पड़ोसन भाभी की चुदाई

हेलो, सभी को मेरा नमस्कार. आज मैं आप लोगो के सामने अपनी लाइफ की एक रियल स्टोरी सुनाने जा रहा हु जिसमे मैंने एक भाभी की चुदाई की थी. वैसे तो मैं अपने बारे में बता दू. मेरा नाम राज है और मैं मुंबई से हु और अभी पढाई कर रहा हु. ये जो स्टोरी है, मेरी एक पड़ोसन की है जिसका नाम रचना (नाम चेंज) है. वो एक शादीशुदा औरत है और उसकी उम्र लगभग ३२ साल है. थोड़ी सी मोटी, लेकिन सेक्सी. सबसे ज्यादा सेक्सी उसकी गांड है. आप लोगो को अब ज्यादा बोर ना करते हुए, मैं रियल स्टोरी पर आता हु.

रचना भाभी का हसबंड दुबई में जॉब करता है और ६ महीने में कभी- कभी २-३ वीक के लिए ही आता था. पर इतने टाइम के सेक्स से उसकी भूख नहीं मिटती थी, इस वजह से उसने मुझसे चुदवाया. बात तब की है, जब मैं पढाई कर रहा था और रोज़ सुबह मैं कॉलेज जाता था और दोपहर को घर आता था. उस समय भाभी अपने घर के बाहर बैठी रहती थी. वो मुझे देखकर स्माइल कर देती थी और मैं भी. शायद वो कुछ बोलना चाहती थी मुझसे, पर बोल नहीं पा रही थी. ऐसे ही ३ मंथ निकल गये और फिर एक दिन मैं जैसे ही आया. भाभी ने मुझसे बोला- कि राज मेरा मोबाइल नहीं मिल रहा है. जरा मिस्ड कॉल करो, ना. मैंने उनको कॉल किया और फ़ोन मिल गया. ये दिन भी ऐसे ही चला गया. दुसरे दिन, फिर मुझे एक ब्लेंक कॉल आया. मैंने कॉल बेक किया, तो पता चला कि वो रचना भाभी है और यहाँ से हमारी फ्रेंडशिप शुरू हो गयी.

एक दिन उन्होंने बोला, कि राज मुझे मूवी जाना है. मेरे हसबंड अगर रहते, तो मुझे ले जाते; पर अभी तो वो नहीं है. क्या तुम चलोगे मेरे साथ? मैं भी रेडी हो गया और सुबह के वक्त मैं कॉलेज बंक करके हम मूवी देखने गये. कोई अच्छी मूवी नहीं लगी थी. पर रचना की इच्छा थी, इसलिए हम एक बोरिंग मूवी देखने बैठ गये. मूवी में जब एक रोमेंटिक सीन आया, तो रचना ने अपना हाथ मेरे हाथ पर रख दिया और दबाने लगी. मुझे भी अच्छा लगा. हॉल में कोई ज्यादा लोग नहीं थे, सो ये सिलसिला आगे बढ़ा और मुझे मुझे क्या हुआ पता नहीं. मैंने कहा –  रचना भाभी, आप बहुत ही हॉटऔर सेक्सी हो. उस समय वो पूरी गरम हो चुकी थी. उसने बोला – क्या ज्यादा सेक्सी है, बताओ. तब मैंने झटके से उनके बूब्स पकड़ लिए और दबा दिए. उनके मुह से आवाज़ आई अहहहहहः हहहहहः और वो मुझसे लिपट गयी.

हम स्मूच करने लगे और कुछ ५ मिनट तक चला. उस वक्त, मैं उनके चुचे भी दबा रहा था. वो मेरे लंड को पकड़ के बैठी हुई थी. दोस्तों, क्या बताऊ… उनके चुचे इतने बड़े थे, कि मेरे हाथ में भी नहीं आ रहे थे. कुछ ज्यादा ही टाइट थे. फिर कुछ मिनट बाद और लोग कम हो गये हॉल से. उन्होंने साड़ी पहनी हुई थी. मैंने उनकी साड़ी नीचे से उठा दी और पेंटी भी नीचे सरका दी. तब जाके मुझे उनकी पिंक चूत के दर्शन हुए. मैंने उनकी चूत में अपनी ऊँगली डाल दी. हम दोनों खो गये थे. भाभी से रहा नहीं जा रहा था, लेकिन मूवी जल्दी ही ख़तम होने वाली थी. हमने कण्ट्रोल किया और वो बोली चल मेरे घर चल, आज तुझे जन्नत दिखाती हु. अब मैं भी उनके सेक्सी जिस्म को देखना चाहता था. सो हम घर के लिए निकल गये और कुछ १:३० तक घर पहुच गये.

