हेल्लो दोस्तो, यह मेरी पहली कहानी है। आशा करता हूँ आप सबको यह कहानी पसन्द आएगी। मेरा नाम रोबिन है। मै साउथ दिल्ली के एक पोर्श कोलोनी मे रहता हूँ। मेरी हाइट 5″11 है और मै रोज़ जिम जाता हूँ। मेरे लन्ड की लम्बाई 7″ है और चौडाई 2.5″ है।

यह कहानी मेरी और मेरी दोस्त की कज़न की है जिसका नाम स्नेहा है। यह बात आज से एक साल पहले की है। मेरे साथ ओफ़िस मे एक लडकी काम करती थी जिससे मेरी रोज़ बात होती थी और जल्द ही हम अच्छे दोस्त बन गए।

मगर उसका पहले से ही एक बोय्फ़्रेन्ड था तो मेरी उसके साथ दाल नही गली।फ़िर कुछ टाइम बाद उसकी एक कज़न उसके यहाँ रहने आई जिससे उस्ने मुझे भी मिलवाया। और जब मैने उसे पहली बार देखा तो बस देखता ही रह गया। वो मेरी फ़्रेन्ड से हर मामले मे बडिया थी।

34 के बूब्स और 36 की गान्ड जिसे मै बस देखता ही रह गया। इतने मे मेरी फ़्रेन्ड ने मुझसे बोला नम्बर ले लेना जिस दिन मेरे बिना मिलने आओगे उस दिन आराम से घूरते रहना। जिसके बाद मैने बोला की नही मै तो बस यही सोच रहा था कि इतनी सुन्दर तेरी कज़न कैसे हो सकती है।

उस दिन के बाद उस्ने मुझे एक-दो बार फ़िर अपनी कज़न से मिलवाया जिसके बाद हमने भी एक-दूसरे का नम्बर ले लिया और फ़िर मेरी उससे फोन और मैसेज पे बाते शुरू हो गई। ऐसे ही कुछ दिन बीत गए फ़िर एक दिन मैने और उसने मिलने का प्लान बनाया और हम सफ़दजन्ग टोम्ब मे मिले। फ़िर कुछ देर इधर उधर की बात करने के बाद मैने उसे आई रेयली लाइक यू एन्ड आई लव यू बोल दिया।

उसका अजीब फ़ेस रिएक्शन देख के एक बार को तो मुझे लगा की कही उसे बुरा तो नही लगा लेकिन फ़िर जब उस्ने भी स्माइल करते हुए आइ लव यू टु बोला तो मेरी खुशी का ठिकाना ना रहा फ़िर जल्दी से हम दोनो एक दुसरे के गले लग गए और फ़िर जैसे ही उसके 34 के बूब्स मेरी छाती पे गडने लगे तो मुझसे सब्र नही हुआ और मैने अपने हौन्ट उसके हौन्टो पे रख दिए और वो भी शायद इसी के इन्तज़ार मे थी।

फ़िर मैने धीरे से अपना एक हाथ उसके बूब्स पे रख दिया पहले तो उसने मेरा हाथ हटा दिया लेकिन जब मैने दोबारा अपना हाथ रखा तो इस बार उसने कुछ नही बोला। तो फ़िर मैने अपने दोनो हाथ उसके बूब्स पे रख दिये और आराम-आराम से दबाने लगा। मन तो कर रहा था कि बस अभी पकड के चोद दू लेकिन वहा पे इससे ज़्यादा कुछ नही हो सकता था।

फ़िर कुछ दिन ऐसे ही चलता रहा कभी सफ़दरजग टोम्ब तो कभी अनसल प्लाज़ा मौल के पीछे वाले पार्क मे और फ़िर वो दिन भी आ ही गया जब मैने उसकी जमके चुदाई की। एक दिन हमने मेरे दोस्त के फ़्लैट पे मिलने का प्रोग्राम बनाया।

उस दिन मैने उसे मैटरो स्टेशन से पिक किया और अपने दोस्त के फ़्लैट पे ले गया। रास्ते मे मैने उसके लिये वोडका और खाने का सामान भी ले लिया था।

