मेरा नाम संजीव है और मेरा लंड 8 इंच लंबा है और बहुत मोटा है, मेरा रंग गोरा और हाईट 5 फुट 8 इंच है, मेरी उम्र 21 साल है. दोस्तों मैंने एक सेंटर में कंप्यूटर कोर्स जॉइन किया. मेरा बैच शाम को 6 से 8 बजे तक होता था, हमारे बैच में 10 लोग थे, जिसमें 4 लड़कियाँ थी. उनमें से एक लड़की तो गजब की माल थी.
मैंने जब उसे पहली बार देखा तो में उसे देखता ही रह गया था. उसका फिगर 33-28-34 था और वो जब चलती थी तो उसकी गांड क्या हिलती थी? हाईईईईईई सब लड़के उससे बात करने के लिए तड़पते थे, लेकिन वो ज़्यादातर मुझसे फ्री होकर बात करती थी. फिर एक दिन मैंने उससे शाम को कॉफी पीने के लिए चलने को कहा, तो वो मान गयी. उस दिन उसने टाईट टी-शर्ट पहनी थी और उसके निप्पल साफ-साफ दिखाई दे रहे थे. अब में तो बस उन्हें ही घूरे जा रहा था. अब उसने भी मुझे देख लिया था, लेकिन उसने कुछ नहीं कहा.
फिर उसने बोला कि तुम कल मेरे घर क्यों नहीं आ जाते? तो मैंने बोला कि ठीक है, में कल सुबह 10 बजे आ जाऊंगा. फिर अगले दिन जब में उसके घर गया, तो उसने दरवाजा खोला और मुझे अंदर आने को कहा तो में अंदर जाकर बैठ गया.
फिर उसने दरवाजा बंद किया और मेरी गोद में आकर बैठ गयी. अब में डर गया था, तो मैंने कहा कि कोई देख लेगा. तो उसने कहा कि घर पर कोई नहीं है, सब बाहर गये है. तो में भी खुश हो गया और वो मेरी गोद में बैठे-बैठे ही हिलने लगी और अपनी गांड से मेरे लंड को रगड़ने लगी थी. अब मेरा लंड उसी समय खड़ा हो गया था और में भी उसके बूब्स दबाने लगा था. फिर ऐसा मैंने बहुत देर तक किया.
फिर मैंने उसको उठाया और उसको एक ज़ोर से फ्रेंच किस दिया और अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और घुमाने लगा. फिर तभी उसने भी अपनी जीभ मेरी मुँह में डाली और घुमाई. अब में उसके बूब्स को ज़ोर-ज़ोर से दबा रहा था और बीच-बीच में उसके निप्पल को मसल रहा था. अब उसकी सिसकारी निकले जा रही थी आह, आह.
फिर मैंने उसकी टी-शर्ट निकाल दी, तो उसके बड़े-बड़े बूब्स उसकी ब्रा में से बाहर आने को बेताब थे, तो मैंने उसकी ब्रा भी खोल दी. फिर मैंने उसको बेड पर लेटा दिया और उसकी चूचीयों को चूसने लगा, कभी-कभी उसके निप्पल को भी काट देता था जिससे वो चीख पड़ती थी, लेकिन उसको मज़ा भी बहुत आ रहा था. अब में उसकी चूचीयों को बहुत ज़ोर-ज़ोर से चूस रहा था और वो सिसकारियाँ भर रही थी आहह, आहह, आहह. अब मैंने अपना एक हाथ उसकी स्कर्ट के अंदर डाल दिया था और उसकी पेंटी निकाल दी थी और उसकी चूचीयों को सहलाने लगा था.
अब इससे उसको बहुत मज़ा आ रहा था. फिर मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाल दी और अंदर बाहर करने लगा, तो इसमें उसको काफी तकलीफ़ हुई, उसकी चूत काफ़ी टाईट थी. फिर मैंने उससे पूछा कि इससे पहले कभी सेक्स किया है. तो वो बोली कि नहीं बस किस ही किया है.
फिर मैंने उसकी स्कर्ट उतार दी और उसकी चूत पर एक ज़ोर से चुम्मा दिया, तो उसे इसमें बहुत मज़ा आया. फिर में 69 की पोज़िशन में लेट गया और उसने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और उसे ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी, क्या बताऊँ मुझे उसमें कितना मज़ा आ रहा था?
