हाय, मेरा नाम तरुण है और मैं आप लोगों को अपनी सच्ची कहानी बता रहा हूँ।

मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ, मेरी उम्र छब्बीस साल है और मैं कुँवारा हूँ। मेरी लम्बाई पांच फ़ीट सात इंच है और मेरे पप्पू की छेह इंच।

मैं याहू-मैसेंजर पर बहुत बातचीत (चैट) करता था, लगभग पांच-छेह घंटे दिन में।

इसी दौरान मेरी बातचीत (चैट) एक लड़की से होने लगी जो कि सिक्किम की थी और धीरे-धीरे हमने सेक्स-चैट करनी शुरू कर दी।

उसका नाम श्रुति है और लम्बाई पांच फ़ीट दो इंच, फिगर लगभग 34-26-36।

मैं दिल्ली में अकेले ही रहता हूँ क्यूँकि मम्मी-पापा ज्यादातर रिश्तेदारों के पास दूसरे शहर में रहते हैं क्यूँकि वहाँ भी हमारा मकान बन रहा है।

श्रुति बी.पी.ओ. में काम करती थी। एक दिन उसने मुझे बताया कि उसका स्थानांतरण (जॉब-पोस्टिंग) अब दिल्ली में ही हो गया है जिसे सुन कर मैं बहुत खुश हुआ।

कुछ दिन ऐसे ही बीत गए, फिर हमने एक शनिवार-इतवार को मिलने का सोचा। श्रुति लड़कियों के पी.जी. में रहती है।

मैं उससे पूछ कर उसे अपने घर शनिवार रात को ले आया उस वक़्त करीब छेह बज रहा था। हम लोग बिस्तर में बैठ कर बात कर रहे थे क्यूँकि सर्दियों का वक़्त था और ठंड बहुत हो रही थी।

बात करते-करते मैंने अपना हाथ उसके कंधे पर रख दिया, थोड़ी देर बाद हमने एक साथ खाना खाया और वह अपने पी.जी. जाने को कहने लगी।

पर जब मैंने उसे रुकने के लिए ज़ोर दिया तो वह मान गयी और अपनी पी.जी. वाली आंटी को फ़ोन करके उसने बहाना मार दिया।

खाना खा कर हम लोग उलटे लेटकर बात कर रहे थे। बात करते-करते मैं कभी उसके कंधे पर मार देता तो कभी पीठ सहला देता, इसी तरह वह भी मुझे बीच-बीच में मार देती।

फिर मैंने बात करते-करते एक टांग उसकी टांगों पर रख दी और गांड पर हाथ फेरने लगा वह कुछ नही बोली, बस मुझे देख कर उसने अपना सिर तकिये पर रख लिया, अब मुझे लगा कि उसे भी कुछ होने लगा था क्यूँकि वह गहरी-गहरी साँसे ले रही थी।

मैंने उसका चेहरा पकड़ कर उसे चूम लिया और शायद वह भी बहुत गरम हो चुकी थी इसीलिए मेरे चूमते ही वह भी मुझे बेतहाशा चूमने लगी।

मैंने उसे पकड़ कर अपने ऊपर ले लिया और उसको चूमते-चूमते उसकी गांड दबाने लगा।

मेरा लंड खड़ा होने के कारण उसकी चूत के आसपास चुभ रहा था। वह मेरे ऊपर लेटे हुए मुझे देखने लगी और मैं उसके चूचों को देखने लगा, वह समझ गयी मैं अब क्या चाहता हूँ।

फिर वह मेरे ऊपर से उठी और मैंने अपने और उसके कपडे निकाल दिए। अब मैं बस अपनी चड्डी में और वह अपनी पैंटी में थी।

मैंने अब उसे अपने नीचे ले लिया और उसके मम्मे मसलना चालू कर दिया। वह जोर-जोर से आअह्ह्ह.. म्म्म्म.. धीरे करो बेबी, करके सिसकारियाँ लेने लगी। मैं उसके मम्मो को मसल-मसल के दबा-दबा के चूस रहा था और निपल काट रहा था।

वह और जोर-जोर से सिसकारियाँ लेने लगी और अपने नाखून मेरी पीठ में गड़ाने लगी। प्लीज, तरुण धीरे दर्द हो रहा है पर मैं उसकी एक नहीं सुन रहा था।

अब मैं उसके पूरे जिस्म को बेतहाशा चूमे और चाटे जा रहा था। फिर मैं धीरे-धीरे उसकी नाभि के पास आया और उसकी पैंटी उतार दी जो कि बिलकुल गीली हो चुकी थी।

मैंने अब अपनी चड्डी भी उतार दी। मेरा लौड़ा गरम सलाख़ की तरह खड़ा था।

मैं उसके चुचों को चूसे जा रहा था और वह म्म्म्म्म.. म्म्म्म.. आआ.. आआईईईई.. करे जा रही थी। मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया।

पहले तो उसने अपना हाथ हटा दिया, फिर मैंने उसके कान में बोला – जानू, यह लौड़ा तुम्हारे लिए ही है, सहलाओ इसे प्यार से, तो वह मान गयी और लंड को पकड़ के ऊपर नीचे हिलाने लगी।

करीब दस मिनट के बाद मैंने उससे बोला कि मुझे अब तुम्हारे बूबे चोदना है तो वह बोली – यह कैसे होता है?

मैंने उसे बताया कि दोनों चूचियों के बीच में लंड को आगे-पीछे करना है और उसे चूची चुदाई सिखाई।

चूची चुदाई के दौरान मैं उसकी चूत में उंगली अंदर-बाहर कर रहा था। जब मैंने उसकी चूत पर चूमा तो एक अलग ही खुशबू आ रही थी।

उसकी चूत के दोनों लिप्स को मैंने अच्छे से चूमा जिससे वह उत्तेजना में उछल पड़ी और म्म्म्म.. तरुण क्या कर रहे हो? आज तुम मुझे मार डालोगे क्या? आआआअह्ह्ह्हह्ह्म्म्म्म्माआआआआ.. मैं मर गई बोलने लगी। लेकिन मैं उसकी चूत को चाटे ही जा रहा था।

वह बोली तरुण अब अंदर डाल दो, अब नहीं रहा जा रहा।

मैं उसके ऊपर आया और उसे चूमते हुए उसकी चूत के लिप्स को ऊपर-नीचे रगड़ने लगा। ऐसा मैंने करीब पांच मिनट किया और वह इतना गरम हो चुकी थी कि जब-जब मैं लंड को उसकी चूत में रगड़ था तो वह अपनी गांड को उठा के लंड अंदर लेने की कोशिश कर रही थी।

फिर एक दम से मैंने उसकी चूत में लौड़ा पेल दिया, जिससे उसकी चीख़ निकल गयी आँखों में आँसू आ गए मैंने उससे करीब दो घंटे तक चोदा पूरे कमरे में फच-फच की आवाजें गूँज रही थीं और कभी मैं उसके ऊपर कभी वह मेरे ऊपर।

आखिरकार, वह बोली – मैं अब और नहीं कर सकती मैं झड़ने वाली हूँ उसके झड़ने के बाद मैं भी दस मिनट में झड़ गया। मैं उसके ऊपर लेटा रहा थोड़ी देर तब तक मेरा लंड उसकी चूत के अंदर ही था।

थोड़ी देर बाद हम टॉयलेट में गए और एक-दुसरे को साफ़ किया और हम दोनों फिर से गरम हो गए उस रात मैंने उससे पांच बार चोदा, सुबह उसकी चूत फूल के मोटी हो गयी थी और मेरी भी हालत थोड़ी पतली थी।

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