फिर मैं अपने घर गया और फ्रेश हो के माँ से बोला, कि मैं क्रिकेट खेलने जा रहा हु. और झट से रचना भाभी के घर चले गया. उस समय भाभी ने एक स्लीवलेस नाईटई पहनी हुई थी. मैंने जैसे ही डोर बॉल बजायी, उन्होंने तुरंत दरवाजा खोल दिया. मैं जल्दी से अन्दर चले गया. जैसे ही उन्होंने डोर लॉक किया, मैंने उनको पकड़ लिया और चूम लिया. वो भी मेरा साथ दे रही थी. मैंने उनकी नाईटई भी निकाल फेंकी. अन्दर उन्होंने कुछ भी नहीं पहना हुआ था. वो आज पहली बार मेरे सामने पूरी नंगी हुई थी. मैंने भी अपने पुरे कपड़े निकाल दिए. मैं खड़े- खड़े ही उनके चुचे पीने लगा. वो मेरे लंड के लिए तड़प रही थी और उस समय उनको मेरे लंड कि ज्यादा जरूरत थी. तो मुझे अपने बेडरूम में ले गयी.

वहां जाके हम दोनों बेड पर लेट गये और रचना मेरे लौड़े के साथ खेलने लगी. फिर २ मिनट बाद, उसने मेरे लौड़े को अपने मुह में ले लिया और उसको चूसने लगी. मैं बता नहीं सकता, कि मुझे कैसा फील हो रहा था. उस वक्त कुछ ५ मिनट बाद उससे रहा नहीं गया और वो बाद उसको चोदने के लिए फ़ोर्स करने लगी. मैं भी बेक़रार था उसको चोदने के लिए. सो मैं झट से खड़ा हो गया और उनकी टांगो को फोल्ड करके अपना लंड डालने लगा. पर स्टार्टिंग में थोड़ा दिक्कत हुआ, क्युकि काफी दिनों से वो चुदी नहीं थी. पर आख़िरकार लंड गुस गया और मैं अपनी रफ़्तार बढ़ा रहा था.रचना कि आवाज़ भी बढ़ रही थी. अहहः हहहः हहहः ह्म्ह्मम्ह्म्हम्ह्म्ह और कुछ १० मिनट बाद जाके हम झड़ गये. मेरा पूरा माल उसकी चूत में ही गिर गया और हम बेड पर हम ऐसे ही लेटे रहे. बट अभी तक हम दोनों कि हवस पूरी कहाँ हुई थी.

मैंने उसके बूब्स को मसलना स्टार्ट कर दिया और फिर वो गरम होने लगी. बट अब तो मुझे उसकी मस्त गांड को चोदना था. सो मैंने बोला, कि रचना जान. अब मुझे तेरी गांड मारनी है. तब वो मना करने लगी, पर मुझे तो अब उसकी गांड को चोदना ही था… मैंने उसकी एक ना सुनी और उसको उल्टा करके उसके ऊपर चढ़ गया. पर उसने बहुत दिनों से भाभी की चुदाई का मज़ा नहीं लिया था, तो उसकी गांड का होल कुछ ज्यादा ही टाइट हो गया था और मेरा लंड उसकी गांड में गुसने को मान ही नहीं रहा था. मैंने उसको वेसलिन लाने को कहा. वो स्टार्टिंग में नहीं मानी, पर बाद में ले आई. मैंने फिर से उसको बेड पर उल्टा लिटा दिया. फिर, मैंने उसकी गांड के होल पर और अपने लंड पर खूब सारी वेसलिन लगाकर चुदाई स्टार्ट की. जैसे ही मेरा लंड उसकी गांड में घुसा, वो चिल्ला उठी अहहहहः हहहहः … मर गयी … मेरे राजा, बस करो .. बहुत दर्द हो रहा है. पर मैं भी उसकी कहाँ मानने वाला था. मैंने अपनी रफ़्तार बढ़ा दी और उसकी सिसकिया भी तेज हो चुकी थी अहहहहहः अहहहः आआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्

और थोड़ा उसका दर्द भी कम हो गया और उसको मज़ा आने लगा था. वो बोलने लगी – और जोर से चोदो आज… जोर से …. और भी जोर से… आज मेरी गांड फाड़ दो. मैंने भी अपनी रफ़्तार बड़ा दी. कुछ १० मिनट में, हम फिर हम दोनों ऐसे ही पड़े रहे और सो गये नंगे ही. कुछ ५ बजे मेरी नीद खुली, सो बस उसके बूब्स दबा के और किस करके मैं अपने घर आ गया और उसके बाद से हम रोज़ सेक्स करते है, जब भी टाइम मिलता है, तब……!

तो दोस्तों आप लोगों को कैसी लगी मेरी भाभी की चुदाई की कहानी? आप अपने कमेंट्स निचे एड कर सकते हैं!

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