चुदने कि चाह मे घरवालो ही से चुद गई। भाग-1

नमस्कार दोस्तो । मेरा नाम फेबा जोन है। मेरा जन्म एक सीरियन क्रिस्चियन केथैलिक परिवार मे हुआ। मै 25 साल की हूँ और एक अच्छी पारिवारिक जीवन जी रही हूँ। आज मैं आप के साथ अपनी पहली कहानी शेयर करना चाहती हूँ। ये कहानी मेरे पहले शारीरिक सम्बन्ध बनाने से जुडी है। क्युकि मेरा अनुभव मेरे लिये इतना सूखद् नही था। क्यूकि मेरे परिवार के सदस्यो से ही मेरी पहली चुदायी शूरू हुई थी।
मै अपने माता-पिता की एकलौति सन्तान हूँ। इसलिये मेरे परवरिश बडे लाड-प्यार से हूई। मेरे माता-पिता मेरे लिये काफी protective और possessive थे। स्कूल मे एक लडके ने भी prapose भी किया। पर माता-पिता कि वजह से कभी भी school मे मुझे मौका नही.मिला। बात 2005 मई की है। मेरे एक cousin कि शादी केरल मे थी। वैसे मेरे माता-पिता केरल से है पर Central government की जोब के कारण वे रतलाम मे settled थे। मै मेरे exams के बाद केरल आ गई थी। क्यूकि मै मलयालम मे इतनी अच्छी नही इस वजह.से मुझे ज्यादा परशानी.आ रही थी। तभी मेरा.एक cousin एलेक्स oman से.आया हुआ था।वो मेरे ताऊ जी का बढा बेटा था। वो मुझ से २ साल बडा था। मैने.उसे पहली बार देखा था। वो दिखने मे बढा सुन्दर था। हम लोपगो कि बाते शुरु हुई।
शुरू से ही मुझे उससे चुदने का मन था पर भाई होने के कारण मैंने ऐसा सोचना छोड़ दिया। वो भी मुझे गन्दी नजर से ही देखता था पर भाई होने के कारण मै भाव नही.देती थी। वैसे.तब मै.भी दिखने मे अच्छी ही थी। एकलौती होने के.कारण घर वाले मेरा ज्यादा ध्यान देते थे। इस वजह से मै healthy थी पर मोटी नही थी। मेरा रंग गोरा , कद तकरीबन 5’4” था। मेरा शरीर मेरी उमर के लिहाज से काफी विकसित था। मै उस समय पर 34 की ब्रा पहना करती थी और मेरी कमर तकरीबन 30 की थी।
मै और एलेक्स मलयालम अच्छी ना होने के कारण आपस मे ही बात करते थे। और हम धीरे-धीरे भाई-बहन से बढ कर एक दोस्त जैसे हो गये थे। पूछने पर उसने बताया कि उसका breakup हो गया , मैने भी बताया कि मैं भी एक relationship मे हूँ। पर parents के protective होने के कारण कभी हम अच्छे से मिल भी नही पाये। ये सुनते ही उसने एक हल्की हँसी से.मुझे देखा। वो शायद ये समझ गया था कि मुझे आज तक किसी ने.नही छूआ। उसके आँखो मे.एक अलग सी चमक थी। उसकी गन्दी नियत को मैं महसूस कर सकती थी। मेरे बिना पूछे ही उसने.अपने sex life के बारे मे बताना शुरु कर दिया। मै समझ गयी थी कि मेरा भाई मुझे गरम करने की कोशिश मे हैं।
