माँ – बेटी को एक साथ चोदा
दोस्तो मैने अंतरवासना पर बहूत सी कहानियां पढी है जिन्हे पढ़ कर लुत्फ के साथ साथ सैक्स के बारे में बहुत सी जानकारीयां भी प्राप्त हुई है , आज मै आपके साथ खुद के साथ बीती रात को शेयर करने जा रहा हू ,
खुद बाबत बता दूं कि जालंधर निवासी हूं ओर फोटोग्राफी प्रोफैशन से हूं ,मेरी उमर इस बक्त 36 साल की है व मुझे एक बार नवांशहर में शादी की वीडीओ बनाने के लिए जाना पड़ा व फंकशन लेट होने के कारण बस सुविधा न मिलने के फलस्वरूप अपने एक जानकार दोस्त अमित के जहां पनाह ली , दोस्त किसी काम के कारणवश घर पर नही था व उसकी विधवा मां पिकीं व बहन पलक थी उनके निवास पर दो ही बैडरूम थे जिनमें सयूक्त परिवार होने के कारण उन्होने फर्श पर ही बिस्तर लगा दिया व मां बेटी भी रात्रि खाना खाने के बाद साथ में ही बिस्तर लगा लेट गई सर्दी के मौसम के कारण हम सभी सिकूडे से थे , मां पिकीं की उम्र लगभग 40 वर्ष व बेटी पलक की उम्र 18 वर्ष के लगभग थी व दोनो में भरपूर यौवन था , मेरी प्रवृति शराफत व शर्मीलेपन से भरपूर होने के कारण दोस्त की मां पिकीं ने भरपूर फायदा उठाया , व मै दिनभर काम के कारण थका होने के कारण खाना खाते ही बिस्तर पर लेट नीद॔ मे खो गया कि अचानक एक घंटे बाद अपनी पैटीं में किसी का हाथ फील करते ही नीदं उड गई व सैक्स जाग गया लेकिन मै सोने की एक्टिगं करता रहा व दोस्त की मां पिंकी की हिम्मत बढ़ती गई धीरे धीरे पिंकी मेरी रजाई में आ गई व मुझे जफ्फा डाल कर मेरी पैंटी नीचे कर लंड तक पहूंच गई लंड फरराटटे मार रहा था व वह धीरे धीरे अपना मुख नीचे ले जाकर लंड को चूसने लगी,
जिससे मेरे हाथ की अगूलियां उसकी जुल्फों को सहलाने लगी व तभी व अचानक ऊपर आकर होठों पर ताबड़तोड किस करने लगी व होठों को दातों से काट काट कर भूखी शेरनी की तरह खाने का प्रयास करने लगी रजाई में हरकत व उह आह की सैक्सी व गर्म आहों की वजह से साथ में सोई उसकी बेटी पलक भी जाग उठी जिसके बारे मे हम दोनो को जानकारी नही थी काफी देर किस करने के बाद पिंकी ने अपनी चूत मेरे मूहं पर टिका दी व मेरे होठों पर जोर जोर से रगड़ने लगी जिसके कारण मैं उसकी चूत के मोटे से दाने को दवा दवा कर चूसने लगा मेरा पुरा चेहरा उसके नमकीन व खटटे पानी से लवालव हो गया दस पंद्रह मिनट बाद वो मूहं में ही झड़ गई व मै तुरंत उपर आकर उसकी गीली चूत मे लंड डाल कर खुद को शातं करने के लिए तेज रफ्तार से धक्के देने लगा , सैक्स के खेल मे हम दोनो सबकुछ भूल गये कि पास में कोई ओर भी लेटा है व रजाई को एक तरफ करके पिकीं घोडी बन चूत मरबाने लगी कापी देर चूत मारने के बाद लंड की गीली चूत से निकाल कल पिकीं की गाडं मे दे दिया व ऐसा लगा कि पिकीं गाडं व चूत मरबाने मे पूर्ण निपूण है उसका जरा भी दरद महसूस नही हुआ व वह पूरण मजे से चुदाई करबाती रही व जब झड़ने को तैयार हुआ तो पिकी ने फटाफट लंड गाडं से निकाल कर अपनी बरा से साफ कर मूहं में ले लिया व काफी देर चूसने के बाद सारा वीर्य उसने मूहं में लेकर गटक लिया व पूर्ण वीर्य निकलने के बाद भी वो काफी देर लंड को चूसती रही, दोस्तो आम तोर पर हम लोग चरम सीमा पर पहूचंते ही वीर्य स्खलित होते ही सैक्स करना बंद कर देते है लेकिन सैक्स में सकीगं का अत्यधिक आनंद वीर्य स्खलित होने के बाद ही आता है जब एक एक बूदं टपकती है ,दोस्तो जब