मेरे पति जब विदेश जा रहे थे, तब उन्होंने अपने चाचा जी को मेरे पास छोड़ गए। उसी चाचा जी से मैंने Desi Sex kahani की घटना में जमकर चूत और गांड की चुदाई करवाई..
हेलो दोस्तो,
मैं शिवानी इंदौर में रहती हूँ और मेरी उम्र 38 साल है। मेरे पति एक कम्पनी में सेल्स मैनेजर है। मेरा एक 12 साल का बेटा है।
मेरा बेटा नैनीताल में हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करता है, इंदौर में मैं और मेरे पति ही रहते है।
आज मैं अपने जीवन कहानी लिखा रही हूँ, आशा है कि आप लोगों को पसंद आएगी।
मेरे पति को कम्पनी के काम से, लैटिन अमेरिका जाना था एक महीने के लिए।
वो मुझे अकेला नहीं छोड़ना चाहते थे और उनके चाचा को मेरे पास रहने को बुला लिया।
वो वेनेजुएला के लिए चले गए, अब घर में मैं और चाचा ससुर ही रह गए। उनकी आयु 58 की है, उनकी बीवी 5 साल पहले गुजर गई।
चाचा जी गाँव में रहकर खेती संभालते है। मेरे सास ससुर मेरे देवर के साथ दुबई में रहते है, इसीलिए वो नहीं आ सकते थे।
चाचा ससुर का एक बेटा है वो दिल्ली में रहता है, पर उसकी बीवी मेरे चाचा ससुर से बात भी नहीं करती थी।
वो अकेले थे! इसीलिए मेरे पास रहने आ गए।
उनका कद 6′ 2″ है, दिखने बहुत ही अच्छे लगते है। मेरे पति जब मेरे पास होते है, मुझे जमकर चोदते है! पर अब वो नहीं थे।
मैं हमेशा घर में नाईटी ही पहनती हूँ, पर चाचा जी के सामने कैसे पहनूँ?
एक दिन की बात है! मैं चाचा जी के कमरे में गई, तब वो अपने लण्ड की मालिश कर रहे थे।
उनको पता नहीं था, कि मैं देख रही हूँ! वो बस आँखें बंद करके मालिश कर रहे थे, और कुछ बड़बड़ा रहे थे।
मोटे लण्ड से चुदने की इच्छा
मैं वहाँ से भाग आई! पर यह क्या? मेरी चूत तो बहने लगी थी!
इतना मोटा काला और लम्बा लौड़ा मैने पहली बार देखा! मुझे पसीने आने लगे थे।
अब मुझे सिर्फ़ उनका लण्ड दिखाई देता था। ऐसा रिश्ता था, इसीलिए कुछ सोच भी नहीं सकती थी।
इस बात को 3 दिन हो गए, अब मैं थोड़ी नॉर्मल हो गई थी। एक रात! मैं सो रही थी।
तब मुझे कुछ महसूस हुआ, किसी का हाथ मेरी चूचियाँ दबा रहे थे। मैं समझ गई! कि चाचा जी ही है।
मैं सोने का नाटक करने लगी, वो मेरे पैरों में चूम रहे थे। मेरी नाईटी उन्होंने उपर उठा दी और मेरी चूत को सहलाने लगे।
अब मेरे से कंट्रोल नहीं हो पा रहा था। मैंने अपनी दोनों टाँगें खोल दी और अब वो मेरे उपर आ गए।
उन्होंने मेरे कानो में कहा- बहू जाग जाओ! मैने कुछ जवाब नहीं दिया।
तब वो बोले- शिवानी मुझे पता है, तुम जाग रही हो और मज़े ले रही हो!
तब मैने बिना आँखें खोले ही जवाब दिया- चाचजी आप!
चाचा जी- बोलो! बहू।
मैं- आप यहाँ क्या कर रहे हैं?
चाचा जी- बस तुझे प्यार कर रहा हूँ!
मैं- यह कैसा प्यार है?
चाचा जी- तुम 3 दिन पहले, मुझे देखकर क्यों भागी थी?
मैं- क्या?
