मामी का काम तमाम किया

हेलो दोस्तों.. यह मेरी पहली स्टोरी है क्योंकि मेरा यह पहला सेक्स अनुभव था.. लेकिन इस साईट पर मैंने बहुत सी सेक्स स्टोरी पढ़ी है और एक दिन इस साईट पर मुझे अपनी खुद की स्टोरी शेयर करने का मन हुआ तो मैं अपनी पहली सेक्सी स्टोरी लेकर आप सभी के सामने आ गया. अब मैं अपनी स्टोरी पर आने से पहले अपना परिचय करवाता हूँ.. मेरा नाम शिवंश है और मैं भोपाल का रहने वाला बी कॉम का पहले साल का स्टूडेंट हूँ.. मेरी हाईट 5 फुट 11 इंच है और मैं बहुत ही फ्रेंड्ली हूँ.. मुझे फ्रेंड्स बनाना बहुत अच्छा लगता है और मेरे लंड का साईज़ 6.5 इंच है. मेरी उम्र 19 साल है. अब मैं अपनी स्टोरी पर आता हूँ.

दोस्तों.. यह तब की बात है.. जब मैं बारहवीं के पेपर खत्म होने के बाद अपने नाना, नानी के घर गया था. मेरे दो मामा है और यह कहानी मेरी बड़ी मामी की है. मेरे नाना, नानी एक छोटे से गाँव में रहते है. मेरी मामी का फिगर 38-36-38 है और वो थोड़ी फिट है.. लेकिन वो बहुत सेक्सी है और वो फिटनेस उन्हे बहुत सूट करता है.. मतलब कोई भी उन्हे देखकर चोदना चाहेगा और वो कभी भी ब्रा और पेंटी नहीं पहनती है. जिसकी वजह से उनके बूब्स कई बार ब्लाउज से बाहर आ जाते है और उनके ब्लाउज भी बहुत पतले कपड़े के होते है. वो शुरू से ही मोटी नहीं थी और जब उनकी नई शादी हुई थी.. तो उनका फिगर 32-28-36 था.. लेकिन जब उनके बच्चे हुए तो वो मोटी हो गई. उनके दो बच्चे है. एक लड़का और एक लड़की है.. जब उनकी नई नई शादी हुई थी.. तब से ही वो मुझे बहुत प्यार करती थी.. क्योंकि उस समय उनके कोई बच्चे नहीं थे. वो शुरू से ही मुझे गर्दन पर, गाल पर किस किया करती थी और कभी कभी मेरे होंठ पर भी.. क्योंकि उस टाईम मेरी उम्र 8 या 9 साल की थी.. तो मुझे कुछ पता नहीं था और वो मुझसे दिनभर मजे मस्ती किया करती और ऐसा करना मेरे मामा को भी कुछ ग़लत नहीं लगता था.. लेकिन थी वो बहुत भोली और वो एक बहुत छोटे से गाँव की रहने वाली है और बहुत गरीब परिवार से है.

मैं उस समय घर का सबसे सुंदर बच्चा था और घर का सबसे छोटा बच्चा भी था. उन्हे सेक्स तो बहुत बड़ी चीज़ लगती थी और कुछ भी नहीं आता था.. तो उन्हे यह सब कुछ मेरी मम्मी और मौसी ने सिखाया था और उन्हे तो साड़ी तक ठीक से पहननी नहीं आती थी और वो ज्यादा कुछ नहीं सोचती थी और जब उनका पहला बच्चा हुआ था.. तो वो मेरे और मेरे भाई के सामने ही अपने बच्चे को दूध पिला देती थी और अगर हम कभी पास में भी बैठे होते थे.. तो उन्हे हमारे देखने से कोई दिक्कत नहीं होती थी. मेरे मामा बहुत शराब पीते है और मामी को बहुत मारते और गलियां भी देते है. उनसे मेरी पूरी फेमिली परेशान है. फिर जैसे जैसे मैं बड़ा हुआ तो मेरी मामी भी मुझसे खुलकर रहने लगी और मैं भी उनके बूब्स और उनकी गांड को देखकर गरम होने लगा और फिर मैं उनके बूब्स दबाना चाहता था और उन्हे नंगा देखना चाहता था. वो मुझसे बहुत खुलकर बातें किया करती थी और मामा की वजह से वो मेरी तरफ झुकने लगी थी.

