मेरी उम्र 22 साल की है और मैं बी.टेक का छात्र हूँ। मैं फ़रीदाबाद में रहता हूँ और मेरे लण्ड का साइज़ 9 इंच है।

बात उन दिनों की है, जब मैं कॉलेज में पढ़ा करता था…

उन दिनों मेरी एक जूनियर हुआ करती थी। उसका नाम साक्शी था!! वो थी तो 18 साल की पर उसके चूचों का साइज़ उसके टॉप में से भी साफ़ नजर आता था!!!

जब कभी वो झुकती थी तो लण्ड उफान पर आ जाता था!!! उसकी गाण्ड इतनी मोटी थी की जीन्स छोटी लगती थी!!

बहुत ही सेक्सी थी, वो!! !!!

वैसे तो दिखने में, मैं भी कुछ कम नहीं हूँ पर काफी शर्मीला हूँ…

एक दिन मैं कॉलेज की बालकनी में बैठा था तो मेरी नजर सामने वाली क्लास पर गई, वहाँ साक्शी बैठी थी।

उसने इतनी कसी हुई टी-शर्ट पहनी थी कि उसके चूचे आधे बाहर निकल रहे थे पर स्वभाव से शर्मीला होने के नाते, मैंने नजर हटा ली… पर शायद साक्शी ने यह देख लिया क्योंकि उसी वक्त साक्शी भी मुझे देख रही थी।

उस दिन तो कुछ नहीं हुआ पर अगले दिन जब मैं कॉलेज की बालकनी में गया तो सक्शी वहाँ पहले से खड़ी थी और मुझे तिरछी नजरों से देख रही थी और मुस्करा रही थी।

मेरी तो जैसे लॉटरी लग गई!!!

बस अब तो मैं ये चहाता था की ये पट जाये। सारा दिन मैं यही सोचता रहा कि कब मुझे उसके चूचे और गाण्ड पर हाथ लगाने का मौका मिलेगा। पर मुझे कहाँ पता था कि यह मौका इतनी जल्दी मिलेगा।

नजरें मिलाने का सिलसिला चलता रहा, वो मुस्कराती और मैं शरमा जाता। लड़का तो मैं था पर हरकतें लड़कों वाली उसकी थी।

बहुत कोशिश के बावजूद भी मैं बात नहीं कर पा रहा था…

एक दिन उसने खुद इशारा करके मुझे बुलाया पास जाने पर कहा – तुम्हें समझ नहीं आता कि मैं तुम्हें देख कर क्यों हँसती हूँ? इतना भी नहीं समझते की लड़की के हँसने का क्या मतलब होता है।

मैंने अनजान बनने की कोशिश की तो उसने कहा – नीरे नासमझ हो तुम तो…!! मैं तुम्हे प्यार करने लगी हूँ…

मेरे तो मन ही मन में लड्डू फ़ुटने लगे।

अब मैं रोज कॉलेज जाता और उसे कहीं साइड में ले जा कर बात करता।

एक दिन बात करते करते मैंने उसके चूचे को छू लिया तो उसने कहा – यह क्या कर रहे हो?

मैंने कहा – तुम्हारे चूचे इतने बड़े है की छूने का मन करता है।

उसने कहा – बस छूने का? कुछ और करने का नहीं!! !!!

मैं उसकी बात समझ गया, वो चाहती थी कि मैं उसके चूचों को चुसूँ। मैंने भी एक पल ना गंवाते हुए उसका टॉप उतार दिया…

फिर जो नजारा था!! हाय!!! आज भी वो याद आता है तो लण्ड टन हो जाता है…

उसकी कसी हुई ब्रा में उसके चूचे बड़े सेक्सी लग रहे थे। मैंने उन्हें ब्रा से भी आज़ाद कर दिया।

अब मैं उसके उन बड़े और कसे हुए चूचों को चूसने लगा, वो सिसकारियाँ भरने लगी और मेरा सर पकड़ कर अपने चूचों पर रगड़ने लगी।

उसे मजा आ रहा था और वो मदहोश हो रही थी, उसने अब मुझे अपनी टी-शर्ट उतारने के लिए कहा। उसके बाद वो मेरी छाती पर किस करने लगी।

मैंने बहुत बार ब्लू फ़िल्म देखी थी, बस अब वही सब करने का मन हुआ… मैंने उसकी जींस में हाथ डाल दिया तो उसने हाथ निकाल कर कहा – नहीं, ये सब नहीं…।

अब मैंने नाराज होने का ड्रामा किया। सच है कि लड़कियों को इमोशनल करके कुछ भी कराया जा सकता है। तो उसने मुझे वादा किया कि सही समय आने पर वो सब कुछ करेगी।

