सभी पाठकों को मेरा नमस्कार, मेरा नाम गुड्डू प्रजापति है, मैं उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले के छोटे से गांव का रहने वाला हूं. आज मैं अपने जीवन का एक बेहतरीन हिस्सा आप लोगों के साथ साझा करना चाहता हूं, यह मेरी पहली कहानी है अगर कोई गलती हो जाए तो भाई समझ कर माफ कर देना. पहचान को गुप्त रखने के लिए कुछ नाम और स्थान में परिवर्तन किया गया है मगर यह कहानी शत प्रतिशत सच्ची घटना है, जो कि मेरे साथ घटित हुई है. गाँव की सेक्सी लड़की खेत में चुदवाने आ गई.
चलो अब कहानी में आगे बढ़ते हैं, सबसे पहले आप लोगों को अपने बारे में बता देता हूं. आप लोगों को मेरा नाम तो पता ही हैं, अपने परिवार के बारे में बता देता हूं, हमारा परिवार एक मध्यम वर्गीय परिवार है हमारे परिवार में कुल 5 सदस्य हैं, मम्मी पापा दो बहने जो मुझसे बड़ी और सबसे छोटा मैं. मैं बहुत ही सामान लड़का हूं ,दिखने में भी कुछ ज्यादा स्मार्ट नहीं पर ठीक ठाक हूं पर मेरा रंग गोरा और थोड़ा सेहतमंद हूं और मेरी हाइट 5 फुट 6 इंच है.
तो आप लोग मुझे जाने गए होंगे कि मैं कैसा हूं चलो अब सीधा कहानी पर आते हैं. यह कहानी दो हजार अट्ठारह की यानी कि आज से 2 साल पहले की है, जब मैं 19 साल का था. उस समय मैंने बीएससी फर्स्ट ईयर में एडमिशन कराया था और मैंने जवानी की तहलीज पर पहला कदम रखा था. तो मेरे अंदर काफी बदलाव हो रहे थे मेरा आकर्षण लड़कियों तरफ कुछ ज्यादा ही हो रहा था मैंने बहुत सारे लड़कियों को पटाने की कोशिश भी की पर कोई हाथ नहीं आई.
सिर्फ बात दोस्ती तक ही रह जाती थी कोई दोस्ती से आगे बढ़ नहीं रही थी मगर मैं अब गर्लफ्रेंड बनाना चाहता था. क्योंकि मेरी उम्र के सभी लड़कों के पास अपनी अपनी गर्लफ्रेंड थी और मैं अभी तक BF देख देख मुट्ठ मार रहा था. मैं भी चुदाई का अनुभव लेना चाहता था मैं लगभग हर रोज ब्लू फिल्में देखकर मुठ मारा करता था, मगर मुझे मजा नहीं आ रहा था. क्योंकि मेरे सभी दोस्त अपने चुदाई की बातें मुझसे किया करते हैं.
इसी तरह मेरे दिन बीत रहे थे कोई लड़की भाव नहीं दे रही थी और मैं मुट्ठ मार मार के लौड़े के घिस रहा था. फिर एक दिन मेरे पापा ने मुझसे बुआ के यहां जाने को कहा तो मैंने कहा ठीक है मैं चला जाऊंगा. तो दूसरे दिन सुबह नहा धोकर तैयार हो गया बुआ के यहां जाने के लिए मेरी बुआ का गांव मेरे यहां से २० किलोमीटर दूर होगा. तो मैं आराम से 1 घंटे में पहुंच गया! तो मैं अपनी बुआ के गांव इंदेमऊ(बदला हुआ) जो कि उन्नाव जिले में है, मैं सुबह ही पहुंच गया.
मैंने अपनी बुआ को प्रणाम किया बुआ ने कहा आ गए गुड्डू बेटा, फिर बुआ ने मुझे चाय नाश्ता पूछा. चाय नाश्ता करने के बाद मैं घूमने के लिए बुआ के घर से बाहर चला गया बुआ के खेतों में धान लगवाए जा रहे थे तो घूमते हुए वही चला गया. तो खेत में गांव के ही कुछ आदमी औरत और कुछ लड़कियां धान लगा रही थी. जब मैं खेत पहुंचा तब नाश्ते का टाइम हो चुका था.
तो मेरी बुआ का लड़का विकास (बदला हुआ) ने मुझे नाश्ता देने को कहा-तो मैं एक एक करके सभी को नाश्ता देने लगा, हमारे यहां नाश्ते में बिस्किट या नमकीन हीं चलती हैं . तो सबको एक एक बिस्किट के पैकेट दे रहा था, तभी अचानक उनमें से एक लड़की मुझे दिखी. वह लगभग मेरी उम्र की रही होगी उसका रंग कुछ ज्यादा साफ नहीं पर दिखने में काफी सेक्सी थी.
