ट्यूशन फीस नहीं चूत चोदनी है (Indian Sex Stories Tuition Fees Nahin Chut Chodni Hai)

8वीं क्लास में जाने के बाद मेरी ज़िन्दगी बदल सी गई क्योंकि Indian Sex Stories के इस कहानी में मुझे दिव्या नाम की कुँवारी लड़की की सील तोड़ चुदाई करने का अवसर मिला

दोस्तो, बहुत बहुत शुक्रिया! आपके प्यार ने मुझे एक और कहानी लिखने के लिए मजबूर कर दिया। अब तो ऐसा लगता है जैसे मैं मेरी सेक्स स्टोरी का लेखक बन गया हूँ।

मैं तहे दिल से मेरी सेक्स स्टोरी और पाठकों को शुक्रिया करना चाहता हूँ! तो आज मैं जो कहानी आके लिए लेकर आया हूँ, वो उस समय की है जब मैंने 12वीं पास की थी।

मैं स्कूल में पढ़ाने के लिए जाता था। मेरी योग्यता के हिसाब से मुझे केवल 5वीं क्लास तक ही, पढ़ाने के लिए दिया गया था।

किंतु! धीरे-धीरे मेरी लगन देखकर! मुझे मिडिल क्लास तक बढ़ा दिया गया, और मैं 8वीं क्लास में भी पढ़ाने लगा था।

दिव्या को देख कई बार मूठ मारा

8वीं क्लास में एक लड़की थी! जिसका नाम दिव्या शर्मा था। अगर! उसकी तारीफ़ करूँ तो उसकी तारीफ़ में शब्द कम पड़ जाएँगे!

जैसा उसका नाम था! वैसी ही उसकी सूरत थी! एकदम दिव्य! दूध की तरह सफेद! अगर क्लास रूम में चॉक की धूरी भी उड़े, तो उसके चेहरे पर साफ दिखाई देती थी।

अगर सच कहूँ! तो जब वो 20+ होगी तो कटरीना भी फैल हो जाएगी।

उसकी भूरी भूरी बिल्लोरी आँखें, मस्त चूचियाँ, पिछवाड़ा तो जैसे खरबूजे की तरह! और होंठ गुलाब की फूल की पंखुड़ियों की तरह बस! जो एक बार देख ले वो देख कर ही पानी छोड़ दे!

मैंने भी कई बार! उसकी सूरत को याद करके बाथरूम में मूठ मारी थी! लेकिन! मूठ मारने में और चुदाई दोनो में ज़मीन आसमान का अंतर होता है।

दिव्या ने मुझे ट्यूशन के लिए बोला

किस्मत से! एक दिन दिव्या ने मुझसे कहा- सर मुझे गणित में कुछ अध्याय में दिक्कत आ रही है! अगर आपको कोई दिक्कत ना हो,तो मुझे ट्यूशन पड़ा दीजिए!

मेरे लिए तो माना करने का सवाल ही नही उठता था! लेकिन मैं दिखावा कर कहा- कि मैं ट्यूशन तो नही पढाता हूँ! लेकिन जब भी तुम्हें दिक्कत आए, तो तुम मेरे घर पढ़ने के लिए आ जाया करो!

उसने खुश होकर मुझे शुक्रिया बोला! और फिर मैं पढ़ाने में लग गया, और फिर छुट्टी हो गई। मैं अपने रूम पर आ गया।

शाम को करीब 7 बजे! मेरे दरवाजे पर दश्तक हुई, तो मैंने दरवाजा खोल दिया! तो आँखों पर यकीन नही आया!

दिव्या का कातिलाना हुस्न

सामने दिव्या खड़ी थी! सफ़ेद टी-शर्ट और जीन्स पैंट में तो, वो कयामत लग रही थी!

उसने कहा- सर, क्या? मैं अंदर आ सकती हूँ!

मैंने कहा- हाँ! आ जाओ!

वो अन्दर आ गई! मैंने कुर्सी पर उसे बैठने के लिए कहा, तो वो बैठ गई!

मैंने उससे पूछा- अब बताओ क्या बात है? क्या दिक्कत है तुम्हारी?

उसने बहुत सारे सवाल मुझसे पूछे और मैंने उनको हल करके दिखाया! मैं तो बस! चोर नज़रो से उसे घूर रहा था, क्योंकि स्कूल में उसे मन भर कर नही देख पता था।

उसकी जवानी की मादक खुशबू

जब! मैं उसके सवाल का हल करने के लिए झुकता था, तो उसकी मादक खुशबू से मैं पागल सा हो जाता था! और धीरे से उसकी चूचियों को जानबूझकर कोहनी से छू कर देता था।

उसको थोड़ी सी झिझक तो हो रही थी, लेकिन कुछ कह नही पा रही थी। फिर उस दिन वो चली गई!

दूसरे दिन वो स्कूल नहीं आई! मेरा मन बड़ा उदास सा हो गया, कि पता नही क्या हुआ? दिव्या क्यों नही आई? और फिर पता चला कि उसकी तबीयत खराब है!

मैं भगवान से उसके ठीक होने की कामना करने लगा! 5-6 दिन बाद! वो स्कूल आई तो मेरे खुशी की कोई ठिकाना नही था!

<दिव्या के स्कूल आने की खुशी

मैंने बड़े ही खुशी मन से! उस दिन क्लास में पढ़ाया। जब 8वीं क्लास में पढ़ाने के लिए गया, तो सबसे पहले दिव्या से उसकी तबीयत के बारे में पूछा!

उसने कहा- अब ठीक हूँ!

मैंने कहा- तुम्हे पता है! 5 दिन में तुम्हारे दो भाग पूरे हो चुके हैं! और इसके लिए तुम्हें अलग से क्लास लेने होंगे! तब तुम इनको पूरी कर पाओगी!