फिर वो नहाते समय अक्सर जब माँ या कोई और पास ना हो तो मुझसे अपनी पीठ साफ करवाती थी और उस टाईम पर मैं जानबूझ कर उनके कूल्हे तक धो दिया करता था और उन्हे बिना पता चले उनके बूब्स देखता था और अचानक से उनके बूब्स भी दबा देता था. फिर हमारे बीच सेक्स पर बातें होना ऐसे चालू हुई कि मैंने एक दिन बातों ही बातों में उनसे लडकियों के पीरियड्स और दूसरी चीज़ो के बारे में उनसे पूछा और फिर पीरियड से बात हमारे सेक्स तक पहुंच गई. तो उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या तुमने कभी सेक्स किया है? तो मैंने कहा कि नहीं मैंने कभी किसी के साथ सेक्स नहीं किया.. पहली बार मुझसे किसी ने यह सवाल पूछा है.

फिर मैंने उनसे पूछा कि क्या आपको भी कभी कुछ हुआ था? तो उन्होंने मुझे कहा.. की हाँ हुआ था और हर लड़की को होता है. तो मैंने उनसे पूछा कि मामाजी ने कैसे आपके साथ पहली बार सेक्स किया? तो पहले तो उन्होंने मना किया कि मैं बाद में बताउंगी.. लेकिन मेरे बहुत जिद करने पर वो राजी हो गई फिर उन्होंने मुझे बताया कि उस टाईम पर तो उनकी बहुत हालत खराब हुई थी क्योंकि उनके उस टाईम पीरियड्स चल रहे थे और फिर उन्होंने मामाजी से बोला कि प्लीज आज मत करो एक, दो दिन के बाद कर ले ना.. लेकिन मामाजी नहीं माने.. क्योंकि उन्हे नहीं पता था कि मामीजी के पीरियड्स चल रहे है.. क्योंकि मामी ने उन्हे नहीं बताया था और फिर मामाजी ने उन्हे कहा कि तुम्हारा पहले से किसी और से चक्कर चल रहा होगा.

इस बात पर मामी ने ना चाहते हुए भी उन्हे सब कुछ करने दिया फिर उन्होंने बताया कि उस दिन मामाजी ने उनका मुहं अपने एक हाथ से बंद कर दिया क्योंकि मामी ज़ोर से चिल्ला देती और सब घर पर सो रहे थे और एक ज़ोर का धक्का मारा और मामी की सील तोड़ दी और ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चुदाई करने लगे उस समय पहली चुदाई की वजह से उनकी चूत से बहुत सारा खून भी निकला और मामी ने बताया कि उन्हे पहली चुदाई में बहुत दर्द हुआ था.. लेकिन उसके बाद में नहीं हुआ. तो अब मुझे पता था मामी अपनी पहली चुदाई की स्टोरी सुनते हुए बहुत गरम हो चुकी है.. तो मैंने उनसे कहा कि आपके बूब्स तो बहुत बड़े है प्लीज एक बार मुझे दबाने दो ना. तो मामी ने कहा कि पागल हो गया क्या? अभी नहीं.. सब देख रहे है और यह ठीक नहीं है.. लेकिन मुझे पता था कि वो मुझे बूब्स दबाने से मना नहीं कर सकती.. क्योंकि वो मुझे अंदर ही अंदर चाहने लगी थी और फिर उन्होंने कहा कि अभी नहीं क्योंकि हम उस समय किचन में थे और घर के सब लोग बाहर बैठे थे.. कोई भी उस वक्त अंदर आ सकता था.. लेकिन फिर मैं उनका सबसे प्यारा था तो वो मुझे कैसे मना करती.

