दोस्ती में कर ली बीबियों की अदला बदली,, हेल्लो दोस्तों मेरा नाम अली है। मेरी उम्र 28 साल की है। देखने में मै बहोत ही गोरा हूँ। मेरे को लड़कियों की टाइट चूत बहोत ही पसन्द है। मैं जब भी किसी लड़की को देखता हूँ तो मेरी साँसे अटक जाती हैं। ऐसा ही कुछ हुआ मेरे साथ जब मैंने अपने दोस्त की बीबी को देखा था। मेरा एक दोस्त है जिसका नाम अब्बास है। निकाह (शादी) के वक्त मैंने उसकी बीबी रुख्सार को देखा था। मेरे को वो बहोत ही लाजबाब माल लग रही थी। उसके हनीमून वाले दिन तो मैंने कई बार रात में मुठ मारी। अपनी बीबी की उस दिन खूब जोरदार चुदाई की। मेरे दिल और दिमाग में उसकी बीबी रुख्सार छाई हुई थी। उसकी चूत के दर्शन के सपने मेरे को दिन में ही दिखाई दे रहे थे। जबसे मैंने उसके सॉलिड बूब्स को देखा था, मै उसकी बीबी के साथ एक रात गुजारना चाहता था। मै और अब्बास बचपन के दोस्त थे। मेरी शादी उससे पहले हो गयी थी। हम दोनों ने वादा किया था की हम लोग अपनी अपनी बीबियों को बदल कर चुदाई करेंगे। हम दोनो अब शादीसुदा हो चुके थे। मैंने एक दिन इस बात को अब्बास से छेड़ दी। अब्बास ने भी हाँ में हाँ मिलाई।
हम दोनों ने एक रात के लिए अपनी अपनी बीबियों को बदलकर सेक्स करने का फैसला किया। लेकिन उससे पहले अब्बास को अपनी बीबी को मनाने का समय चाहिये था। मेरी बीबी तो सीधी साधी थी। जो मैं कहता था वो मान जाती थी। किसी तरह से अब्बास ने मना ही लिया। अब्बास ने मेरे को आकर सारी बात बता डाली। हम दोनों ने कही पिकनिक पर जाकर सम्भोग करने का प्लान बनाया। कुछ दिन बाद हमने नैनीताल जाने का प्लान बनाया। अब्बास अपनी बीबी को लेकर सुबह सुबह के समय मेरे को स्टेशन पर मिला। अब्बास ने हम सबके लिए शीट रिज़र्व करा रखी थी। पूरा दिन हम लोग ट्रेन में बैठकर खूब ढेर सारी बाते किये। शाम को हम लोग नैनीताल पहुच गए। मेरे यहाँ का एक लड़का नैनीताल में होटल में काम करता था। उसने पहले से ही हम लोगो के लिए कमरा बुक करवा लिया था। अब्बास की बीबी को देखकर मेरा लंड खड़ा हो रहा था। अब्बास की बीबी
रुख्सार की दोनों दूध उभरे हुए दिख रहे थे। लाल रंग की सलवार शूट में तो वो कुछ ज्यादा ही हॉट लग रही थी। मेरी बीबी भी कुछ कम नहीं थी। वो भी बड़ी लाजबाब लग रही थी।
हम दोनों एक दूसरे की बीबियों को ताड़ने में व्यस्त थे। हम रात का खाना खाने के बाद रूम में चले गए। हमारी बीबियों को पता था कि आज उनकी चुदाई अलग अलग मर्दों से होने वाली है। वो दोनों भी खुश थी। शायद वो भी मेरे और अब्बास की तरह एक ही लंड से चुदवाकर परेशान हो चुकी थी। रात का वो हसीन पल आ ही गया जब मेरे को एक नयी चूत का दर्शन होने वाला था। हम लोग एक ही रूम में एक साथ चुदाई करने के लिए ठहरे हुए थे। रात के लगभग 11 बज गए थे। हम लोगों का चुदाई का मौसम बन रहा था। पहली पहल मेरे तरफ से ही हो गयी। मैंने बातो ही बातो में अब्बास की बीबी को अपनी बाहों में भरकर प्यार करने लगा। अब्बास से भी रहा नहीं गया।
