गाँव की गोरी की गोरी-गोरी गाण्ड (Ganv Ki Gori Ki Gori-Gori Gaand)

मेरा नाम सुशिल है और मैं राजस्थान का रहने वाला हूँ।

यह उस समय की बात है, जब मैं कोलेज में था और सर्दी की छुट्टियों में ननिहाल गया हुआ था…

मेरे नाना जी के काफी खेत हैं और उनके खेत में एक मजदुर काम करता था। वो और उसकी पत्नी हमारे खेत में ही रहते थे।

उसकी पत्नी बहुत सुंदर थी। वो ऐसी दिखती थी कि किसी का भी मन डोल जाये, उसे देख कर।

एकदम लाल होंठ… रस भरे मोटे मोटे बूब्स… पतली कमर… मोटी गाण्ड… गोरा रंग और क्या मस्त फिगर था!!!

पंजाबी सूट में तो बिलकुल क़यामत लगती थी।

मैंने भी उसे चोदने का मन बना लिया था… …

इसी इरादे से मैंने उससे दोस्ती भी कर ली और थोड़े ही दिनों में मेरे साथ उसकी काफी अच्छी दोस्ती हो गई।

जब भी मौका मिलता, मैं उससे बातें करने लग जाता था।

फिर धीरे–धीरे, मैंने उसके साथ गन्दी–गन्दी बातें भी करनी शुरू कर दी और उसे भी इसमें मजे आने लगे!!!

अब मैं उसे चोदने का मौका ढूंढने लगा।

आख़िर, एक दिन मौका मिल ही गया।

उसका पति काम से शहर गया हुआ था और वो अकेली थी।

मैं उसके पास चला गया और बातें करने लगा, धीरे–धीरे मैंने गन्दी बातें करनी स्टार्ट कर दी। फिर मैंने उसका हाथ पकड़ लिया…

इस पर वो कुछ नहीं बोली, इससे मेरी हिम्मत और बढ़ गई।

मैंने उससे अपनी और खीच भी लिया और अपनी बाहों में ले लिया।

मैं समझ गया कि वो भी यही चाहती है।

फिर मैंने उसके बूब्स दबाने शुरू कर दिए और किस करने लगा। वो भी मेरा साथ देने लगी!!!

हम दोनों पागलो की तरह एक दूसरे को चूमे ही जा रहे थे।

मैंने अपना एक हाथ उसके बूब्स पर रख दिया और दूसरा हाथ उसकी सलवार में डाल दिया।

वो अब सेक्स के लिए पूरी तरह तैयार हो चुकी थी और आहें भर रही थी – उम्ह्ह्ह उम्ह्ह्हह्ह आआह्ह्ह… जैसी उत्तेजक आवाजें निकाल रही थी।

फिर हम दोनों ने एक दूसरे के कपड़े उतार दिए और अब हम दोनों एक दम नंगे थे।

मेरा लण्ड भी काफी उत्तेजित हो चूका था!!

फिर मैंने उसे गद्दे पर पटक दिया और जोर जोर से पागलों की तरह बूब्स दबाने और चूसने लगा। लगभग 20 मिनट तक मैंने उसके चूचें चुसे!!! और फिर उसके पेट को चूमा… फिर मैं उसकी चूत को को चाटने लगा!!! !!

क्या चूत थी, उसकी… एक दम साफ शेविंग की हुई!! चूत को चाटने में बहुत मज़ा आ रहा था।

उसे भी बहुत मजा आ रहा था। पूरा कमरा उसकी उम्म्ह्ह आह्ह… की आवाजों से गूंज रहा था।

अब उसने मेरी पैंट उतार दी और मेरा लम्बा लण्ड अपने हाथों से सहलाते हुए बोली – इसे मेरी चूत में डाल दो और इसकी प्यास बुझा दो।

फिर मैंने अपना लण्ड उसकी चूत के मुँह पर रखा और जोर से झटका मारा।

इस पर वो चिल्ला पड़ी और बोली – जरा धीरे!! मुझे दर्द हो रहा है।

फिर मैं धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा। दो मिनट बाद वो भी मेरा साथ देने लगी।

मैंने स्पीड बढ़ा दी और वो भी गाण्ड ऊपर कर कर के मेरा पूरा लण्ड अंदर तक लेने लगी।

लगभग 10 मिनट बाद उसका शरीर ढीला पड़ने लगा, मैं समझ गया कि वो झड़ने वाली है और फिर वो तुरंत झड़ गई।

उसके बाद मैं भी उसकी चूत में ही झड़ गया…

फिर हम दोनों कुछ देर तक नंगे ही बेड पर लेटे रहे और बातें करने लगे।

लगभग 10-15 मिनट बाद मेरा लण्ड दोबारा खड़ा हो गया।

यह देख वो बोली – तुमने मेरी चूत तो फाड़ दी, अब क्या चाहते हो?

इस पर मैंने उसे कहा – अब मैं तुम्हारी गाण्ड फाड़ना चाहता हूँ!!!

वो शुरू में तो नहीं मानी पर फिर मेरे काफी मोटे और लंबे लण्ड को चाटते हुए गाण्ड मरवाने के लिए तैयार हो गई।

अब वो मेरा लण्ड चूसने लगी, कुछ देर बाद मेरा लण्ड उसकी गाण्ड फाड़ने के लिए एक दम तैयार हो गया।

फिर उसको मैंने “डौगी स्टाइल” में किया और अपना लण्ड उसकी गाण्ड के छेद पर रखा और एक जोरदार झटका मारा। मेरा आधा लण्ड उसकी गाण्ड में घुस चूका था!!!

वो दर्द से चिल्ला पड़ी और रोने लगी… वो बुरी तरह छटपटाने लगी थी और छुटने की कोशिश करने लगी थी!! पर मैंने उसे कस के पकड़ लिया और धीरे–धीरे अपना लण्ड अंदर बाहर करने लगा।

थोड़ी देर बाद उसको भी मजा आने लगा और वो आहें भरने लगी। 10 मिनट के बाद मैं रस्खालित हो गया और अपना वीर्य उसकी गाण्ड में ही छोड़ दिया।

हम दोनों बेड पर लेट गये और थोड़ी देर बाद में हम दोनों साथ नहाये!!!

उसके बाद मैंने अपने कपडे पहने और घर चला आया…

फिर जब तक मैं ननिहाल में रहा रोज उस औरत के साथ सेक्स करता रहा!!

अब भी जब छुट्टिया मिलती हैं, यहीं चला आता हूँ और मौका मिलते ही हम सेक्स करने लगते हैं!!!

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