मेरा नाम रोहित है. मेरी उम्र २५ साल है. मेरी फॅमिली में मेरे पेरेंट्स के अलावा मेरी एक बड़ी दीदी है, कंचन.
दीदी २८ साल एक कामुक लड़की है. दीदी का फिगर ३८-३०-३८ का होगा. फुटबॉल के साइज की बड़ी बड़ी चूचियां, पतली कमर में कयामत लगती है. सबसे मस्त उभरी हुई बड़ी सी गांड. दीदी किसी मॉडल के तरह तन कर चलती है, जिससे उनकी चूचियां और बड़ी लगती है और गांड को बाहर की तरफ निकली रहती है. मैं दीदी की जवान गदरायी हुई जिस्म का दीवाना हूँ.
कंचन दीदी मेरी अच्छी दोस्त है और हम एक सेक्सी स्टोरी दूसरे से सब बातें शेयर करते है. दीदी ने मुझे अपने बॉयफ्रेंड अतुल के बारे में बताया और उसकी बहन सपना के साथ मेरी सेटिंग करवाई. हम चारो काफी एन्जॉय करते है.
एक बार हमारे पेरेंट्स रिलेटिव के पास चले गए. दीदी ने अतुल और सपना को अपने घर बुला लिया.
मैं: दीदी आज आप बहुत खुस लग रही हो?
कंचन: हाँ भाई, बहुत दिनों बात हम मजे करेंगे
मैं: हाँ दीदी वो तो है, आज पार्टी करेंगे जमकर
कंचन: हम्म .. तू कंडोम तो ले आया न
मैं: हाँ दीदी, २० पैकेट्स कंडोम ले आया हूँ. आज जमकर चुदाई होगी घर में
कंचन: हाँ भाई, बहुत दिन से सूखा पड़ा था..
मैं: हाँ दीदी, अतुल तो आपको छोड़ेगा नहीं.. बहुत चोदेगा आपको
कंचन: तू जैसे सपना को छोड़ देगा
मैं: हाँ दीदी मैं तो सपना को रगड़ रगड़ कर चोदूंगा
कंचन: हाय भाई ..क्यू गीली कर रहा है चूत मेरी.
दीदी अपना गांड हिलाते हुए नहाने चली गई. उफ्फ्फ्फ़ कब इस गांड को मारने का मौका मिलेगा. मैं दीदी को नहाता हुआ देख रहा था. दीदी बिलकुल नंगी होकर नहा रही थी, इतनी बड़ी चूचियां नहीं देखि मैंने आज तक. दीदी से अपनी बूर के शेविंग की, अब उनकी बूर में एक भी बाल नहीं थे. इतनी चिकनी और सुन्दर बूर है की खा जाने का मन करता है. फिर दीदी नाहा कर रेडी हो गयी. दीदी ने ग्रीन कलर के बहुत छोटी से ड्रेस पहनी हुई थी.
दीदी: भाई मैं कैसी लग रही हूँ
मैं: उफ्फ्फ दीदी गजब की सेक्सी लग रही हो. आपकी सेक्सी स्टोरी यह बड़ी बड़ी चूचियां तो ड्रेस में आ नहीं रही है. आधे से ज्यादा क्लीवेज मुझे दिख रहा है. वैसे दीदी क्या साइज है इन आमो का.
दीदी: भाई ३८ की हो गयी है..
मैं: उफ्फ्फफ्फ्फ़ दीदी क्या चूचियां है आपकी, और आपकी इतनी बड़ी गांड कयामत लग रही है. काश सपना का फिगर भी आपके जैसे होता
दीदी: अरे वो भी तो सेक्सी है..
मैं: हाँ दीदी वो भी सेक्सी है पर आपका बदन रस से भरा हुआ है. जो चोदेगा उसकी किस्मत ही खुल जाये. देखो मेरे पैंट में टेंट बन गया है.
दीदी: हाय भाई .. अपनी बहन को देख कर लन्ड खड़ा हो गया तेरा. वैसे काफी बड़ा हथियार लगता है तेरा..
मैं: हाँ दीदी मेरा लन्ड ९ इंच का है और ३ इंच चौड़ा है.. किसीके बूर की भी धज्जिया देता है ये.
