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चाचा की लड़की

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जब में दिल्ली में पढ़ता था और दोस्तों से ढेर सारे किस्से सुनता था। कुछ दोस्तों की गर्ल-फ्रेंड थी और वो उनके मुम्मे दबाते थे या उनकी किस लिया करते थे। मुझे भी यह सब सुन कर बहुत ज़रुरत महसूस होती थी कि मैं भी किसी लड़की के साथ वो सब करूं। मैं मुठ तो मारता ही था तो शरीर की ज़रूरत तो पूरी हो जाती थी पर हमेशा एक जिज्ञासा बनी रही कि किसी लड़की के साथ वो सब करके कैसा लगेगा। मेरे एक चाचा हैं जिनकी लड़की कीर्ति मेरी हम उम्र है और लड़का तन्मय मुझ से ४ साल छोटा है। वो लोग जींद में रहते थे और अक्सर छुट्टियों में हम उनके घर जाते थे या फिर वो सब लोग हमारे…

हम पांच दोस्त हैं, सभी शादीशुदा। मैं विजय और मेरी पत्नी मानसी, गपिल और अंशु, विकास और आरुशी, सजल और मनु, अजय और नीतू। हम सभी के परिवार आपस में दोस्ताना हैं और अक्सर साथ साथ बैठ कर दारू पीते हैं, हमारी बीवियाँ भी दारू पीती हैं। हम लोग साल में एक बार होली पर मिल कर होली खेलते हैं और रंग लगाने के बहाने से एक दूसरे की बीवियों के अंगों को मसलते हैं। इसमें एक नियम है कि कोई भी उस दिन अपनी बीवी को बचाने नहीं आएगा। सब लोग मस्त होकर होली खेलते हैं और हमारी बीवियाँ भी इस खेल के खूब मज़े लेती हैं। होली के बहाने सब लोग एक दूसरे से सेक्स के सीमित मजे ले लेते हैं। इस…

हेल्लो मस्तराम डॉट नेट के प्यारे पाठको, यह मेरी पहली कहानी है। मेरा नाम सुशिल है। मेरी उमर २५ साल है। मैंने अपनी पढ़ाई पूरी कर ली है। मेरी लम्बाई पूरी 6.3 फ़ुट की है। और मेरा तगड़ा लण्ड ८ इन्च लम्बा है। यह कहानी बताने में मुझे बहुत मजा आ रहा है लेकिन इसे जब मैंने अन्जाम दिया तब तो मुझे बहुत मजा आया। मेरी चचेरी बहन रीमा अभी २० साल की है जिसको मैंने चोदा था। लम्बाई उसकी ज्यादा नहीं है कोई ५.४ की होगी। लेकिन उसकी चूचियाँ बड़ी-बड़ी है। वो स्मार्ट भी है है। उसकी गाण्ड पीछे से उभरी हुई भी है। एक दिन जब हम लोग सभी शादी में गये थे उस दिन वो घर में थी। हम लोग सब…

हेलो दोस्तो एक और कहानी आपके लिए वैसे तो आप जानते हैं कि कोई कितना भी दावा करे कि उसकी कहानी सच्ची है पर आप भी जानते हैं कि जो सुनाया जाय वो सब सच नही होता मैं नोयडा का रहने वाला हूँ, मेरी उमर २६ साल है, मेरा लिंग आम लिंग की तरह है। मुझे शुरु से ही सेक्स के बारे में काफ़ी रुचि रही है, मुझे लड़कियों की मोटी-2 चूचियों को चूसने का काफ़ी मन करता था। लेकिन मैं बहुत सन्कोची स्वभाव का था इसलिये किसी से इस बारे में बात नहीं करता था। मेरी एक चचेरी बहन थी जिसका नाम मैं यहाँ बदल कर आश्मा लिख रहा हूँ। आश्मा और मेरी काफ़ी पटती थी। हम एक दूसरे से सभी बातें कर…