वो सर झुकाकर सुनती रही! और थोड़ी ही देर में! उसके आँसू निकल गए। मैंने प्यार से उसके सर पर हाथ फेरा और कहा- कोई बात नहीं! तुम चिंता मत करो मैं पूरी करा दूँगा!

दिव्या का मेरे घर पर आना

उसी शाम को! वो फिर घर पर आई, लेकिन आज कुछ लेट आई थी। कुछ 7:30 बजे करीब!

मैंने पूछा- इतना लेट क्यों आई?

वो बोली- घर पर कोई नहीं था! इसलिए लेट हो गई!

मैंने कहा- कोई बात नहीं! तुम बैठो! मैं अभी आता हूँ! और उसको अध्याय का पहला सवाल समझा कर, मेडिकल की ओर चला गया। और जब लौटकर आया! तो वो धीरे धीरे रो रही थी।

मैंने उसके गालों को पकड़ कर कहा- क्या हुआ दिव्या?

वो बोली- सर, मेरी वजह से! आपको बहुत परेशानी हो रही है।

नरम नरम चूचियों को छूने का मजा

मैंने कहा- इसमें! परेशानी की कोई बात नही है! तुम चिंता मत करो! मैं सारा अध्याय पूरा करा दूँगा! तो वो फिर से काम करने लगी।

मैंने धीरे से उसकी ओर देखा! मैंने धीरे से उसके पीछे जाकर उसके चूचियों को दबा दिया! उसको तो जैसे करंट लग गया हो!

वो एकदम से मुड़ी और बोली- क्या करते हो सर? मैं आपकी छात्रा हूँ!

मैंने धीरे से उसके कान में कहा- पहले तो तुम! एक लड़की हो। उस पर इतनी खूबसूरत! कि मैं क्या भगवान भी डोल जाए! फिर मैं तो एक इंसान हूँ! अब मैं क्या करूँ? और मेरी ट्यूशन फीस में कुछ नही चाहिए!

चूचियों के छुवन से दिव्या हुई बेकाबू

वो बोली- ठीक है! लेकिन अभी नही! अभी मेरी तबीयत ठीक नही है!

मैंने झट से कहा- उसका भी इलाज़ है मेरे पास! तुम चिंता मत करो! और मैं धीरे धीरे उसकी चूचियों को दबाना शुरू कर दिया! उसपर तो जैसे जादू सा छाने लगा था!

उसके मुँह से अजीब सी आवाज़े निकलने लगी थी! वो एकदम से मुड़ी और मेरे होंठों को अपने होंठों से दबा लिया!

दिव्या चूत चुदाई के लिए बेताब

मैं तो इसके लिए तैयार ही नही था! तो मेरे होंठ पर उसके दाँत लग गए और मेरे होंठ से खून की बूँदें निकलने लगी!

यह देखकर वो तो घबरा गई! और उसने मेरे निकले हुए खून को, अपनी जीभ से साफ कर दिया। इसमें भी मुझे बहूत मज़ा आया, और मैं भी उसको चूमने लगा!

अब तो जैसे उस पर चुदाई का भूत सवार हो गया! उसने कई जगह मुझे चूमा और मैं भी पागलों की तरह उसे चूमने लगा!

गीली चूत में उंगली से चुदाई

मैंने धीरे से! उसके पैंट की बटन को खोलकर! उसकी ज़िप खोल दी, और उसकी पैन्टी में अपनी उंगली को डाल दिया।

यह देखकर चौंक गया! कि उसकी चूत तो बिल्कुल पनिया गई थी! उसने भी धीरे से मेरे पैंट को खोल दिया।

मैंने उससे कहा- रूम को बंद कर लेने दो, तो वो मना करने लगी!

मैंने कहा- ठीक है! और उसको गोद में उठाकर दरवाजे की ओर गया और धीरे से दरवाजे को बंद कर दिया!

मैंने उसके पूरे कपड़ों को खोल दिया! शाम को लाइट में भी, वो एकदम दूध की तरह दिखा रही थी! मुझे अब रहा नही जा रहा था!

नाजुक सी चूत की धक्कापेल चुदाई

मैंने उसको तुरन्त बिस्तर पर लिटाया, और उसके ऊपर चढ़ गया! अपने लण्ड को उसकी चूत पर रगड़ने लगा!

उसे भी मज़ा आने लगा! और फिर अचानक! मैंने एक तेज़ धक्का दिया और मेरा 8″ लण्ड का केवल सुपाड़ा ही उसकी चूत में गया!

मुझे पता था! कि वो ज़रूर चिल्लाएगी! इसलिए जैसे ही मैंने धक्का दिया था, तेज़ी से उसका मुँह बंद कर दिया था!

उसके केवल आँसू ही निकल पाए! लेकिन अब मैं उसे छोड़ भी नही सकता था। वरना सारा मज़ा खराब हो जाता!

तो दोस्तो, यहाँ तक की कहानी कैसी लगी? बाकी अगले अंक में! मुझे मेल ज़रूर करे उम्मीद है यह कहानी भी आपको पसंद आएगी!
Renesh1234@gmail.com

दिव्या से मैंने कहा पढ़ाने के बदले मुझे ट्यूशन फीस नहीं! उसकी चुदाई करनी है और मैंने उसकी चूचियों को पकड़ लिया! वो छात्रा और शिक्षक की दुहाई देने लगी, तब मैं उसके बदन को छूते हुए उसके हुस्न की तारीफ़ करते हुए उसे मदहोश कर दिया अब वो मुझे चूमने लगी तब शुरू हुई Indian Sex Stories की असली कहानी.. जानने हेतू पढ़े अगली कड़ी!

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