हेलो दोस्तों मैं प्रिया मेरी उम्र १९ साल है. में अभी कॉलेज में आई हूं. में एक सायंस कोलेज में बायोलोजी की स्टूडेंट हूं. में पढ़ाई में काफी होशियार हु. मेरी फैमिली में मेरे पापा राजेश जिनकी उम्र ४५ साल, मम्मी रचना उम्र ४२ साल मेरा छोटा भाई दीपू उम्र १३ साल और मेरे दादाजी उम्र ६८ साल के हैं.
अब मैं स्टोरी पर आती हूं जब मैं कॉलेज में आई तो मेरे सब फ्रेंड्स कार, बाइक और स्कूटी से आते थे बस में एक ही थी जो बस यूज करती थी, मुझे यह सब देख कर बड़ा खराब लगता था. तो मेने एक दिन अच्छा मौका देखा और मैंने पापा को बोला पापा मुझे स्कूटी दिला दो कोलेज जाने के लिए, तो उन्होंने मना कर दिया, मुझे बड़ा बुरा लगा. मैं हमेशा सोचती थी कि मैं मिडिल क्लास घर में क्यों पैदा हुई? मेरे पापा मुझे एक स्कूटी भी नहीं दिलवा सकते हे. में तो पढाई में भी अच्छी हु फिर भी मुझे कोलेज में बस के धक्के खाकर जाना पड़ता हे.
मेरे पापा एक प्रायवेट कंपनी में अकाउंटेंट है और मेरे दादा जी सरकारी नोकरी से रिटायर्ड थे. मेरे दादा जी के पास काफी पैसा था क्योंकि वह एक सरकारी नोकर थे. और आप लोगो को तो पता ही है की सरकारी नोकर कोई भी काम बिना रिश्वत के करते नहीं हे. तो इस तरह से उन्होंने भी बहोत पैसा इकठ्ठा कर रखा था. कितना था किसी को पता नहीं था. सब को इतना पता था की दादी की गोल्ड ज्वेलरी और एक अलग मकान भी था. पर एक रुपया भी निकालते नहीं थे, बड़े कंजूस टाइप के थे.
मेरे घर में दादू का पूरा ध्यान में ही रखती थी. वह मुझे बहोत प्यार करते थे और में उनकी लाडली बिटिया थी. एक दिन मैंने सोचा चलो दादू की अलमारी सही कर दूं तो, मैं उनके कमरे में गई अलमारी अरेंज करने लगी. तभी मेरे हाथ में कुछ बुक्स आई तो क्या देखा? वह सेक्स स्टोरीज की बुक थी, लगभग ८-९ बुक्स थी.
कवर पेज पर चुदाई के पोज, चुचे दिखाते हुए लड़कियां, औरतें सब नंगा था.
मैं हैरान हो गई देखकर की दादू यह पढ़ते हैं. मैंने फटाफट उनका रिव्यू लिया तो वह अधिकतर मॉम सन, बहु ससुर, दादी पोता मतलब अधिकतर फैमिली मेंबर से सेक्स की स्टोरी थी.
मैंने सोचा बुड्ढा कितना हरामी है साला ख्यालों में सब को चोदता है.
फिर मैंने सब वैसे ही रखा और चली गई, और सोचा दादू पर निगाह रखूंगी क्या करते हैं? रात को खाना खा कर सब अपने रूम में गए मेरे रूम में गई और कुछ देर बाद बाहर आई और दादू के कमरे के बाहर गई और उनकी विंडों पर खड़ी हो गई.
दादू बेड पर लेटे हुए थे कुछ देर बाद उठे और अलमारी की तरफ गए और अलमारी खोल कर वही बुक्स निकाली और उन्हें लेकर बेड पर आए और अपनी शर्ट उतारी बनियान और पजामा उतारा अंडरवियर में बेड पर लेटे और उनमें से एक किताब निकाली और पढ़ने लगे, और फिर अंडर वियर भी नीचे सरका के उतार दिया, उनका लंड मुरझाया हुआ था एकदम.
