मेरी हाइट पूरी 6 फीट है मेरा शारीरिक सौष्ठव भी मस्त है और मेरे हथियारका नाप भी मस्त है, यह अलग बात है कि और लोगों की तरह स्केल से मैंने कभी नापा नहीं है. लेकिन जितना भी है उसने अभी तक हर तरह की लड़कियों को खुश किया है उन्हें बहुत मज़ा कराया है.मैं पिछले डेढ़ साल से इस साईट
की कहानियाँ पढ़ रहा हूँ, मुझे इसकी कहानियाँ बहुत मस्त लगती हैं.बात उस समय की है जब मैं इंजीनियरिंग कर रहा था और तीसरे वर्ष में था. तो मुझे अपनी जूनियर लड़की से इकतरफा प्यार हो गया था. उसका नाम माया है.. अच्छा है ना…! मैं उसे बस देखता ही रहता था, पर कभी हिम्मत नहीं हुई. देखती तो वो भी थी, पर मैंने उसको बोलने की एक दिन हिम्मत कर दी, फिर क्या था उसने तो देखना भी बंद कर दिया.
एक दिन की बात है, हम सभी दोस्त गाड़ी से घूम रहे थे, तो मैंने देखा कि कुछ लड़के माया को, जो कि अपनी 4 सहेलियों के साथ घूम रही थी, छेड़ रहे थे. तो फिर क्या था हम दस लोग थे, हम सबने उन लड़कों की बैंड बजा दी. मेरी लव-स्टोरी मेरे सारे दोस्त जानते थे, फिर क्या था माया अब मुझे बात करने के बहाने ढूँढने लगी.
मैंने भी उससे खुल कर बात करना शुरू कर दिया. हम दोनों कॉलेज में एक-दूसरे को देख कर मुस्कुराते रहते, शाम को घूमते रहते थे, बस ऐसे ही दिन कट रहे थे. एक दिन मेरे सारे रूम-मेट्स कॉलेज गए पर मैं नहीं गया. मैंने माया को एक दिन पहले ही बता दिया था कि कल मैं कॉलेज नहीं जाऊँगा. सुबह के दस बजे मेरे रूम की घन्टी बजी. मैंने दरवाजा खोला तो देखा माया..!
एक बात आप सभी को बता दूँ कि माया मेरे घर के पास ही रहती थी, वो भी अपनी कुछ सहेलियों के साथ रूम किराए पर लेकर रह रही थी. मेरा रूम वो जानती ही थी. मैंने दरवाज़ा खोला देखा कि माया आई है.
मैंने पूछा- तुम कॉलेज नहीं गईं?
उसने कहा- नहीं..!
फिर क्या था मैं और माया मेरे रूम में आ कर मेरे बेड पर बैठ गए.
मैंने उसका हाथ पकड़ कर बोला- मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ.
तो उसने भी वही कहा, मैंने कहा- मैं तुमको चुम्बन कर लूँ..!
तो उसने साफ़ मना कर दिया, मैंने हिम्मत नहीं हारी. मैं जानता था कि शाम 5 बजे तक कोई नहीं आने वाला. फिर धीरे-धीरे मैं उससे बात करते-करते कभी उसके गले में हाथ फेरता, कभी गाल पर… धीरे-धीरे वो गर्म होने लगी, उसकी साँसें पहले से ज्यादा गरम लग रही थीं. मैंने हिम्मत करके उसको गालों को चूम लिया. उसने कुछ नहीं कहा, फिर मैंने उसके होंठों को अपनी उंगली से सहलाने लगा और मैं उसके होंठों पर अपने होंठों को लगा कर चूसने लगा.
पहले तो उसने मना किया, फिर थोड़ी देर में साथ देने लगी, हम 10-15 मिनट तक चूमते रहे.
जैसे मैंने उसके मम्मों पर हाथ रखा, वो एकदम से मचलने लगी, फिर उसने मना कर दिया.
मैंने फिर भी हिम्मत नहीं हारी.
वो मेरे रूम में पहली बार आई थी तो उसने मेरे कंप्यूटर के पास कुछ सीडी देखीं तो कहा- यह क्या है?
मैंने बोला- यह फिल्म की सीडी है.
तो उसने कहा- चलो देखते हैं!
तो मैंने कहा- यह ब्लू-फिल्म की सीडी है!
उसने बोला- कोई बात नहीं… चलो ना देखते हैं!
