मैंने आज तक भाभी को चुदासी नज़रों से नहीं देखा था, पर Hindi Sex Stories की इस घटना में कुछ ऐसा हुआ कि मैं अपनी भाभी की चुदाई करने के लिए पागल हुआ जा रहा था..

मेरी सेक्स स्टोरी के सभी सदस्यों को मेरा नमस्कार। मेरा नाम विकास है और मैं जगदलपुर छत्तीसगढ़ का रहने वाला हूँ।

मैंने मेरी सेक्स स्टोरी की सभी कहानियों को पढ़ा है और आज इसी से प्रेरणा पाकर मैं अपने जीवन की एक सच्ची घटना आप लोगों के साथ शेयर करने जा रहा हूँ।

यह कहानी मेरी और मेरी सगी भाभी की है, जिसने मेरी ज़िन्दगी ही बदल दी।

मैं आप लोगों को बता दूँ कि मेरी उम्र 26 साल है और मैंने पिछले साल बी।ए की परीक्षा पास की है तो अब जॉब की तलाश में हूँ।

मेरे परिवार में मेरे माता पिता और मेरे बड़े भैया हैं, जो मुझसे 6 साल बड़े हैं

उनकी पत्नी निशा जिनकी उम्र 29 साल है और उनकी एक 5 साल की बच्ची भी है। मेरी और मेरी भाभी की बहुत अच्छी बनती है।

वो मुझसे अपनी सारी चीजें शेयर करती हैं और मैं भी, हमारा हँसी मजाक लगा रहता है।

हाँ! मेरे मन में मेरी भाभी के प्रति कोई भी गलत विचार नहीं थे, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।

मेरी एक बड़ी बहन भी है, जिनका नाम मधु है वो मुझसे 7 साल बड़ी है। उनकी शादी हो चुकी है और उनके दो बच्चे भी है।

मेरे भैया का नाम सूरज है और वो बैंक में जॉब करते है। मैं आपको बता दूँ कि मेरा घर शहर से 22 किमी दूर गाँव में है।

जहाँ हमारे पुरखों की बहुत जमीन जायदाद है और हमारे घर में पैसों की किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं है।

मेरे पिताजी पूरी खेती बाड़ी सँभालते हैं, जब भी मौका मिलता है उनका और मेरी माँ के रिश्तेदारों के यहाँ जाना लगा ही रहता है।

मेरे भैया रोज सुबह ऑफिस के लिए निकलते हैं और शाम को वापस आते है। अब आप लोगों को ज्यादा बोर ना करते हुए, मैं अपनी कहानी पर आता हूँ।

मेरी भाभी निशा जो की मुझसे 4 साल बड़ी है। उनका रंग गोरा है, वो बहुत ही सुन्दर औरत है और उनका फिगर बहुत ही आकर्षक है।

बात लगभग एक साल पहले की है, जब मेरी दीदी मधु अपने बच्चों के साथ हमारे घर आई हुई थी।

मैं आप लोगों को बता दूँ कि मेरी मधु दीदी बहुत ही सुन्दर है और उन्होंने अपने फिगर को बरकरार कर रखा है

उन्हें देखकर लगता नहीं है कि उनके दो बच्चे हैं, उनके चूचे और गोल गोल गांड को देखकर तो किसी का भी लण्ड खड़ा हो सकता है।

मेरे जीजाजी तो रोज मेरी दीदी को रगड़ रगड़ कर चोदते हैं। यह बताने की जरुरत नहीं है फिर भी जानकारी के लिए बता देता हूँ।

दिन भर की मस्ती के बाद, अब रात हो चुकी थी। हम सब खाना खाकर हँसी मजाक कर रहे थे रात के लगभग 10 बजे होंगे

तभी भैया बोले कि अब सोना चाहिए! सुबह ऑफिस के लिए निकलना है और वो और भाभी सोने चले गए।