पहले तोह मैने उसे अनसुना सा किया पर वो हर बात को घुमा फिरा के वही ले आता था। मै उसे ज्यादा मौका नही देती थी पर जितना सुना उतना काफी नया और मजेदार था। मुझे भी चुदने का मन था पर भाई.के साथ ऐसा रिश्ता बनाने मे मुझे भी शर्म आती थी। अगले दिन हम लोगो.का beach घूमने का प्लान था। हम 15 लोग थे और.गाडी सिर्फ 10 लोगो के लायक थी। मुझे चाची ने.गोदी मे बैठने को.कहा । जाते समय सब सही था पर आते समय वो हुआ जिसका मुझे डर था। आते वक्त मुझे एलेक्स की गोद मे बैठने को कहा।मै बैठना नही चाहती थी पर सबसे क्या बोल.के ना करती।
एलेक्स ने आराम से मुझे गोद मे बैठा लिया। मेरी गांड़ के ठीक नीचे उसका लण्ड था। शुरू मे सब ठीक था पर गाडी चलते ही मैने मेरी गांड़ के नीचे तनाव महसूस करना शुरू कर दिया था। उसका लण्ड़.तन चुका था। मै उस उभार को अच्छे से महसूस कर सकती थी।जब जब गाडी हिचकोले खाती उसका लण्ड मेरी गांड़ की दरार मे घुस जाता।बडा अजीब सा अहसास था। मेरे.शरीर मे.ऊपर.से नीचे बिजली दौड रही.थी। मैने उस दिन कुर्ती और कसी सलवार पहन रखी थी। मैने भी थोडा हिल के अपनी.गांड़ के दरार मे उसके लण्ड.को आने दिया.और आराम से बैठ गई। हर गाडी के झटेको के साथ वो अपना जोर लगा रहा था। मुझे भी मजा आने लगा था।
अचानक एक हाथ मेरी चूत पर था। वो मेरी चूत को सलवार के ऊपर से सहला रहा था। मेरी चूत से झमाझम पानी बह रहा था। गाडी रूकने तक वो चूत और जान्घो को सहला रहा था।हम सब घर पहुच के अपने.अपने कमरो मे आ गये। पर मै पूरी रात इसके बारे मे ही सोच रही थी। मुझे पता था.कि मेरे माता पिता.के कारण मुझे किसी का छू पाना नामुमकिन है, चुदना तोह दूर कि बात थी।
मुझे समझ आ गया था कि यही मेरे चुदने का सबसे अच्छा समय है, और मेरा भाई ही मेरी एकलौती आशा है। अगले दिन जब मै एलेक्स से मिली वो मुझ से शर्मा रहे थे । दोपहर को जब सब सो रहे थे वो सीधा मेरे कमरे मे आया । हमारी बाते शुरु हुई उसका एक हाथ मेरे.कमर पर था। मैने उससे.कहा आपकी माशूका.आपसे बडा खुश रहती होगी। ये सूनकर उसने बडी बेशर्मी से पूछा कि मुझे देखना है क्या माशूका के खुश रहने कि वजह? मैने भी हसते हुए सिर हिला दिया। इतना सुनते ही उसने अपना पायजामा निचे किया। अब उसका लम्बा लण्ड मेरे सामने था। मैने पहली बार लण्ड को देखा था। अगले ही पल मैने लण्ड को हाथो मे ले लिया और धीमे धीमे सहलाने लगी। इसी बीच मेरे भाई का हाथ मेरे बूबस् पर था। मै होले होले उसका लण्ड सहला रही.थी और वो मेरे बूबस् को दबा रहा था।
मैने कहा भाई मुझे कुछ नही आता पर मेरा चुदने का मन है। उसका जवाब मुझे आज भी याद है। उसने मुझसे कहा मेरी प्यारी बहन ये तेरे चुदने के season कि शुरु आत है। मै तेरी इतनी इतनी चुदायी करुगा की रन्डी भी डर जायेगी। क्यूकी तब दिन था वो मुझे रात मे चोदने का बोल के अपना लण्ड पायजामे मे कर लिया और.कमरे से निकल गया।
मै बडी बेचैनी से रात का इन्तजार कर रही थी। भाई का ही सही पर लण्ड तो लण्ड है। और मेरी चूत तो कब से एक लौडे के अन्दर जाने के लिये मचल रही थी।

कथा जारी है………….

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