कामवाली ने बुझाई लंड की प्यास

हल्लो दोस्तों मेरा नाम नवीन हैं, मेरी उम्र 37 साल की हैं और मैं छपरा, बिहार का रहने वाला हूँ. मैं बिजली खाते में इंजिनियर हूँ और मेरी बीवी उमा मेरे साथ ही यहाँ काम करती हैं. मैं और मेरी पत्नी उमा दोनों ही बड़े चुदक्कड है, हम दोनों हफ्ते में कम से कम 7-8 बार चुदाई जरुर कर लेते हैं और जब उमा पीरियड्स में होती हैं तो मैं उसके मुहं और गांड में लंड दे के अपने चुदाई के अरमान पुरे कर लेता हूँ.  आप यह कहानी मस्तराम  डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
हम नई नई कामवालियां भी ले आते हैं और उमा उनको मेरे लंड लेने के लिए तैयार करती हैं क्यूंकि मुझे बूढी औरतो के साथ सेक्स करने की फेंटसी हैं और उमा को थ्रीसम सेक्स की. इस तरह से हम दोनों की चुदाई की फेंटसी भी पूरी हो जाती हैं. आज मैं आपको हम दोनों ने हमारी 35 साल की कामवाली पूजा के साथ किये हुए देसी सेक्स की बात बताऊंगा…..!
मेरी पत्नी उमा कामवाली बदलती रहती थी जिससे हम दोनों को अलग अलग चूत का स्वाद मिलता रहे, कभी कभी कोई कामवाली भड़क के काम छोड़ देती थी और अक्सर हम एकाद महीने में कामवाली बदल देते थे ताकि नई चूत और नवीनतम चुदाई चलती रहे. लेकिन पूजा के को हमने एक साल तक निकाला नहीं था और अगर उसके पति का देहांत ना होता तो शायद वो और फिर अरसे तक हमारे चुदाई कार्यक्रम में हिस्सा लेती रहती. पूजा के साथ पहला चोदने का मौका उसके काम चालू करने के तीसरे दिन ही मिल गया. मेरी पत्नी उमा ने उसे कहाँ की मेरी तबियत ख़राब हैं तो वो मुझे घुटनों पर मालिश कर दे. पूजा सरसों का तेल गर्म करके ले आई और जैसे मैं हर कामवाली के समय करता था वैसे अपनी पतली बरमुडा पहन के बैठा था. पूजा आई और मुझे कुर्सी के उपर बैठा देख के वो वहीँ निचे बैठ गई. उसने मेरे घुटनों पर हल्का हल्का गर्म तेल मला और वह मस्त मालिश करने लगी. मैंने धीमे से अपना पाँव आगे खिसकाना चालू कर दिया था. मेरे पाँव पर पहले पूजा की साडी लग रही थी. मैंने बिना डरे पाँव को थोडा और आगे किया आर उसकी चूत तक ले गया. वह मेरे तरफ देखने लगी. मैं पूजा को आँख मार दी. वह निचे देख के मुस्कुराने लगी. मैं समझ गया की यह कामवाली को भी पता हैं की मालिक किस काम से जयादा खुश होते हैं. मेरा पाँव उसके भोसड़े के बिलकुल उपर रखा था और मैं हलके हलके उसे हिला रहा था. पूजा जैसे कुछ ना हुआ हो वैसे अपने मालिश का काम करते जा रही थी.
मेरी पत्नी खिड़की से देख रही थी. मैंने पूजा देखे न वैसे इशारा किया के काम हो गया हैं. पत्नी दुसरे मिनिट ही अंदर आ गई. पत्नी को देखते ही पूजा चोंक गई, मेरा पाँव अभी भी उसके चूत पर था. मैंने उसे कहाँ घबराओ मत, उमा को पता हैं. और अगर तुम हमारे साथ जुड़ोंगी सेक्स करने में तो हम तुम्हे डबल पगार देंगे. आधा काम के लिए और आधा चुदाई के लिए. पूजा कुछ बोली नहीं, उमा उसके पास आ गई और उसने उसके कंधे पर हाथ रख के उसे उठाया. उमा पूजा के होंठो से होंठ लगा के चूसने लगी. उमा के हाथ पूजा के बड़े स्तन पर फिरने लगे और दोनों की ही साँसों की आवाज बढ़ गई. मैंने अपना बरमुडा उतारा और बनियान भी खिंच ली. उमा ने मुझे कपडे उतारते देखा और उसने पूजा की साडी का पल्लू हटाया और उसके ब्लाउज़ के बटन आगे से खोल दिए. पूजा भी उमा के ब्लाउज को खोलने लगी. मेरे सामने अब चार बड़े बड़े स्तन झूल रहे थे. पूजा और उमा फिर एक बार चिपक गई होंठ लगा के और मैं लंड को टोच से पकड़ के हल्का हल्का मुठ मारने लगा. वैसे मेरी पत्नी थ्रीसम इसलिए भी पसंद करती थी के मेरा सेक्स पावर बहुत हाई था और मुझे झड़ने में बहुत वक्त लग जाता था. आप यह कहानी मस्तराम  डॉट नेट पर पढ़ रहे है | कामवाली ने बुझाई लंड की प्यास
थोड़ी देर में ही उमा मेरे पास आई और उसने मेरे लंड को मुहं में ले के मस्त चूस दिया. उसके इशारे से पूजा भी वहां निचे बैठी और मैं कुर्सी पर बैठा बैठा अपना लंड इन दोनों के मुहं में आता जाता देखने लगा. पूजा एकदम कस के लंड को चूस रही थी जिस से मुझे एक अलग ही उत्तेजना मिल रही थी.उमा कुछ देर लंड चूसने के बाद पूजा को पूरा नंगा करने में व्यस्त हो गई, मेरा मन आज केवल पूजा की चुदाई में ही था. वैसे उमा तो मुझ से लगभग रोज चुदवाती थी. पूजा अभी भी लंड को वही गति और प्यार से चूस रही थी. मैंने अपना लंड अब उसकी चूत से बहार निकाला और और उसे उठा के पलंग पर सुलाया. उमा भी नंगी हो गई थी. वोह भी पलंग के उपर लेट गई और वोह अब पूजा की चूत को सहलाने लगी थी. मैंने उमा को इशारा किया और उसने पूजा के साथ 69 पोजीशन बना ली. दोनों एक दुसरे की चूत को चाट रही थी और इधर में खड़ा खड़ा अपने लंड के उपर चिपका दोनों का थूंक देख रहा था. उमा पूजा की चूत के अंदर पूरा जीभ घुसा रही थी और पूजा अपने मुहं से आह आह ओह ऐसी आवाजे निकाल रही थी.
