चोरी की सजा बनी चुदाई की वजह

हैल्लो फ्रेंड्स, मेरा नाम सुनीता है और मैं लखनऊ की रहने वाली हूँ | मेरी उम्र 23 साल है और मैं अभी कुछ नहीं करती | मैं दिखने में गोरी हूँ और मेरा फिगर सेक्सी है | मेरे दूध का साइज़ 34D है और मेरी कमर 36 की है और मेरी गांड 38 की है | मेरी हाईट 5 फुट 7 इंच है | दोस्तों मैं चुदाई की कहानिया बहुत पसंद करती हूँ और मैं चुदाई की कहानियों की दैनिक पाठक हूँ | आज जो मैं आप लोगो के सामने अपनी कहानी लिखने जा रही हूँ ये मेरी पहली कहानी है और मेरे जीवन की सच्ची घटना है | मैं उम्मीद करती हूँ कि आप सभी को मेरी कहानी जरुर पसंद आयगी और मेरी कहानी पढ़ कर आप लोगो को काफी मजा भी आयगा | तो अब मैं आप लोगो का ज्यादा समय ना लेते हुए अपनी कहानी शुरू करती हूँ |
ये घटना पिछले साल की है | दोस्तों मेरे घर मैं और मेरा छोटा भाई मम्मी के साथ रहते हैं | पापा दिल्ली में जॉब करते हैं तो वो बहुत ही कम घर आ पाते हैं | मैं जितनी अच्छी दिखती हूँ उतनी ही शातिर दिमाग भी है मेरा | वैसे कहना तो नहीं चाहिए लेकिन मैं एक चोर हूँ | मुझे चोरी करना पसंद है क्यूंकि मेरे घर वाले मुझे महंगी चीज़ नहीं लेने देते | जब भी मुझे कोई महँगी ड्रेस या कुछ भी चीज़ पसंद आती और मैं उस चीज़ को खरीदना चाहती पर मेरे घर वाले ये बोल के टाल देते कि इस महीने इतना खर्चा है और इस महीने ज्यादा पैसे खर्च हो गए | इन्ही सब बात से मैं बहुत परेशान रहती थी और यही वजह है कि मुझे चोरी की आदत डालनी पड़ी | जब मैं स्कूल में थी तो मेरी क्लास में एक लड़की थी जिसका नाम अर्पिता है | उसके पापा काफी रिच हैं तो एक बार उसने बहुत सुन्दर सा पेंसिल बॉक्स ख़रीदा था |

वो बॉक्स मुझे बहुत पसंद आया तो मैंने चोरी कर लिया | फिर एक दिन अचानक वो बॉक्स मुझसे ही कहीं खो गया | मैं ऐसे ही छोटी मोटी चोरी किया करती थी | एक दिन हम सब मॉल मूवी देखने गए थे | वहीँ से लौटते वक़्त मुझे एक बहुत सुन्दर पर्स दिखा तो मैंने मम्मी से बहुत जिद की कि मम्मी मुझे वो पर्स दिला दो पर मम्मी ने मुझे वो पर्स नहीं दिलाई | उस समय मेरा दिल टूट गया | मुझे बहुत ख़राब लग रहा था कि मुझे जो चीज़ पसंद आती है मुझे वो कभी नहीं मिलती | फिर एक दिन मैंने प्लान बनाया कि मैं उस पर्स को कैसे भी कर के हांसिल कर के रहूंगी | उसके कुछ दिन बाद मैं मॉल गई तो देखा कि वो पर्स तो वहां नहीं था शायद किसी ने खरीद लिया पर जिस पर्स पर मेरी नजर पड़ी वो उससे भी कहीं ज्यादा सुन्दर था | मैं पर्स देखने लगी फिर धीरे से मैंने वो पर्स अपने सूट के अन्दर डाल लिया | मुझे ऐसा लगा कि किसी ने नहीं देखा | फिर मैंने वहां से निकलने लगी तभी एक 6 फुट लम्बा आदमी मेरे सामने आ कर खड़ा हो गया | मैं धीरे से वहाँ से सरकने को हुई तो उसने शोर नहीं मचाया बल्कि मुझसे कहा मेरे केबिन चलो तुमसे बात करनी है | अगर ज्यादा होशियारी की तो मैं तुम्हे चोरी के इल्जाम में जेल तक पंहुचा दूंगा | मुझे तो जैसे कोई सांप सूंघ गया | मेरे गले में जैसे कबाब फंस गया उस समय मेरी समझ में कुछ नहीं आ रहा था कि क्या करू ? मैंने उसके पीछे पीछे सिर झुका कर चलने लगी | फिर हम उसके केबिन पंहुचे जो की सिर्फ एक छोटे से कमरे के बराबर था | उसने मुझे कुर्सी दिया बैठने के लिए फिर उसने पुछा कि तुम्हारा नाम क्या है ?
मैंने उसको अपना नाम बताया और चोरी के लिए माफ़ी माँगी | पर उसने फिर पुछा कहाँ रहती हो ? मैं चुप रही तो उसने चिल्ला के पुछा कहाँ रहती हो ? जवाब दे रही हो या जेल भेजू ? मैंने कहा सिर मैं यहीं पास में ही रहती हूँ | फिर उसने पुछा तुमने जो कुछ भी सामान चुराया है बाहर निकालो | दोस्तों आप लोग ये कहानी फ्रीहिंदीसेक्सस्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं|