फिर वह लंड हिलाने लगे धीरे धीरे उनका लंड खड़ा होने लगा और वह मुठ मारने लग गए और उनके लंड में कड़कपन भी नहीं था, वह मुठ मारे जा रहे थे २० मिनट में जाकर उनके लंड से पिचकारी निकली.
मैं भी गर्म हो गई थी. मैं अपने कमरे में गई और नंगी होकर चूत में उंगली की, तभी मुझे एक आईडिया आया कि अगर मैं दादू की इच्छा पूरी कर दू चूत का जुगाड़ करके तो वह भी मेरी पैसों की किल्लत दूर कर देंगे, तभी मैंने एक प्लान बनाया.
अगले दिन जब सब खाना खा चुके थे तब में दादू के कमरे में गई और बाथरूम में घुस गई. मेरा यह प्लान इस बात पर डिपेंड था की दादू कमरे में आकर वॉशरूम में ना आते. और हुआ भी ऐसा, दादू पिछले दिन की तरह आए और नंगे होके लेटे और मुठ मारने लगे अहह ओह्ह हहह ओह्ह हहह उम्म्म अहह ओह्ह कर रहे थे, बस यही वक्त था मैंने बाथरूम खोला और बाहर आई अनजान बनते हुए और एकदम चिल्लाई दादू.
यह क्या? दादू एकदम हैरान थे क्योंकि वह पोती के सामने नंगे वह भी मुठ मारते हुए, उन्होंने तकिया उठाकर अपने लंड को छुपाया और बोले तू यहां क्या कर रही है? मैंने कहा मेरे वॉशरूम का फ़्लैश खराब है तो यहां आ गई थी, पर आप क्या कर रहे थे?
और उनके पास वह बुक्स थी वह उठाई और बोली हे राम दादू चुदाई कहानियां पढ़ते हो, दादू हैरान से थे यह सब से. वह बोले बेटा प्लीज किसी को कहना नहीं, तू बता कोई नहीं है मेरे साथ, अकेला हूं, मैं तो खुद को सैटिस्फाई करने को क्या करूं?
मैंने उन पर तरस खाने का ड्रामा किया और उनका हाथ पकड़ कर बोला आप सही कहते हो आपको भी पूरा हक है इंजॉयमेंट का. पर दादू आप किसी लेडी के साथ कर लो. अब वह भी कंफर्टेबल हुए और बोले बेटे इस उम्र में नहीं मिलती पैसे देकर भी.
तभी मैं बोली दादू आप परेशान मत हो, मैं हूं ना. और यह कहते हुए तकिया लंड से हटा दिया. वह हैरानी से मुझे देखने लगे, और मैंने उन के मुरझाए हुए लंड को हाथ में लिया उनका मुंह एकदम खुल गया और मैं उनका लंड सहलाने लगी. तो वह एक्साइट हो रहे थे क्योंकि लंड हल्का हल्का कड़क होने लगा था. इंडियन सेक्स कहानी डॉटकॉम
तभी उन्होंने मेरा चुचा मेरी टॉप के ऊपर से पकड़ा तो मैंने उनकी तरफ देखा और स्माइल दी. उन को ग्रीन सिग्नल मिल गया.
मैं भी फॉर्म में आ गई. मुझे पता था बुड्ढा चोदेगा तभी जब इसका खड़ा होगा तो चूत चुदानी है तो लंड खड़ा करवाना होगा.
मैं खड़ी हुई और अपनी टॉप उतार दी, मैं वाइट ब्रा में थी बुड्ढा हैरान होकर घूरने लगा और बोला इधर आओ और चुचे ब्रा के ऊपर से दबाने लगा. धीरे से बोला ब्रा उतार. में हंस पड़ी और ब्रा का हुक खोला था तो बुढ्ढा पगला गया चुचे देख कर. मैं उसके आगे बैठी और चुचे उसके मुह के आगे किये. मेरे मोटे चुचे देख कर वो चूसने लगा और दबाने लगा आ गया और निपल को चूसने लगा.
