दोस्तों, कैसे है आप लोग. मेरा नाम स्वाति है और मैं २४ साल की है. मेरी शादी एक साल पहले ही हुई थी और यकीं मानिये, किस्मत से मुझे ऐसा चुदकड़ पति मिला है, जिसकी हर क्वारी लड़की शादी से पहले कल्पना करती है. मुझे सेक्स कहानिया पढ़ने और ब्लू फिल्म देखने का शौक मेरे पति ने ही मुझे लगाया है. यहाँ पर मैंने बहुत सी कहानिया पढ़ी है, लेकिन आज मैं आपके साथ अपनी पहली चुदाई की घटना शेयर कर रही हु. ये मेरे पति को मालूम है, इसलिए मैं यहाँ लिखते हुए काफी बेफिक्र हु. हम लोग पंजाबी फॅमिली है और आपको तो मालूम ही है, कि पंजाबन कितनी हॉट और सेक्सी होती है और कमाल की सुंदर भी. मैं भी ३४-३०-३६ के साइज़ वाली, मदमस्त हसून वाली गोरी-चिट्टी और एकदम चिकनी लड़की हु. लडको को तो मुझे देखते ही खड़ा हो जाता था. मैं कपड़े भी ऐसे ही पहनती थी, कि लडको मेरे काफी हद तक जिस्म के दर्शन हो जाते थे.

मेरे साथ कॉलेज में लड़का था विक्की. विक्की ना तो दिखने में अच्छा था और ना ही कोई बॉडी – बिल्डर. लेकिन, जब उसने मुझे चोदा, तो उसकी जबरदस्त पॉवर ने मुझे आश्चर्यचकित कर दिया था. ख़ैर वो बात में आएगा था. विक्की पढ़ने में अच्छा था और सब की मद्दत करने वाला. क्लास की काफी लडकियों का हीरो था वो. डेली वो क्लास में जल्दी आ जाता और सबके असाइनमेंट पुरे करने में मद्दत करता. मुझे नहीं पता चला, कि कब मैं उसको पसंद करने लगी. पर मेरी ईगो मुझे उसके पास नहीं जाने देती थी. मैंने इतनी सुंदर और हॉट, जिस पर कॉलेज के मस्त और जवान लड़के मरते थे और कहाँ वो मरियल सा विक्की. इसी उधेड़बुन में मेरा पूरा कॉलेज बीत गया और ना मैं विक्की को कुछ कह पायी और ना ही किसी और बॉयफ्रेंड बना पायी.

मेरे घर वालो ने मुझे कॉलेज के बाद काम नहीं करने दिया और जल्दी ही मेरी शादी भी तय हो गयी. लड़का ऐसा था, जो देख ले.. तो कहे.. हीरो है एकदम हीरो.. बाहर विदेश में कहीं नौकरी करता था. घर का बिज़नस था, लेकिन अपने आप को प्रोव करने के लिए जॉब करता था. शादी के बाद उसने जॉब छोड़कर अपना बिज़नस ही संभालना था. मम्मी पापा को फॅमिली पसंद आ गयी और मुझे लड़का. हमारी सगाई हो गयी, लेकिन शादी का महूरत १ साल बाद का निकालना पड़ा. उसको छुट्टी नहीं मिल पा रही थी. हम लोग फ़ोन पर बात करते, वेबकैम चाट भी करते. पर सब नार्मल. कुछ ऐसा लगा ही नहीं. फिर कुछ महीनो बाद, कॉलेज में रीयूनियन थी और १ वीक का प्रोग्राम था. कॉलेज के हॉस्टल में ही रुकने का इंतजाम था.

विक्की भी आया था और अब वो एक बड़ी कंपनी में अच्छे पद पर था. कुछ पहले से सुधर भी गया था. लडकिया तो उसे देख कर पागल होने लगी थी. हम सब मिले और आपस में बातें की. पता चला, कि उसकी भी शादी होने वाली और उसके बाद वो विदेश चला जाएगा. उसकी बीवी विदेश में है और उसकी शादी की शर्त है, कि विक्की को वहां शिफ्ट होना पड़ेगा. इस बीच मेरी शादी के बारे में भी सब को पता चल गया. पूरा दिन निकल गया. विक्की मुझे देख कर बस मुस्कुरा देता. मुझे लगा, जैसे वो कुछ परेशान हो. एक दो लोगो ने उससे पूछा, तो उसने उन्हें टाल दिया. फिर, रात को सब आग जलाकर मस्ती कर रहे थे और मेरा फ़ोन आया था, तो मैं थोड़ा दूर जाकर बात करने लगी. जब मैंने फ़ोन रख दिया, तो देखा.. विक्की मेरी तरफ ही आ रहा था.

