शिमला में एक अजनबी ने मेरी सील तोड़ी

हैल्लो दोस्तों, सबसे पहले में आप सभी को अपने बारे में बता देती हूँ, मेरा नाम रितिका है और में 21 साल की हूँ. में चंडीगढ़ की रहने वाली हूँ और में एक स्कूल में पढ़ती हूँ, मेरी हाईट 5.7 इंच है और में दिखने में भी बहुत सुंदर हूँ, मेरा रंग बहुत गोरा है और मेरा फिगर भी दिखने में बहुत अच्छा है. अब में आप सभी का ज़्यादा समय ना खराब करते हुए सीधा अपनी सच्ची घटना पर आती हूँ. दोस्तों में आज आप सभी को अपना पहला सेक्स अनुभव आप सभी  चाहने वालों को सुनाने जा रही हूँ जिसके बाद मेरा सोचने, समझने का तरीका बदल गया. यह मेरी सच्ची घटना है और में उम्मीद करती हूँ कि यह आप सभी को जरुर पसंद आएगी.

दोस्तों यह बात एक साल पहले की है जब में 20 साल की थी और में अभी जवानी के उस दौर से गुजर रही थी जिससे सभी लड़कियां एक बार जरुर गुजरती है मेरे बूब्स, कमर, गांड, चूत मेरे जिस्म के हर एक अंग ने अपना आकार बदल लिया था और मेरी चूत पर बहुत सारे छोटे छोटे बाल उगने लगे थे, मेरे बूब्स की निप्पल अब थोड़ी थोड़ी बाहर नजर आने लगी थी और अपने गदराए हुए बदन का वो बदलाव में खुद महसूस करने लगी थी.

दोस्तों वैसे तो में एक बहुत ही अच्छे घर की लड़की हूँ, लेकिन मैंने तब तक कभी भी कोई गलत काम नहीं किया था और मुझे मन में कभी कभी अपने जिस्म को देखकर कुछ कुछ होता था, लेकिन मेरी चूत अब तक कुंवारी थी और हर कोई उस समय मेरे जिस्म का बहुत पागल था क्योंकि में चेहरे से बहुत अच्छी दिखती थी और वैसा ही मेरा सेक्सी बदन भी था जो हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित कर ले. दोस्तों एक दिन हमारे स्कूल का टूर एक हिल स्टेशन के लिए जाना था और हम सभी ने निर्णय किया कि हम शिमला जाएँगे और वो हमारा तीन दिन का टूर था.

फिर मैंने अपने घर पर इस बारे में बात की तो मेरे घर के सभी लोग खुशी खुशी मान गये क्योंकि हमारे सर भी हम लोगों के साथ जा रहे थे और मेरे घरवालों को मेरी फ़िक्र करने की बिल्कुल भी ज़रूरत नहीं थी. फिर हमारा टूर शुरू हुआ और हम सभी ने वहां पर बहुत मज़े किये, लेकिन मुझे क्या पता था कि इस टूर के बाद मेरी लाईफ इस तरह बदल जाएगी? हम पांच घंटे के सफर के बाद शिमला पहुंच गये और वहां पर एक अच्छी सी होटल में हमारा रहने का इंतज़ाम किया गया था. वहां पर मेरे साथ मेरे रूम में दो और लड़कियाँ थी और हमारा रूम आखरी वाले रूम से पहले था. उस दिन हम सभी लोग बाहर घूमने चले गये, लेकिन उस दिन थोड़ा समय बीतने के बाद शाम होने वाली थी तो हम लोग जल्दी वापस आ गये. फिर जब हम अपने रूम में अंदर जा रहे थे तो हमने देखा कि आखरी वाला रूम जो हमारे पास साथ वाला रूम था उसमे एक अंकल अंदर जा रहे है वो दिखने से वहीं के लग रहे थे और उनकी उम्र करीब 45 साल की होगी और उनकी हाईट भी 6.6 होगी और वो थे भी बहुत हट्टे-कट्टे. हमें देखकर उन्होंने हमसे हैल्लो किया और थोड़ा सा हमारे बारे में पूछा (दोस्तों में उनकी बोली हुई इंग्लिश की बातें भी आप सभी को हिन्दी में ही बताउंगी जिससे आपको ज़्यादा मजा आएगा) फिर हमने उन्हे बताया कि हमारे स्कूल का टूर यहाँ पर आया हुए है, लेकिन मैंने देखा कि वो अंकल मुझे बातें करते समय बहुत ध्यान से देख रहे थे और उनकी आखें मेरे जिस्म को खा जाने वाली नजरो से घूर रही थी. फिर वो कुछ देर हमसे बात करने के बाद अपने रूम में चले गये और हम भी अपने रूम में चले गए, लेकिन उनका मुझे इस तरह से घूर घूरकर लगातार देखना बहुत अजीब भी लगा और मेरे दिल ही दिल में कुछ हुआ भी. फिर उसके अगले दिन हम सभी तैयार होकर होटल के बाहर आ गये, लेकिन कुछ देर बाद मुझे याद आया कि में अपना कुछ सामान अपने रूम में भूल आई थी और फिर में अपने सर से कहकर वो सामान लेने अपने रूम में आ गई और जब में अपने रूम में अंदर जा रही थी तभी मैंने देखा कि वो अंकल भी अपने रूम से बाहर आ गये और उन्होंने मुझसे हैल्लो कहा और फिर वो मुझसे कहने लगे कि उनकी बेटी भी दिखने में बिल्कुल मेरे जैसी ही है, लेकिन बस उसका रंग उसके पापा पर गया है.