तो मैंने पूछा कि क्या आपको मेरा लंड देखना है? तो उन्होंने कुछ नहीं कहा और फिर मैंने फट से अपना 6.5 इंच का खड़ा लंड बाहर निकाल लिया और वो बहुत चकित रह गई.. कहने लगी कि यह तो तुम्हारे मामा से भी बहुत बड़ा है और घूर घूरकर देखने लगी. तो मैंने पूछा कि क्या हाथ में पकड़ोगी.. लेकिन कोई देख ना ले इसलिए उन्होंने मेरे लंड को थोड़ी देर देखकर नजरे घुमा ली और किचन का काम करने लगी. उन्होंने कहा कि अंदर करो वरना कोई देख लेगा. उस दिन के बाद से मेरे बैचनी बड़ने लगी.. क्योंकि मामी के बूब्स देख देखकर मेरा लंड खड़ा हो जाता था क्योंकि जब वो मेरे साथ होती थी तो उनका अक्सर पल्लू गिर जाता था और ब्रा नहीं पहनने के कारण उनके आधे बूब्स दिख जाते थे और मैं सही मौका ढूंड रहा था.. लेकिन मुझे उन दिनों मौका नहीं मिला जब मैं उस दौरान नाना के घर था.

फिर एक बार की बात है जब मेरी नानी को पेट में पथरी हो गई थी तो उनका ऑपरेशन करवाना था तो मामा, मामी और नानी, नाना भोपाल आए थे और नानी का ऑपरेशन होना था. मेरा घर इतना बड़ा नहीं था और सोने की दिक्कत होती तो रात को मेरे पापा, मामा, और नाना सोने के लिए हमारे रिश्तेदार जो भोपाल में रहते है.. उनके घर सोने चले गये और मेरा भाई सामने वाले रूम में सोता था और मम्मी बेड के सामने वाले रूम में ही सो रही थी और मैं, नानी, मामी और उनका छोटा बेटा हम बेडरूम में सोने चले गये. फिर मैं नानी और मामी के बच्चे के साथ जानबूझ कर सोया क्योंकि मैंने सोचा कि शायद मामी के रात को बूब्स दबाने का मौका मिल जाए. मामी के बेटे को मैंने मामी की दूसरी साईड सोने को कह दिया ताकि मेरे और मामी के बीच में कोई ना आए और फिर थोड़ी ही देर बाद सब सो गये.. मैं मामी के पेट पर हाथ रखकर सो गया. तो उन्होंने मेरा हाथ हटा दिया.. लेकिन मैंने बोला कि मुझे आदत है और मैं मम्मी के साथ भी एसे ही सोता हूँ.. तो उन्होंने मुझे दूर कर दिया.

फिर सब सो गये.. लेकिन मुझे तो नींद आने से रही. मैं मामी के गहरी नींद में सोने का इंतजार कर रहा था और जब वो सो गई तो मैंने धीरे से देखा कि नानी को नींद लगी कि नहीं? वो सो रहे थे. फिर मैंने एक चादर ली और मामी और मुझे ढक लिया और फिर धीरे से उनके पेट पर से एक हाथ उनके बूब्स पर ले गया मेरे दिल की धड़कने बढ़ गई थी कि कहीं मामी जाग ना जाए.. लेकिन मामी की तरफ से कोई हलचल नहीं थी और मैं फिर थोड़ी देर तक धीरे धीरे उनका एक बूब्स दबाता रहा. फिर नानी को एक और बार देखा कि वो जागी तो नहीं क्योंकि उनकी नींद बहुत कच्ची थी और उन्हे गहरी नींद में सोता देख मैंने मामी के ब्लाउज के हुक खोलना शुरू किया और मैंने नीचे के दो हुक खोल दिए और मेरी खराब किस्मत थी कि उस दिन मामी ने भोपाल में होने की वजह से मम्मी की कोई पुरानी ब्रा पहनी थी. तो मैंने फिर उनके ब्लाउज को पूरा नहीं उतारा क्योंकि मामी अगर जाग जाती तो मेरी हालत खराब हो जाती.

