मुझे नकुल कहते है। मैं २५ साल का हूँ, नाशिक में रहता हूँ। मेरी 5 फीट 9 इंच की हाईट है। आप लोग बोर हो रहे होंगे मेरी बातें सुन कर। चलिए मैं आपको अपनी कहानी की ओर ले चलता हूँ ।
यह घटना अब से ४ महीने पहले हुई जब हमारी कॉलोनी में एक भाभी रहने को आई थी। भाभी तो पूछो मत | मादकता उनके बदन में कूट-कूट के भरी थी। चूची उनकी थी ३८डी, कमर ३२ और गांड तो क़यामत थी उनकी ४० साइज़ की। चलती तो क़यामत लगती थी। उनके आने के कुछ दिनों में उनकी दोस्ती हमारे परिवार से हो गई। भाभी बहुत चंचल स्वभाव की थी। उमर यही कोई ३० साल के आस पास थी। धीरे धीरे वो हमसे भी खूब बातें करने लगी थी क्यूंकि उनके कंप्यूटर को मैं ठीक कर देता था सो वो मुझसे काफी करीब थी। एक बार उनके कंप्यूटर में कुछ खराबी आ गई थी। सो वो मम्मी से बोली कि नकुल से कह के मेरा कंप्यूटर ठीक करवा दो। तो मैं दोपहर को उनके घर गया। वो बड़ी सेक्सी नाईट गाउन पहन के घर पर थी और वो मुझे अपने कंप्यूटर के पास ले गई। मैं उनके कंप्यूटर को ठीक करने लगा। उसको फॉर्मेट करना था। सो मैंने भाभी जी से कहा भाभी जी आपका कोई महत्वपूर्ण फाइल हो तो बैक-अप ले लो, सिस्टम फॉर्मेट करना पड़ेगा तो वो बोली- कुछ पर्सनल फाइल हैं तुम हटो तो मैं बैक-अप ले लूँ। मैं कुर्सी से हट के खड़ा हो गया और वो अपनी व्यक्तिगत फाइलों का बैक-अप लेने लगी थी। उसमें बहुत सारी सेक्स कहानियाँ और पॉर्न तस्वीरें थी जो गलती से खुल गई। मैंने उनसे कहा- भाभी, अगर ऐसी फाइल्स है तो आप बैकअप रहने दो | मैं आपको ढेर सारी दे दूँगा। वो बोली- ठीक है | और कंप्यूटर से हट गई। आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है |
तभी मैंने पूछा- भाभी | भइया कहाँ हैं? तो वो बोली- ना जाने कहाँ गए हैं। उनके होने और ना होने से कोई फर्क नहीं पड़ता। तुम कंप्यूटर ठीक करो | तो मैंने कंप्यूटर को फॉर्मेट कर के लोडिंग पर लगा दिया और भाभी से बोला- मैं अभी घर से आपके लिए कुछ फाइल्स ले कर आता हूँ | तो वो बोली- अरे इतनी क्या जल्दी है? बाद में दे देना।
मैंने कहा- अरे भाभी | आप देखो | मुझे अच्छा लगेगा कि कम से कम मेरा कल्लेक्शन किसी के काम तो आएगा |
और यह कह के मैं घर से अपने डीवीडी का बॉक्स ले आया और उन्हें दे दिया कि आप देखो। जब देख लें तो मैं और दे दूंगा। वो बोली- ठीक है | और उसे आलमारी में रख दिया। मैंने उनका कंप्यूटर ठीक कर दिया और चला आया।
अगले दिन वो मेरे घर आई और मेरे से बोली- उसमें कुछ फाइल खुल नहीं रही हैं।
मैं समझ गया कि उसमें कुछ मोबाइल वाली फाइल थी जो अलग मीडिया प्लेयर पर खुलती थी। सो मैं मीडिया प्लेयर लेकर उनके घर गया और इंस्टाल कर के जाने लगा तो वो बोली- इसे ओपरेट कैसे करते हैं?