वो मेरे पास आया और मुझे हेलो बोला और कहा – आज मैं तुमसे कुछ कहना चाहता हु, जो मैं कॉलेज से कहना चाहता था. पर कभी कह नहीं पाया. मैं उसकी आँखों में झांक रही थी. शायद मैं भी उससे कुछ सुनना चाहती थी और फिर उसने वहीँ कहा, जो मुझे सुनना था “आई लव यू”. हम दोनों सब से काफी दूर थे और काफी अधेरा भी था. हम दोनों एक दुसरे के आँखों में देखते हुए और बातें करते हुए काफी दूर निकल आये और फिर एक बेच पर बैठ कर एक दुसरे की आँखों में बातें करने लगे. पता नहीं, कब हम दोनों के होठ आपस में जुड़ चुके थे और वो मेरे बालो को सहला रहा था. मैंने भी उसके चेहरे को पकड़ कर उसके कानो को सहलाना शुरू कर दिया और हम एक दुसरे के होठ चूस रहे थे. बहुत ही रोमेंटिक और कामुक पल था.

फिर विक्की ने मुझे बेंच पर लिटाया और मेरे ऊपर आ गया और मुझे मस्ती में चूमने लगा.. मेरे माथे पर, गाल पर, होठ पर, गर्दन पर. जैसे ही उसने मेरी गर्दन पर अपने होठ रखे, मेरे शरीर पर करंट लग गया. अब तो मैं पूरा का पूरा अपने आप को विक्की को सौंप दिया. फिर, विक्की ने मेरी शर्ट के बटन को खोलना शुरू किया और एक ही बार में शर्ट को उतार दिया. मेरे उरोज मेरी ब्रा से निकलने के लिए तड़प रहे थे और मेरे निप्पल एकदम से कड़क हो गये थे. विक्की और मुझे पर अब हवस हावी हो चुकी थी और हमे किसी का भी डर नहीं था. फिर विक्की ने ज्यादा ना देर करते हुए, अपने आपको भी आधा नंगा कर लिया. उसकी बालो से भरी छाती देख कर मेरी आँखों में चमक आ गयी और मैंने उसे अपने ऊपर गिरा लिया और उसकी छाती को चूमने लगी. वो मेरे होठो को अपने होठो में दबा कर चूम रहा था.

मुझे बहुत मज़ा आने लगा था. फिर उसने एकदम से मेरी जीन्स नीचे खीच दी और उसके साथ – साथ मेरी पेंटी भी नीचे खिसक गयी. मेरी झांटो से भरी चूत उसकी सामने थी. उसने भी अपने को पूरा नंगा कर लिया और जैसे ही उसने अपना लंड अपनी अंडरवियर से बाहर निकाला, मेरी तो हवा ही टाइट हो गयी और मैंने अपनी गांड के छेद से पाद दिया. ८ इंच का बड़ा मोटा लंड मेरी आखो के सामने झूल रहा था. मुझे पता लग गया था, कि ये विक्की की पहली चुदाई नहीं है. विक्की ने अपने एक पेर को मुझे बैठा कर बेच पर रखा और मेरे होठो पर अपने लंड को रगड़ने लगा. एकदम से मुझे स्मेल आई और मैंने उसको हटा दिया. विक्की हसने लगा और बोला – जानेमन, पता होता कि ये सब हो जाएगा. तो मैं नहाकर ही आता. हम दोनों हस पड़े. मैंने उसको बोला – विक्की, बाकी सब बाद में कर लेना.. अभी हम ७ दिन साथ में है. लेकिन, अभी मेरी चूत में आग लगी है.. उसको बुझा दो….!

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