मैं वो पर्स निकालते हुए उन्हें सॉरी बोलने लगी | पर उन्होंने मुझसे कहा कि अपने घर का नंबर दो या पापा का नंबर दो | मैं रोने लगी और कहा सर प्लीज किसी को कुछ मत बताइए मैं सॉरी कह रही हूँ सर मुझे माफ़ कर दो | आप जो बोलोगे जैसा बोलोगे वैसा करने के लिए तैयार हूँ | ये सुन कर उसकी आँखों में एक अलग ही चमक आ गई और उसके बात करने का भी तरीका बदल गया | उसने मुझसे पुछा जैसा मैं मैं बोलूँगा वैसा करोगी न ? मैंने हाँ में सिर हिलाया और आंसू पोछने लगी | उसके बाद उसने मुझे अपना लंड निकाल कर दिखाया जो कि एक दम लोहे के सरिया जैसा था | मैं उसके मूसंड लंड को देख कर घबरा गई क्यूंकि मैंने आज तक इतने बड़े लंड से कभी नहीं चुदी |

उसने मेरी तरफ देखा और कहा कि मेरे लंड को सहलाओ तो मैं उसके लंड को अपने हाँथ से पकड़ कर हिलाने लगी तो उसका लंड और सख्त होता चला गया | फिर उसने कहा मेरा लंड अपने मुंह में ले कर चूसो | तो मैं उसके लंड को अपने मुंह में डाल कर चूसने की कोशिश करने लगी | पर उसके लंड का सुपाड़ा इतना मोटा था कि मैं बस वही चूस सकती थी | मैं उसके लंड को आगे पीछे करते हुए चूसने लगी तो उसके मुंह से आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहह की सिस्कारिया निकलने लगी | मैं उसके लंड को आगे पीछे करते हुए चूसने लगी तो वो आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहह करते हुए मेरे मुंह को चोदने लगा |

करीब 10 मिनट के बाद उसने मुझे खड़ा किया और मेरे होंठ में अपने होंठ को दबा कर चूसने लगा | मैं भी अब गरम हो चुकी थी और उसका साथ देते हुए किस कर रही थी | फिर उसने मेरे कुर्ते को उतार दिया और ब्रा के उपर से मेरे बड़े बड़े दूध को मसलने लगा तो मेरे मुंह से आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहह की सिस्कारिया निकलने लगी | फिर उसने मेरे ब्रा को उतारा और पागल जैसे मेरी चुच्चियों को खींच खींच कर चूसने लगा और मैं आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहह करते हुए उसके सिर पर हाँथ फेरने लगी |

उसके बाद उसने मेरे सलवार को भी उतार दिया और मेरी पेंटी भी नीचे कर दिया | अब मैं पूरी नंगी थी फिर उसने मुझे वहीँ टेबल पर घोड़ी बना दिया और मेरी चूत को चाटने लगा तो मैं आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहह करते हुए अपने एक हाँथ को पीछे कर के उसके मुंह को अपनी चूत में दबाने लगी | फिर वो खड़ा हुआ और अपना लंड मेरी चूत में टिका कर एक शॉट लगाया उसका सिर्फ सुपाड़ा ही अन्दर गया तो मेरी चीख निकल गई | फिर उसने एक शॉट लगाया और पूरा लंड अन्दर डाल दिया | मुझे दर्द तो हो रहा था पर मजबूरी थी दर्द सहन करना | कुछ समय बाद मुझे भी मजा आने लगा | वो शॉट लगाते हुए मुझे चोद रहा था और मैं आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहह करते हुए अपनी गांड आगे पीछे करते हुए चुदाई में साथ देने लगी |

करीब 15 मिनट तक उसने मुझे चोदा और अपना वीर्य मुझे पिला दिया | उसके बाद उसने मुझे छोड़ दिया और कहा आगे से ऐसा मत करना नहीं तो सही में जेल जाना पड़ेगा | फिर मैंने अपने आप को ठीक की और वहां से सीधा घर चले गई | ये बात अभी तक किसी को भी नहीं पता |

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