मैंने कहा- भाभी, सेक्स क्लिप है | मैं आपके सामने कैसे ओपरेट कर पाऊंगा?
इस पर वो बोली- तुम करो, कोई बात नहीं। अब हम दोस्त है और अब तुम मुझे समीरा कह के बुलाओ। भाभी लोगों के सामने बोला करो। मैंने कहा- ठीक है | आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है | और मैंने वो फाइल रन कर दी और भाभी मेरे साथ बैठ के वो फाइल देखने लगी और
फाइल देखते देखते मैं भी उत्तेजित हो गया था। वैसे मैं तो भाभी को देख के
हमेशा उत्तेजित रहता हूँ, पर उनके साथ मूवी देखने में तो मेरी हालत ख़राब
हो गई थी। भाभी मेरी तड़प देख के मुस्कुरा रही थी और बोली- कोई मस्त लड़के
की मूवी दिखाओ। आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है |
मैंने पूछा- भाभी कैसे लड़के की ?
तो वो बोली- अपनी उम्र के लड़के की मूवी दिखाओ।
तो मैंने एक मूवी ढूंढ निकाली और प्ले कर दी।
समीरा भाभी बोली- नकुल, तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?
मैंने कहा- नहीं।
तो वो बोली- यह मूवी तुम देखते हो?
मैंने कहा- हाँ।
उसने फिर पूछा- उसके बाद तुम्हारा मन नहीं करता कुछ करने को?
मैंने कहा- करता तो बहुत है पर कर भी क्या सकता हूँ?
इस पर वो बोली- फिर तुम क्या करते हो?
मैंने शर्म के मारे अपना सर झुका लिया तो वो बोली- शरमाओ नहीं, क्या हाथ से हिलाते हो?
मैंने कहा- हाँ।
उसने कहा- ये बुरी बात है। इससे तुम में कमजोरी आ जायेगी और शादी के बाद तुम्हारी बीवी की हालत मेरे जैसे हो जायेगी।
मैंने कहा- मैं कुछ समझा नहीं |

तो बोली- मेरे पति भी मेरे साथ कुछ कर नहीं पाते। हाथ से हिला हिला कर

उन्होंने अपना सामान ख़राब कर लिया है और अब वो खड़ा भी नहीं होता है और
मुझे बैंगन या मूली से काम चलाना पड़ता है। अगर तुम्हें जरूरत हो तो मेरे
पास आ जाना, मैं तुम्हारी मदद कर दूँगी। वैसे भी अब हम दोस्त हैं।
इतना कह के वो रसोईघर से पानी लेने अपनी गांड मटकाती हुई चली गई जिसे मैं देख के पागल हो रहा था।
वो रसोईघर से दो गिलास शर्बत लेकर आई और एक मुझे दिया, दूसरा खुद पीने लगी।
तब मैंने पूछा- भाभी, आप मेरी कैसे हेल्प कर सकती हो?
वो बोली- कैसी हेल्प चाहते हो?
मैंने कहा- भाभी आप बुरा मान जाओगी।
तो बोली- नहीं। आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है |
मैंने कहा- भाभी, मैंने आज तक किसी भी औरत या लड़की को असल में नंगी नहीं देखा है। क्या मैं आपको देख सकता हूँ? उसने कहा- जरूर |
और खड़ी हो गई, बोली- लो, तुम खुद देख लो जैसे देखना हो। मैंने जल्दी से गिलास खाली किया और उनके पास खड़ा हो गया। उन्होंने खुद ही मेरा हाथ पकड़ के अपनी चूची पर रख दिया और बोली- यह पसंद है? लो दबाओ और मज़ा
लो। मैं उनकी चूचियों को दबाने लगा। बड़ी टाइट और मस्त चूचियाँ थी उनकी। मजा आ गया था।
फिर मैंने उनकी नाइटी उठाई और उनकी चिकनी टांगों को सहलाने लगा तो वो मेरे करीब आ गई और जींस के ऊपर से मेरे लंड को सहलाने लगी, बोली- तुम्हारा लंड कितना बड़ा है?