उसके बाद मैं वहाँ से चला गया।

वो शुभ घड़ी जल्दी ही आ गई जब उसके घर पर कोई ना था, तो उसने मुझे बुला लिया… उसने सारा इन्तेजाम किया हुआ था।

मैं कंडोम ले कर पहुँच गया उसके घर…

पहले तो हम बात ही करते रहे फिर मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और उसके बूब्स दबाने लग गया। वो पागल होने लगी और उसने मेरा लण्ड पकड़ लिया, एक दूसरे को हमने नंगा कर दिया।

उसका वो नंगा बदन देख कर मैं पागल हो गया, मैंने उसे जकड़ लिया और वहीं बिस्तर पर उसके ऊपर लेट गया और उसके चूचे चूसने लगा।

मैंने उसके होंठ पूरी तरह अपने होंठों में ले लिए और साथ साथ उसके चूचे दबाने लगा। दस मिनट तक हम यूँही लगे रहे। अब उसने मेरा लण्ड पकड़ लिया और हिलाने लगी।

उसकी हरकतों से लगा कि शायद यह पहले भी किसी के साथ सेक्स कर चुकी है!! पर मुझे कहाँ परवाह थी, मुझे तो बस उसे चोदना था!!!

मैंने कहा- जान, मेरा लण्ड चूस ले!!! !!

मुझे लगा कहीं वो बुरा ना मान जाये पर मेरे कहने की देरी थी और उसने मेरा लण्ड चूसना शुरु कर दिया। वो एहसास शायद मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकता…

वो मेरा लण्ड मुँह में अन्दर ले जाती और उसकी जीभ की गर्माहट मुझे अपने लण्ड में महसूस होती।

क्या मस्त लण्ड चूसती थी, यार वो!!

करीब 15 मिनट तक उसने मेरा लण्ड चूसा, फिर मेरे बिना कुछ कहे बिस्तर पर टांगें फ़ैला कर लेट गई और कहा – सारे मजे तू ही लेगा या मुझे भी कुछ देगा……?

उसे “चुदने की आग” लगी हुई थी!! वो मेरे शुरु होने से पहले ही अपनी चूत में उंगली डाल कर मुठ मारने लगी…

उसकी इन हरकतों से मुझे भी सेक्स का भूत सवार हो गया…

मैं कंडोम लगाना भी भूल गया और सीधा लण्ड उसकी चूत पर टिका दिया। उसने टांगें और फ़ैला ली और कहा – धीरे धीरे डालना, नहीं तो दर्द होगा।

मैंने ऐसे ही किया, धीरे धीरे लण्ड अन्दर जाने लगा, चूत खुलने लगी, सक्शी चिल्लाने लगी- आह अआह आह…

सक्शी चिल्लाने लगी, क्योंकि उसकी चूत से खून निकल रहा था।

जब वासना आपके दिमाग में आ जाये तो दर्द वगैरह बेमानी लगते है।

मैंने लण्ड बाहर निकाला तो देखा कि मेरा लण्ड भी लहूलुहान है, उसमें से भी खून निकल रहा है।

मैं डर गया तो सक्शी ने कहा – डरो मत, तुम्हारी भी सील टूट गई!!! तुम मर्द बन गये। फिर मैंने दुबारा लण्ड को चूत पर रखा और धक्के मारने लगा।

सक्शी दर्द से पागल होने लगी और चिल्लाने लगी – आह आह आह… जोर से मारो…

मुझे भी सेक्स का चरम अनुभव करना था, मैंने उसे घोड़ी बन जाने के लिए कहा। उसने ऐसा ही किया पर कहा- गाण्ड में मत डालना, दर्द होता है।

मुझे भी उस समय बस चूत ही नजर आ रही थी क्योंकि वो मेरा पहला सेक्स अनुभव था।

मैंने उसके चूचे हाथ में लेकर पीछे से लण्ड डाल दिया और उसे चोदने लगा।

वो इतना मजा ले रही थी कि एक हाथ से अपनी चूत रगड़ रही थी। मैंने उसे खूब जोर से चोदा। अब मुझे लण्ड में कुछ अनुभव होने लगा तो सक्शी ने भी कहा – मैं झड़ने वाली हूँ!!!

उसके बाद के झटके तेज हो गये, सक्शी ने भी गाण्ड उठा उठा कर चूत मरवाई और हम दोनों झड़ गये।

उसके बाद उसने फिर से मेरा लण्ड चूसा और उस दिन मैंने उसे तीन बार और चोदा अलग अलग तरीके से…।

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