तो मैंने उनके ब्लाउज में हाथ डालकर नीचे से ब्रा में हाथ डालने की कोशिश की.. लेकिन उनके बूब्स बहुत बड़े होने की वजह से ब्रा बहुत टाईट हो गई थी. मैंने फिर उनके ब्रा के ऊपर से ही बूब्स दबाए और अभी तक मामी की तरफ से कोई हलचल नहीं थी तो मैं समझ गया कि मामी को मज़ा आ रहा है इसलिए वो सोने का नाटक कर रही है. फिर मैंने उनके पीछे से ब्रा के हुक खोल दिए तो उनकी ब्रा ढीली हो गई और मेरा हाथ उनकी ब्रा में आसानी से चला गया. फिर मैंने उनकी निप्पल दबाई.. लेकिन मुझे पता नहीं मामी ने कंट्रोल कैसे किया? उनकी आवाज़ नहीं आ रही थी जो अक्सर लड़कियां मोन करती है.. लेकिन उनके चेहरे पर हावभाव दिख रहे थे. तो मैंने रात भर उनके बूब्स बड़े अच्छे से दबाए और जब जब नानी करवट बदलती मैं अपना हाथ उनकी ब्रा से बाहर निकालकर उनके पेट पर रख देता था और सोने का नाटक करता और मेरे लंड से वीर्य निकल रहा था..

लेकिन पहले से ही मैंने एक रुमाल अपनी पेंट के अंदर डालकर रखा था कि वीर्य से मेरी अंडरवियर गीली ना हो जाए.. लेकिन फिर इतना वीर्य निकला कि मेरी अंडरवियर भी गीली हो गई और मेरे लंड में दर्द होने लगा क्योंकि वो बहुत देर से खड़ा था. फिर मैंने बहुत देर तक उनके बूब्स दबाए और मैंने सोचा कि मामी तो उठ नहीं रही. तो मैंने एक हाथ नीचे साड़ी में डाल दिया और सोचा की उनकी चूत में उंगली करूंगा.. लेकिन मुझे पता नहीं था कि चूत होती कहाँ है? तो मैंने सोचा कि मुझे थोड़ा झुकना पड़ेगा और यह रिस्की भी है. तो मैंने सिर्फ़ उनकी चूत के बालों को छुआ और फिर अंडरवियर में ही मुठ मार लिया और मैं सोने का नाटक कर रहा था क्योंकि नींद तो आने से रही. फिर मैं उस रात में अच्छे से नहीं सोया और फिर जब सुबह के 6 बज गये तो मैंने देखा कि मम्मी उठ गई और मामी को आवाज़ लगाई.. क्योंकि हमारे घर पर औरते जल्दी उठ जाती है. तो

मैंने देखा कि मामी ने मेरा पेट से हाथ हटाकर मेरी तरफ देखा.. लेकिन मैंने तो आंखे बंद कर रखी थी और उन्हे लगा कि मैं सोया हूँ. तो उन्होंने अपनी ब्रा और ब्लाउज सही किया और उठ गई. फिर मैं जब थोड़ी देर बाद उठा तो उन्होंने ऐसा व्यहवार किया कि रात को कुछ नहीं हुआ और कहा कि रात को उन्हे बहुत अच्छी नींद आई. मैंने सोचा कि चलो बच गया.. फिर जब एक दिन घर पर कोई नहीं था सब नानी के साथ हॉस्पिटल में थे क्योंकि वो भर्ती हो गई थी और मैं, मामी अकेले थे. तो मामी नहाने गई और मैंने सोचा कि मैं मामी को बोलूं कि मुझे आपकी कमर मसलने दो तो वो मुझे ऐसा करने देंगी. तो मैंने वैसा ही किया और हाँ मेरी मामी को अक्सर खुले में नहाने की आदात थी तो वो पीछे नहाती थी क्योंकि पीछे हमारे कोई घर नहीं था और बहुत सारे पेड़ पौधे होने के कारण कुछ दिखता भी नहीं था.