फिर उन्होंने मुझसे मेरे बारे में और भी बहुत कुछ पूछा, मुझे अब उनसे बात करके बहुत अच्छा लगने लगा. फिर उन्होंने मुझसे कहा कि वो मुझे एक तोहफा देना चाहते है, मैंने कहा कि हाँ दे दीजिए तो उन्होंने कहा कि उस तोफे के लिए मुझे एक दिन उनके साथ घूमना होगा और वो भी किसी को बिना बताए. अब मैंने कहा कि नहीं ऐसा नहीं हो सकता तो उन्होंने मुझसे कहा कि में तुम्हे अपनी बेटी समझकर यह बात कह रहा हूँ और मुझे बहुत देर तक समझाया. फिर मैंने कहा कि में अकेली आपके साथ नहीं रह सकती क्योंकि मेरे सर मुझे आपके साथ अकेला नहीं जाने देंगे. फिर उन्होंने मुझसे कहा कि कल सुबह जब सभी लोग बाहर घूमने जाएँगे तो तुम किसी भी बीमारी का बहाना बनाकर यहीं पर रुक जाना और फिर हम साथ में चलेंगे. अब मैंने उनसे कहा कि ठीक है, कल देखेंगे क्या होता है? और उनसे यह बात कहकर मैंने रूम से अपना सामान लिया और फिर नीचे चली गई.

दोस्तों उस दिन हमने बहुत मजे मस्ती किए और फिर रात को खाना खाकर सोने के लिए अपने अपने रूम में आ गये, लेकिन मुझे अब नींद नहीं आ रही थी क्योंकि में यह बात सोच रही थी कि में झूठ बोलूं या नहीं? फिर मैंने सोचा कि गिफ्ट तो मुझे जरुर लेना है, लेकिन में उनके साथ घूमने नहीं जाउंगी और में उनके साथ यहीं होटल में बैठकर बातें करूँगी. फिर अगले दिन जब सभी घूमने बाहर जा रहे थे तो मैंने अपनी सर से कहा कि मेरी तबीयत कुछ ठीक नहीं है और में आज उनके साथ नहीं जा सकती.

फिर मेरे सर ने मुझसे वहीं पर आराम करने के लिए कहा और फिर वो सभी चले गए और आधे घंटे के बाद मुझे अपने पास वाले रूम के दरवाजे की आवाज़ सुनाई दी तो में झट से बाहर आ गई और अब मैंने देखा कि वो अंकल बिल्कुल तैयार थे और उन्हे मुझे देखकर बहुत खुशी हुई. फिर उन्होंने मुझसे चलने के लिए बोला तो मैंने उन्हें सारा कुछ बता दिया, उन्होंने कहा कि ठीक है हम दोनों उनके रूम में बैठकर बातें करेंगे. अब में भी उनकी यह बात मान गई और में उनके रूम में चली गई तो उन्होंने दरवाजा अंदर से बंद कर लिया और मुझसे बैठने के लिए बोला. फिर उन्होंने मुझसे कोल्डड्रिंक पीने के लिए कहा, लेकिन मुझे जरा सा भी एहसास नहीं था कि उसमे बेहोशी की दवा हो सकती है. फिर मैंने उस कोल्डड्रिंक को पी लिया और में थोड़ी देर बाद बेहोश हो गई और जब मुझे होश आई तो मैंने देखा कि में बिना कपड़ो के बिस्तर पर पड़ी हुई थी और वो अंकल मेरे पास बैठे हुए थे.

