कसम से पहली बार ऐसी चूत देखी

हेल्लो दोस्तों…

मेरा नाम गौरव है। मैंने एम एस एस की कुछ कहानियाँ पड़ी है और मुझे भी इससे प्रेरणा मिली कि मैं भी अपनी कहानी लिखूँ और प्यार करने वालो के सामने अपनी फीलिंग्स बयान करूँ…

मैं एक बड़ी आईटी कंपनी में काम करता हूँ।

ये बात उन दिनों की है, जब मैंने अपनी पुरानी कंपनी छोड़ कर एक नई कंपनी ज्वाइन की थी। मेरे प्रोजेक्ट में ही एक बहुत ही खूबसूरत लड़की थी – प्रीती…

दिखने में वो बहुत ही सुंदर थी और उसकी कम्युनिकेशन स्किल इतनी अच्छी थी कि मैंने जिस दिन उसके मुँह से उसकी आवाज सुनी और उसकी बातें करने का तरीका देखा, मैं तो उस पर फ़िदा ही हो गया था…

मैंने सोचा काश मेरी भी इसके जैसी बीवी होती।

मैं आपको बताना चाहूँगा एक शादीशुदा आदमी हूँ और मेरा एक किड भी है।

खैर, चलिए अब मैं कहानी पर आता हूँ…

तो हुआ यूँ कि एक दिन हमारी कंपनी में क्लाइंट विजिट थी और एक बड़े कांफ्रेंस हाल में सारे प्रोजेक्ट के जुड़े लोगों को बुलाया गया। क्लाइंट ने अपना प्रेजेंटेशन दिया और फिर सवाल जवाब का सेशन चला।

मैंने भी १-२ सवाल किये, क्लाइंट से।

फिर मैंने देखा प्रीती ने भी कुछ सवाल किये। दोस्तो, उसकी इंग्लिश पर तो मैं पहले से ही फ़िदा था और मैं तो उसे देखता ही रह गया। वो अपने सवाल पूछ रही थी और मेरी कल्पना में वो मुझे मेरी बाहों में नज़र आ रही थी।

खैर, वो सेशन होने के बाद सभी अपनी-अपनी जगह पर वापस आ गए।

फिर मैंने सोचा इससे बात करने का ये अच्छा बहाना है और मैं इससे दोस्ती बड़ा सकता हूँ तो मैंने अपने मेसेंजर से उसे पिंग किया।

गौरव – हेल्लो, प्रीती।।

प्रीती – हेल्लो, गौरव…

गौरव – कैसी हो प्रीती? तुम बहुत सेंसिबल सवाल पूछती हो… मुझे बहुत पसंद आया तुम्हारा तरीका।

प्रीती – ओह थैंक्स। तुमने भी काफी अच्छे सवाल पूछे। लोग डरते है यहाँ, क्लाइंट से कुछ पूछने को और तुमने २-३ पूछ लिए। इम्प्रेस्सेड।।

गौरव – ओह!! थैंक्स डियर…

फिर हमने कुछ देर बातें की, एक दूसरे के बारे में। अब मैं रोज उससे मेसेंजर पर बातें करने लगा।

कुछ ही दिनों में मैंने उसे अपने बारे में सब बताया और उसने भी अपने बारे में सब बताया। धीरे-धीरे फिर हम चाय वगेरह पर साथ जाने लगे और एक दूसरे से सब कुछ शेयर करने लगे।

दोस्तो, उसकी लव मैरिज थी…

मुझे सुनकर आश्चर्य हुआ क्यूंकि वो शादीशुदा नहीं लगती थी।

एक दिन मैंने उससे कह दिया – यार, तुम बहुत सुंदर हो और लगता नहीं की तुम्हारी शादी हुई है। उसने मुस्कुराकर मुझसे कहा – तुम भी नहीं लगते, शादीशुदा तो…

मैंने उसे ये भी बताया कि तुम मुझे अच्छी लगती हो और मुझे तुम्हारी कंपनी भी मुझे बड़ी अच्छी लगाती है।

उसने कहा उसे भी…

ऐसे ही हमारी मुलाक़ातों का दौर चलने लगा, ऑफिस में हम हर रोज मिलते।

कुछ समय बाद मेरी पत्नी कुछ दिनों के लिए मायके चली गई और मेरी किस्मत ने मेरे दरवाजे पर दस्तक दी…

