हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रोनक है और आज में आप सभी को अपना पहला सच्चा सेक्स अनुभव बताने जा रहा हूँ. यह मेरा सच्चा और कभी ना भुलाने वाला अनुभव था और में आशा करता हूँ कि यह आप लोगो को जरुर पसंद आएगा.

दोस्तों में गुड़गांव में रहता हूँ और में दिखने में एकदम ठीक हूँ और मेरी हाईट 5.6 और में हर दिन जिम जाता हूँ, मेरी उम्र 18 साल है. दोस्तों में सच कहूँ तो मैंने आज तक कभी भी सेक्स नहीं किया और मेरा मन तो बहुत करता है, लेकिन मुझे आज तक कोई भी नहीं मिली जिसके साथ में सेक्स कर सकता और अब में अपनी कहानी शुरू करता हूँ.

दोस्तों यह बात उस दिन की है जिस दिन में कुछ ज़रूरी काम से गुड़गांव से रेवाड़ी जा रहा था और मेरे मामा ने मेरी टिकट एक वोल्वो बस में बुक करा दी थी. मैंने रात के 9 बजे बस पकड़ी और मैंने देखा कि उस बस में ज़्यादा लोग नहीं बैठे थे, क्योंकि वो बस बहुत महंगी थी, आगे की तरफ कुछ जोड़े बैठे हुए थे और साथ में उनके माता पिता भी थे और बीच में और आखरी सीट पर एक छोटा सा परिवार था.

फिर कुछ ही आगे चलकर वो बस रुकी और उसमे कुछ और लोग चड़ने लगे और एक जोड़ा जिसमे एक आदमी, उसकी पत्नी और उनके दो बच्चे भी थे. एक लड़का जो चार साल का था और उसकी एक तीन साल की लड़की थी वो आकर बैठ गए उन लोगो की सीट मेरे पास में थी और अब बस दोबारा चलने लगी और अब वो औरत थोड़ा झुककर अपने बेग को सीट के नीचे रख रही थी और उसका आदमी बहुत आराम से सीट पर बैठ गया था और उसके वो दोनों बच्चे पीछे सीट पर बैठे हुए थे.

तभी अचानक से मेरी नज़र उस पर पढ़ी, उसकी साड़ी का पल्लू नीचे गिरा हुआ था और उसके वो प्यारे प्यारे बूब्स मेरी आखों में समा गये थे और मैंने एक पल के लिए भी उनसे अपनी निगाह नहीं हटाई में लगातार उसके बूब्स को घूर घूरकर देखता रहा.

फिर उसने मेरी इस बात पर गौर किया और फिर सेट करते ही वो अपनी सीट पर बैठ गयी. उसने काली कलर की साड़ी पहनी हुई थी और वो क़यामत ढा रही थी. उसका फिगर करीब 36-28-38 होगा, पतला शरीर और वो बहुत गोरी थी. उसने अपनी साड़ी भी नाभि के नीचे बांध रखी थी.

फिर हम सभी एकदम चुपचाप बैठे हुए थे और में अपना मोबाईल निकालकर उससे गाने सुन रहा था. उसका पति कांच वाली सीट पर बैठा था और वो उसके पास में और उसके बच्चे पीछे वाली सीट पर बैठे हुए थे. तभी अचानक से उसकी बच्ची रोने लगी कि उसको खिड़की वाली सीट पर बैठना है, लेकिन वो बच्चा उसकी बात नहीं मान रहा था और उसका पति खिड़की वाली सीट पर बहुत देर पहले ही सो गया था. अब मैंने उन्हे कहा कि आप अपनी बच्ची को मेरी खिड़की वाली सीट पर बैठा दो तो उसने पहले मना किया कि आप क्यों हट रहे हो?

मैंने उन्हें समझाया कि बच्चों का दिल कभी नहीं तोड़ते और में पास की सीट पर बैठ गया और मैंने उसकी बच्ची को उस सीट पर बैठा दिया और मैंने उसकी बच्ची को बहुत खुश किया, मतलब मैंने उसे स्नेक्स खिलाया और बिस्किट दे दिया. अब मुझसे उसकी माँ भी बहुत खुश हो गयी थी. फिर उसने मुझसे पूछा कि आप कहाँ जा रहे हो?

