दीदी की फ्रेंड प्रिय की सील तोड़ी

हैल्लो दोस्तों, आज में जो कहानी आप लोगों को सुनाने जा रहा हूँ, वो किसी और की नहीं बल्कि मेरी अपनी एक सच्ची घटना है। इसमें मैंने अपनी छोटी बहन की एक दोस्त के साथ वो काम किया था। दोस्तों इससे पहले कि में अपनी आज की कहानी को शुरू करूं, उससे पहले में आप सभी को अपना और उस लड़की का परिचय करवा देता हूँ। दोस्तों में सूरत में नौकरी करता हूँ और में वहीं पर अपने परिवार के साथ रहता हूँ और मेरी एक चचेरी बहन है, जो कुछ दिनों पहले ही हमारे गाँव से अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए सूरत के एक होस्टल में रहने आई थी, लेकिन वो अब हमारे घर पर ही रहती थी, क्योंकि अंकल को मेरे घर वालों ने कहा था कि वो यहीं पर हमारे साथ रहेगी, जब हम सूरत में रहते है, तो उसको होस्टल में रहने की क्या जरुरत है? तब मेरे चाचा ने कहा कि हाँ ठीक है और अब वो कुछ दिन पहले ही उसका वो होस्टल छोड़कर हमारे साथ रहती है। दोस्तों जिस लड़की की कहानी में आज आप सभी  के चाहने वालों को सुनाने जा रहा हूँ, उस लड़की का नाम सुमन है और वो दिखने में इतनी सुंदर है कि उसको देखने के बाद मेरा मन हमेशा ही उसके साथ सोने का करने लगता था।
दोस्तों अब आपको उस कहानी की तरफ ले चलता हूँ, जिसके लिए आज में यहाँ पर आया हूँ। दोस्तों उस दिन में अपने घर पर बिल्कुल अकेला था, क्योंकि मेरी चचेरी बहन उस दिन सुबह से ही मेरे मामा के लड़के के ससुराल में चली गयी थी और में जैसे ही अपने ऑफिस के लिए निकल रहा था, वैसे ही उसकी एक दोस्त का फोन आया और उसने मुझसे पूछा कि भैया आपकी बहन कहाँ है, उसके बारे में मुझसे पूछा और उसने मुझसे कहा कि मेरी शादी होने वाली है, इसलिए हम दोनों शॉपिंग के लिए जाना चाहते है। फिर मैंने कहा कि हाँ ठीक है, तुम यहाँ आ जाओ। दोस्तों में बहुत अच्छी तरह से जानता था कि मेरी बहन उस दिन शाम से पहले नहीं आने वाली है और यह उसकी दोस्त सुमन की चुदाई करने का बहुत अच्छा मौका है। मैंने उससे बोल दिया कि नहीं मेरी बहन अभी नहीं है, लेकिन हाँ वो पाँच मिनट में आ जाएगी। फिर वो मुझसे बोली कि हाँ ठीक है, में भी बस दस मिनट में वहां पर आ रही हूँ और में अब बहुत खुश होकर उसके आने की तैयारी करने लगा और दोस्तों में उस दिन यह मौका बिना उसकी चुदाई किए नहीं छोड़ना नहीं चाहता था। मैंने अपने मन में पूरी तरह से ठान लिया था कि मुझे आज कैसे भी करके उसकी चुदाई करनी है और में उसके बारे में विचार बनाता रहा। फिर मैंने दस मिनट के अंदर ही अपनी सभी तैयारी पूरी कर ली और कुछ देर के बाद जैसे ही नीचे गया। तब मैंने देखा कि वो उस समय रिक्शे से नीचे उतर रही थी। मैंने उसको ऊपर चलने के लिए कहा तो उसने मेरी बहन के बारे में पूछा। फिर मैंने उसको बताया कि में उसको बुलाने ही जा रहा हूँ और मैंने देखा कि वो अब ऊपर चली गयी थी और अब में नीचे की सीड़ियों का दरवाजा बंद करके ऊपर आ गया। फिर में जब रूम में आया तो मैंने देखा कि वो उस रूम में कुर्सी पर बैठी हुई थी। फिर मैंने उसको पानी पिलाया तो वो कंप्यूटर को चालू करके उसमें गेम खेलने लगी और कुछ देर उससे हंसी मजाक करने के बाद जब मेरे सब्र का बाँध टूट