उसने तुरंत ही मेरी बीबी को जकड़ लिया। एक दूसरे को अपनी बीबियों के साथ कुछ होता देखकर जलन सी हो रही थी। उसकी बीबी को छूते ही उसके अंदर करेंट दौड़ने लगती थी। अब्बास मेरी बीबी पर अपनी मोहब्बत दिखाने लगा। मैंने अब्बास की बीबी के बदन पर हाथ घुमाना शुरू किया। वो धीरे धीरे अपना कंट्रोल खोने लगी। अब्बास भी मेरी बीबी को गर्म करने लगा। वो मेरी बीबी के बदन को मसल रहा था। मै भी उसकी बीबी की जवानी के मजे लूटने लगा। अब्बास की बीबी गर्म होकर मेरे को कस के जकड़ने लगी। मैं उसका सिर उठाकर उसकी आँखों में आँखे डालकर देखने लगा। उसकी आँखे तो मेरी बीबी की आँखों से भी ज्यादा नशीली थी।
अब्बास की बीबी की आंखे भूरी कलर की थी। मैंने उसके बालो को पकड़ा और उसके होंठ पर अपना होंठ टिका दिया। उसकी गुलाबी होंठो को देखते ही मैंने अपना आपा खो दिया। मैने उसके गुलाबी होंठो की चुसाई शुरू कर दी। मेरे को अपनी बीबी की होंठ चूसता देख अब्बास भी मेरी बीबी को होंठ चूसने लगा। वो मेरे से दुगनी स्पीड में मेरी बीबी के होंठो को चूस रहा था। मैंने भी उसकी बीबी की होंठो को काट काट कर चूसना शुरू कर दिया। उसकी बीबी की तो जान निकलने लगी। उसकी साँसे फूल रही थी जोरदार का किस अपना रंग दिखाने लगा। उसके गाल लाल लाल हो गया। ऐसा लगता था कि वो ब्लश करके आयी हो। मेरे को देखकर अब्बास भी मेरी बीबी की सिसकारियां निकलवा रहा था। उसने मेरी बीबी की होंठो को चूस चूस कर लाल से गुलाबी कर दिया। हम दोनों एक दूसरे को देखकर ही कुछ कर रहे थे।
मैं अब्बास की बीबी के दूध को दबाने लगा। समीज में ही उसके मम्मो को दबाने में मेरे को मजा आ रहा था। अब्बास मेरी बीबी के कपडे उतार रहा था। मैंने भी उसकी बीबी की समीज को ऊपर उठाकर निकाल दिया। हम लोगो की बीबियां ब्रा में अपने दूध को पैक किये थी। हम दोनों एक साथ एक दूसरे की बीबियों की ब्रा को निकाल कर दूध पीना चाहते थे। मैं अब्बास की बीबी के मम्मो को पकड़ कर दबाने लगा। उसके सॉफ्ट सॉफ्ट चुच्चो को दबाने में मेरे को बहोत ही मजा आ रहा था। मैंने अपना मुह उसके गोरे गोरे दूध के काले काले निप्पलों पर लगाकर पीना शुरू कर दिया। मै दांतो को उसके निप्पल में गड़ा कर पी रहा था।
वो सिसक सिसक कर “……अई… अई …. अई ……अई ….इसस्स्स्स् …….उहह्ह्ह्ह …..ओ ह्ह्ह्हह्ह….” की आवाज निकाल रही थी। मेरा लंड खड़ा होने लगा। उधर अब्बास मेरी बीबी का काम लगाए हुए था। वो मेरी बीबी के मम्मो को मसल कर पी रहा था। जल्दी से मेरी बीबी के दूध को पीकर मेरी बीबी की सिसकारी निकलवा रहा था। मेरी बीबी भी खूब गर्म हो चुकी थी। अब्बास की बीबी की तो बात ही अलग थी। वो गर्म होकर अपने होंठो को काट रही थी। मैंने अपने पैजामे का नाडा खोला और अपना लंड उसके हाथों में दे दिया। वो मेरे लंड को सहलाकर मजे लूट रही थी। मेरा लंड भी धीरे धीरे बड़ा होने लगा।