दीदी: उफ्फफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ ….. अह्ह्ह्ह भाई मेरी बूर पूरी गीली हो चुकी है.. अतुल का सिर्फ ६” का है. सपना की तो किस्मत खुल गयी.
उसी टाइम अतुल और सपना आ गए. सपना भी आज जबरदस्त सेक्सी लग रही थी. उसका फिगर ३६-२८-३८ है. बड़ी बड़ी चूचियां और बड़ी सी चुत्तड़.
हमसब ड्रिंक करने लगे, और मजे करने लगे. अतुल कंचन दीदी को किश कर रहा था और उसकी चूचियों को मसल रहा था, दीदी भी आँहे निकाल रही थी. हमपर नशा छाने लगा और हम सब आउट हो गए. अतुल ने एक गेम खेलने के लिए बोला
अतुल: हमसब एक गेम खेलते है, जिसका भी नाम इस पर्चे में आएगा उसे जो करने बोला जायेगा वो करेगा
सब ने हामी भर थी, किसीको कुछ होश नहीं था. पहली बारी मेरी आयी
सपना: तुझे आज एक सच कंफेस्स करना है, जो हम नहीं जानते
मैं:आज तक ये मैंने कभी किसी को नहीं बताई. मैं कंचन दीदी के नाम की डेली मूठ मारता हूँ
दीदी: उफ्फ्फफ्फ्फ़ भाई .. तू ये सोचता है मेरे बारे में
मैं: दीदी मैं क्या करू मैं आपकी जवानी का दीवाना हूँ. आपकी ये पहाड़ जैसी चूचियां मेरा लन्ड खड़ा कर देती है. इतनी बड़े बड़े बॉल आज तक नहीं देखे मैंने दीदी और आपकी ये भारी चुत्तड़ मेरा नींद हराम कर रखी है
दीदी: अह्ह्ह्हह्हह भाई…. और क्या सोचता है मेरे बारे में
मैं: मैंने सपनो में कई बार आपको चोदा है, मैं इन रसीले आमो को चूसना और मसलना चाहता हूँ. और अपने लन्ड से आपकी बूर और गांड को फाड़ना चाहता हूँ.
दीदी: अह्ह्ह्ह भाई..
फिर सपना की बारी आई. अतुल शायद इसी का वेट कर रहा था.
अतुल: सपना, मेरी बहन आज तुझे अपनी इन चूचियों के दर्शन करवाने होंगे
सपना: भैया मुझे शर्म आ रही है..
मैं: दिखा दे सपना, आज अपना बदन अपने भाई को दिखा दे
फिर सपना ने अपनी ब्रा उतर दी, उसके दोनों बड़े बड़े चूचे आजाद हो गए. अतुल से संभाला नहीं गया.. वो सपना की चूचियों को पकड़ कर दबाने लगा
मैं: साले तू सपना की चूचियों को दबा रहा है
अतुल: भाई तेरा चांस आएगा तो तू कंचन का दबा लेना
फिर नेक्स्ट टर्न कंचन दीदी का आया..
अतुल: कंचन मेरी रानी, अब तेरी चूचियों के साथ रोहित खेलेगा
मैंने तुरंत कंचन दीदी को पकड़ा और एक स्मूच दे दिया.. दीदी ने भी विरोध नहीं किया, शायद मेरी बातों से गरम हो गयी.. मैंने दीदी की गांड को खूब दबाया. फिर मैंने दीदी की चूचियों को नंगा कर दिया.. क्या बड़ी बड़ी चूचियां थी साली की.. खूब मसला मैंने उसे
दीदी: अह्ह्ह्ह भाई… मजा आ रहा है.. जोर से दबा ..
मैंने १० मिनट तक दीदी की चूचियों को खूब दबाया. दीदी ने अपने कपडे ठीक किये और फिर हम खेल आगे बढ़ाने लगे. फिर मेरा टर्न आया.
दीदी: रोहित ने मेरी चूचियां को नंगा करके उसके साथ खेला है, मैं भी अपने भाई के लन्ड के साथ खेलूंगी
अतुल: दिखा भाई अपनी दीदी को अपना हथियार
मैं: दीदी तुम्ही निकाल
दीदी ने मेरी पैंट की ज़िप खोली और मेरा लन्ड बाहर निकाल लिया..लन्ड का विकराल रूप देख कर दीदी की आँखों में चमक आ गयी..