उसकी हाइट लगभग 5 फुट 4 इंच चेहरा गोल उसके मम्मो का उभार कुछ ज्यादा नहीं था अमरूद जितना रहा होगा, उसकी गांड काफी बड़ी थी लगभग 34 इंच कमर 28 की रही होगी यह सब उसके साथ सेक्स करने के बाद पता चला. गर्मियों का मौसम था और काम करने की वजह से उसके शरीर से पसीना छूट रहा था. पसीने की वजह से उसके कपड़े शरीर से चिपक गए थे जिससे उसके शरीर का आकार काफी अच्छी तरह से दिख रहा था.
उसको देख कर मन कर रहा था कि अभी गिरा के चोद दूं, मगर में मन को मार कर ही रह गया. वह मेरे पास आई मैं उसे नाश्ता देने लगा, मैं जमीन पर बैठा हुआ था वह झुक कर नाश्ता लेने लगी. जैसे ही वह नाश्ता लेने के लिए झुकी उसके स्तन मुझे दिखाई दिए. उसकी दोनों चूचियों की बीच की नली से पसीना रहकर समीज के अंदर से होते हुए पेट पर जा रहा था. उसके पसीने से भरे चूचियों को देखकर दबाकर पीने का मन कर रहा था.
वह उस समय मुझे किसी काम देवी की तरह लग रही थी, मन कर रहा था कि उसके बूब्स को अभी दबा दबा कर जूस निकाल दूं. उसने नाश्ता लेकर मुझे इस्माइल दे और मुझसे कहा कि और एक पैकेट नहीं दोगे तो, मैंने भी शरारती अंदाज में कहा कि उसके बदले मुझे क्या मिलेगा तो उसने कहा जो तुम चाहो और प्यारी सी स्माइल दी. और वापस चली गई…….
उसके बाद शाम को मैं खेतों से बुआ के घर वापस आया, तो मैंने बुआ के लड़के से उसके बारे में जानकारी निकलवाई और नंबर निकलवाया. इत्तेफाक से वह उसी गांव की थी, बस दिक्कत यह थी कि वह नीची जात की थी. उसका नाम किरन था उसके घर में चार ही लोग थे पापा मम्मी भाई छोटा था और किरन. नंबर मिलने के बाद हमारी बात शुरू हो गई हम दोनों घंटो तक बात किया करते थे. शुरु शुरु में तो हाल-चाल गांव घर की बातें होती रहें, फिर धीरे धीरे दो-तीन दिन में हमारी सेक्स की बातें शुरू हो गई.
हम दोनों पूरी रात सेक्स की बातें फोन पर किया करते थे, और बातें करते करते मैं किरन के नाम का मुट्ठ मार दिया करता था और वह अपनी चुत में उंगली चलाया करती थीं. इसी तरह दिन बीतते गए मैं रोज रात को किरन के नाम का मुट्ठ मार के सो जाया करता था. अब मेरा बुआ के यहां से जाने का वक्त हो चुका था क्योंकि मुझे आए हुए काफी दिन हो चुके थे. तो मैंने सोचा जाते-जाते एक बार किरन की चुत की चुदाई कर लेता हूं.
तो मैंने एक दिन किरन को फोन किया और उसको मिलने के लिए बुलाया, तो वह मिलने के लिए मान गई. पर गांव में मिलने के लिए कोई जगह नहीं थी घर पर तो बिल्कुल नहीं थी, तो मैंने सोचा उसको कहां बुलाया जाए. तो मैंने विकास (बुआ का बेटा)से सलाह ली, तो उसने मुझे बताया की तुम रात हो उसको गांव के बाहर वाले खेत में बुलाओ. तो मैंने वैसा ही किया उसको रात को 9:00 बजे गांव के बाहर खेत में बुलाया.
बात पूरी पक्की हो चुकी थी अब बस रात का इंतजार था. मेरा तो यह हाल था की एक-एक पल काटना बड़ा मुश्किल हो रहा था, क्योंकि यह मेरा पहला सेक्स अनुभव था इसलिए मन में हलचल मची हुई थी. शाम होते होते मैंने दो बार किरन के नाम की मुट्ठ मार दी, शाम हुई हम सब ने मिलकर खाना खाया और मैं और विकास लेटने के लिए चले गए. गर्मियों का मौसम था इसलिए हम बाहर ही लेते थे और बुआ और बाकी सब अंदर लेटे थे. “गाँव की सेक्सी लड़की”
अब मुझसे इंतजार नहीं हो रहा था, इसलिए मैं 20 मिनट पहले ही खेत में पहुंच गया.. काफी देर खेत में इंतजार करने के बाद मुझे किसी के आने की आहट सुनाई दी. तो मैंने देखा कि किरन लोटा लेकर खेत की तरफ आ रही थी. उसे देख कर मानो कि मेरा रोम रोम खिल उठा मुझे अत्यधिक खुशी हुई कि आज मैं किरन को चोदूंगा. किरन आई मुझे देखा और सीधा खेत के अंदर चली गई खेत में अरहर की फसल थी इसलिए अंदर घुसने में कोई दिक्कत नहीं हुई.