यह सब देखकर में एकदम से बहुत डर गई और में कहने लगी कि यह आपने मेरे साथ क्या किया? तो अंकल मुझसे हंसकर बोले कि उन्होंने अभी तक कुछ नहीं किया, लेकिन वो बहुत कुछ कर सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया. अब मैंने उनसे कहा कि मुझे अपने रूम पर जाना है, तो अंकल मुझसे बोले कि तुम प्लीज एक बार मेरे साथ सेक्स कर लो उसके बाद तुम अपने रूम पर चली जाना.

फिर मैंने उनसे कहा कि प्लीज मुझे जाने दो, वो मुझसे बोले कि अगर तुम गई तो में तुम्हारी फोटो नेट पर अपलोड कर दूँगा प्लीज मेरे साथ एक बार सेक्स करो तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो इसलिए मैंने तुम्हे अभी तक कुछ नहीं किया. दोस्तों अब मेरे पास कोई और चारा भी नहीं था और अब में उनकी यह बात चुपचाप मान गई. अब अंकल ने मुझसे कहा कि तुम एकदम सीधी लेट जाओ पहले मुझे तुम्हे सेक्स के लिए तैयार करना है और फिर में उनके कहने पर बेड पर सीधी लेट गई अंकल मेरे दोनों पैरों के बीच में आकर बैठ गए और अब वो मेरे बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगे.

दोस्तों मैंने महससू किया कि उनके हाथ इतने बड़े थे कि मेरे बूब्स उनके सामने छोटे लग रहे थे, लेकिन उनके मेरे बूब्स को दबाने से मुझे अब बहुत मजा आ रहा था और में मन ही मन अब बहुत खुश थी. फिर उन्होंने अपना मुहं मेरे एक बूब्स पर रख दिया और अब वो मेरे बूब्स को चूसने लगे में तो उनके ऐसा करने से जैसे एकदम सुन्न पढ़ गई, मुझे इतना मजा आया कि में शब्दों में नहीं बता सकती और पांच मिनट एक बूब्स को चूसने के बाद उन्होंने मेरा दूसरा बूब्स चूसना शुरू किया. वो इतनी ज़ोर से चूस रहे थे जैसे मेरा पूरा दूध आज ही पी जाएँगे.

फिर वो उठकर मेरे पैरों के बीच में आ गये और अब वो मेरी चूत को सहलाने लगे जिसकी वजह से मुझे बहुत गुदगुदी हुई और में ज़ोर से हंसने लगी. अब उन्होंने अपना मुहं मेरी चूत पर रख दिया और मेरी चूत को चूसने लगे. जब उन्होंने अपनी जीभ पहली बार मेरी चूत में डाली तो अचानक से मुझे ऐसा लगा कि जैसे मेरे शरीर में बिजली दौड़ गई हो और मुझे अब उनके यह सब करने से बहुत मज़ा आ रहा था और मेरी चूत अब धीरे धीरे गीली भी हो रही थी. फिर उन्होंने अपनी एक उंगली को मेरी चूत में डाल दिया जिसकी वजह से मुझे बहुत दर्द हुआ और अब मैंने उन्हें उंगली बाहर निकालने के लिए बोला तो वो मुझसे बोले कि तुम्हारा सब दर्द अभी कुछ देर में ठीक हो जाएगा और अब वो बहुत जल्दी जल्दी अपनी उंगली को अंदर बाहर कर रहे थे और अब मुझे भी बहुत मजा आने लगा था और मेरा दर्द धीरे धीरे खत्म होने लगा था. अब वो अपने कपड़े उतारने लगे और उनका शरीर दिखने में बहुत मस्त था जब उन्होंने अपनी अंडरवियर उतारी तो उनका वो करीब 6 इंच लंबा 3 इंच मोटा सांप जैसा काला लंड मेरी आखों के सामने आ गया वो दिखने में बहुत मोटा था मेरी कलाई जितना मोटा.

अब अंकल मुझसे बोले कि चलो अब इसे चूसो. मैंने डरते हुए कहा कि यह तो बहुत बड़ा है और मेरे मुँह में नहीं जाएगा तो वो बोले कि यह तो अभी आधा है जब तुम इसे चूसोगी तो पूरा खड़ा हो जाएगा और तुम्हे भी बहुत मजा आएगा. फिर जब मैंने उनके लंड को अपने हाथ में पकड़ा तो मैंने महसूस किया कि वो बहुत गरम था और वो मेरे हाथों में पूरा ठीक तरह से आ भी नहीं रहा था और फिर में उसे अपने दोनों हाथों से पकड़कर अपने मुँह के करीब ले गई.