दीदी: उफ्फ्फफ्फ्फ़ क्या हथियार है भाई, मैंने कई भाई तेरा लन्ड देखा है बाथरूम और हमेशा अपने चूत में इसकी कल्पना की है
मैं: सच दीदी.. मेरा लन्ड चूस लो प्लीज
मैंने अपना लन्ड दीदी के मुंह में डाल दिया. दीदी भी किसी पेशेवर रंडी की तरह मेरा लन्ड चूसने लगी. उधर अतुल ने अपना लन्ड सपना के मुंह में डाल दिया
मैं: अह्ह्ह्हह .. दीदी आज मेरा ड्रीम पूरा हो गया …चूस अपने भाई का लन्ड..
दीदी: कितना प्यार लन्ड है भाई…आज तो मैं इसे अपनी चूत में डाल कर ही रहूंगी
मैं: सच दीदी.. तेरा भाई कब से आपको चोदने के लिए तड़प रहा है…
दीदी ने १० मिनट में चूसकर मेरा लन्ड झाड़ दिया.
दीदी: चल भाई आज तुझे सही में बहनचोद बना देती हूँ
मैं: आह्ह्ह्हह्ह दीदी.. मजा आ जायेगा
दीदी: अतुल मैं जा रही हूँ अपनी भाई को चोदने.. आज तू भी अपनी बहन को चोदले
अतुल: ठीक है जान.. एन्जॉय
दीदी ने मुझे अपने कमरे में ले गयी और मुझे गले लगा लिया. मैंने भी दीदी को हग किया और अपना हाथ दीदी की गांड पर ले गया. बहुत सॉफ्ट गांड थी. मैंने दीदी को एक किश किया, दीदी ने भी पूरा साथ दिया. ये किसी भाई बहन का नहीं हवस में डुबे एक लवर्स का किश था. मुझे दीदी का क्लीवेज पूरा दिख रहा था, आधी से ज्यादा दीदी की चूचियां नंगी थी. हर साँस के साथ चूचियां ऊपर निचे हो रही थी, मेरा कण्ट्रोल करना मुश्किल हो रहा था. मैंने ऊपर से दीदी की चूचियों को मसलना सुरु कर दिया…
मैं: उफ्फ्फ कंचन जानेमन क्या चूचियां है साली तेरी.. खा जाऊँगा इसे..
दीदी: अह्हह्ह्ह्ह.. भाई दबा इसे .. जोर से मसल डाल इसे
मैंने दीदी की ड्रेस की ज़िप खोल दी, अब दीदी की चूचियां पूरी नंगी मेरे सामने थी..
मैं: दीदी ये चूचियां तो मेरी उम्मीद से भी बहुत बड़ी है.. हमेशा आपकी तनी हुई छाती मेरा लन्ड खड़ा करती रही है…
दीदी: अह्ह्ह्हह भाई तो सोच क्यू रहा है.. आ चूस इन्हे.. दबा जोरसे
मैं एक चुची को चूसने लगा और दूसरी को दबा रहा था. चूचियां इतनी बड़ी थी की एक हाथ में आ नहीं रही थी..
दीदी: आअह्ह्ह्हह भाई… मेरा बुरा हाल है …मेरे चूत में आग लगा दी है तूने..
मैंने दीदी की ड्रेस निकल दी और पैंटी भी उतर दी, अब दीदी पूरी नंगी मेरे सामने खड़ी थी.
मैं: उफ्फ्फफ्फ्फ़ दीदी… कयामत का बदन है आपका..कितनी चिकनी बूर है और इतनी बड़ी गांड.. उफ्फफ्फ्फ़
दीदी: भाई मुझे शर्म आ रही है..
दीदी ने मेरा लन्ड निकल कर हिलने लगी.. २ मिनट में ही मेरा लन्ड फिर पूरी तरह अकड़ गया.
दीदी: भाई अब सहा नहीं जा रहा है.. घुसा दे ये लन्ड मेरी बूर में और बन जा बहनचोद..
