गोरी की कोरी चूत की चुदाई

Gori Ki Kori Choot Ki Chudai
हाय दोस्तो, मेरा नाम सनी है, मैं यूपी का रहने वाला हूँ लेकिन मैं अब दिल्ली में पढ़ाई कर रहा हूँ।

मेरी उम्र 23 साल है और मेरा कद 5 फुट 9 इन्च का है।
यह मेरी पहली कहानी है।
जब मैं बारहवीं में पढ़ रहा था।
क्योंकि मेरा स्कूल हमारे घर से दस किलोमीटर दूर था.. इसलिए मैंने एक कमरा स्कूल के नजदीक ही किराये पर ले रखा था।

मैं अपनी क्लास में पढ़ने में अच्छा था।

इसलिए मेरे पास लड़कियाँ गणित के प्रश्न पूछने आती थीं।

मैं शुरू से थोड़ा शर्मीला था.. इसलिए मेरी कोई गर्ल-फ्रेंड नहीं थी।

लेकिन एक दिन मेरे साथ ऐसी घटना घटी जो मेरी जिन्दगी की सबसे यादगार घटना है।

हमारी क्लास में एक लड़की ने नया दाखिला लिया था।
वो बहुत खूबसूरत थी.. उसका फिगर 32-28-32 था.. उसका नाम शिवानी था।

जब मैंने पहली बार उसे देखा तो देखता ही रह गया।

मैं मन ही मन उसे चाहने लगा था और उसे चोदने के सपने देखने लगा।

एक बार मैं क्लास में डेस्क पर अकेला बैठा था।

तभी एक वो मेरे पास आई और मुझसे कहने लगी- आप मेरी कुछ मदद करेंगे.. मुझसे एक प्रश्न हल नहीं हो पा रहा है।

मैंने उससे कहा- कोई बात नहीं.. मैं समझा देता हूँ।

मैंने उससे प्रश्न वाली किताब ले ली और प्रश्न हल कर दिया।

फिर उसने मुझसे प्रश्न को दोबारा समझाने के लिए बोला.. मैंने उसे फिर समझा दिया।

उसने मुझसे शुक्रिया कहा और चली गई।

उस दिन मैं बहुत खुश था।

फिर अगले दिन वो क्लास में आई.. मैं उसे एकटक देख रहा था।

उसने भी मुझे देखा मैं थोड़ा घबरा गया और उसके चेहरे पर एक शरारत भरी मुस्कान आ गईं।

मैं भी मुस्कराने लगा।

कुछ दिन बाद वो मेरे पास आई उसकी गणित की कुछ समस्याएँ थीं..
मैंने उसे अच्छे ढंग से हल किया और फिर वो मेरे पास बैठ गई और बोली- आप इतना शर्माते क्यों हो?

मैंने कुछ नहीं बोला.. बस मैं उसे देखने लगा..
वो भी मुझे देख रही थी।

मैंने उसे न जाने कैसे ‘आई लव यू’ बोल दिया.. वो मुस्कारने लगी और एकाएक मेरे सीने से लग गई।

हम दोनों की गाड़ी पटरी पर दौड़ने लगी।

फिर एक दिन मुझे बुखार आ गया और मैं स्कूल नहीं आया।
वो शाम को मेरे कमरे पर आई..

आह.. दोस्तो, क्या लग रही थी वो..

उसने जीन्स-टॉप पहन रखा था।
मेरा मन किया कि अभी चोद दूँ।

उसने मेरी तबियत के बारे में पूछा और फिर मैंने उसे चाय-कॉफ़ी के लिए पूछा..

उसने कहा- तुम रूको.. मैं खुद बना लूँगी।

वो रसोई में चली गई।

थोड़ी देर बाद मुझे उसके चीखने की आवाज सुनाई दी.. मैं दौड़ कर अन्दर गया.. मैंने देखा उससे कपड़ों और पैरों पर चाय गिर गई थी। मैंने उसे अपनी टी-शर्ट दी और बदलने के लिए कहा। वो कमरे में चली गई और थोड़ी देर बाद जब वो वापस आई… हाय.. क्या माल लग रही थी।

वो मेरे पास आकर बैठ गई।

मैंने उसका हाथ पकड़ा और पूछा- ज्यादा दर्द तो नहीं हो रहा?