फिर उन्होंने मुझसे लंड को मुँह में लेकर चूसने को कहा में भी अब बहुत गरम हो चुकी थी और उनके साथ सेक्स करना चाहती थी इसलिए में उनकी सभी बातें एक एक करके मान रही थी. अब मैंने अपना पूरा मुँह खोला और लंड का टोपा धीरे से अंदर ले लिया, लेकिन वो और अंदर नहीं जा रहा था और इसलिए अंकल उसे ऐसे ही थोड़ा थोड़ा हिलाने लगे. कुछ देर बाद मेरे मुँह की गरमी से लंड अब और भी बड़ा होने लगा था. जब मैंने लंड को अपने मुहं से बाहर निकाला तो वो 8 इंच लंबा हो गया और में तो उसका इतना बड़ा आकार देखकर एकदम से डर गई, लेकिन फिर मुझे देखकर अंकल हंसने लगे और अब वो मुझसे बोले कि अब यह तेरी चूत में जाएगा और में तुझे चोदूंगा.

फिर मैंने उनसे कहा कि में इतना बड़ा और मोटा लंड नहीं ले सकती मुझे बहुत दर्द होगा और इससे मेरी चूत फट जाएगी, प्लीज अब मुझे जाने भी दो. फिर वो बोले कि तुम्हे इसे लेने में बहुत मजा आएगा, तुम एक बार इसे लेने की कोशिश तो करो और यह बात कहकर उन्होंने मुझे बेड पर सीधा लेटा दिया और अब मेरी चूत को चाटते हुए अपना सलाइवा छोड़ने लगे. उन्होंने बहुत सारा सलाइवा मेरी चूत पर निकाल दिया और फिर उन्होंने अपने लंड को अंदर जाने के लिए तैयार कर रखा था, लेकिन उनके बड़े मोटे लंड का और मेरी प्यारी छोटी चूत का कोई मुकाबला ही नहीं थी, मेरी चूत बहुत छोटी नाजुक सी थी जो अभी अभी जवान हुई थी.

अब उन्होंने लंड को चूत के मुहं पर पकड़कर ज़ोर लगाया और फिर उन्होंने अपने लंड का टोपा मेरी चूत के अंदर डाल दिया, लेकिन उस दर्द से मेरी तो जान ही निकल गई और में उन्हे अपने ऊपर से हटाने लगी, लेकिन वो इतने भारी थे में कुछ ना कर सकी, में बस उस दर्द से तड़पती रही. वो अब थोड़ा रुककर मुझे किस करने लगे और मेरे बूब्स को चूसने लगे और थोड़ी देर बाद जब मेरा दर्द कम हुआ तो वो अपने लंड को धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगे. उन्होंने अभी और लंड अंदर नहीं डाला और वो बस उतना ही लंड अंदर बाहर करते रहे.

फिर थोड़ी देर बाद उन्होंने एक ज़ोर का झटका मारा और दो इंच लंड मेरी चूत के अंदर डाल दिया. उस दर्द के मारे मेरे मुहं से बहुत ज़ोर से चीख निकल गई, लेकिन अंकल ने अपने होंठो को मेरे होंठो पर रख दिया और फिर चूसते रहे जिसकी वजह से मेरी चीखने चिल्लाने की आवाज़ बाहर नहीं निकल सकी. अब मैंने महसूस किया कि मेरी चूत से खून बाहर आ रहा था और अब में धीरे धीरे बेहोश होने वाली थी. अंकल मेरे बूब्स को लगातार मसल रहे थे और मुझे किस करते रहे, जिसकी वजह से मुझे अच्छा लगने लगा, में बहुत जोश में थी और अब थोड़ी देर के बाद मैंने भी उनका पूरा पूरा साथ देना शुरू कर दिया और अब अंकल ने एक बार फिर से मेरी चूत में धक्के मारने शुरू कर दिए. वो धीरे धीरे अपना लंड मेरे अंदर करते जा रहे थे और ऐसे करते करते उन्होंने मेरी चूत के अंदर अपना थोड़ा लंड और डाल दिया जिसकी वजह से मेरी जान निकली जा रही थी और मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे मेरी चूत आज दो हिस्सों में हो जाएगी.