गया तो में उठकर रसोई में चला गया और वहां से आने के बाद में उसके पीछे जाकर उसको अपनी बाहों में भरते हुए में उसके दोनों बूब्स को दबाने लगा। तभी अचानक से बदले मेरे इस प्रकार के व्यहवार से वो डरकर एकदम से घबरा गई और उसी समय वो अपनी धीमी आवाज में डरी सहमी हुई सी मुझसे बोली कि भैया आप यह क्या कर रहे हो? और वो तुरंत उठकर खड़ी हो गई। तब मैंने उसको बता दिया कि मेरी बहन इस समय मेरे भाई के पास गयी है और वो अब शाम तक ही वापस आएगी और अब मैंने उसको इतना कहकर उसे अपने पास सटा लिया और में उसके दोनों बूब्स को दबाने लगा और उसी समय में उससे बोला कि देखो सुमन मैंने जब से तुमको पहली बार देखा है, तभी से मेरा मन तुमसे सेक्स करने के लिए बहुत बेचैन रहता था। मैंने बहुत बार तुमको यह बात बताने के बारे में सोचा, लेकिन बता ना सका और आज मेरे पास एक बहुत अच्छा मौका था, तो में इसको अपने हाथ से कैसे जाने देता? तभी कुछ देर के बाद वो ना ना करने लगी और उसने कहा कि मेरी बहुत जल्दी शादी भी होने वाली है।

फिर में उससे बोला तो क्या हुआ तुम्हें मेरे साथ आज बड़ा मज़ा आएगा, क्योंकि आज तुम्हारी मेरे साथ सुहागरात होने वाली है और उसमें में आज तुम्हारा नकली पति बनकर वो मज़े तुम्हें दे देता हूँ। अब भी वो मुझसे ना ना बोलती रही, लेकिन थोड़ी देर के बाद अब उसने मेरा विरोध करना बंद कर दिया और मैंने उससे बेड पर चलने के लिए बोला तो वो बेड के पास चली गयी। अब मैंने तुरंत उसकी जींस के बटन को खोलते हुए उसकी चैन को खोल दिया और पेंट को नीचे गिरा दिया। मैंने उसको वो पेंट उसके पैरों से बाहर निकालने के लिए बोला और उसने अपनी पेंट को अपने पैरों से अलग कर दिया। अब मैंने उसे अपनी पकड़ से कमजोर कर दिया और मैंने उसको बेड पर लेटने के लिए बोला। फिर वो बेड पर लेट गयी। उसके बाद मैंने उसके टॉप को खोल दिया और उस समय मैंने देखा कि उसने काले रंग की ब्रा पहनी हुई थी और उसी समय मैंने उससे बोला कि काले रंग का अंडरगारमेंट्स तुम्हारे इस गोरे सेक्सी बदन पर बहुत सूट करता है, वो मेरी उस बात को सुनकर मुस्कुराने लगी। अब मैंने अपने एक हाथ को उसकी पेंटी के ऊपर रखा, तो वो आआहहह्ह्ह उफ्फ्फफ्फ्फ़ करके अंगड़ाई लेने लगी। फिर मैंने अब अपने दोनों हाथों से उसकी पेंटी को एक ही झटके में खींचकर घुटनों तक पहुंचा दिया और जैसे ही मेरी नज़र उसकी खुली तो कामुक चूत पर गई तो मेरे लंड को बर्दाश्त करना बहुत मुश्किल हो गया। फिर तो जैसे बाहर आने के लिए बेचैन हो गया। अब मैंने अपने हाथ को उसकी चूत के ऊपर फेरते हुए उसको हल्का सा दबाते सहलाते हुए महसूस किया कि वो बहुत गरम सख्त थी और उसने अपनी दोनों आखें बंद करके वो चुपचाप लेटी रही। अब मैंने अब ज्यादा देरी करना बिल्कुल भी उचित नहीं समझा और मैंने झट से अपने लंड को टावल से बाहर निकाल दिया। फिर जैसे ही मेरे लंड ने अपने अगले हिस्से को बाहर निकाला तो उसने अपनी आखें खोलकर मेरे लंड को घूर घूरकर देखने लगी और मैंने देखा कि वो बहुत ध्यान से देख रही थी। अब में उठकर पास की टेबल पर पड़े हुए तेल के डब्बे को लेकर अपने बेड के पास रख दिया और में उसकी जाँघ पर बैठ गया। मैंने अब उसकी चूत को फैलाते हुए