वो मेरे लंड को अपने जीभ से चाट चाट कर मसाज दे रही थी। मेरा लंड खम्भे जैसा टाइट होकर खड़ा होने लगा। मेरे को उसकी चूत देखने का मन करने लगा। अब्बास मेरी बीबी के मुह में ही अपना लंड घुसाकर जोर जोर से उसके मुह में पेल रहा था। मेरे को डर था कि कही मेरी बीबी का मुह ना फाड़ डाले। मेरे को अपनी बीबी की ऐसी दशा देखकर मैंने भी उसकी बीबी के छेड़छाड़ शुरू कर दी। मैंने उसकी सलवार का नाडा खोलकर सलवार को नीचे सरका दिया। वो मेरे सामने सिर्फ पैंटी में ही हो गयी। मेरा लंड तो उसके इस रूप को देखकर अकड़ता ही जा रहा था। उसकी पैंटी पर अपना हाथ फेरने लगा। वो मदहोश सी होने लगीं। मैंने पैंटी के ऊपर से ही अपनी अंगुली उसकी चूत में घुसानी शुरू कर दी। उसकी चूत बहोत ही नाजुक लग रही थी। मैंने उसकी पैंटी को निकाल कर उसे नंगा कर दिया।
उसकी टांगो को फैलाकर चूत के दर्शन किया। उसकी चिकनी चूत का दर्शन करते ही मेरे मुह में पानी आ गया। मैंने अपना मुह उसकी चूत में लगा दिया। उसकी चूत बड़ी रसीली लग रही थी। उसकी रसीली चूत को चाटने में मेरे को बहोत मजा आ रहा था। मै कुत्ते की तरह उसकी चूत को जीभ निकाल निकाल कर चाट रहा था। मेरी खुरदुरी जीभ उसकी चूत पर रगड़कर उसे गर्म कर रही थी। अब्बास की बीबी जोर जोर से “..अहहह्ह्ह् हह स्सीईईईइ….अअअअअ….आहा …हा हा हा” की आवाज निकाल रही थी। बेड के दूसरे साइड में अब्बास मेरी बीबी का काम लगाये हुए था। वो तो मेरे से भी ज्यादा उत्तेजित हो गया।
उसने मेरी बीबी की चूत में अपना छोटा सा लंड घुसा रखा था। वो मेरी बीबी की जोर से चुदाई करके उसकी चीखे निकलवा रहा था। मेरी बीबी भी गांड उठा उठा कर चुदवा रही थी। मैंने भी अपना खेल आगे बढ़ाया। अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ कर उसे बहोत ही उत्तेजित कर दिया। अब वो मेरा लंड खाने को बेकरार थी। मैंने अपना लंड उसकी चूत में ऊपर नीचे रगड़कर छेद पर लगा दिया। उसके छेद पर अपना लंड अटकाते ही मैंने धक्का मार कर अपना लंड उसकी चूत में घुसा दिया। मेरे मोटे लंड का टोपा घुसते ही वो जोर से “ओहह्ह्ह…ओह्ह्ह्ह…अह्हह्हह…अई.. अई. .अई… उ उ उ उ उ…” की चीखे निकालने लगी। मैंने धक्के पर धक्का मार कर अपना पूरा लंड उसकी चूत में घुसा दिया। उसकी चूत में पूरा लंड घुसते ही मैंने भी चुदाई करनी शुरू कर दी।
