हाई दोस्तों ,

आज मैं आपको डेना की चुदाई की कहानी शुरू करूँगा और सच में उम्मीद करता हूँ की दोस्तों आपको खूब पसंद आएगी | डेना से मेरी मुलाकात पहली बार हमारे कॉलेज के फेअरवेल पर हुई थी और मुझे पता चला की वो मुझसे एक साल उम्र में बड़ी भी थी पर शायद उसकी चुत का घाद मेरी लंड से बड़ा नहीं था और यही एक कारण था जिसकी वजह से मैंने उसे पटाया और आगे कई मुलाकातों से प्यार भरे विषय पर भी पहुच गया | मैंने डेना का प्रेमी तो ना बना पर मैं अब उससे कभी फोन के मैसेज में पप्पी मांग लिया करता था इसीलिए मैंने भी कुछ ही दिनों में गाल फिर उससे होठों पर लेना शुरू कर दिया और आगे बढ़ता ही चला जाने लगा |

बात को आगे बढाता हुआ अब तो उसके मिलने पर उसकी चुचियों को भी हल्का – फुल्का दबा लिया करता जिसपर वो मिस्मिसाने के अलावा कुछ ना करती जिससे मेरा हौसला और बढ़ जाया करता | अब स्तिथि उसके चुदने बिलकुल ठीक होने लगी थी इसीलिए मैंने एक दिन अपने दोस्त के खाली कमरे में बुलाया और उसने मुझे मना भी ना किया | अगले ही दिन मैंने जब डेना को देखा तो मैं हैरान रह गया था और वो मुझे आकर्षित करने के मस्त वाली छोटी सी स्कर्ट पेहेन कर आई और ऊपर कसा हुआ टॉप जिसमें से उसके दूध मेरी तरफ आते हुए नज़र आ रहे थे | मैं समझ गया की साली आज खूब तैयारी में आई सो जल्दी से उसे अपने दोस्त के कमरे में ले गया और मस्त में वहीँ बैठाकर उससे बात करता हुआ कभी उसके होठ को रस को भी चूस लेता |

मैंने जब खूब देर उसके साथ चुम्मा – चाट कर ली तो मौहोल खूब गरमा गया और मैंने उसके टॉप को उतार उसके चुच्चो के साथ छेड – खानी करते हुए पीने लगा | जब उसकी शर्म बढ़ी तो वो मुझे अचानक ही लिपट गयी और मैंने उसके चूतडों को मसलने लगा और अब उसकी स्कर्ट को उतार दिया और उसकी पैंटी के उप्पर से ही अपनी उँगलियाँ चुत पर रगड़ने लगा जिसपर वो धीरे – धेरे मदहोश होती जा रही थी | अब मैंने भी अपने लंड को निकला और उसके मुंह डाल दिया जिसे किसी पोर्न हेरोइन की तरह चूसने लगी और फिर कुछ देर बाद मैंने लंड उसकी चुत में आधा डाल दिया साथ उसके चूतडों को उठाकर धक्के देने लगा | उसे भी दर्द ज्यादा ना हुआ और कुछ ही पल में वो मेरे लंड पर जोर – जोर से मेरे लंड पर कूद रही थी |

कुछ देर बाद मैंने उसके उल्टा किया और उसकी दुलाबी गांड के होठों को अपने होठों से चूसने लगा जिसपर वो अब और मिस्मिसाए जा रही थी | मैंने वहीँ लेटे हुए ही कई देर उसकी गांड में ऊँगली भी और बीच में अपने सुपाडे को भी उसके गांड में देने की कोशिश की जिस हमें बहुत मज़ा और गुदगुदी हो रही थी | जब इस मस्ती से आगे और कुछ करने का बना था तो मैंने उसकी गांड को और उप्पर उठाते हुए उसकी चुत में अपने लंड को डालने लगा और फिर तेज़ी बढाते हुए उसकी चुत में अपने लंड को आगे – पीछे करने लगा | बस इसी तरह ना जाने कब २० १ घंटा गुज़र गया और मैंने अपने मुठ को उसकी की चुत के उप्पर ही छोड दिया |

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