चाचा जी- अब बस भी करो! आँखें खोलो।
वो खड़े हो गए और लाइट जला दी। वो सिर्फ़ लूँगी में ही थे, मैं नाईटी में थी।
उन्होंने अपनी लूँगी निकाल दी, और अपना तन्नाया हुआ लण्ड हाथ में हिला रहे थे।
वो मेरे पास आकर लण्ड मेरे मुँह के सामने किया।
चाचा जी- शिवानी, इसको तुम्हारे मुँह का स्वाद चखाओ! तुम इतनी खूबसूरत हो! इसको मेरे से संभालना मुश्किल हो जाता है।
मोटा लण्ड मुँह में नहीं आया
चाचा जी गाँव के थे, तो उनका शरीर एकदम फिट था। मैने उनका लण्ड मूह में ले लिया।
मेरे मुँह में लण्ड नहीं आ रहा था, पर मैं लण्ड को छोड़ना नहीं चाहती थी।
अब मैंने लण्ड को जीभ से चाटना शुरू कर दिया। उनकी बड़ी बड़ी आड़ों को भी चाट लेती थी, और चूम भी लेती थी।
अब मैने लण्ड में अपने दाँत गड़ा दिए तो चाचा जी चिल्ला पड़े- बहू, क्या कर रही हो? तुम तो मस्त चुसती हो!
आजतक गाँव में बहुत सारी चूतें चोदी है, पर तेरे जैसा किसी ने नहीं किया, मज़ा आ रहा है! मेरा सब कुछ तेरा ही है। ले चाट इसको!
मैं- क्या? चाचा जी, क्या कहा आपने?
चाचा जी- गाँव की औरतों में मेरा लण्ड बहुत चर्चा में है, सामने से आकर चुदकर चली जाती है।
आज तक! मैंने किसी को चुदने को नहीं कहा, वही आकर अपना घाघरा उँचा करके ठुकाई करवाती है।
कभी शहरवाली को नहीं चोदा आज तक, पर तुम तो शहरवाली हो ना!
मैं- हाँ! चाचा जी।
मैं उनका लण्ड चूस रही थी, इतने जोर से चूसने लगी, कि उनका पानी निकल गया! वो पानी मैं पी गई।
आज तक, मैने कभी वीर्य पिया नहीं था, पर आज पी ली, बहुत ही स्वादिष्ट था।
अब मेरे ऊपर चुदाई का भूत सवार हो गया था, तो मैंने उनका लण्ड जीभ से साफ किया।
मैं- चाचा जी, कैसा लगा?
चाचा जी- बहू तू बड़ा मज़ा देती है! बहू अब तू जो बोलेगी, वो मैं करूँगा। आज से मैं तेरा गुलाम हो गया।
मैं- ओह्ह! मेरे प्यारे चाचा जी!
अब वो मेरी चूचियाँ जोर से दबाने लगे, मैं आ! आ! करने लगी, वो अब तक मेरी चूचियाँ मसल ही रहे थे।
अब उन्होंने मेरे होंठ बन्द कर दिए, और मेरी जीभ को चूसने लगे।
एक हाथ से मेरी चूचियों को एक-एक करके मसल रहे थे।
अब जीभ को मेरे पेट पर रखकर, चूत का दाना सहला रहे थे और मैंने उनका लण्ड पकड़ रखा था।
मैं- चाचा जी, मुझे आपका लण्ड चूसना है।
चाचा जी: मैं तेरा गुलाम हूँ! मुझे तू बोल! आप नहीं।
मैं- जी ठीक है!
चाचा जी ने अपना लण्ड मेरे मुँह में डाल दिया और मुझे चूसने में बड़ा मज़ा आ रहा था!
हम दोनों 69 अवस्था में आ गए, वो मेरी चूत को चाट रहे थे। अब मैं अपनी गांड उठा उठाकर चटा रही थी!
अब चाचा जी, मेरे टाँगों बीच में आ गए और कहने लगे- बहू तेरी चूत का स्वाद बहुत मस्त है!
तुझ जैसी आज तक नहीं देखी! साली मस्त है रे तू, मेरी कुतिया आज तो मैं तेरी चूत को खा जाऊँगा!
मैं- चल खा जा, मेरा पानी निकाल!