फिर मैंने उसकी चूत के लिप्स को अपनी दो उंगलियों से खोला और उसकी चूत में अपनी जीभ डालकर हिलाने लगा, तो उसको इसमें बहुत मज़ा आ रहा था और वो सिसकारियाँ भर रही थी आह, आहह, आह संजीव, बहुत मज़ा आ रहा है, हाईईईईईईईईईई और जोर से चूसो, ऊऊऊऊऊऊ. फिर में भी उसको और ज़ोर-जोर से चूसने लगा, तो थोड़ी ही देर में उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और उसने अपनी टाँगो से मेरे सिर को कसकर पकड़ लिया.
फिर मैंने 15 मिनट तक उसकी चूत को और चाटा और फिर में खड़ा हुआ और उसकी गांड के नीचे एक तकिया लगाया, तो इससे उसकी चूत का मुँह ऊपर की तरफ आ गया. फिर तभी उसने बोला कि संजीव प्लीज चूत में लंड मत डालो प्लीज, मैंने इससे पहले कभी सेक्स नहीं किया है, मैंने सुना है कि इसमें बहुत दर्द होता है. फिर तभी मैंने कहा कि देख तुझे डरने की कोई जरूरत नहीं है, में तुझको आराम से चोदूंगा और तुझे मज़ा भी आएगा और सिर्फ़ थोड़ा सा दर्द होगा.
फिर मैंने उसकी दोनों टांगो को उठाकर अपने कंधो पर रख लिया और अपने लंड का सुपाड़ा उसकी चूत के मुँह पर रख दिया और फिर मैंने एक झटका लगाया तो मेरा लंड 2 इंच उसकी चूत में घुस गया, तो वो थोड़ी सी चीखी. फिर मैंने एक धीरे से झटका लगाया, लेकिन मेरा बाकि का लंड उसकी चूत में घुस नहीं रहा था. अब उसकी सील बीच में आ रही थी तो मैंने उससे बोला कि देखो तुम्हें बस एक बार दर्द होगा और फिर मैंने उसको एक ज़ोर से झटका लगाया तो मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया और उसकी सील टूट गयी और वो ज़ोर से चीख पड़ी.
फिर तभी उसने कहा कि प्लीज अपना लंड बाहर निकाल लो. फिर मैंने कहा कि थोड़ी देर रूको दर्द कम हो जाएगा, तो वो बोली कि ठीक है. फिर में उसकी चूत में अपना लंड डाले ऐसे ही 5 मिनट तक लेटा रहा, उसकी पहली बार सील टूटी थी तो अब उसकी चूत से खून निकल रहा था, लेकिन मैंने उसे यह देखने नहीं दिया था.
थोड़ी देर के बाद जब उसका दर्द कुछ कम हुआ, तो में धीरे-धीरे हिलने लगा. अब इससे उसको भी मज़ा आने लगा था और वो भी अपने चूतड़ उछाल रही थी. अब में समझ गया था कि अब ये चुदने के लिए तैयार है.
फिर मैंने अपने धक्को की स्पीड बढ़ाई और उसे ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा. अब उसे और ज्यादा मज़ा आने लगा था और वो ज़ोर-ज़ोर से सिसकारियाँ भर रही थी इसस्स्स्स, आहह, इससस्स और जोर से धक्के लगाओ, बहुत मज़ा आ रहा है, आआ हाईईईई.
अब में भी जोश में आ गया था और उसको और ज़ोर-जोर से चोदने लगा था. फिर मैंने उसको उठाया और उसको डॉगी स्टाइल में बैठा दिया और अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया और जोर-जोर से धक्के मारने लगा. अब उसको इस पोज़िशन में और भी मज़ा आ रहा था. अब जब में अपना लंड आगे करता तो वो अपनी गांड पीछे कर लेती.
इस तरह से मैंने उसे काफ़ी देर तक चोदा और पता नहीं वो कितनी बार झड़ गयी थी. अब में भी झड़ने वाला था तो मैंने अपना वीर्य उसकी चूत में ही छोड़ दिया तो इसमें उसको बहुत मज़ा आया और फिर हम बिस्तर पर लेट गये. फिर थोड़ी देर के बाद उसको फिर से जोश आया और वो मेरा लंड चूसने लगी, तो मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और फिर मने अपना खेल फिर से स्टार्ट किया और खूब मजा किया.