मुझे दिल्ली से पुणे जाना था और मैं स्टेशन में ट्रेन का इन्तेजार कर रहा था | मेरे सामने एक लड़की खड़ी थी और वो बार बार झुक रही थी और मुझे उसके चुचो के दर्शन हो रहे हे | जब वो उठती तो मुझे देखती और मुस्कुरा देती, मुझे पहले कुछ समझ नही आया पर धीरे धीरे समझ में आ गया की उसके मन में क्या हे | मैं भी शुरू हुआ फिर, जब वो खड़ी रहती तो में अपने लंड पे हाथ फेरता और ये देख वो मुस्कुरा देती और मैं भी मुस्कुरा देता | कुछ देर यही चला और फिर वो स्टेशन में जो टोइलेट हे वहा चली गयी, और जाते हुए बर्बर पीछे को देख रही थी | मैं कुछ कुछ समझ एक सुके पीछे पीछे जाने लगा |

वो टोइलेट में जाने के बाद उसने दरवाजा खुल्ला रखा और खुल्ले में से झांक झांक के मुझे दकेह रही थी | मैं रास्ता खली देख के उसी टोइलेट में घुस गया और फिर अंदर जाने के बाद कुंडी लगा दी | अब हम दोनों अकेले थे और ट्रेन को आने में अब भी आधा घंटा बाकी था | मैं उसे कुछ पल देखा और फिर उसे पकड़ के गले लगा लिया और फिर किस करने लग गया | वो मुझे बुरी तरह किस कर रही थी और मेरे होठो को कस कस के चूस रही थी | मैं उसके जिस्म पे हाथ फेर रहा था और फिर धीरे धीरे मैं उसके चुचो को मसलने लग गया, वो एक दम से मुझसे लिपट गयी और मेरे लंड को पेंट के उपर से ही मसलने लग गयी |

मेने जीप खोल के लंड बाहर निकाला और उसके टॉप को उपर कर दिया और उसके चुचो को ब्रा के उपर से ही चूमने लग गया | वो लंड को कस कस के मसल रही थी और मैं उसके चुचो को | मेने उसका ब्रा का हुक खोल दिया और उसे दिवार से सटा के उसके निप्पल को मुह में भर लिया और अपने होठो से पकड़ के खिचने लग गया और चूसने लग गया, वो कस सक के सिसकिय ले रही थी और मेरे पीठ पे हाथ फेर रहित ही | मेने फिर उसकी जींस उतार दी और उसकी पेंटी भी और उसकी चुत में ऊँगली घुसाने लग गया और वो कराहने अलग गयी | मेने अपने लं को पकड़ा और सामने से सुकी चुत पे रगड़ने लग गया | दस मिनट ऐसे ही मजे लिए और फिर उसे घोड़ी बना दिया और पीछे से उसकी गांड और चुत पे लंड रगड़ने लग गया |

कुछ देर रगड़ने के बाद मैं आगे को झुका और उसके मुह पे हाथ दिया और पीछे से लंड पेल दिया, लंड थोड़ी मुश्किल से अंदर गया पर चला गया, उसकी सिख अंदर ही दब के रह गयी | मैं अब्पिचे से शोट दें एल्ग और वो हर शोट पे अह्हह्ह ईई करने लगी | वो अपने दोनों हाथो को दिवार पे रखी उर कस कस के मेरे लंड को अंदर लेने लग गयी | करीब बीस मिनट चुदाई हुई और फिर मेने उसके मुह में लंड डाल के उसके मुह में ही मुठ निकाल दिया | वो लंड को चूस चूस के साफ़ कर दिया, और फिर हम उठ के ठीक हो गए और बाहर निकल आये | ट्रेन आने के बाद पता चला की हम दोनों की बोगी भी एक हे और फिर तो आप अंदाजा लगा ही सकते हो की पहुचने तक क्या क्या हुआ होगा |

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