मैंने उनकी कमर मसलने को कह दिया और फिर उन्होंने कहा कि पहले गेट बंद कर दो और अंदर आ जाओ. तो मैंने कहा कि आपको मुझसे क्या शरम.. आपने भी तो मुझे नंगा नहाते हुए देखा है.. तो उन्होंने एक स्माईल के साथ कहा कि ठीक है तुम बहुत शरारती हो चुके हो और कहा कि अंदर आ जाओ.. लेकिन मैं नहीं गया और वहीं पर बाहर ही बैठ गया फिर मामी ने मुझे हाँ कह दिया कि मैं उन्हे नहाते हुए देख लूँ और मामी ने नीचे और उनके बूब्स का हिस्सा पेटिकोट से ढक लिया था.. लेकिन वो मुझसे इतनी खुल चुकी थी कि उन्होंने अपने बूब्स साफ करने के लिए अपने बूब्स खुले कर दिए और धोने के बाद वापस ढक लिए और फिर जब वो पेटिकोट में हाथ डालकर अपनी चूत धो रही थी तो वो यह मुझे देखकर रही थी और कहने लगी कि सबको अपना गुप्तांग भी अच्छे से साफ करना चाहिए.

फिर जब उनका नहाना हो गया तो उन्होंने मुझे रूम के अंदर भेज दिया क्योंकि उनको अपने आप को ढकने के लिए दूसरा पेटिकोट पहनना था और वो अपनी चूत मुझे नहीं दिखाना चाहती थी वो शरमा रही थी. तो मैंने वैसा ही किया और बाद मैं जब वो बेडरूम में आई तो मैं पहले से वहाँ बैठा था तो उन्होंने जल्दी से पेटिकोट में हाथ डालकर ब्रा पहन ली और फिर ब्लाउज. तो मैंने कहा कि मामी मुझे आपकी चूत देखनी है.. तो उन्होंने मना कर दिया क्योंकि शायद उन्हे पता था कि मैं उन्हे चोद दूँगा. फिर मैंने बहुत बार कहा कि प्लीज़ तब भी वो नहीं मानी और फिर उन्होंने कहा कि वहाँ सब खराब है तो मैंने कहा कि वहाँ ज्यादा बाल होंगे इसलिए.. तो उन्होंने कहा कि हाँ और आख़िरकार मैं उनका भांजा हूँ तो वो कितनी भी खुल क्यों ना जाए.. लेकिन मुझे चोदने नहीं देती. उसके बाद मुझे ऐसा अच्छा मौका नहीं मिला क्योंकि सब घर पर रहते थे तो मैं कैसे मानता कमीना तो मैं हूँ ही..

जब वो पीछे नहाने जाती थी तो गेट बंद रहता था फिर मैं फ्रेश होने के बहाने से टॉयलेट जाता था और टॉयलेट में थोड़ा ऊपर एक छोटी सी खिड़की है तो मैं उस खिड़की में थोड़ा लटक कर और दिवार के सहारे उस खिड़की में से उन्हें नहाते देखता था क्योंकि वो जब अपना पेटिकोट बदलती थी तो पुराना वाला पूरा उतारती थी और मुझे उनकी चूत और गांड के दर्शन हो जाते थे और वहां कोई नहीं होने के कारण वो बिना कुछ पहने नहाती थी और मैं उन्हे देखते देखते टॉयलेट में ही मुठ मार लेता था.. लेकिन जब तक नानी, नाना भोपाल में थे मैं उन्हे नहीं चोद पाया. फिर बाद में जब वो चली गई तो उनकी याद मैं मुठ मारता रहा और प्लॅनिंग करने लगा कि बारहवीं के बाद की छुट्टियों में नाना, नानी के घर जाकर कैसे उन्हें चोदूंगा. फिर जब मैं छुट्टियों में नाना, नानी के घर गया तो सब नीचे सोते थे और मैं, मामा, मामी और उनका बेटा ऊपर छत पर और हम फिर से वैसे ही सो गये.. फिर मामी, उनका बेटा, मामा और नानी, नाना नीचे ही सोते थे.