अंदर घुसते ही उसने लौटा एक किनारे रख दिया और मैं उससे लिपट गया काफी तेरे लिपटने के बाद हम एक दूसरे से अलग हो गए. और एक-एक कोना लेकर बैठ गए हम दोनों आपस में बिल्कुल भी बात नहीं कर रहे थे इतनी खामोशी थी मानो कि कोई हो ही ना. काफी देर चुपचाप बैठने के बाद फिर मैंने ही खामोशी थोड़ी मैंने कहा… किरन आई लव यू.. तो किरन ने जवाब दिया… आई लव यू गुड्डू.
इतना ही कहते हीं हम दोनों आपस में चिपक गए और एक दूसरे को बेतहाशा चूमने लगे. उसके स्पर्श मात्र से ही मेरे पैंट के अंदर तंबू बन गया मेरा लौड़ा फट कर बाहर आने को उतावला हो रहा था, फिर हमारे होंठ आपस में मिल गए मैं उसके होठों को नोच कर पीने लगा, किरन भी मेरा पूरा साथ दे रही थी. उसके होंठ एकदम मुलायम जैसे कोई मलाई. मैं उसके होठों को चूसता जा रहा था मुझे उसके होंठों को चूसने में बहुत आनंद आ रहा था वह भी मेरे होठों को निचोड़े जा रही थी.
मैंने फिर उसके मुंह के अंदर अपनी जीभ डाल दी और उसकी जीभ को चूसने लगा हम दोनों के मुंह का रस एक दूसरे के मुंह में जा रहा था. ऐसा लग रहा था कि हम दोनों एक दूसरे को खा जाएंगे मैं तो सेक्स का भूखा ही था पर वह भी कम नहीं थी. वह भी मेरे होठों को संतरे की तरह चुसती जा रही थी, हम दोनों एक दूसरे के होंठों का रसपान कर रहे थे. हम दोनों को बहुत मजा आ रहा था, हम दोनों इसी तरह एक दूसरे को 5 मिनट तक चुमते रहे. “गाँव की सेक्सी लड़की”
फिर मैं उसके होठों को चूमते हुए कान को काट लिया जिससे वह और भी उत्तेजित हो गई और सिहर उठी. कानों को चूमते हुए गले को चूमने लगा, और उसके बूब्स को कपड़े के ऊपर से दाबने लगा. मैं उसके दोनों मम्मो अपने हाथों से जोरो से दबाने लगा, जिससे उसके मुंह से सिसकियां निकल रही थी “आह आह”. उसने कुर्ता सलवार पहन रखा था मैंने धीरे से कुर्ते को ऊपर कर दिया, तो उसने नीचे कुछ नहीं पहना हुआ था, कुर्ता हटाते ही उसके दोनों चूचियों मेरे सामने आ गई.
अंधेरा होने के कारण मुझको चूचियां ज्यादा साफ तो नहीं दिख रही थी. उसके गोल गोल चूचियों को देख कर मुंह में पानी आ गया, मैंने तुरंत उसकी दाईं चूची को मुंह में भर लिया और उसे पीने लगा और बाई चूची को हाथ से दबाने लगा. किरन और भी गरम होती जा रही थी, वह अपने एक हाथ से मेरा सर अपनी चूची पर दबा रही थी. और दूसरे हाथ से अपनी चुत को सहला रही थी और मंद मंद सिसकियां निकाल रही थी “आह आह आह आह उफ़ उफ़ उफ़.”
फिर मैं दाई वाली चूची को छोड़कर बाई वाली का रस पीने लगा, दाई वाली चूची के निप्पल को अपने दो उंगलियों ऐंठने लगा. जिससे किरन की चीख निकल गई, चीख निकलने से मैं डर गया कहीं कोई चीख सुनकर आ ना जाए… अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था मैंने धीरे से सलवार की नाडा खोलने का प्रयास करने लगा अंधेरा होने की वजह से मुझे नाडा मिल नहीं रहा था. थोड़ी देर प्रयास करने के बाद नाडा मिल गया मैंने नाड़ा खोल कर सलवार को पैरों घुटने तक नीचे सरका दी.