मैंने कहा- 6″ का | तो बोली- क्या मैं देख सकती हूँ?
मैं बोला- भाभी पहले मैं आपको देखूंगा, फिर आप मुझे देख लेना। बोली- ठीक है। और यह कहकर उन्होंने अपना गाउन उतार दिया और काले रंग के लेसयुक्त में खड़ी हो गई। वो बला की खूबसूरत लग रही थी। मैं उनको पैर से लेके सर तक चूमता रहा और वो सीईईईईईई आह्ह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
कर रही थी। फिर मैंने उनकी ब्रा और पैंटी भी उतार दी। पूरे बदन में एक भी दाग नहीं था। और चूचियाँ जैसे हिमालय पर्वत की तरह सर उठाये खड़ी थी। मैं उन्हें देख कर पागल हो गया था। उन्हें उनके बेडरूम में ले गया और उनको चूमने और चाटने लगा। मैं उनकी चूत के पास आया और उनकी चूत को चाटने लगा तो उन्होंने मुझे अपने पैरो से दबा लिया। बोलने लगी- खूब चाटो मेरे राजा मेरी चूत को, मैं बहुत प्यासी हूँ मेरी प्यास बुझा दो |
और मैं उनकी चूत को चाटने लगा। आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है |
५ मिनट में वो मेरे मुँह में झड़ गई और मैं उनके चूत के अमृत को चाट के पी गया। फिर उसने उठ के मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मेरे लंड को मुँह में लेकर चाटने लगी, डाबर हनी की बोतल निकाल लाई और मेरे लंड पर डाल कर खूब चाटने लगी। तभी कुछ देर बाद मैंने कहा- समीरा भाभी, मेरा होने वाला है | तो उन्होंने कहा- मेरे मुँह में झड़ो | मैं तुम्हारा अमृत पीना चाहती हूँ | आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है | और वो मेरे लंड को तब तक चूसती रही जब तक मैं उनके मुँह में झड़ नहीं गया। वो मेरा लंड लगातार चूस रही थी, जब तक मेरा लंड दोबारा खड़ा नहीं हो गया। उसके बाद वो बेड पर लेट गई और मुझे अपने ऊपर ले लिया और मेरे लंड को अपनी चूत में रगड़ने लगी। मैंने पूछा- भाभी | क्या मैं आपको चोद सकता हूँ?
वो बोली- और नहीं तो क्या तेरा लौड़ा मैं अपनी चूत पर इसीलिए तो घिस रही हूँ। बहनचोद चोद मुझे |
मैंने कहा- भाभी क्या आपको पसंद है गन्दी बात करना?
तो वो बोली- इसी में तो मजा है असली चुदाई का। खूब गालियाँ देके मुझे चोद और अपनी रखैल बना ले मुझे। फिर मैंने उनकी टाँगे फैलाई और अपना लौड़ा उनकी चूत में डालने लगा तो वो चिल्लाने लगी- अरे भोसड़ी के | फ्री की चूत समझ के फाड़ने लग गया। अरे मादरचोद | आराम से चोद, मैं कोई भागे थोड़ी जा रही हूँ। मेरी चूत फट रही है निकाल ले अपना लौड़ा, मुझे नहीं चुदवाना तेरे से | पर मैंने उनकी एक न सुनी और धीरे धीरे अपना पूरा लंड उनकी चूत में डाल दिया और उनकी चूची के रस को पीने लगा। थोड़ी देर में उनका दर्द कम हो गया तो वो गांड उछालने लगी और मुझे बोली- खाली डाले पड़ा रहेगा या फिर चोदेगा भी मुझे? तो मैंने अपना लंड निकाला और एक बार में पूरा लंड उनकी चूत में पेल दिया और उन्हें जम के चोदने लगा और वो भी बहुत बड़ी चुद्दकड़ थी। खूब गांड उछाल के चुदवा रही थी और साथ में गालियाँ दे रही थी, और जोर से चोदने को कह रही थी। आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है |