मेरे माता पिता पहले ही सो चुके थे और मेरी दीदी का बिस्तर भी मेरे ही कमरे में लगा दिया था। उनके बच्चों का भी बिस्तर मेरे ही कमरे में था

मेरी दीदी को आए 6-7 दिन हो चुके थे, लेकिन उस रात एक ऐसी घटना घटी जिसने मेरी सोच ही बदल दी।

एक बिस्तर पर दीदी सो रही थी, एक पर मैं, और एक बिस्तर पर उनके दोनों बच्चे सो रहे थे। रात के करीब, 11:30 बजे होंगे!

मुझे नींद नहीं आ रही थी और लाइट भी नहीं था, लेकिन लैंप की हल्की रोशनी कमरे में थी।

दीदी और उसके देवर के बीच सेक्स की बातें

तभी मैंने देखा, दीदी ने किसी को कॉल किया और फोन काट दिया मतलब, मिस कॉल किया।

तभी कुछ देर बाद, उनके फोन पर कॉल आया और उन्होंने मेरी तरफ देखा। मैं सोने का नाटक कर रहा था और उन्हें लगा की, मैं सो चुका हूँ।

उन्होंने बात करना शुरू कर दिया, पहले मुझे लगा कि जीजा जी का फोन है और मैं उनकी बातें सुनने लगा।

मुझे मज़ा आने लगा, क्योकि दीदी चुदाई की बात कर रही थी। मैंने देखा कि दीदी उत्तेजित हो गई थी।

वो अपने दूसरे हाथ से चूत को सहला रही थी और सिसकियाँ भर रही थी।

मैंने देखा कि दीदी ने अपनी एक उंगली अपनी चूत मे अंदर बाहर करने लगी और बोलने लगी- चोदो और ज़ोर से चोदो! उन दोनों के बीच फोन सेक्स चल रहा था

यह सब सुनकर मेरा भी 8″ का लण्ड रॉड बन गया था और मैं अपने लंड को सहलाने लगा।

अब मैंने देखा कि दीदी झड़ गई और आह! एयेए! हाहाहा! आह! आअ! हहाआ! हहाअ! करने लगी।

अब मेरे लण्ड ने भी थोड़ी देर बाद पिचकारी मार दी और मेरा पूरा चड्डी गीला हो गया।

आज मेरे लण्ड से कुछ ज़्यादा ही पानी निकला और मुझे भी बहुत मज़ा आया।

तभी मैंने दीदी को कहते सुना- मनोज तुम्हारा लण्ड तो बहुत मज़ा देता है! यह सुनते ही मेरे तो होश उड़ गए!

अब मैं सब कुछ समझ गया और मुझे पता चल गया कि दीदी अपने देवर से चुदवाती है।

मैं उन दोनों की पूरी बातें सुनना चाहता था लेकिन फोन पर बात करने के कारण, मैं तो केवल अपने दीदी की ही बात सुन पा रहा था।

तभी दीदी ने कहा- रोज रोज एक ही खाना किसे पसन्द है? स्वाद तो बदलना ही चाहिए, तभी तो मज़ा मिलता है!

मुझको आया भाभी को चोदने का ख्याल

मैंने बाते सुनना जारी रखा, तभी मैंने दीदी को यह कहते सुना कि जब साली आधी घरवाली हो सकती है! तो देवर आधा पति क्यो नहीं हो सकता!