दादू बोली मेरी जान तुझे नहीं पता तूने मुझे क्या खुशी दी है? तू मेरी जान भी मांगे तो दे दूंगा.
मैंने उन्हें बेड के आगे खड़ा किया और खुद बेड पर बैठ गई और बोल लौड़ा चूसने लगी. दादू तो कांप गए और लंड खड़ा होने लगा. वह अपनी कमर और गांड हीला के मुंह में धक्के मारने लगे.
दादू का लंड खड़ा हो चुका था और मैं हैरान थी लंड का साइज ७ इंच था. वह लंड मेरे गले तक पेलने लगे.
फिर रुके और बोले चल अपनी चूत भी दिखा, में खड़ी हुई और अपना पजामा उतार उतारा और ब्लैक पैंटी में उनके सामने थी. मैं बेड पर लेटी और बोली चलो मेरे दादू चूत चाटो वह खुश हो गए और मेरी पैंटी उतार दी और चूत चाटने लगे, और जीभ से मेरी चूत का दाना सहलाने लगे. मुझे भी गजब का मजा आ रहा था.
वह कुत्ते की तरह चाटने लगे और मेरी गांड दबाए जा रहे थे.
मुझे इतनी मेहनत करनी पड़ी ताकि उनका लंड पूरा कड़क हो जाए और चुदने का मजा आए.
मैं उठी और उनके लंड पर निगाह डाली और लंड हाथ में पकड़ा लंड एकदम कड़क था मैंने दादू को बोला की आप लेटो में आपके ऊपर आऊंगी उन्होंने वैसे ही किया में उनके ऊपर आई और लंड चूत पर सेट किया और उपर नीचे होने लगी. लंड अंदर गया में ऊपर नीचे हुई और चुदाई स्टार्ट की. मेरे चुचे हिल रहे थे और दादू उसे दबा कर लाल कर रहे थे और अहः ओह्ह हहह ओह हहह उहू हहह उहू उहह्ह उम्म्म हहज ओह्ह कर रहे थे.
मैं जोश में आ गई और उन्हें गालियां देने लगी साले बुड्ढे, बहन के लोड़े, तेरी मां की चूत, अपनी पोती को भी नहीं छोडा, दादू बोले रंडी तू तो पोती है मैंने तो अपनी बेटी को भी नहीं छोड़ा, उसे भी पेला है जवानी में.
यह सुनकर मैं और जोर जोर से ऊपर नीचे होने लगी और मेरे मुह से भी अह्हो ह हहह ह ह्हह्ह ओह्ह हहह उमह्ह्ह आवाजे आ रही थी. वह नीचे से कमर हिला कर धक्के मार रहे थे. २० मिनट तक यही चला और फिर उन्होंने अपनी पिचकारी मारी मेरी चूत में और मैं भी झड़ गई और उन पर लेट गई.
५ मिनट बाद में उठी और उनको बोला दादू गांड मारोगे? वह बोले अरे नहीं मेरी उमर का ख्याल करो, मैं हंस पड़ी.
फिर मैं उनके साथ लेटी और बोली दादू मुझे कॉलेज जाने को वेहिकल चाहिए. वह बोले क्या चाहिए बोल जान कल ही दिलवा देता हूं, और अगले दिन वह मुझे लेकर बैंक गए, अपनि ५ लाख की एफडी ब्रेक करी और मुझे कार दिलवाई. सब हैरान की कंजूस ने पैसे कैसे दिए.
मुझे पता था जब तक बुढ्ढा चुदाई करेगा सब देगा. मैंने उसे वियाग्रा देना शुरु किया और रोज चुद्वाती हु. उन्हे स्टोरीज देती हु अब वह मेरी गांड और चूत सब मारते हैं.