हेलो दोस्तों, मेरा नाम अमित है और मैं ३५ साल का शादीशुदा हु. ये बात, जो मैं आज आपको बता रहा हु, वो बहुत पुरानी है जब मैं अपनी नानी के घर रह कर इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहा था. वहां पर सिर्फ मेरे नाना और नानी ही रहते थे और कोई भी नहीं रहता था. बस मेरे मामा – मामी कभी – कभी आते तह छुट्टियों में. एक बार मेरे मामा की किसी काम से एक महीने के लिए बाहर जाना पड़ा और वो मामी को नानी के यहाँ छोड़ कर चले गये. मेरी मामी निहायत ही खुबसूरत है और बहुत ही सेक्सी है. उनकी आँखे एकदम हिरन की आँखों की तरह है. एक बार भी जिसको देख ले, वो तो एकदम से उनके सामने ही गिर जाए. उसकी फिगर के भी क्या कहने… बहुत ही जबरदस्त…उनके बूब्स ३४ के थे और एकदम तने हुए और ब्लाउज में से उनके निप्पल खड़े हुए दिखाई देते थे. उनकी कमर २८ की थी, एकदम गोरी और उनकी गांड पीछे को निकली हुई ३८ के.. बाप रे… जब भी गलती से मैं उनको पेटीकोट और ब्लाउज में देख लेता था, तो  मेरा लंड तो एकदम से खड़े होकर उनको सलामी देने लगता था.

ख़ैर, अब हम कहानी पर आता हु. मामी की चुदाई करने का ना तो मेरा कोई इरादा था और ना ही मेरे अन्दर इतनी हिम्मत. ये आप समझ लो, कि उस रात पता नहीं कैसे हो गया. मैं और मामी एक ही कमरे में सोये थे. सर्दी बहुत थी और पलग के सिरहाने पर हीटर चल रहा था. अचानक से आधी रात को मेरा पैर मामी के पैर से टच हो गया और मामी ने अपना पैर नहीं हटाया और मैं भी थोड़ा उनके पास सरक गया. मैंने गलती से अपने हाथ को उनके ऊपर रख दिया, उनकी कमर पर. क्या मस्त चिकनी कमर थी उनकी और मैंने अनजाने में उनकी कमर पर हाथ फेरना शुरू कर दिया. मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया और वो मामी के हाथ को नीचे छु रहा था. सब कुछ एकदम से हो गया, पता ही नहीं चला. मुझे पर हवस सवार हो चुकी थी और अब मुझे में कुछ भी सोचने और समझने की काबिलियत नहीं बची थी. मेरा लंड शोर्ट में झटके मार रहा था और वो मामी के हाथ को टच कर रहा था.

मामी की आँख भी खुल चुकी थी. मैं अभी भी मामी की कमर को सहला रहा था. क्या मस्त कमर थी. मुझे नही मालूम था आगे कैसे करू? लेकिन जब मैंने मामी के मुह से हलकी – हलकी कामुक आहे सुनी, तो मुझे लगा कि मामी भी गरम हो चुकी है और फिर मैंने अपने लंड को शोर्ट में से बाहर निकाल लिया और उनके हाथ के नजदीक कर दिया. अब उनके हाथ में मेरा लंड था और उन्होने एकदम से मेरे लंड को अपनी मुठी में भीच लिया. क्या मस्त सॉफ्ट हाथ थे मामी के. उनके हाथो की गरमी पाकर मेरे लंड ने और भी जोर से झटके मारने शुरू कर दिए. मैंने अब मामी के और भी नजदीक गया और उसके चेहरे को पकड़ लिया और उनके होठो पर अपने होठो को रख दिया और मस्ती में चूमने लगा. हम दोनों की साँसे बहुत तेज थी और मैंने अभी तक अपनी आखो को बंद किये हुए था. मैंने अपनी आँखे डर के मारे नहीं खोली थी. बस उनको चूम रहा था. उन्होंने साड़ी पहनी हुई थी. मैंने एक हाथ से उनके पल्लू को हटाया और उसके ब्लाउज के बटन को खोलने लगा और एक ही बार में उनके बूब्स को उनके ब्लाउज से आजाद कर दिया. उन्होंने ब्रा नहीं पहनी हुई थी.