मैंने कहा कि रेवाड़ी और उसने भी कहा कि वो लोग भी रेवाड़ी के पास ही जा रहे है. अब मैंने उससे आगे भी बातें करने की सोची और मैंने उससे उसका नाम पूछा तो उसने मुझे अपना हेमा बताया और फिर हमारी बातचीत शुरू हुई.

हेमा : क्यों आप रेवाड़ी में कहाँ पर जा रहे हो?

में : मेरे मामा का कुछ प्रॉपर्टी का काम रुका हुआ है, में उस सिलसिले में आया हूँ.

हेमा : अच्छा तो आप करते क्या हो?

में : (मैंने मज़ाक में उनसे कहा कि) में सबको खुश करता हूँ.

हेमा : उसने मुझे बहुत प्यार से देखते हुए अपनी सुरीली आवाज से मुझसे पूछा कि कैसे खुश करते हो?

में : अरे वो तो मैंने आपसे ऐसे ही मजाक में कहा था, मेरी अब स्कूल की पढ़ाई खत्म हो गई और अब में आज कल एकदम फ्री हूँ.

हेमा : वाह बहुत अच्छा हुआ कि मुझे आपका साथ मिल गया वरना में तो अकेले बैठे बैठे बहुत बोर हो रही थी और मेरे पति भी बैचारे सो गये है.

में : हाँ वो बैचारे इतनी मेहनत का काम जो करते होंगे.

फिर उसने मेरी यह बात सुनकर मुझे एक सेक्सी सी स्माइल दी, शायद वो मेरी बातों का मतलब बहुत अच्छी तरह से समझ गई थी और उतने में उसकी बेटी भी सो गई थी. फिर मैंने उससे कहा कि देखो अब आपकी बेटी भी मेरे पास आकर बहुत आराम से सो चुकी है, उसने देखा और मेरी तरफ पूरी तरह से झुकते हुए उसने मुझसे कहा कि लाईये में उसे पीछे वाली सीट पर सुला देती हूँ.

दोस्तों जब में उसे उसकी बेटी को दे रहा था तब मेरा एक हाथ उसके मुलायम झूलते हुए बूब्स से छू गया और मुझे बहुत अच्छा महसूस हुआ और मुझे ऐसा लगा कि जैसे कि वो भी अब एकदम गरम हो चुकी है और उसने भी अपने बूब्स पर मेरा हाथ महसूस किया और अपनी बच्ची को मुझसे लेकर उसने पीछे वाली सीट पर लेटा दिया और अब तक रात बहुत हो चुकी थी और बस की सभी लाईट भी बंद थी और आगे पीछे की सीट के सभी लोग सोए हुए थे.

अब में अपने मोबाईल पर गाने सुनने लगा तब उसने मुझसे आग्रह करते हुए कहा कि वो भी गाने सुनना चाहती है क्योंकि उसे भी अब नींद नहीं आ रही थी. अब में उसकी यह बात सुनकर मन ही मन बहुत खुश हुआ और मैंने उसे एक कान की लीड निकालकर उसे दे दी हम लोग थोड़ा दूरी पर बैठे हुए थे तो इसलिए उसके कान की लीड बार बार उसके कान से निकल रही थी इसलिए मैंने उससे मेरे पास वाली सीट पर बैठने को कहा तो उसने मुझसे तुरंत हाँ कहा और सबसे पहले अपने पति को थोड़ा हिलाकर देखा कि वो सो रहा है या नहीं?

और उसके बाद वो मेरे पास में आकर बैठ गई. उस समय में बहुत प्यार भरे गाने सुन रहा था जिसकी वजह वो अब और भी जोश में आकर गरम हो रही थी और फिर मैंने उस सही मौके का पूरा पूरा फायदा उठाना शुरू किया. सबसे पहले मैंने धीरे धीरे अपना एक हाथ उसके हाथ पर छुआ, लेकिन उसने मेरे छूने का कोई भी विरोध नहीं किया तो मैंने भी अब बिल्कुल टेंशन फ्री होना शुरू किया और मैंने थोड़ी हिम्मत करते हुए झट से उसकी जांघ पर हाथ रख दिया.