मैं: दीदी तैयार हो जाओ अपनी भाई का लन्ड लेने के लिए..
मैंने अपना लन्ड दीदी की बूर में सेट किया और एक जोर का झटका मारा. लन्ड का सूपड़ा ३ इंच तक दीदी की बूर में घुस गया..
दीदी: आह्ह्हह्ह्ह्ह.. उईईईईई माँ मर गयी भाई..फाड़ दिया तुमने आखिर मेरा बूर..
मैंने एक और धक्का मारा, लन्ड बूर में आधा धंस गया.. दीदी की चीख निकल आयी..
दीदी: उईईईईई .. अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह .. भाई आराम से चोद … तेरा लन्ड बहुत मोटा और बड़ा है
मैं: बस दीदी थोड़ा दर्द और फिर जमकर चुदाई होगी आपकी..
मैंने अपना लन्ड पूरा बाहर निकाला और एक जोर का झटका मारा. मेरा पूरा लन्ड इस बार दीदी की बूर में समां गया.
दीदी: आइईईईई.. अह्ह्hह्हह.. फाड़ दिया पूरा..
मैं ५ मिनट ऐसे ही रहा और उसके बाद दीदी को किश करते हुए चोदने लगा.. अब दीदी का दर्द ख़तम हुआ और वो भी मजा लेने लग.
दीदी: अह्ह्ह्हह्ह्ह्हह.. ओह्ह्ह्हह्हह …..
मैं: बहुत तरसाया है दीदी अपनी गदरायी जवानी दिखा कर..
दीदी: आअह्ह्ह्हह्हह …. भाई निकाल ले अपनी हवस .. चोद अपनी बहन को…
मैं: ये ले साली.. खाले अपने भाई का लन्ड..
दीदी: फ़क मी रोहित.. फास्टर भाई… फ़क मी डीप
मैंने चोदने की रफ्तार और तेज कर दी. मेरा लन्ड घाचा घच दीदी सेक्सी स्टोरी की बूर में अंदर बाहर हो रहा था…हर शॉट के साथ दीदी की चूचियां हिल रही थी..
मैं: क्या चूचियां है दीदी ..
दीदी: दबा दबा कर चोद मुझे..
मैं: आई लव यू दीदी..
मैं ताबड़ तोड़ दीदी को चोद रहा था और उनकी बड़ी बड़ी चूचियों को मसल रहा था. ३० मिनट चोदने के बाद मैंने दीदी को डोग्गी स्टाइल में ले लिया और पीछे से उसकी बूर में लन्ड पेलने लगा.. उनकी चूचियां आगे की तरफ झूल रही थी.. जिसे मैं दबा दबाकर चोद रहा था. दीदी की चुत्तड़ बहुत बड़ी थी, जो मेरे लन्ड के साथ टकरा रही थी.
मैं: क्या मस्त गांड है दीदी आपकी .. आपका भाई आपकी गांड भी मारना चाहेगा..
दीदी: उईईईईई …मार लेना भाई.. पहले बूर इस बूर की प्यास बुझा.. और चोद मुझे.. फ़क मी बेबी..
मैं: दीदी मेरा झड़ने वाला है..अह्हह्ह्ह्ह
दीदी: थोड़ा और चोद बहनचोद… घुसा अपना लन्ड जोर जोर से मेरी बूर में.. भोग अपनी दीदी का जवान बदन.. चोद डाल..
मैं: ये ले मेरी कंचन रंडी.. देख साली मेरा लन्ड पूरा खा है तेरे बूर ने..
मैं बहुत तेजी से दीदी को चोदने लगा, लन्ड फचा फच दीदी की बूर में अंदर बाहर हो रहा. करीब १ घंटा मैंने दीदी को कसकर ठोका और उनकी बूर में ही झड़ गया..
दीदी: उफ्फ्फ्फ़ भाई.. क्या चुदाई की है तूने..आज पूरा संतुस्ट कर दिया तूने मुझे..
मैं: अह्ह्ह्हह.. दीदी कबसे आपको चोदना चाहता था मैं मजा आ गया.. अब मैं आपको हमेशा चोदूंगा ..
दीदी: जरूर मेरे भाई….