहा की क्या तुम मेरे साथ रात को सो सकती हो, तब मे फ़ौरन बोला बिलकुल, और फिर भाभी के कमरे मे जाकर सो गया | फिर कुछ देर बाद भाभी भी आ गयी, भाभी नाईटी पहेनकर सोई हुई थी, भाभी बहुत खुबसूरत लग रही थी, भाभी के चुचे पके आम के तरह लटक रहे थे, मेरा तो लंड उसी वक्त खरा हो गया था, भाभी मेरे करीब ही सो रही थी, तभी मे अपने लंड से भाभी के गांड मे चुभाने लगा, जिसपर भाभी का तन पूरा का पूरा झूम उठा | भाभी और मैं एक साथ शांत हो गए और बस एक दूसरे को देखते हुए करीब आने लगा और मैं अपने हाथों से दोनों के कपड़ों को खींच उतारने लगा |

आज मुझे अपनी इंडियन भाभी को पहली बार अपने सामने नंगी देखने का मौका मिला था जिसपर मैं एक हाथ से उनकी चुचों को मसल रहा था वहीँ दूसरे से उनकी चुत को रगड रहा था | बहभी मेरे लंड के लिए तरस रही थी जिसपर मैंने एक बार में अपने लंड को भाभी की चुत में डालते हुए जोर का धक्का पेल डाला और भाभी की मेरे साथ ही सुकून भरी सिसकियाँ निकलने लगी | मैं उनकी कमर को थामे हुए आधे घंटे तक बिना रुके चुत चुदाई के खेल को खेलता रहा जिसके बाद भाभी ने मेरे लंड को अपने मुंह में डाला मुखमथुन करने लगी और मैं उनकी मुंह में झड गया | अब जब भी मेरे भैय्या घर से बहार होते हैं मैं हर बार अपनी बहभी की चुत को रंगीन करता हूँ |

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