मेरा नाम श्याम है. मेरी उम्र २० साल है और मैं गोरखपुर का रहने वाला हु. मेरी शादी नहीं हुई है. किरण दीदी मेरे बड़े पापा की लड़की है. दीदी की उम्र २२ साल है. उनकी शादी हो चुकी है और एक-दो साल की बच्ची है उनकी. किरण दीदी बहुत ही खुबसूरत है काले बाल, भूरी आँखे, उभरी हुई गांड और उनकी चुचियो का मध्यम साइज़ की एकदम मस्त गोल-गोल है. पति दीदी को ठीक से चोद नहीं पाते इसलिए दीदी की चूत प्यासी रहती हैं. वो अक्सर काम से सिलसिले में बाहर रहते है. जीजा जी के परिवार में एक बड़े भाई है और वो अलग रहते है और उनकी ५५ साल की बुड्डी माँ है, जो जीजा जी के साथ रहती है.

०५/०८/२०१३ को किरण दीदी ने मुझे सुबह ६ ऍम पर फ़ोन किया और बोली – श्याम तुम यहाँ आ जाओ. मैने पूछा – क्यों? तो वो बोली – मजाक छोड़, तेरे जीजा जी बाहर काम से गए है, वो २ दिन बाद लौटेंगे. मैने कहा – ठीक है, १० ऍम तक आता हु. दीदी बोली – जरुर आना.

०५/०८/२०१३ १०:१५ ऍम किरण दीदी का ससुराल में जब मैं पहुंचा, तो देखा कि किरण दीदी बाहर गेट पर खड़ी थी. मैने गेट खोलकर अन्दर घुसा, तो दीदी ने मुझे पकड़ लिया और किस करने लगी. मैने पीछे हटते हुए कहा – कोई देख लेगा. तो वो मुझे अन्दर ले गयी, वह उसकी बच्ची सो रही थी.

मैने पूछा – अम्मा कहा है, किरण दीदी? दीदी ने कहा – वो बगिया में गयी है. किरण दीदी ने मेक्सी पहन रखी थी. दीदी ने मुझे पानी पिलाया और उसके बाद मुझे अपने बेडरूम में ले गयी. उसने पहले से ही डीवीडी में ब्लूफ्लिम की सीडी लगा रखी थी. उसने चालू किया और मुझे किस करने लगी. ७-८ मिनट किस करने बाद, उसने मेरे कपडे उतार दिए और मैने भी उनकी मेक्सी उतार दी. वो अन्दर सिर्फ चड्डी (पेंटी) पहनी थी. उनके दूध की तरह सफ़ेद शरीर को देखकर मेरे बदन में करंट सी दौड़ गयी. मैने उनके बूब्स को दबाने लगा, तो टाइट थे.

फिर मै एक बूब्स को चूसने लगा और दुसरे को हाथ से मसल रहा था. किरण दीदी का शरीर गरम था. किरण दीदी के बूब्स को चूस रहा था. दीदी मेरे सिर और पीठ पर हाथ फेर रही थी. कुछ देर के बाद दुसरे बूब्स को चूसने लगा. दीदी अब गरम हो रही थी. किरण दीदी आःह्ह्ह ह्हाआआअह्ह्ह करने लगी. मैने किरण दीदी को बोला – मेरे लंड को चुसो जैसे की ब्लूफिल्म में चल रहा है. दीदी मेरे आगे बैठ गयी और मेरे लंड को अपने मुह में लेकर चूसने लगी. दीदी बोली – आज तेरा लंड और बाद दिख रहा है. मैं बोला – दीदी आप की याद में रो रो कर सूज गया है. मेरा लंड ७.५ इंच लम्बा और ३ इंच मोटा था. दीदी लंड को चूस रही थी. मैं भी दीदी के मुह को चोदने लगा और तेज धक्के मारने लगा. कभी-कभी दीदी के गले तक पहुच जाता और दीदी खांसने लगती. मुझे खूब मज़ा आ रहा था.

१५ मिनट लंड की चुसाई के बाद, मैने दीदी के मुह में ही पानी निकाल दिया. दीदी सारा पानी पी गयी. मैं किरण दीदी से बोला – दीदी आप खड़ी हो जाओ और दीदी खड़ी हो गयी. मैने दीदी की चड्डी को नीचे सरका दिया, तो देखा दीदी की चूत में गाजर है. मैने पूछा – आप जानती थी, कि मैं आ रहा हु, तो इस गाजर का क्या मतलब? दीदी बोली – सुबह तेरे पास फ़ोन करने के बाद, तेरी चुदाई बार-बार आँखों के सामने दौड़ रही थी. मैने अपनी चूत को गाजर से चोदा पर मज़ा नहीं आया. मैने गाजर को चूत में ही रहने दिया, ताकि चूत का रस गाजर में भर जाए और तू इसे खाकर मेरी चूत की अच्छी चुदाई करे. मैने चूत से गाजर निकाली और आधा खा लिया और आधा दीदी को खिलाया. मै दीदी के पैरो के पास बैठ कर दीदी की चूत को देखा, चूत एकदम गीली थी और लाल भी. मैं दीदी की चूत चाटने लगा, दीदी बोली – आज मेरी चूत को बढ़िया से चाटो. मैं चूत को चाट रहा था और दीदी अपने हाथो से अपने बूब्स दबा रही थी.