यह सुनते ही मेरे अन्दर का जानवर जाग गया और अब मैं अपनी भाभी के बारे मे सोचने लगा। सोचते सोचते! मुझे कब नींद आ गई मुझे पता ही नहीं चलेगा।

मैं अगले दिन सो कर उठा तो मैंने देखा, कि सब लोग उठ चुके है। मेरी नज़र दीदी के मोबाइल पर पड़ी जो वहीँ पर रखी हुई थी।

उनकी रात वाली सारी बातें रिकॉर्ड थी। मैंने उन्हें जल्दी से अपने मोबाइल मे कॉपी कर लिया और उनके मोबाइल को वहीँ रख दिया।

अब मैंने हाथ मुँह धोया और जब भाभी चाय लेकर आई तो मैंने देखा, कि भाभी आज कुछ ज़्यादा ही सेक्सी लग रही थी।

ऐसा शायद इसलिए था, क्योकि अब मैं किसी भी तरह अपनी भाभी को चोदना चाहता था।

मैंने पूरी रिकॉर्डिंग सुनी तो मुझे पता चला, कि दीदी अपने देवर से जी भर कर चुदवाती है क्योंकि उसका लण्ड 7″ का है।

अब 3 महीने बीत चुके थे और दीदी के जाने के बाद से लेकर अब तक, मैं रोज यही सोचता रहा कि भाभी को कैसे चोदा जाए।

छुपकर देखा भैया भाभी की चुदाई देखा

मैं रात को उनके कमरे की छेद से भैया भाभी की चुदाई देखने लगा।

भैया भाभी की मक्खन जैसी चूत में अपना 6″ का लौड़ा डालकर 10-15 धक्कों मे झड़ जाते थे और भाभी भी मज़े से चुदवाती थी।

जनवरी का महीना चल रहा था और ठंड में, अब रात दिन मुझे मेरी भाभी का सुन्दर नंगा जिस्म नज़र आने लगा। अब मैं उन्हें चोदने के लिए तड़पने लगा।

तभी भगवान ने मेरी सुन ली, और मेरे जीवन में एक ऐसी घटना घटी जिसने मेरी जिन्दगी ही बदल दी।

मेरी भाभी एक पढ़ी लिखी औरत है! अब मेरे भैया उनके लिए जॉब की कोशिश भी कर रहे थे।

एक दिन भाभी के किसी एक कागजात को जाँच कराने के लिए रायपुर जाना ज़रूरी हो गया और इसके लिए भाभी का जाना जरुरी था।

इसके लिए भैया भाभी के साथ जाने वाले थे, लेकिन भैया को ऑफिस के काम से जरुरी 10 दिनों के लिए कोलकाता जाना पड़ गया।

भाभी के साथ मेरा रायपुर जाना तय हुआ, जगदलपुर से रायपुर 500 किमी दूर है!

सिर्फ एक ही ट्रेन है जो रात को 8 बजे निकलती है और अगले दिन सुबह 7 बजे रायपुर पहुँच जाती है।

वही ट्रेन अगले दिन रात को 8 बजे रायपुर से निकलती है और सुबह 7 बजे जगदलपुर आ जाती है।

हमारा रात को निकलना तय हुआ और दूसरे दिन पहुँचकर काम पूरा होने के बाद, उसी रात को वापस लौटना था।

भैया को कल निकलना था, अब सब तैयारी हो गई और मैं क्या बताऊँ दोस्तो, मैं तो बहुत खुश था।

यह सोच रहा था, कि मौका तो मिलेगा ही नहीं लेकिन किस्मत को तो कुछ और ही मंजूर था।

क्या हुआ आगे? क्या मैंने भाभी की चुदाई कर पाया! पढ़िए कहानी का अगला अंक और अपने विचार हमें जरुर भेजें! मेरा ईमेल आईडी है।
vkskashyap403@gmail.com

मैं अपनी दीदी को जब अपने देवर से चुदासी बातें करते सुना तो मेरे होश उड़ गए। मैं उन दोनों की बातों को गौर से सुनने लगा, और मेरे मन में भी मेरी भाभी की चूत चुदाई को होने लगा। एक दिन मैंने भैया और भाभी को चुदाई करते देख लिया तब मेरे मन में उनको चोदने की प्रबल इच्छा होने लगी। इससे आगे का हाल Hindi Sex Stories के अगले कड़ी में जाने..!!

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