मेरी मामी ब्रा नहीं पहनती थी क्योंकि मेरे गाँव में 80% महिलायें ब्रा नहीं पहनती थी.. क्योंकि उन्हे इतना काम रहता है और ब्रा में उन्हें अजीब सा लगता है. तो मेरे प्लान के हिसाब से मैंने पहले की तरह मामा के सोने का इंतजार किया और मामी के पेट पर हाथ रखकर सो गया और इस बार बिना डरे उनके ब्लाउज में हाथ डाल दिया.. लेकिन शायद इस बार मेरी किस्मत बहुत अच्छी थी क्योंकि उस दिन मामी ने ब्लाउज थोड़ा ढीला पहना था और मैंने मामी के बूब्स दबाना चालू कर दिया मुझे पता था कि मामी को गहरी नींद नहीं लगी है.. लेकिन उन्होंने कोई विरोध नहीं किया और सोने का नाटक कर रही थी और मैं उनके बूब्स ज़ोर से दबाने लगा.. लेकिन मामी ने ऊह्ह तक नहीं किया. मैंने सोचा कि खुद पर मामी का क्या कंट्रोल है? फिर मैंने सोचा कि अगला काम किया जाए और मुझे अब मामी के बूब्स चूसने थे और मुझे पता था कि मामी भी गरम हो चुकी है.. तो मैं उनके ऊपर से हुक खोलने लगा और तीन हुक खोल दिए मुझे थोड़ा टाईम लगा… क्योंकि मैं एक हाथ से खोल रहा था.. मामा के डर से क्योंकि अगर दोनों हाथ काम में लेता तो मुझे थोड़ा उठना पड़ता.

फिर तीन हुक खुलने के बाद मैंने उनके बूब्स चाँद की रोशनी में देखे जो कि बहुत सुंदर दिख रहे थे और आज आखिरकार मुझे उनके नंगे बूब्स दबाने का मौका मिला और मैं बहुत गरम हो चुका था.. मेरा लंड पेंट से बाहर आने को बोल रहा था और फिर मैं ज्यादा जोश में आ गया और ज़ोर ज़ोर से मामी के बूब्स दबाने लगा. तो मामी ने अब अपना कंट्रोल खो दिया और नींद में ही हल्का हल्का मोन करने लगी जो कि सिर्फ मैं सुन सकता था. फिर मैंने जैसे ही मामी के बूब्स के निप्पल को दबाया उन्होंने मोन किया आअहह फिर मुझसे नहीं रहा गया. उनके ब्लाउज के 4 हुक खोलने में लग गया.. लेकिन वो थोड़ा टाईट होने की वजह से नहीं खुल रहे थे. तो मैंने दोनों हाथ काम में लिए मैं इतना गरम हो चुका था कि मुझे अब किसी के जागने की परवाह नहीं थी और बहुत कोशिश के बाद भी हुक नहीं खुला तो मैंने 5 मिनट का ब्रेक लिया और कुछ नहीं किया. फिर वो हुआ जो मैंने कभी सोचा भी नहीं था.. मामी ने अपनी दोनों आंखे बंद रखी थी और आखरी हुक अपने स्वयं के हाथों से खोल दिया. तभी मैंने ऊपर वाले को धन्यवाद कहा और जल्दी से मामी के बूब्स चूसने लगा और मामी हल्का सा मोन करने लगी अहह ऊहह.

दोस्तों मेरी किस्मत तो देखो.. मामी का बेटा छोटा था तो उनके बूब्स में उस टाईम दूध भी आता था.. तो मेरा एक और सपना सच हो गया.. किसे औरत का दूध पीने का और फिर मैंने अपने दूध चूसने की स्पीड बड़ा दी वो और मोन करने लगी आआहह.. लेकिन मैंने उनका पूरा दूध नहीं पिया क्योंकि उनका बेटा अगर उठ जाता तो उसे वो क्या पिलाती? तो मैंने थोड़ी देर के बाद बूब्स को छोड़ दिया. फिर मैं अपनी अगली स्टेप पर गया और पेट पर से मैंने उनकी साड़ी में हाथ डाला.. लेकिन मुझे सही में नहीं पता था कि चूत का होल कहाँ पर होता है? तो मैंने उनकी चूत के ऊपर के बालों से होते हुए थोड़ा हाथ नीचे किया तो मुझे कुछ गीला गीला लगा और मैं समझ गया कि यही है उनकी चूत का छेद. फिर मैंने अपनी एक ऊँगली उनकी चूत में डाल दी और वो मोन करने लगी.. लेकिन इस बार थोड़ा ज़ोर से आवाज आई आआआ ऑश आहह.