मैंने तेल के डब्बे से तेल को निकालकर उसकी चूत की दोनों पंखुड़ियों पर लगाया। अब मैंने देखा कि मेरे लंड के मुहं पर पानी आ गया था। मैंने उसको लंड के अगले हिस्से पर मल दिया। अब मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर सटाते हुए उसको चूत को फैलाने के लिए बोला और तभी उसने अपने दोनों हाथों से अपनी चूत को फैला दिया। फिर मैंने जैसे ही उसकी चूत को फैलाते हुए देखा तो उसी समय मैंने अपने लंड का उसकी चूत पर एक ज़ोर का झटका दे मारा, जिसकी वजह से वो ज़ोर से आह्ह्ह्हह उुउह्ह्ह्ह करके सिहर उठी और उसी समय मैंने अपनी कमर को तुरंत रोक लिया। अब उसने बोला कि आईईईइ स्सीईईईईई माँ में मर जाउंगी प्लीज अब तुम इसको बाहर निकाल दीजिए। तब मैंने उससे पूछा कि क्यों? तब वो बोली कि मुझे बहुत दर्द हो रहा है। फिर मैंने इससे पहले कभी भी सेक्स नहीं किया है, में मर ही जाउंगी। फिर मैंने उससे बोला कि हाँ तभी तुमको पता नहीं है कि इस काम में कितना अच्छा लगता है और कितना मज़ा आता है? और अब मैंने उसकी ब्रा को खोलने के लिए उसको अपनी पीठ को थोड़ा ऊपर उठाने के लिए कहा और तब उसने अपनी पीठ को ऊपर उठा लिया।
फिर मैंने उसकी ब्रा के हुक को खोलकर उसके बदन से अलग कर दिया और जैसे ही मेरी नज़र उसके नंगे बूब्स के ऊपर पड़ी तो उस वजह से मेरे तो लंड के आकार में जैसे जोश ही भर गया और उसी समय मैंने उसके दोनों बूब्स पर हल्का हल्का सा तेल लगाया और अपनी दोनों हथेलियों से उन दोनों को मसलना शुरू कर दिया और कुछ देर तक में उनको लगातार मज़े से मसलता रहा और ऐसा करना मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और उसके बाद जब मैंने देखा कि अब उसकी पकड़ मेरी कमर पर ढीली पड़ने लगी है। मैंने फिर से अपनी कमर को हिलाना शुरू कर दिया और अपनी कमर को हिलाकर धक्के देने के साथ साथ मैंने अब उसके दोनों बूब्स के निप्पल को जो कि बिल्कुल ही तने हुए थे, में उनको भी मसलने के साथ ही अपनी कमर को भी हिला रहा था और उसके चेहरे की तरफ भी देख रहा था। वो आह्ह्ह्ह वउुउह्ह्ह्ह आईईईईईईईई और नहीं आज के लिए बहुत है स्सीईईईइ करके सिसकियाँ ले रही थी। दोस्तों ये कहानी आप SexStorian.com पर पड़ रहे है।
⚪ आंटी ने अपनी दुकान में गांड
⚪ Didi Ki Choot Aur Gand
अब मैंने उससे पूछा क्या अब भी तुम्हें इतना दर्द हो रहा है? तब वो मुझसे बोली कि हाँ में इस दर्द को ज्यादा देर सहन नहीं कर सकती उफ्फ्फ्फ़ प्लीज अब तुम इसको बाहर निकालो, वरना में मर जाउंगी। फिर जब मैंने उसकी बात को सुनकर भी धक्का दिया तो मेरा लंड कुछ और अंदर चला गया और में उसके धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा, लेकिन मैंने कुछ देर धक्के देने के बाद अपने लंड के रास्ते में कुछ अड़चन को महसूस किया तो में समझ गया कि यह उसकी चूत की सील थी और उसी समय मैंने अपनी कमर को थोड़ा सा ऊपर उठाया और उसकी कमर को दोनों हाथों से पकड़कर ज़ोर से एक झटका मार दिया और मेरे इस झटके से वो ज़ोर से आईईईईईईईई आआहह्ह्ह प्लीज उफ्फ्फफ्फ्फ़ निकाल दो नहीं ऊऊईईईईईईईईईईई करके चिल्ला पड़ी। फिर मैंने अपने लंड को थोड़ा सा बाहर निकाल लिया और उसके दोनों बूब्स को मैंने एक