मुझे अब चुदाई की जल्दी लगी थी. मैने उमा के कंधे पे हाथ रख के उसे हटने के लिए कहा. पूजा अपनी चूत मेरे सामने खोले लेटी हुई थी. मैंने निचे से कटोरी उठाई और सरसों का तेल अपने लंड पे लगाया. थोडा तेल मैंने इस देसी चूत के उपर भी डाल दिया. मेरा लंड तो कब से चुदाई के लिए तैयार था. पूजा की चूत पर तेल लगाकर मैं उसके दोनों पांव के बिच में बैठ गया और अपने लंड का सुपाड़ा उसके चूत से लगा दिया, पूजा अपने बड़े चुन्चो को सहलाने लगी और मेरी बीवी उमा तभी अपनी चूत को घिसते हुए पूजा के मुहं पर जा बैठी. मैंने एक झटका दिया और लंड को पूरा चूत में पेल दिया. मैं पूजा की चुदाई करने लगा और उमा उस से अपनी चूत चटवाने लगी. मैं जोर जोर से धक्के दे रहा था और पूजा की आवाज निकलके उमा की चूत के अंदर दब जा रही थी. मुझे सरसों के तेल के लंड और चूत पर लगे होने से चुदाई की अलग ही मजा आ रही थी क्यूंकि लंड बिना रुके अंदर बहार हो रहा था, मस्त चिकनाहट के साथ. कुछ पांच मिनिट तक मैंने पूजा की चूत को लिया होगा और तभी उमा अपना फैला हुआ भोसडा लिए खड़ी हुई. मैं जान गया की अब इसे भी लौड़ा चूत के अंदर चाहियें. मैंने पूजा की चूत से लंड निकाला और लंड और चूत दोनों लाल लाल हो चुके थे. आप यह कहानी मस्तराम  डॉट नेट पर पढ़ रहे है | कामवाली ने बुझाई लंड की प्यास
पूजा भी पांच मिनिट तक हुई उसकी एकधारी चुदाई से थक चुकी थी और लंड निकलते ही वो खड़ी हो गई. उमा पलंग में लेटी और मैंने अपना लंड उसकी चूत में पेल दिया. यह लंड और चूत तो रोज के मित्र थे और मुझे उमा की चुदाई में इतनी दिलचस्पी नहीं रहती थी. मैंने कुछ 2 मिनिट चुदाई की होगी और फिर मैंने पूजा को नजदीक बुलाया और लंड निकाल उसके मुहं में दे दिया. पूजा लंड चूसने लगी और इधर मैंने उमा को उल्टा लिटा दिया. उमा की गांड का छेद मेरे सामने था. मैंने कटोरी से तेल लिया और गांड के उपर 4-5 बुँदे डाल दी. पूजा के मुहं से लंड निकाल के मैंने सीधा उमा की गांड में दे दिया. रूम में उमा की जोर वाली चीखें निकलने लगी और मैं बिना रुके उसकी गांड ठोकता रहा. पूजा मुझे होंठो से होंठ लगा के किस दे रही थी और मैं राजधानी एक्स्प्रेक्स की तरह उमा की गांड ले रहा था. उमा की गांड से फचफच हो रही थी और मेरा लंड उसको वही झडप से ठोक रहा था. तभी मेरा लंड जैसे की बरसात आई हो वैसे अपना सारा वीर्य एक झटके में ही उमा की गांड में निकाल बैठा और उसकी गांड से कुछ बुँदे बहार भी टपक रही थी. मुझे आज की चुदाई में कुछ अलग ही मजा आया था. पूजा की चुदाई फिरर तो लगभग हर हफ्ते दो तिन बार होती थी और जब उमा घर नहीं होती थी तो हम दोनों अकेले ही सेक्स करते थे……! 

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