हेलो दोस्तों मेरा नाम करण है, मैं मुंबई में अकेला रहता हूँ. मुंबई में ही मेरी दूर की कजिन रेखा अपने पति के साथ रहती है. मैं उनसे सिर्फ दिवाली पर ही मिलता हूँ. मैं और अविनाश जीजाजी दिवाली पर ताश खेलते है. हर साल मैं हारता हूँ.
इस बार दिवाली में दीदी और जीजाजी दोनों मेरे घर पर आये. रेखा दीदी आज क्या लग रही थी. रेखा दीदी २८ साल की गदरायी हुई माल है. दीदी देखने में एक्ट्रेस रेखा के जैसी सेक्सी है. उनका फिगर ३८-३०-४० होगा. बड़ी बड़ी तनी हुई चूचियां और भारी गांड, मेरा लंड खड़ा कर देती है. आज दीदी ने रेड कलर की साड़ी पहनी थी, और एक सेक्सी सा ब्लाउज. दीदी का बैक पूरा ओपन था, और गला बहुत डीप था. मुझे दीदी की आधी से ज्यादा चूचियों के दर्शन हो रहे थे. दीदी ने मुझे हग किया, मैंने भी दीदी को अपनी बाँहों में कस लिया. उनकी पहाड़ जैसी चूचियां मेरे सीने में दब रही थी. और मेरा हाथ दीदी की चुत्तड़ो को सहला रहा था.
फिर हम सबने दिवाली की पूजा की, कुछ फटाके जलाये. दीदी डिनर बनाने किचन में चली गयी और मैं और जीजाजी ताश खेलने लगे. इसबार मेरी किस्मत अच्छी थी, मैं ताश में जीतने लगा. इस तरह जीजाजी १० लाख हार गए मुझसे. मैंने जीजाजी से पैसे मांगे तो उन्होंने नहीं है बोल दिया.
मैं: जीजाजी आप पैसे दो
अविनाश: अरे यार करण मेरे पास अभी पैसे नहीं है.
मैं: यह गलत है जीजाजी हर बार आप जीतते हो और मैं पैसा दे देता हूँ. इस बार आप हार गए हो तो नाटक कर रहे हो
अविनाश: चल अच्छा एक दाँव और लगाते है, पर मेरे पास कुछ नहीं है
मैं: है ना जीजाजी, अगर आप चाहो तो दीदी को दाँव पर लगा दो
अविनाश: क्या बक रहा है बे, तुझे शर्म नहीं आती वो तेरी बहन है
मैं: जीजाजी या तो पैसे दो या फिर सौदा कर लो.
जीजाजी थोड़ी देर सोचे फिर दीदी से बात करने चले गए. कुछ देर बात करने के बात के बाद जीजाजी दीदी को छोड़ कर अपने घर चले गए.
दीदी: भाई तेरे जीजाजी ने मुझे यहाँ छोड़ दिया है १० लाख के बदले
मैं: हाँ दीदी..आज से आप मेरी गुलाम हो
दीदी: ठीक है भाई, क्या करना होगा
मैं: दीदी मैं आपको चोदना चाहता हूँ.
दीदी: छी भाई .. तू ऐसा सोचता है
मैंने दीदी को कस कर पकड़ लिया और उनकी भारी चुत्तड़ो को मसलने लगा.
मैं: अरे दीदी आपकी जैसी माल सिर्फ चोदने के लिए होती है
दीदी: ठीक अगर तू यही चाहता है तो ..
मैं: दीदी अब अपना गदराया बदन मुझे दिखाइए..
दीदी ने अपना पल्लू गिरा दिया… उफ़फ़फ़फ़फ़ क्या नजारा था. उनकी चूचियां ब्लाउज से बाहर आने के लिए मचल रही थी. अब दीदी मेरे सामने सेक्सी डांस करने लगी. अपनी चुत्तड़ो को इस तरह हिला रही थी की लंड खड़ा हो गया..उनकी चूचियां हवा में उछाल रही थी..
मैं: उफ्फफ्फ्फ़ .. दीदी क्या भरा हुआ बदन है आपका… आपकी पहाड़ जैसी चूचियां मेरा लंड खड़ा कर देती है..
दीदी: आ भाई फिर ले ले अपनी जवान बहन के बदन का मजा… आ भोग मुझे और कर ले अपना पैसा वसूल
मैं: अब तो मैं आपको डेली चोदूँगा, आपकी बूर और गांड फाड़ कर मैं अपना पैसा वसूलूंगा
दीदी: अह्ह्ह्हह भाई.. सिर्फ बोलेगा या कुछ करेगा.. मेरी बदन में आग लग रही है…. आ चोद मुझे.. मेरा भड़वा पति मुझे बेच कर चला गया और मेरा भाई मुझे चोदने वाला है
मैंने दीदी का ब्लाउज पूरा फाड़ दिया, उनकी चूचियां हवा में लहराने लगी. क्या बड़ी बड़ी चूचियां थी साली की.. मैं उनकी चूचियों को चूसने लगा और जोर जोर से मसलने लगा
मैं: उफ्फफ्फ्फ़ दीदी.. क्या माल हो आप.. आज आपका भाई खूब चोदेगा आपकी बूर ..
दीदी: अह्ह्ह्ह भाई मजा आ रहा है..
मैं: दीदी आप मेरा लंड चुसो ना प्लीज
दीदी ने पैंट से मेरा लंड निकल कर और उसे चूसने लगी..
दीदी: उफ्फ्फफ्फ्फ़ भाई बहुत बड़ा लंड है तेरा.. मजा आएगा चुदने में
मैं: अह्ह्ह्हह… और चुसो दीदी…
दीदी ने लंड चूस कर कड़क कर दिया. अब मैंने दीदी की साड़ी पूरी उतर दी. दीदी पूरी नंगी मेरे बेड पर लेती हुई थी. बहुत ही गदराया हुआ बदन था दीदी..
मैंने अपना लौड़ा दीदी की बूर में रखा और पेल दिया.. लंड बूर को फाड़ता हुआ अंदर धंस गया..
दीदी: उईईईईई माँ… धीरे डाल भाई बहुत मोटा है तेरा
मैं: चुप कर साली.. आज से तू मेरी पर्सनल रंडी है.. जैसे चाहु वैसे चोदुंगा .. ये ले साली खा मेरा पूरा लंड..
दीदी: अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह….. ओह्ह्ह्हह भाई…. जल्दी चोद
मैं दीदी की चूचियों को दबादबा कर चोद रहा था. मेरा लंड अब ताबड़तोड़ बूर की ठुकाई कर रहा था.. पूरा रूम चुदाई और दीदी की मॉनिंग से गूँज रहा था.. दीदी पूरा मजा लेकर चुदवा रही थी.
मैं: उफ्फफ्फ्फ़ दीदी.. क्या भरा हुआ जिस्म है तेरा..मजा आ रहा है तुझे छोड़कर
दीदी: अह्ह्ह्हह्हह भाई.. तू भी बहुत अच्छे से चोद रहा है…
मैं: दीदी हर चुदाई के ५ हजार काम होंगे.. इसलिए तुझे डेली चुदना होगा मुझसे
दीदी: आआह्ह्ह्हह्ह … उईईईईई … हाँ पूरा वसुल लेना अपना पैसा.. और चोद जोरसे
मेरा लंड दीदी के बूर में बहुत तेजी से अंदर बाहर हो रहा था.. बहुत देर चोदने के बाद मैं और दीदी एक साथ झड़ गए..