चूत चाटने में खूब मज़ा आ रहा था. दीदी अब आआह्ह्ह उम्म्मम्म ह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह्म म्मम्मम्मम ऊऊऊऊऊओ कर रही थी और बोली – श्याम चूत को जीभ से फाड़ डाल, चूस ले चूत का सारा रस. मैं भी चूत में जीभ को डाल –डालकर चूस रहा था. दीदी की चूत के फलको को जोर-जोर से दन्त से काट भी रहा था. दीदी बोली – मेरी चूत को काट कर खा जायेगा क्या, ध्यान रख ये तेरी दीदी की चूत है? मैं मगन होकर दीदी की चूत चाटने में लगा हुआ था. लगभग २० मिनट बाद दीदी झड़ने वाली थी और बोली –श्याम मेरा पानी गिरने वाला है. मैने जीभ को चूत में अन्दर डाल केर पूरी चूत को मुह में ले लिया और जीभ से दीदी चूत को चोद रहा था. कुछ देर बाद दीदी झड़ गयी और मैने उनका पूरा पानी पी लिया. दीदी शांत होकर बेड पर लेट गयी और मैं उनके बगल में लेट कर दीदी के होठो को चूसने लगा.

वो भी मेरे होठो को चूस रही थी. इसी तरह कभी और मेरे होठो को चूसती और कभी मैं उनके होठो को. कुछ देर बाद, मैं उनके बूब्स को चूसने लगा. दीदी फिर से जोश में आ गयी. मेरे शरीर के ऊपर एक पैर फेंककर चूत को मेरे शरीर में रगड़ने लगी. मैं दीदी के बूब्स को चूस रहा था. २० मिनट बाद दीदी बोली श्याम मेरी चूत में अपना लंड दल और मेरी चूत को चोद जब तक की चूत फट ना जाये. दीदी की चूत बहुत छोटी थी. मैने ही चोदकर थोड़ी जगह बनायीं थी. मैने दीदी से बोला – दीदी आप कुत्तिया की तरह हो जाओ. वो वैसे ही हो गयी और मैं पीछे से लंड को किरण दीदी की चूत में रखने लगा. मैने अपने लंड को चूत पर रखकर जोर का धक्का दिया. मेरा आधा लैंड अन्दर चले गया. फिर मैने दीदी को बोला – आपकी चूत चौड़ी हो गयी है. दीदी ने कहा – लगातार ५ दिन तक जो तुमने मोटा लंड मेरी चूत में पेला था.

फिर एक जोर का धक्का मारा और पूरा लंड दीदी की चूत के अन्दर चले गया. दीदी आआआआह्ह्ह शय्म्म्मम्म ऊऊऊ धीरे थोडा धीरे … दर्द हो रहा है. मैं लंड  को धीरे-धीरे अन्दर बाहर कर रहा था. दीदी थोड़ी देर बाद गांड उठा-उठाकर चूत में मेरे लंड को लेने लगी. मैने किरण दीदी को बोला – दीदी मज़ा आ रहा है, ना? तो दीदी बोली – हाँ, चोद मुझे ..और जोर से चोद .. अपनी पूरी ताकत लगा कर चोद मुझे अह्ह्ह्हह हम्मम्मम्म ऊऊओ अहहहः कर रही थी. वो बोली – श्याम बहुत मज़ा आ रहा है. श्याम तू अपनी दीदी को बहुत जोर से चोद. तेरे जीजा जी तो चोद बही पाते. तू ही चोद दे अपनी दीदी को और जोर से चोद, बहुत मज़ा आ रहा है. दीदी को २० मिनट तक चोदा और उसके बाद दीदी झड़ गयी. मेरा नहीं हुआ था, तो मैं दीदी को अभी भी चोदे जा रहा था. कुछ देर बाद, मैं भी दीदी की चूत में झड़ गया. हम दोनों बेड पर लेट गये और कुछ देर के बाद मैने दीदी चूत की सफाई की और दीदी ने मेरे लंड की.