अब वह मेरे सामने सिर्फ एक पिंक कलर की पेंटी में थी, मैं पैंटी के ऊपर से ही उसकी चुत को सहलाने लगा. उसकी चुत गीली हो चुकी थी जिसकी वजह से पैटी भी गीली हो चुकी थी. फिर उसने मेरे भी कपड़े उतार दिए गर्मियों के दिन होने की वजह से मैंने सिर्फ एक शॉट और एक टी-शर्ट पहनी हुई थी. जो आसानी से उतार दी अब हम दोनों सिर्फ चड्डी में थे, फिर मैंने उसकी पैंटी भी उतार दी और अपनी चड्डी भी अब हम दोनों बिल्कुल नंगे थे. “गाँव की सेक्सी लड़की”
उसको नंगी देखकर मेरी आंखें फटी की फटी रह गई वह बिना कपड़ों के बहुत ही सेक्सी और कामुक लग रही थी. मैंने पहली बार किसी लड़की को नंगा देखा था, फिर हम एक दूसरे के नंगे शरीर से चिपक गए. मैंने किरन के नग्न शरीर को एकदम से भंभोड़ना शुरू कर दिया. उनके मम्मों के चूचकों को मैंने दोनों हाथों से मसलते हुए एक निप्पल को अपने मुँह में ले लिया. दूसरे निप्पल को हाथ की चुटकी से मींजने लगा.
किरण की गर्म आहें और कराहें निकलने लगी थीं. मैं दो तीन मिनट तक किरन के दोनों स्तनों को बारी बारी से चूसता और मसलता रहा. मैं उसके पूरे शरीर को चुमता जा रहा था, मैंने अपना लन्ड किरण के हाथों में पकड़ा दिया. वह मेरे लौड़े को आगे पीछे करने लगी… किरन के मुलायम हाथों के स्पर्श से मेरा लंड फूलकर दोगुना हो गया. वैसे मेरे लंड का आकार 6.1 इंच लंबा और 2 इंच मोटा है, जो किसी भी लड़की को संतुष्ट करने के लिए काफी है..
मैंने किरण को मेरा लंड मुंह में लेने को कहा पर उसने मना कर दिया उसने कहा उसे घिन आती है. मैंने उससे कहा एक बार मुंह में ले कर देखो तुम्हें बहुत मजा आएगा पर वह नहीं मानी, और मैंने भी ज्यादा जोर जबरदस्ती नहीं की. मगर मुझे चूत चाटने का बहुत ही शौक है इसलिए मैं नीचे होकर किरन के पैरों के पास आ गया और उसकी चूत को पास से देखने लगा. किरन की चूत पर काफी बाल थे.
मैंने किरण के दोनों पैर फैला दिए, और उसकी चूत को सूंघने लगा, उसकी चूत से मस्त मादक खुशबू आ रही थी जो मुझे और भी उत्तेजित कर रही थी. मैंने किरन की चूत के दोनों होठों को फैलाया और जीभ से चाटने लगा. उसकी झांटों में फंसा हुआ उसकी चूत का रस मैंने जीभ से चाट कर साफ कर दिया उत्तेजना के कारण उसकी चूत का पानी अमृत के समान लग रहा था थोड़ा सा खारा था पर स्वादिष्ट था. “गाँव की सेक्सी लड़की”
मैंने उसकी चूत के फोटो को और फैलाकर जीभ चूत के अंदर डाल दी और उसके अंदर के दाने को जीभ से सहलाने लगा. जिससे किरन तड़प उठी और अपने हाथों से मेरे सर को चूत के अंदर दबाने लगी. और मैं तेजी से उसकी चूत को चूसता रहा, मेरे इस प्रकार उसकी चूत चाटने से वह बहुत ही गर्म हो गई, “अब किरन के मुँह से कामुक आवाजें आने लगी थीं- आह आह गुड्डू और चाट … आह आह चूसो और चूसो गुड्डू आज से मैं तेरी हूँ … मैं बहुत खुश हूँ गुड्डू … आई लव यू गुड्डू.
किरन की चूत की खुशबू ने मुझे बेकाबू कर दिया था. मैं किरन की गुलाबी चूत को अंदर तक चाटते चूसता पीता हुआ जा रहा था. किरन मानो तो सातवें आसमान पर थी, अचानक किरण का पूरा शरीर ऐंठने लगा. तभी उसकी चुत से गर्म पानी छलक आया. चुत का गर्म नमकीन पानी मेरी जीभ को तरंगित करता चला गया. मैंने किसी कुत्ते के जैसे किरन की चुत का रस चाट लिया. उनकी पूरी चुत मेरे मुँह में थी. मैंने चूत के पानी की एक एक बूंद चाट कर उसकी चूत को साफ कर दिया.
दोस्तों आपको ये गाँव की सेक्सी लड़की खेत में चुदवाने आ गई कहानी मस्त लगी तो इसे अपने दोस्तों के साथ फेसबुक और Whatsapp पर शेयर करे………..