अब उसने मेरी बात का थोड़ा ऐतराज़ जताया और एक स्माइल देकर बैठ गई. फिर थोड़ी देर बाद वो उठ रही थी, लेकिन वैसे ही मैंने उसे पकड़ लिया और उसके बूब्स को प्यार से दबाने लगा. फिर उसने मुझसे मना किया कि प्लीज यह सब यहाँ पर मत करो, कोई देख लेगा तो बहुत बड़ी समस्या हो जाएगी.

फिर मैंने उससे कहा कि यहाँ पर हमें कोई नहीं देखेगा क्योंकि अंधेरा बहुत है और सब लोग सो रहे है. मेरे कुछ देर समझाने के बाद वो मान गई और अब मैंने उसकी साड़ी का पल्लू पूरा हटा दिया और ब्लाउज के ऊपर से ही उसके दोनों बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा, जिसकी वजह से वो मोन करने लगी.

फिर मैंने उसके होंठो पर किस किया और वो भी अब मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी और फिर उसने मुझसे कहा कि तुम्हे जो कुछ भी करना है अब थोड़ा जल्दी जल्दी करो, वरना मेरा पति उठ जाएगा. फिर मैंने तुरंत उसे सीट पर लेटा दिया और उसकी साड़ी को पूरा ऊपर उठा दिया और जल्दी से पेंटी को नीचे किया तो मैंने देखा कि उसकी चूत अब बिल्कुल गीली हो चुकी थी और उसकी चूत पर थोड़े थोड़े बाल भी थे.

अब मैंने सकिंग करना शुरू किया और वो मेरे बाल नोचने लगी और वो मेरा मुहं अपनी चूत पर अपना पूरा दम लगाकर दबाने लगी जैसे वो मुझसे चाह रही हो कि में आज उसकी रसीली चूत को खा जाऊँ.

फिर कुछ देर चाटने चूसने के बाद उसने एक बार फिर से अपनी चूत का पानी छोड़ा और मैंने वो पूरा चाट लिया. अब मैंने उससे मेरा लंड अपने मुहं में लेकर चूसने को कहा तो उसने मुझसे साफ मना कर दिया कहा कि उसको ऐसा करने से उल्टी आ जाएगी और इसलिए मैंने उसकी यह बात सुनकर उससे ज्यादा कुछ नहीं कहा, क्योंकि ज्यादा जबरदस्ती करने से सेक्स में कभी भी मज़ा नहीं आता और हम लोग उस मज़े को ले नहीं पाते और वैसे सेक्स तो प्राक्रतिक होता है उसके बहुत मज़े करो और उसे महसूस करो.

फिर उसने मेरा लंड मेरी पेंट से बाहर निकाला जो कि अब तक बिल्कुल खड़ा हो चुका था और हाँ एक बात और बता दूँ कि मेरा लंड बचपन से ही थोड़ा सा टेढ़ा है फिर उसने मेरे लंड को पकड़कर बहुत ही अच्छी तरह से हिलाना शुरू किया, लेकिन कुछ देर हिलाने के बाद में झड़ने वाला था और फिर मैंने अपना सारा वीर्य उसकी साड़ी पर निकाल दिया.

फिर कुछ देर बाद उसने मुझसे कहा कि हम दोनों यहाँ पर सेक्स नहीं कर सकते, क्योंकि उसके पति उठ जाएगें और उनके अलावा भी बस में बहुत सारे लोग और भी है. फिर उसने मुझसे पक्का वादा किया है कि हम एक बार फिर से जरुर मिलेगें और तब हम एक बार जरुर सेक्स करेंगे और उसने फिर मेरा मोबाईल नंबर ले लिया और मुझसे कहा कि वो मुझे कॉल कर लेगी.

फिर मैंने भी उससे उसका नंबर माँगा तो उसने मुझसे कहा कि वो अपने घर पर पहुंचकर एक नई सिम लेगी और उससे मुझे फोन करेगी, क्योंकि अभी उसके पास कोई भी फोन नहीं था और उसके बाद उसने मुझे एक बहुत लंबा सा स्मूच किया और अपने कपड़े ठीक करके वो चुपचाप जाकर अपनी सीट पर बैठ गई. उसके कुछ देर बाद ना जाने कब उसके सेक्सी बूब्स गांड के बारे में सोच सोचकर सो गया.

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