मैंने उन्हें १० मिनट तक खूब जम के चोदा और वो लगातार अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह और पेलो, फाड़ दो मेरी चूत को, चिथड़े उड़ा दो आज इस निगोड़ी के | इसने मुझे बड़ा दुःख दिया है। आज, नकुल, इससे मत छोड़ना। इसे फाड़ देना अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह। आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है | अब मैं झड़ने वाला था तो मैंने कहा- समीरा मैं झड़ने वाला हूँ। वो बोली- , मुझे तुमसे बच्चा पैदा करना है, तुम्हारे भैया को मैं संभाल लूंगी, फिलहाल तुम मुझे चोदो और मेरी बुर को सींच दो अपने पानी से। और मैं उन्हें चोदते चोदते उनकी चूत में झड़ गया। और उन्हीं के ऊपर लेट के उनको किस करने लगा। मैंने भाभी से कहा- भाभी, मुझे आपकी गांड बड़ी प्यारी लगती है

 

तो बोली- मेरे पति भी मेरे साथ कुछ कर नहीं पाते। हाथ से हिला हिला कर

उन्होंने अपना सामान ख़राब कर लिया है और अब वो खड़ा भी नहीं होता है और
मुझे बैंगन या मूली से काम चलाना पड़ता है। अगर तुम्हें जरूरत हो तो मेरे
पास आ जाना, मैं तुम्हारी मदद कर दूँगी। वैसे भी अब हम दोस्त हैं।
इतना कह के वो रसोईघर से पानी लेने अपनी गांड मटकाती हुई चली गई जिसे मैं देख के पागल हो रहा था।
वो रसोईघर से दो गिलास शर्बत लेकर आई और एक मुझे दिया, दूसरा खुद पीने लगी।
तब मैंने पूछा- भाभी, आप मेरी कैसे हेल्प कर सकती हो?
वो बोली- कैसी हेल्प चाहते हो?
मैंने कहा- भाभी आप बुरा मान जाओगी।
तो बोली- नहीं। आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है |
मैंने कहा- भाभी, मैंने आज तक किसी भी औरत या लड़की को असल में नंगी नहीं देखा है। क्या मैं आपको देख सकता हूँ? उसने कहा- जरूर |
और खड़ी हो गई, बोली- लो, तुम खुद देख लो जैसे देखना हो। मैंने जल्दी से गिलास खाली किया और उनके पास खड़ा हो गया। उन्होंने खुद ही मेरा हाथ पकड़ के अपनी चूची पर रख दिया और बोली- यह पसंद है? लो दबाओ और मज़ा
लो। मैं उनकी चूचियों को दबाने लगा। बड़ी टाइट और मस्त चूचियाँ थी उनकी। मजा आ गया था।
फिर मैंने उनकी नाइटी उठाई और उनकी चिकनी टांगों को सहलाने लगा तो वो मेरे करीब आ गई और जींस के ऊपर से मेरे लंड को सहलाने लगी, बोली- तुम्हारा लंड कितना बड़ा है?
मैंने कहा- 6″ का | तो बोली- क्या मैं देख सकती हूँ?