फिर मैंने बहुत देर ऊँगली से चुदाई कि और उसके बाद मैंने हाथ बाहर निकाल लिया क्योंकि जिस पोज़िशन में मैंने हाथ डाला था उससे मेरे हाथ में बहुत दर्द हो रहा था.. मुझे एक और सर्प्राइज़ मिला मामी ने हम दोनों को बेडशीट से ढक लिया और अपनी साड़ी और पेटिकोट ऊपर कर दिया. तभी मुझे मेरा ग्रीन सिग्नल मिल चुका था और पहले मैंने दो ऊँगली से चुदाई की और फिर मुझसे नहीं रहा गया और मैं अपना लंड मामी की चूत पर रगड़ने लगा उतने में ही मेरी मामी ने मेरा लंड पकड़कर अपनी चूत में डाल लिया और वापस सोने का नाटक करने लगी. तो मैं अपना लंड धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा.. लेकिन उनकी चूत का होल थोड़ा टाईट था क्योंकि मेरा लंड मेरे मामा से बड़ा था तो मेरा पूरा लंड अंदर नहीं जा रहा था.. तो मैंने थोड़ा एक मिनट का ब्रेक लिया और एक ज़ोर का धक्का दिया और मेरी मामी की उह्ह आह्ह बढ़ती गई. तो मैंने उनका मुहं अपने एक हाथ से बंद किया और ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा.

फिर थोड़ी देर चोदने के बाद मैंने अपना हाथ उनके मुहं पर से हटा लिया और चोदने लगा और मामी मोन करने लगी आह उनहाआँ उन्हंन्न और जैसे जैसे मैं स्पीड बड़ता उनकी मोन और स्पीड से निकलती अहह अहह. यह मेरी पहली चुदाई होने की वजह से में सिर्फ़ 10-15 मिनट ही चोद पाया और इस बीच मेरी मामी दो बार झड़ चुकी थी. फिर मैं भी झड़ने वाला था तो मैंने उनकी चूत में ही पूरा वीर्य निकाल दिया. उस दिन तो मेरा बहुत वीर्य निकला और मैं सोया तो था नहीं और मैं सोने का नाटक करने लगा और देखा कि मामी उठी और उन्होंने आंखे खोली.. मुझे देखा और मेरी आंखे थोड़ी सी खुली थी तो उन्हे लगा कि मैं सो गया हूँ और उन्होंने अपने ब्लाउज के हुक लगाये और अपनी साड़ी ठीक की और सो गई और मैंने भगवान को बहुत धन्यवाद कहा क्योंकि मामा ने इतनी पी रखी थी कि वो नहीं उठे और फिर मैं भी सो गया.

फिर जब सुबह उठा तो मैंने देखा तो छत पर कोई नहीं था और मामी जब बिस्तर उठाने आई तो उन्होंने स्माईल किया और नॉर्मल बात करने लगी कि चल उठ जा और ब्रश करके नाश्ता कर ले और उसके बाद बस 1-2 दिन मैंने उन्हे और चोदा और हम इस बारे में एक दूसरे से कुछ भी बातचीत नहीं करते थे और ऐसा व्यवहार करते थे कि हमे कुछ याद नहीं रहा.. लेकिन उस रात के बाद मामी को पता नहीं क्या हुआ उन्होंने मुझे चोदने नहीं दिया और मैंने उस बारे मैं पूछा भी नहीं कि क्या हुआ? फिर उसके बाद वही सिलसिला चालू हो गया. उनकी कमर को साफ करना और कभी कभार बूब्स भी. जब कोई भी घर पर नहीं होता था तो हम मस्ती मस्ती में एक दूसरे को छूते थे.. वो मेरा लंड पकड़ लेती थी और मुझे बूब्स बस एक दो मिनट के लिए दबाने देती थी. उसके बाद मुझे उन्हे चोदने का कभी मौका नहीं मिला ..

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