मैंने उनके बूब्स को अपने हाथो में भर लिया और उसको बहुत जोर से दबाने लगा. मैंने पहले सेक्स तो नहीं किया था, लेकिन ब्लू फिल्म बहुत देखी थी. मैंने अपने मुह को बढ़ा कर उनके निप्पल को अपने मुह में भर लिया और अपने दातो के बीच में दबा कर काट लिया. उनको दर्द हुआ होगा, उनके मुह से एकदम से चीख निकल गयी सीईईइ ईईईईईस्सस्सस्सस्स क्या कर रहे हो? हम दोनों के बीच में अब मूक कन्वर्सेशन होने लगा था और अब हम दोनों चुदाई की पराकाष्ठा पर थे. मैंने अपना शोर्ट अब उतार दिया और नीचे से पूरा नंगा हो गया और मामी की साड़ी भी खोल दी. फिर मैं नीचे की ओर गया और उनके पेटीकोट को उठाया और अपनी जीभ को उनकी भरी हुई जाघो पर लगा दिया. वो एकदम से सिस्त्कार उठी. उनके मुह से कामुक सिसकिया निकल रही थी अहहाह अहहाह… क्या कर रहे हो… उन्होंने पेंटी नहीं पहनी हुई थी और मैं उनकी चूत के इतने करीब था, कि उनकी पेशाब की स्मेल सूंघ सकता था. उनकी चूत भी अब गीली होने लगी थी और उसकी खुशबु मुझे पागल बनाने लगी थी. मैंने अब उनकी जाघो को पकड़ किया और अपनी जीभ को उनकी चूत में लगा दिया. अब तो वो पागल ही हो गयी और मुझे बालो से पकड़ कर खीचने लगी.

मैंने उनकी चूत को चाटना शुरू किया और वो बिस्तर पर बिन पानी की मछली की तरह तड़प रही थी. मैंने अब अपनी जीभ को उनकी चूत में घुसा दिया और उनकी चूत की दीवारों को मस्ती में चाट रहा था. वो मेरे बालो को खीच रही थी और अपने होठो को काट रही थी. फिर उनके चुतड तेज हिलने शुरू हो गये, मैं समझ गया, कि वो झड़ने वाली है और मैंने भी अपने लंड को अब उनकी चूत पर सेट किया और एक जोरदार धक्के में पुरे लंड को उनकी चूत में पेल दिया. वो पागल हो गयी और मैंने जोरदार धक्को को बरसात कर दी. वो भी अपने चुतड हिलकर मेरे लंड को और अन्दर ले रही थी. उनका शरीर एकदम से अकड़ गया और वो झड गयी.

मैंने भी उनके चेहरे पर शांति देख कर अपने लंड को बाहर निकाल लिया और उनके हाथ को अपने लंड पर रख कर मुठ मारने का इशारा किया. उन्होंने मेरा मुठ मारना शुरू किया और ५ मिनट के बाद, मैंने अपना सारा मुठ उनकी चूत के मुहाने पर गिरा दिया. मैंने उनकी चूत पर अपने लंड को रगडा और पुरे लंड को साफ़ कर दिया. वो उठी और बाथरूम में जाकर अपने को साफ़ करके आई और सो गयी. मैंने भी सो गया. फिर हम उठे और हमने ऐसा रियेक्ट किया, जैसे कुछ हुआ ना हो. उसके बाद, मामी मेरे साथ नही सोयी और मुझे उनको चोदने का मौका नहीं मिला. दोस्तों, मामी को मैंने अनजाने में चोदा था, लेकिन मैंने अपनी बहुत पुरानी ख्वाईश को पूरा कर लिया था.

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