चाचा जी- हाय! रंडी।
चूत की चुसाई और जमकर चुदाई
उन्होंने मेरी चूत में अपनी लम्बी जीभ डाल दी, और जीभ से चूत को चोदने लगे।
मैं- आहह! मार जाऊँगी! मेरे चाचा, तूने क्या कर दिया आज! मुझे अपनी बना लो और मेरी चूत का सलाद बना दो।
मैं- चाचा, मेरे से अब रहा नहीं जा रहा, अब चोद दे!
चाचा जी- अभी नहीं चोदूंगा! पहले चूत को खाने दे!
मैं- तेरे लण्ड से, मेरी चूत चोद मेरे भड़वे!
चाचा जी- नहीं!
वो मुझे तड़पा रहे थे, और मुझसे सहन नहीं हो रहा था, अब जैसे भी लण्ड चाहिए था!
मैंने उनको उकसाने के लिए कहा- लगता है! तुम्हारे लण्ड में जान नहीं है! और तेरा लण्ड कुछ काम का नहीं है। साले भड़वे!
तब वो थोड़ा गुस्सा हुआ और मेरी टाँगें खोल दी। अब लण्ड चूत के आगे टीका दिया और बोले- ले बहू, अब इसको झेल!
उनका लण्ड नहीं जा रहा था, इतना मोटा जो था!
मैने कहा- चाचा जी डाल इसको अन्दर! उन्होंने 3- 4 धक्के लगाए, तब अंदर चला गया।
अब वो मुझे चोदने लगे और कहने लगे- बहू बहुत मज़ा आ रहा है! तू चीज़ बड़ी मस्त हो!
मैं भी अपनी गांड उठाकर चुदवा रही थी। उन्होंने फिर मुझे उल्टा किया, और मेरी गांड में जीभ डाल दी, मैं आ! करने लगी।
उन्होंने लण्ड को चूत में पेल दिया, और जोर से चोदने लगे, मैं चिल्ला रही थी।
अब उन्होंने कहा- मैं आनेवाला हूँ, तब मैं सीधी हो गई और वो मुझे चोदने लगे। अब मेरा शरीर अकड़ने लगा था।
चाचजी: शिवानी कहाँ डालूँ?
मैं- चाचा जी, अन्दर डाल दो, ज़ो होगा वो देखा जाएगा!
तब उन्होंने अपना पानी मेरी चूत में ही छोड़ दिया और मेरे पर निढाल हो गए।
मेरी चूत से उनका रस बहता रहा था, बाद में उन्होंने मुझे उठाया और बाथरूम में ले गए और उन्होंने मुझे साफ किया ।
अब मुझे शर्म आ रही थी तो मैंने उनको बोला- सॉरी! चाचा जी, मुझसे ग़लती हो गई।
तब उन्होंने कहा- बहू ऐसा मत सोच, मुझे एक औरत की ज़रूरत थी, और तुझे एक मर्द की, वही किया है।
हम दोनों ने कुछ ग़लत नहीं किया।
अब मैं उनसे लिपट गई और उस रात उन्होंने मेरी गांड भी मारी।
वो जब तक हमारे घर रहे, तब तक उन्होंने मुझे रोज 3- 4 बार चोदा।
मैं उनका पानी पी जाती थी और अब मैं बहुत खुश थी। उन्होंने मुझे बहुत सारे जेवर भी खरीद कर दिए।
अब वो मुझसे हमेशा मिलने आते है, और चोदते भी है।
यकीनन वो मुझे मेरे पति से ज़्यादा अच्छे से चोदते है।
कैसे लगी मेरी कहानी? यह बताना ज़रूर!
rajnixxx@yahoo.in
एक दिन मैं अचानक से उनके कमरे में घुस गई पर उन्होंने अपनी आँखें बन्द कर रखा था। मैं उनके मोटे और काले लण्ड को देखती रह गई और मेरी चूत से पानी आने लगे। एक रात चाचा जी ने मेरे बदन को चूमना शुरु कर दिया और मैंने भी उनका साथ देते हुए, Desi Sex kahani के किस्से में मैं उनसे अपनी चूत जमकर चुदवाई..