वो अपने स्तन की ओर इशारे करते हुए बोली- यहाँ पर थोड़ा जलन है।

मैं उसके स्तन पर हाथ फिराने लगा.. वो कुछ नहीं बोली… फिर मैंने उन्हें दबाने शुरू कर दिए.. धीरे-धीरे उसे भी मजा आने लगा।

फिर मैंने उसे बिस्तर पर लिटाया और उसके होंठों को चूसने लगा।

वो भी मेरा साथ देने लगी।

फिर मैंने उसकी टी-शर्ट और जीन्स उतार दी अब वो मेरे सामने ब्रा और पैन्टी में थी.. वो थोड़ा शर्माने लगी।

फिर उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए अब मैं बिल्कुल नंगा था।

फिर मैं उसके स्तनों को मसलने लगा और मैंने उसकी ब्रा और पैन्टी उतार दी और उसके स्तनों को चूसने लगा।
मुझे बहुत मजा आ रहा था।
मैं उसके पूरे शरीर को चूमने लगा।

वो तरह तरह की आवाजें निकाल रही थी.. साथ ही वो मेरे लण्ड को धीरे-धीरे दबा रही थी।

मुझे भी बहुत मजा आ रहा था.. मैं तो जैसे जन्नत में था।

फिर मैंने उसे लण्ड को चूसने के लिए कहा लेकिन वो मना करने लगी।

फिर मेरे थोड़े जोर देने पर मान गई और धीरे-धीरे से लवड़ा चूसने लगी..
कुछ ही देर में उसे मजा आने लगा और वो मेरे लौड़े को लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी थी।

मुझे कितना मजा आ रहा था, मैं आपको बता नहीं सकता।

फिर अचानक मैं उसके मुँह में ही छूट गया उसने अति-उत्तेजना में सारा वीर्य पी लिया..

फिर में बैठ गया और उसे चूमने लगा।
मैं उसे पागलों की तरह चूस रहा था।

फिर मैंने महसूस किया कि मेरा लौड़ा फिर से खड़ा हो गया।

वो कहने लगी- अब डाल भी दो न.. मुझसे और बर्दाश्त नहीं होता.. फाड़ डालो आज मेरी चूत को… घुसा दो अपना लण्ड मेरी छोटी सी चूत में..

मैंने मौके की नजाकत को समझते हुए मैंने अपने लौड़े को उसकी चिकनी गुलाबी चूत पर टिका दिया।
उसकी चूत पर छोटे-छोटे बाल थे।
यह मेरा पहली बार था और शायद उसका भी..
मैंने हल्का सा धक्का लगाया.. पर मेरा लण्ड फिसल गया।

मैंने दोबारा कोशिश की.. तो इस बार सुपाड़ा उसके अन्दर चला गया।

वो जोर से चिल्ला उठी।

मैं थोड़ा रूका और मैंने फिर से एक धक्का मारा.. इस बार लण्ड उसकी चूत में आधा जा चुका था।

अब वो दर्द से झटपटाने लगी.. बोली- बाहर निकालो.. बहुत दर्द हो रहा है।

मैंने उसके होंठों पर होंठ रख दिए और चुदाई रोक कर उसे चूसने लगा।

उसका दर्द कुछ कम हुआ.. इसी बीच मैंने एक और धक्के के साथ पूरा लण्ड उसकी चूत में पेल दिया।

वो अपनी गांड को नीचे करके लण्ड को निकालने की कोशिश करने लगी।

मैं वैसे ही उसे चूस रहा था।

करीब 5 मिनट के बाद वो कुछ सामान्य सी हुई और अपनी गांड को ऊपर उठाने लगी।

मैं समझ गया और फिर मैंने धक्के लगाने शुरू कर दिए।

उसके मुँह से ‘आअहहह आहहह’ की आवाज आ रही थी और फिर मैंने उससे मजे लेने के लिए अपने लण्ड को उसकी चूत में से निकाल लिया।

अब वो जोर-जोर से सिसयाने लगी- फक मी.. चोदो न सनी.. प्लीज आअहहह…

फिर मैंने उसे ज्यादा नहीं तड़फाया और अपना पूरा लण्ड उसकी चूत में डाल कर उसे चोदने लगा।

मैं तो जैसे स्वर्ग की सैर कर रहा था।
सच में अगर आपने चूत चोदी हो तो आपको पता होगा।
फिर मैंने उसके चेहरे पर देखा उसके चेहरे पर अजीब से भाव आने लगे और उसने मुझे कस कर पकड़ लिया.. वो झड़ गई।

फिर कुछ झटकों के बाद मैं भी झड़ गया और मैं निढाल होकर बिस्तर पर उसके बगल में गिर गया।

मैंने देखा चादर खून से सनी थी।
मैं समझ गया कि यह उसका पहली बार था।

फिर मैंने घड़ी की तरफ देखा 3 बजे चुके थे।
फिर हमने फ्रेश होकर कपड़े पहने.. मैंने उसे चूमा और फिर वो जाने लगी।
उससे ठीक से चला नहीं जा रहा था।

फिर उस दिन के बाद मैंने उसे कई बार चोदा और उसके बाद मेरी जिन्दगी ही बदल गई.. फिर मैंने कई लड़कियों को चोदा।
वो मैं आप लोगों को बाद मैं बताऊँगा।
आपको मेरी सच्ची कहानी कैसी लगी मुझे मेल करना।

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