मैं अपना पूरा लंड अंदर बाहर करके उसे मजे देने लगा। मेरे लंड को खाकर बहोत ही खुश लग रही थी। उसकी आवाजो को सुनकर मै बहोत ही जोर जोर से चोद रहा था। अपनी बीबी की चीखों को सुनकर अब्बास भी मेरी बीबी की चूत फाड़नी शुरू कर दी। वो भी मेरी बीबी को जल्दी जल्दी से चोद कर उसकी चीखें निकलवा रहा था। अब्बास की बीबी का बदन मेरी बीबी से काफी ज्यादा चिकना था। उसके बदन को खाने का मन कर रहा था। लेकिन वो तो चुदवाने में ही मस्त थी। मेरा लंड वो अपनी गांड उठाकर खा रही थी। मेरे को उसकी टाइट चूत चोदने में बहोत मजा आ रहा था।
अब्बास भी मेरी बीबी की ढीली चूत को चोद कर किसी तरह से चुदाई कर रहा था। उसका लंड मेरे से 2 इंच छोटा ही रहा होगा। मेरी बीबी खुद ही उसके लंड पर बैठी चुदा रही थी। संभोग का ये नजारा देखने में बहोत ही आकर्षक लग लग रहा था। मैंने भी अपना पोजीशन बदला और अब्बास की बीबी को कुतिया बना दिया। मेरा कद काफी ऊंचा था। उसको बिस्तर पर कुतिया बनाने के बाद मेरा लंड उसकी चूत के ठीक सामने था। मैं अपना लंड उसकी चूत में घुसाकर जोर जोर से चुदाई करने लगा। मेरे लंड की जोरदार रगड़ से वो बहोत तेज तेज से अपनी जोशीली “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अ ई…..” की आवाज निकाल रही थी। हम दोनों की एक दूसरे की बीबियों को चोदने का सपना आज पूरा हो गया था। आज दोनों की बीबियों को नया नया लंड मिल गया था। हम दोनों की बीबी गपा गपा लंड अपनी चूत में खा रही थी।
मेरी बिबी को अब्बास ने जल्दी जल्दी से चोद कर उसकी चूत से जूस निकाल दिया। चूत से निकला जूस अब्बास रसमलाई की तरह चाट रहा था। दोनों का जोश ठंडा हो गया। वो एक दूसरे से चिपक कर बैठ कर हम दोनो के चुदाई वाले कार्यक्रम को देख रहे थे। मैंने अब्बास की बीबी के कमर पकड़ कर जबरदस्त चुदाई करनी आरम्भ कर दी। उसकी चूत में अपना लंड जड़ तक पेलकर सम्भोग कर रहा था। मेरे लंड की दोनों गोलियां उसकी चूत के नीचे लटक कर झूल रही थी। अब्बास अपनी बीबी को चुदता हुआ देख रहा था। मैंने भी चोदने की स्पीड बढ़ा दी। मेरा लंड उसकी चूत से रगड़कर उसका रस निकाल दिया। वो खूब तेज तेज से “जनाब और तेज चोदो! फाड़ दो मेरी चूत” बोल बोल कर शांत हो गयी।
उसकी मुह “हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ….ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी सी… हा हा हा.. ओ हो हो….” की आवाज के साथ चूत से ढेर सारा माल निकलने लगा। उसी माल में मैंने भी जोर की चुदाई जारी रखी। कुछ ही देर में मेरा लंड भी उसकी चूत में स्खलित हो गया। मेरे लंड से निकले माल और उसकी चूत से निकले माल का मिक्सचर झरने की तरह चूत से बाहर बहने लगा। उसने अपना हाथ लगाकर सारा माल हाथो में लेकर पी गयी। उस रात कई बार हमने अपनी बीबियों को बदल बदल कर चुदाई की। आज भी हम लोग अपनी बीबियों की चूत से बोर होकर एक दूसरे की बीबी को चोद लेते है।