उसके पति भी इसी समय ऑफिस के काम से २ महीने के लिए विदेश चले गए। अब हम ऑफिस के बाद रात को भी एक दूसरे से फोन पर बातें करने लगे। इसी तरह बातों-बातों में हमने कब एक दूसरे से फीलिंग शेयर की पता नहीं चला।

वो फ्राइडे का दिन था और २ दिन हमारी ऑफिस से छुट्टी थी…

मैंने उससे कहा – कब ये दो दिन निकलेंगे और तुम्हें देख पाऊँगा, आजकल बिना तुम्हें देखे अच्छे से दिन नहीं जाता।

उसने मुस्कुरा कर कहा – कल आ जाओ, मुझे एक बैंक का काम है तो साथ चलते है…

उसका ये मिलने का ऑफर मैंने जल्दी से मान लिया और अगले दिन का इन्तेजार करने लगा। अगली सुबह मैं उसके बताये जगह पर उसको मिला। वो मस्त ग्रीन कलर का टॉप और जीन्स पहने आई थी, उसे देखते ही दिल किया कि कहीं दूर घुमाने जाए।

फिर पहले सोचा, इसका काम ख़तम कर लेते है बैंक का और हम बैंक चले गए…

वह मैंने उसके काम में हेल्प की एंड बैंक एग्जीक्यूटिव से उसकी तरफ से सारे सवालात किये। वो मुझे देखती रही और बाद में कहने लगी – तुम्हें, कितना कुछ पता है।

मैंने कहा – हां, ये सब काम मैंने काफी किया है।

उसको फिक्स्ड और लोन का पूछना था। उसका काम करने के बाद मैंने कहा – चलो, अब तुम्हें घर छोड़ देता हूँ।

उसने कहा – नहीं, मेरी सिस्टर आई है घर पर तो मैंने कहा – चलो, मैं भी अपनी साली से मिल लूँ।

फिर वो बोली – नहीं, वो मेरे पति को सब बता देगी और मैं नहीं चाहती, वो मुझसे कुछ सवाल पूछें।

फिर उसने कहा – रुको, मैं उसको पूछती हूँ वो कहाँ है…

उसकी सिस्टर ने फ़ोन पर उसे बताया – उसे २-३ घंटे लगेंगे, घर आने में। प्रीती बहुत खुश दिखी, मैंने उसका चेहरा पढ़ लिया था और उसने मुझसे कहा – तुम मुझे घर तक छोड़ सकते हो।

मुझे भी अपनी किस्मत पर यकीन नहीं हुआ पर मैं थोडा डर गया कि इसकी शादीशुदा जिंदगी में कहीं कोई परेशानी ना हो और मैंने सोचा कि ठीक है, मैं इसे छोड़कर वापस आ जाऊंगा।

उसके फ्लैट पर पहुँचे तो उसने कहा – बैठो, चाय बनाती हूँ।

मैंने कहा – आज नहीं, आज सिर्फ तुम पास बैठकर बातें करो। चाय तो हम कभी भी बाहर पी सकते है… तुम्हारे पास बैठकर बातें करने का चांस फिर मिले न मिले।

वो मेरी बात सुनकर मुस्कुराई और मेरे पास आकर बैठ गई। हमने कुछ देर तक काफी बातें की मैंने उसे बहुत हंसाया…

उसने हंसते-हंसते अपने हाथ से मेरे हाथों को छुआ। उसका छूना उसके लिए नार्मल था, लेकिन मेरे शरीर में बिजली सी दौड़ गयी और मैंने उसके हाथों को पकड़ लिया। फिर उसका हँसना रुका और वो मुझे देखने लगी और अचानक से मेरे मुँह से निकल गया प्रीती – आई एम इन लव विथ यू…

उसने मुझे देखा और कहने लगी – ये गलत है, मुझे भी तुम्हारे साथ रहना अच्छा लगता है, लेकिन ये गलत है…

मैंने उससे कहा – प्यार करना तो गलत नहीं। फिर वो भी मेरी बातों से सहमत हो गई और मुझसे कह दिया – मुझे तुम बहुत अच्छे लगते हो, जिस तरह से तुम मेरा ध्यान रखते हो… मेरी फिक्र करते हो, किसी ने आज तक नहीं की…