अब अंकल ने अपना लंड और अंदर नहीं डाला और वो लंड को अंदर बाहर करने लगे. मुझे लगा कि उनका सारा लंड अंदर चला गया है और मुझे खुद भी बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था कि उनका इतना बड़ा लंड मेरी छोटी सी चूत के अंदर चला गया है. में अब जोश में आकर उछल उछलकर अंकल का साथ देने लगी थी.

फिर मैंने उनसे कहा कि देखा अंकल मैंने आपका सारा लंड अंदर ले लिया है तो वो कुछ नहीं बोले, बस मुस्कुराने लगे, लेकिन जब उन्होंने अपने लंड को बाहर निकालकर मुझे दिखाया तो में उसकी लम्बाई को देखकर एकदम से हैरान रह गई कि अभी भी लंड का एक हिस्सा बाहर है. उनका पूरा लंड खून से भरा हुआ था और जब मैंने अपनी चूत देखी तो में वो खून देखकर बहुत डर गई. मेरी चूत भी अब फट गई थी और मुझे उसे देखकर नहीं लगता था कि वो अब किसी और के लायक रह गई थी क्योंकि अंकल का लंड इतना मोटा था और उसने मेरी चूत को फाड़कर फैला दिया था. अब अंकल मुझसे बोले कि तुम बिल्कुल भी डरो मत, ऐसा कुछ नहीं है और ऐसा पहली बार चुदाई करते समय सभी के साथ होता है. फिर उन्होंने मुझे एक बार फिर से लेटा दिया और अब उन्होंने धीरे धीरे फिर से अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया. में दर्द के साथ सिसकियाँ लेने लगी और अब अंकल ने अपनी स्पीड को बड़ा दिया और पूरा लंड बाहर निकालकर फिर से अंदर डाल दिया.

दोस्तों उन्हे तो यह सब देखकर ही बहुत मजा आ रहा था कि वो आज अपने से इतनी छोटी उम्र की कुंवारी लड़की को चोद रहे थे और उसकी चूत को फाड़ रहे है और मुझे मन ही मन यह बात सोच सोचकर जोश आ रहा था कि मैंने आज पहली बार में ही इतना बड़ा लंड ले लिया था. अब अंकल पूरे ज़ोर से मेरी चूत में लंड डाल रहे थे और हम दोनों पसीने में पूरी तरह भीग गये थे. फिर 15 मिनट की चुदाई के बाद अंकल मुझसे पूछने लगे कि क्या में अपना पूरा लंड अंदर डाल दूँ? तो मैंने झट से हाँ कह दी.

फिर अंकल ने एक ज़ोर का धक्का मारा जिसकी वजह से मुझे लगा कि उनका लंड जैसे मेरी गर्दन तक आ गया हो और मुझे लगा कि अब सारा लंड अंदर चला गया है और उस दर्द की वजह से में मर रही थी, लेकिन में पूरा लंड अंदर लेने के जोश में बस यह सब कुछ करवा रही थी और जब मैंने देखा तो अभी भी दो इंच लंड बाहर था. मुझसे बिना कुछ बोले अंकल ने एक और ज़ोर का झटका मारा और अब पूरा का पूरा लंड मेरे अंदर चला गया और में उस दर्द से एकदम से तड़प उठी, लेकिन अंकल की आँखों में इतनी हवस थी कि वो मुझे पागलों की तरह किस कर रहे थे. फिर थोड़ी देर बाद मैंने उनसे कहा कि अंकल प्लीज अब करो ना मेरी चूत में और अंकल मेरे मुहं से यह बात सुनकर एकदम से पागल हो गये और अब उन्होंने पूरा लंड बाहर निकालकर मेरी चूत में डाल दिया, लेकिन अब मुझे बिल्कुल भी दर्द नहीं हो रहा था और अंकल बहुत तेज तेज कर रहे थे. अब मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था.

फिर दस मिनट करने के बाद अंकल ने मेरी चूत में ही अपना वीर्य निकाल दिया, उनके लंड से इतना वीर्य निकाला जैसे किसी घोड़े का होता है और वो मेरी चूत में पूरा भरकर बाहर बहने लगा जिसकी वजह से वो चादर वीर्य और मेरे खून से पूरी गीली हो चुकी थी और उसके बाद भी उन्होंने अपना लंड बाहर नहीं निकाला. फिर वो मुझ पर ही लेट गये और मेरे चेहरे को चूमने लगे और मेरे बूब्स को मसलने लगे. फिर कुछ देर बाद में उनसे लिपटकर सो गई. उस वक़्त वो मेरे लिए सबसे अच्छे व्यक्ति थे.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

|