फ़िर जैसे ही हम उसके फ़्लैट पे पहुचे तो वो अपने फ़्लैट से निकल गया क्युकि मैने उसे पहले ही बोल दिया था कि तू मूवी देखने निकल जाइयो। फ़िर उसके जाते ही मैने वोडका के दो लार्ज पैग बनाए और दो-दो पैग मारने के बाद मै उसके बगल मे जाके बैठ गया और अपने हौन्ट उसके हौन्टो पे रख दिये और वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी।

दस मिनट की चूसा-चासी के बाद मैने उसकी शर्ट उतार दी और ब्रा को उपर करके उसका एक बूब्स अपने मुह मे ले लिया जिससे उसके मुह से कुछ आवाज़े निकलने लगी। उसके बाद मैने एक-एक करके उसके दोनो बूब्स चूसे। फ़िर मैने उसकी ज़ीन्स भी उतार दी और उसकी चूत को पैन्टि के उपर से ही चूसने लगा जिससे उसकी सिसकारिया बडने लगी।

फ़िर मैने उसकी पैन्टि भी उतार दी और खुद भी पूरा नन्गा हो गया मैने फ़िर से उसकी चूत पे अपना मूह रख दिया और वो मेरा मूह अपनी चूत पे दबाने लगी और ज़ोर-ज़ोर से सिसकारने लगी। 5-6 मिनट की चुसाई मे उसने अपना रस छोड दिया जिसे मैने उसकी चूत और गान्ड पे फ़ैला दिया।

उसके बाद मैने अपना लन्ड उसके हाथ मे दे दिया और आगे पीछे करने को बोला और वो बडे मज़े से मेरे लन्ड को आगे पीछे करने लगी। फ़िर जब मैने उसे मूह मे लेने के लिए बोला तो पहले तो वो मना करने लगी फ़िर मेरे ज़ोर देने पे वो राज़ी हो गयी उसने सुपाडे तक ही मूह मे लिया और आगे पीछे करने लगी लेकिन ये उसका फ़र्स्ट टाइम था इसलिए वो सही से नही कर पा रही थी फ़िर मैने अपना लन्ड उसके मूह से निकाल के उसकी चूत पे रख दिया और घिसने लगा जिससे वो तडपने लगी और बोलने लगी कि अब नही रहा जाता प्लीज़ जल्दी से अन्दर डाल दो।

फ़िर मैने एक झटका मारा तो मेरा लन्ड फ़िसल गया उसकी चूत कुछ ज़्यादा ही टाइट थी फ़िर मैने पहले जाके तेल उठाया जिसे मैने अपने लन्ड और उसकी चूत पे अच्छे से लगाया। फ़िर मैने दोबारा अपना लन्ड उसकी चूत पे रखा और एक ज़ोर से झटका मारा और मेरा सुपाडा उसकी चूत मे घुस गया और उसके मूह से चीख निकली जिसे मैने अपना मूह रख के दबा दी।

फ़िर 3-4 मिनट रुक के जब वो कुछ शान्त हुई तो मैने सान्स खीच के फ़िर से एक झटका मारा और मेरा पूरा लन्ड उसकी चूत मे चला गया और उसकी तो जैसे हालत ही खराब हो गई उसकी आन्खो से आन्सू बहने लगे फ़िर कुछ मिनट तक मै वैसे ही उसे चूसता रहा और उसके बूब्स दबाता रहा।

फ़िर जब उसका दर्द कम हो गया तो मै आराम-आराम से अपना लन्ड अन्दर बाहर करने लगा और फ़िर जब उसे भी मज़े आने लगे तो वो भी नीचे से कमर हिलाने लगी जिसके बाद मैने भी अपनी स्पीड बडा दी और कुछ ही देर मे जब मेरा निकलने को हुआ तो मैने अपना सारा माल उसकी चूत मे ही छोड दिया और उसका माल भी मेरे साथ ही निकल गया।

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