फिर क्या था.. जैसे ही मैंने फिल्म लगाई, तो उसमें लंड चूसने का सीन आ रहा था तो उसने बोला- बहुत गंदा है!
मैंने कहा- इंडियन लड़कियों के नीचे काली ही होती है.
उसने कहा- यह ज़रूरी नहीं है.. मेरी तो नहीं है..!
मैंने कहा- दिखाओ.. मैं नहीं मानता.
उसने अपनी जीन्स उतारी, फिर अपनी चड्डी नीचे की. मैंने देखा, उसकी चूत एकदम गोरी, चिकनी थी और थोड़ी गीली भी थी. मैं समझ गया कि उसको भी मज़ा आ रहा है.
मैंने बोला- हाँ… सच में एकदम मस्त है!
फिर जैसे ही मैंने उसकी चूत को छुआ, वो सिसकारियाँ लेने लगी. फिर मैं अचानक उसको चूसने लगा.
वो ‘प्लीज़ मत करो..!’ बोल रही थी, पर अपनी कमर हिला रही थी. उसको मज़ा आ रहा था.
मैं 69 की स्थिति में उसकी चूत चाट रहा था. अचानक मुझे ऐसे लगा जैसे मेरा लण्ड उसके मुँह के पास था. मैंने अपने लण्ड को उसके मुँह में महसूस किया वो मेरा लवड़ा चूस रही थी. यह मेरा पहला अनुभव था बहुत मज़ा आ रहा था. फिर दस मिनट के बाद मैं अपने लंड को उसकी चूत के ऊपर रगड़ने लगा और साथ-साथ उसकी टी-शर्ट और ब्रा एक साथ निकाल दिए.
अय हय..क्या दुद्धू थे उसके..! एकदम गोल आकार में.. जैसा ब्लू-फिल्म में होते हैं..! मैंने उसके मम्मों को खूब चूसा… लाल कर दिया चूस-चूस कर..! वो सिर्फ़ मुँह से आवाज़ निकाल रही थी ‘प्लीज़ मत करो…कभी प्लीज़ करते रहो…! मुझे भी अच्छा लग रहा था, फिर उसके पैरों को अपने कंधे पर रखा और धीरे से अपने लंड को उसकी चूत के अन्दर डाल दिया.
वो चिल्लाई- प्लीज़ मत करो… दर्द हो रहा है!
मैं बोला- पहली बार थोड़ा सह लो, फिर मज़ा आएगा!
जैसे ही उसका दर्द कम हुआ, मैं पूरे दम से उसकी चुदाई करने लगा. मेरा भी पहला अनुभव था, तो जल्दी ही मेरा माल आने लगा, मैं तुरंत अपने लंड को बाहर निकाल कर बाथरूम में चला गया. फिर मेरा लंड तो खड़ा ही था, मैंने उसको डॉगी स्टाइल में आने को बोला. उसके बाद उसकी चुदाई की, मैं दस मिनट बाद फिर से झड़ गया.
अब 3 बज गए थे, अभी भी 2 घंटे बाकी थे. तो मैंने कॉफी बनाई, हम नंगे ही थे. उसके बाद हम फिर बेड पर आ गए.
मैंने कहा- मेरे ऊपर आओ… ऐसे ही थोड़ी देर आराम करते हैं.
मैं अलग आसन में और चुदाई करना चाहता था. वो भोली सी आकर मेरे ऊपर लेट गई. मैंने धीरे से अपने लंड को उसके चूत के मुँह के पास लगा दिया. उसके वजन से लंड आराम से उसकी चूत में समा गया. अब वो खुद कूद-कूद कर मज़े ले रही थी, मैं नाटक कर रहा था- प्लीज़ बस… बस..! मज़ा तो मुझे ज्यादा आ रहा था, उसके बाद अचानक उसने कहा- मुझे अन्दर कुछ आता हुआ महसूस हो रहा है.
मैंने अब अपनी स्पीड बढ़ा दी.
उसके बाद मुझे भी लगा कि मेरा भी माल आने वाला है. जैसे ही माया का माल छूटा मैंने उसके तुरंत बाद अपना लंड निकाल कर हाथ से अपने लंड को दबा कर बाथरूम चला गया.
अब साढ़े चार बज रहे थे.
उसने कहा- अब मैं जा रही हूँ. कल भी कॉलेज नहीं जायेंगे, कल तुम मेरे रूम में कॉफ़ी पीने आना.
और मुस्कुराकर चली गई.