मैने अपने कपडे पहने और दीदी ने सिर्फ मेक्सी पहनी, दीदी की चड्डी एक दम गीली हो चुकी थी. दीदी ने खाना निकाला. हम दोनों ने एक ही थाली में खाया. मैं चौराहे पर घुमने चला गया. मैं लौट कर आया तो २ पीम हो चुके थे. गेट खुला हुआ था. मैने गेट बंद किया और अन्दर गया तो देखा तो दीदी के रूम का दरवाजा खुला हुआ था. मैने झांक कर देखा, तो दीदी मेक्सी को ऊपर करके अपने हाथ को चूत पर रख कर सो रही है. मैं धीरे से अन्दर गया और अपने मोबाइल से दीदी की फोटो खिची. मैं किचन में गया और वह से गाजर ले ली और वापस दीदी के रूम में आ गया. दरवाजे को बंद किया और अपने सारे कपडे उतार दिए. दीदी के चूत पर से उनका हाथ हटाया और गाजर को उनके चूत के मुह पर रख कर चूत के अन्दर डाल दिया. मैं बेड के नीचे बैठकर छुप गया. दीदी अचानक उठी और मेक्सी को नीचे किया. देखने लगी, दरवाजा बंद है. वो जान गयी, कि मैं वापस आ गया हु. दीदी बोली – श्याम बाहर निकल. सोने में तुमने मेरी चूत में गाजर डाल दी. मैं बाहर निकला. दीदी ने देखा, कि मैं एकदम नंगा हु. वो पूछने लगा – श्याम कब वापस आये, तो मैने कहा – जब आप अपनी चूत पर हाथ रखकर सो रही थी. दरवाजा भी खुला था. कोई अन्दर आ जाता तो. दीदी बोली – आया तो कोई नहीं ना. वो गाजर को अपनी चूत से बाहर निकाल रही थी, तो मैने कहा – दीदी इसे अन्दर से रहने दो. दीदी ने उसे वही छोड़ दिया और मेरे लंड को चूसने लगी. मैने दीदी को बोला – इसे छोडिये, मैं आपको नई चीज़ दिखता हु. क्या आप कुतिया की तरह हो जाओगी? किरण दीदी तुरंत वैसे ही हो गयी.

मैं पीछे उनकी उभरे हुए गोल-गोल गांड को चाटने लगा. मैने अपने लंड को दीदी की गांड पर रखकर बोला – दीदी मैं अब आप की गांड मारने जा रहा हु, सुना है गांड मारने में जितना मज़ा है, उतना चूत मारने में नहीं. दीदी बोली – गांड फट जाएगी. मैने अपने लंड को उनकी बात बिना सुने ही घुसेड दिया और धक्का मारने लगा, पर मेरा लंड गांड के अन्दर जा ही नहीं रहा था. मैने दीदी के दोनों गोल-गोल गांड को हाथ से पकड़कर चौड़ा किया और लैंड को धक्का मारा, तो मेरा लंड २ इंच और अन्दर चले गया. दीदी रोने लगी. मैने कहा – दीदी नहीं छोडूंगा. थोडा दर्द बर्दाश्त कीजिये, तभी तो मज़ा आएगा. मैने फिर जोर से धक्का मारा और इस बार मेरा पूरा लंड दीदी की गांड में घुस गया. दीदी aaaaaahhhhhhhh अह्ह्हह्ह्ह्ह ऊऊऊ दर्द हो रहा है श्याम करती हुई चिल्ला रही थी. मैं रुक गया. दीदी की गांड से ब्लड निकलने लगा था. पर मैने दीदी को नहीं बताया.

फिर थोड़ी देर बाद, मैने दीदी की गांड मारनी शुरू की. लंड को दीदी की गांड में धीरे-धीरे अन्दर करने लगा था. अब दीदी को मज़ा आने लगा था. दीदी बोली – श्याम चोद अपनी दीदी को..जितना चोदना है .. उतना चोद अह्ह्ह्हह ऊऊओ एस ऊऊऊऊ ह्म्म्मम्म्म्म उम्म्म्मम्म्म्मम्म करने लगी, मैं दीदी की गांड को मारता रहा. दीदी झड़ चुकी थी. मैं भी दीदी की गांड में झड गया. लंड को गांड से बाहर निकाला. मेरा लंड खून से लाल हो चूका था. दीदी ये देखकर बोली – फाड़ दी ना मेरी गांड. मैं बोला – दीदी ये कुछ नहीं है, ठीक हो जायेगा. दीदी खड़ी हुई पर ठीक से चल नहीं पा रही थी. मैने दीदी को पकड़ा और उनको बाथरूम ले गया और उनकी गांड को चाटकर साफ़ किया. फिर मैं उनको कमरे में लाया और उनको मेक्सी पहनकर सुला दिया. रात को दीदी को दर्द की गोली देकर फिर से चुदाई की. २ दिन में, मैने दीदी को १२ बार चोदा. दीदी बोली – जब तेरे जीजा जी घर पर नहीं होंगे, तब तुझे बुला लुंगी. मैने कहा ठीक है और जीजा जी के आने से पहले तीसरे दिन सुबह घर वापस चले गया.

 

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