पिकीं लंड को सफाचट करने के बाद बाथरूम में गई तो मेरी निगाह साथ में लेटी उसकी बेटी पलक पर पड़ी , सोने का नाटक कर रही पलक की तेज सासें बता रही थी कि वो सबकूछ देख रही थी व मैने हाथ बढा कर उसके नंगे पेट को छूआ व नर्म वदन को सहलाने की कोशिश मे डट गया जब अचानक मेरा हाथ पलक के नाड़े तक पहूचां तो पलक ने हड़बडाहट मे एक झटका दिया व हाथ सीधा उसकी विना पैटी के बालो बाली चूत तक पहूचं गया , जब मैने उसकी चूत पर हाथ से सहलाया तब वो इतनी गीली ओर गर्म महसूस हूई कि वो दो झटको मे ही शातं हो जाऐगी मैने पलक को अपनी रजाई मे खीचं लिया व उसके होठो को चूमने लगा साथ साथ उसके नरम नरम छोटे छोटे बूब्स को दबाने लगा इतने मे पलक की मां आ गई ओर मै चूपचाप लेटने का ड्रामा करने लगा पर पलक की मां पिकीं समझी कि पलक अचानक सोई सोई मेरी रजाई तक पहूचं गई होगी जिस कारण वो साथ मे पडी रजाई मे लेट गई जिससे मेरी हिम्मत वढ़ गई व पलक भी अपनी मां की परवाह किए बिना मेरे पैटी में हाथ डाल कर लंड से खेलने लगी ओर मै पलक के कुवारें बूब्स को चूसने लगा उसके निप्पल अभी पूरे रूप से नही बने थे व छोटे से दाने की तरह थे जिससे पलक की सासे बहूत तेज हो गई व वो लंड को अपनी चूत मे लेने को बेताब हो गई , उसकी हरकतो के कारण लंड भी उफान पर आ गया व पलक की सलवार को निकाल साईड कर दिया व उसके ऊपर आ कर लंड को उसकी चूत के मूहं पर फिट कर दिया लंड की मोटाई ज्यादा होने के कारण उसका अंदर जाना अत्यतं मुश्किल लग रहा था पल चूत में पानी निकलने के कारण गीला पन होने से आधा लंड एक झटके में चूत मे उतर गया व पलक जोर से फट गई की आबाज से चीख उठी व लंड को बाहर निकालने को जोर लगाने लगी लेकिन मैने दबाब बनाए रक्खा इतने मे उसकी मां पिकीं ने सबकुछ देख लिया व उसे समझते देर न लगी कि पलक ने सबकुछ देखा होगा तो वह भी फटाफट पलक की चूत मे फसे आधे लंड को देख कर उसके बूब्स को सहलाने लगी व साथ साथ पलक की चूत मे फसे लंड के आस पास जीब से सहलाने लगी जिससे पलक को दरद से राहत मिली व फिर मैने थोडां सा लंड बाहर निकाल ते ही जोर से झटका दे पूरा लंड उसकी चूत मे उतार दिया जिससे पलक एक बार फिर से जोर से चीख पडी व आखों मे आसूं ले कर वेहोश सी होने लगी लेकिन मैने धीरे धीरे झटके देने जारी रकखे व पलक ने अपने दातों से मेरी वायू काट खाई कुछ देर तक दरद आनंद मे बदल गया व पलक साथ देने लगी पलक का दरद कम करने के लिए उसकी मां पिकीं ने पूर्ण सहयोगा दिया व उसको जी भर कर चुदने का मजा दिलबाया , पूर्ण खेल मे पलक की चूत ने दो बार पानी छोड़ा व मेरा लंड भी चरम सीमा पर आ गया मैने लंड को बाहर निकाल लिया ताकि पलक को कोई समस्या न हो यह सब देख कर पलक की मां ने तुरंत लडं अपने होठों मे लेकर चूसना शुरू कर दिया व पलक की चूत से लंड निकलते ही खून की धारा प्रवाहित होने लगी व वह विना साफ किए ही थककर लेटी रही व अपने मूहं मे ही पूर्ण वीर्य निकलबा कर सफाचट किया ऐसा ही खेल पूर्ण रात्रि चलता रहा व मां बेटी एक साथ चुदबाती रही , रात भर चोदने के बाद सुबह पाचं बजे उठ कर फ्रैश होकर मै जालंधर को निकल आया व उस दिन के बाद तीन चार दफा मां बेटी ने जालंधर आकर चुदबाने का मोका प्रदान किया, दोस्तो यह कहानी नहीं मेरी हकीकत है, अगर आपको पंसद आए तो जरूर मेल करें
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