बार फिर से मसलना शुरू कर दिया। फिर कुछ देर के बाद मैंने अपनी कमर को ज़ोर ज़ोर से हिलाना शुरू कर दिया और उसके मुहं से आहह्ह्ह्ह ऊऊऊओह्ह्ह्ह की आवाज़ निकालने लगी। फिर जब मैंने देखा कि उसकी यह आवाज रुकने वाली नहीं है, तब उसी समय मैंने अपने होंठो से उसके होंठो को कस लिया और में ज़ोर ज़ोर से झटके मारने लगा, जिसकी वजह से वो बड़ी ज़ोर से हिल रही थी और उसके दोनों बूब्स भी मुझे हिलते हुए बहुत आकर्षक नजर आ रहे थे। फिर कुछ देर उन धक्कों का मज़ा लेकर उसने अपने होंठो को आज़ाद करते हुए मुझसे पूछा कि भैया अभी और कितना बाहर है? तब मैंने उससे बोला कि बस थोड़ा ही है, क्या में पूरा का पूरा डाल दूँ? तो उसने हाँ में अपने सर को हिला दिया और उसकी तरफ से हाँ को देखकर मैंने तुरंत अपनी कमर को एक ज़ोर के झटके के साथ अपने लंड को पूरा उसकी कामुक चूत के अंदर डाल दिया और में उसको लगातार धक्के मारकर चोदने लगा और कुछ देर तक ज़ोर के झटके मारने के बाद मैंने जब महसूस किया कि अब मेरा वीर्य उसकी चूत में जाने वाला है तो मैंने एक तरफ से उसके बूब्स को ज़ोर से मसलना शुरू किया, तो दूसरी तरफ उसके होंठो को भी चूसना शुरू कर दिया और अब वो भी मेरे सुर के साथ अपनी ताल मिलाने लगी थी, उसने भी अब मेरे हर एक धक्के का जवाब अपनी कमर को उठाकर हल्के हल्के धक्के देकर मेरे साथ मज़ा लेना शुरू कर दिया था। फिर मैंने उससे पूछा क्यों अब तुम्हें मज़ा आ रहा है या नहीं? तब उसने बिना कुछ कहे हाँ में अपना सर हिला दिया। फिर कुछ देर के बाद मेरा वीर्य लंड से बाहर निकलकर उसकी गीली चूत को चिकना करने लगा, जिसकी वजह से मेरा लंड अब बहुत आसानी से उसकी चूत में अंदर बाहर हो रहा था।
फिर वो अब मुझे अपनी बाहों भरकर मुझसे कहने लगी, आईईईईईई उूउउहह तुम बहुत अच्छे हो, में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ और यह बात कहकर वो अपने दोनों हाथों को मेरी पीठ पर रगड़ते हुए पूरी तरह से मेरे आगोश में आ गयी और में भी अब बिल्कुल निढाल होकर उसके ऊपर पड़ा रहा और कुछ देर तक एक दूसरे से चिपककर हम दोनों वैसे ही पड़े रहे। उसके बाद मैंने उठकर अपने लंड को उसकी चूत से बाहर निकालकर देखा तो उसमें खून लगा हुआ था और फिर मैंने उसकी चूत को देखा तो वो बहुत फूल चुकी थी, तब भी वो चुपचाप कुछ देर तक वैसे ही लेटी रही और उसके बाद वो उठकर अपने कपड़ो को अपने साथ में लेकर पहनने के लिए बाथरूम में चली गई और वहां पर कपड़े पहनकर पेशाब करने के बाद वो जब बाहर आई तो मुस्कुराते हुए मुझसे वो बाहर रोड़ तक छोड़ने के लिए कहने लगी। फिर में उसके साथ बाहर रोड़ तक चला गया और रास्ते में चलते समय मैंने उससे पूछा कि उसको मेरे साथ कैसा लगा? तब वो मुझसे कहने लगी कि उसको वो सब बहुत अच्छा लगा और बड़ा मज़ा आया। मैंने तो कभी सोचा भी नहीं था कि इस काम में इतना मज़ा भी आता है। फिर मैंने उसको एक ऑटो को रुकवाकर उसमें बैठा दिया और उसके बाद में उससे बाय कहकर अपने घर पर वापस आ गया। दोस्तों उसकी तरह में भी बहुत खुश था, क्योंकि आज मेरा वो सपना जिसको में बहुत दिनों से देख रहा था, वो पूरा हो चुका था ।।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

|