मैं बोला- भाभी पहले मैं आपको देखूंगा, फिर आप मुझे देख लेना। बोली- ठीक है। और यह कहकर उन्होंने अपना गाउन उतार दिया और काले रंग के लेसयुक्त में खड़ी हो गई। वो बला की खूबसूरत लग रही थी। मैं उनको पैर से लेके सर तक चूमता रहा और वो सीईईईईईई आह्ह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
कर रही थी। फिर मैंने उनकी ब्रा और पैंटी भी उतार दी। पूरे बदन में एक भी दाग नहीं था। और चूचियाँ जैसे हिमालय पर्वत की तरह सर उठाये खड़ी थी। मैं उन्हें देख कर पागल हो गया था। उन्हें उनके बेडरूम में ले गया और उनको चूमने और चाटने लगा। मैं उनकी चूत के पास आया और उनकी चूत को चाटने लगा तो उन्होंने मुझे अपने पैरो से दबा लिया। बोलने लगी- खूब चाटो मेरे राजा मेरी चूत को, मैं बहुत प्यासी हूँ मेरी प्यास बुझा दो |
और मैं उनकी चूत को चाटने लगा। आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है |
५ मिनट में वो मेरे मुँह में झड़ गई और मैं उनके चूत के अमृत को चाट के पी गया। फिर उसने उठ के मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मेरे लंड को मुँह में लेकर चाटने लगी, डाबर हनी की बोतल निकाल लाई और मेरे लंड पर डाल कर खूब चाटने लगी। तभी कुछ देर बाद मैंने कहा- समीरा भाभी, मेरा होने वाला है | तो उन्होंने कहा- मेरे मुँह में झड़ो | मैं तुम्हारा अमृत पीना चाहती हूँ | आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है | और वो मेरे लंड को तब तक चूसती रही जब तक मैं उनके मुँह में झड़ नहीं गया। वो मेरा लंड लगातार चूस रही थी, जब तक मेरा लंड दोबारा खड़ा नहीं हो गया। उसके बाद वो बेड पर लेट गई और मुझे अपने ऊपर ले लिया और मेरे लंड को अपनी चूत में रगड़ने लगी। मैंने पूछा- भाभी | क्या मैं आपको चोद सकता हूँ?
वो बोली- और नहीं तो क्या तेरा लौड़ा मैं अपनी चूत पर इसीलिए तो घिस रही हूँ। बहनचोद चोद मुझे |
मैंने कहा- भाभी क्या आपको पसंद है गन्दी बात करना?
तो वो बोली- इसी में तो मजा है असली चुदाई का। खूब गालियाँ देके मुझे चोद और अपनी रखैल बना ले मुझे। फिर मैंने उनकी टाँगे फैलाई और अपना लौड़ा उनकी चूत में डालने लगा तो वो चिल्लाने लगी- अरे भोसड़ी के | फ्री की चूत समझ के फाड़ने लग गया। अरे मादरचोद | आराम से चोद, मैं कोई भागे थोड़ी जा रही हूँ। मेरी चूत फट रही है निकाल ले अपना लौड़ा, मुझे नहीं चुदवाना तेरे से | पर मैंने उनकी एक न सुनी और धीरे धीरे अपना पूरा लंड उनकी चूत में डाल दिया और उनकी चूची के रस को पीने लगा। थोड़ी देर में उनका दर्द कम हो गया तो वो गांड उछालने लगी और मुझे बोली- खाली डाले पड़ा रहेगा या फिर चोदेगा भी मुझे? तो मैंने अपना लंड निकाला और एक बार में पूरा लंड उनकी चूत में पेल दिया और उन्हें जम के चोदने लगा और वो भी बहुत बड़ी चुद्दकड़ थी। खूब गांड उछाल के चुदवा रही थी और साथ में गालियाँ दे रही थी, और जोर से चोदने को कह रही थी। आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है |
मैंने उन्हें १० मिनट तक खूब जम के चोदा और वो लगातार अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह और पेलो, फाड़ दो मेरी चूत को, चिथड़े उड़ा दो आज इस निगोड़ी के | इसने मुझे बड़ा दुःख दिया है। आज, नकुल, इससे मत छोड़ना। इसे फाड़ देना अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह। आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है | अब मैं झड़ने वाला था तो मैंने कहा- समीरा मैं झड़ने वाला हूँ। वो बोली- , मुझे तुमसे बच्चा पैदा करना है, तुम्हारे भैया को मैं संभाल लूंगी, फिलहाल तुम मुझे चोदो और मेरी बुर को सींच दो अपने पानी से। और मैं उन्हें चोदते चोदते उनकी चूत में झड़ गया। और उन्हीं के ऊपर लेट के उनको किस करने लगा। मैंने भाभी से कहा- भाभी, मुझे आपकी गांड बड़ी प्यारी लगती है

 

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