उसकी बातें सुनते हुए मैंने उसको गालों पर अपना हाथ रखा और उसके सिर पर किस किया।

उसने अपनी आँखें बंद कर ली। फिर मैंने उसके गालों को चूमा और उसके होंठ मेरे होंठों से कब टकरा गए, पता ही नहीं चला।

मेरी आँखे भी बंद हो गयी और हम एक दूसरे को चूमने लगे। उसके होंठ इतने हसीन और प्यारे थे कि ऐसा लगा कोई मुलायम सी चीजे मेरे होंठों के बीच है। हम एक दूसरे को किस करते रहे, काफी देर…

फिर मैंने उसे अपनी बाहों में भर लिया और अपने हाथों से उसके मम्मे सहलाने लगा। में उत्तेजित हो चूका था और मेरा लण्ड फनफनाने लगा।

अब मैंने उसका टॉप निकाल दिया और प्रीती की ब्रा देख मेरे लण्ड ने उसे सलामी दी, जीन्स के अन्दर से। मैं ब्रा के उपर से ही उसके मम्मे चूमने लगा। वो भी बहुत एक्साइट हो चुकी थी। फिर उसने कहा – यहाँ हॉल में नहीं, रूम में चलते है…

मेरी तो जैसे मुराद पूरी हो गयी। उसके बिस्तर पर जाते ही मैंने उसे अपनी बाहों में जकड लिया। उसने मेरा लण्ड देखा और कहा – आज अपनी प्रीती की प्यास बुझा दो, लेकिन प्यार से करना… मैंने आज तक सेक्स का मजा, अच्छे से नहीं लिया… मेरे पति तो जल्दी से करके अपना माल निकाल कर सो जाते है।

मैंने उससे कहा – आज से मैं ही तेरा पति हूँ और तुझे पत्नी होने का सारा सुख दूंगा…

फिर मैंने उसकी ब्रा निकली। उसके मम्मे बहुत बड़े थे, तो मैंने उससे पूछा – प्रीती, ये कैसे इतने बड़े है?

उसने कहा… वो आर्मी की ट्रेनिंग में थी पहले, जहाँ उसने काफी फिजिकल कसरत की, जिससे ये बड़े हो गए…

मुझे वो बहुत अच्छे लगे, मैंने उन्हें बहुत देर तक चूमा और अपने हाथों से सहलाया। वो सिसकारियाँ निकालती रही।

फिर मैंने उसकी पैंटी निकाल दी और उसकी गुलाबी चूत पर अपनी उंगलियाँ रखी। कसम से पहली बार ऐसी मुलायम चूत देखी। मैंने जरा भी देर न की। काफी देर तक किस और मम्मे सहलाने से वो गीली हो चुकी थी तो मैंने देर न करते हुए अपना लण्ड उसकी चूत में डाल दिया।

काफी देर तक मैं अन्दर बाहर करता रहा। फिर मैंने उसे बाहों में जकड लिया, फिर एक हाथ से उसके बालो को सहलाने लगा। थोड़ी देर के बाद फिर मैंने शॉट्स लगाना शुरू किया।

इस बीच वो एक बार झड चुकी थी, उसने मेरे कानों में कहा – पहली बार ये एहसास हुआ कि सेक्स इस अ प्लीजेंट एक्ट, यू आर माय रियल हब्बी… जिसने मुझे ये एहसास कराया और मैं तुम्हारे बच्चे की माँ बनाना चाहती हूँ…

उसकी बातें सुनकर मुझे उस पर बहुत प्यार आया और उस दिन लगातार हम सेक्स करते रहे। मैंने कई बार कण्ट्रोल किया, वो ४-५ बार झड चुकी थी। फिर मैंने तेज-तेज धक्के लगाए और मेरा भी हो गया, लेकिन मैंने बाहर निकाल दिया।

मुझे उसे माँ नहीं बनाना था क्यूंकी अभी उसका पति बाहर था, तो शक होता। खैर, वैसे भी नहीं बनाना था क्यूंकि उसकी लाइफ में आगे बड़ी प्रॉब्लम आते…

वो बहुत संतुष्ट लग रही थी और मुझे बाहों में लेकर मेरे माथे पर किस करके कहा – यू, आर अ स्वीटहार्ट, मुझसे दूर न जाना कभी। और उसको आँखों में आँसू आ गए। मैंने कहा – नहीं जाऊँगा जान, हमेशा तेरे पास ही रहूँगा…

वो आज भी मुझे बेइन्तहा प्यार करती है और याद करती है…

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