यास्मिन ने बूढ़े केलेवाले का केला लिया

दोस्तों मेरा नाम जावेद अब्बास हे और मैंलखनऊ से हूँ. आज मैं आप को अपनी बहन यास्मिन और केले के ठेलेवाली की कहानी बताने के लिए आया हूँ. मेरी बहन यास्मिन मेरिड हे लेकिन उसका पति किसी और के प्यार में पड़ा हुआ हे. इसलिए मेरी ये बहन काफी समय से हमारे घर पर यानि की अपने मइके में ही रहती हे.

कुछ महीनो तक सब ठीक चल रहा था. लेकिन मेरे हरामी जीजा ने अभी तक बहन का न कोई कॉल कियाऔर ना ही वो उसे मिलने के लिए आया. मैंने अक्सर अपनी बहन को कमरे में छिप के रोते हुए देखा था. अम्मी अब्बा ने उसका तलाक करवा के किसी और से शादी करने का कहा. पर मेरी बहन ने कहा अब्बा वो भी ऐसा निकला तो? तो अम्मी ने उसे कहा, इस डर से हम तुझे अपने घर कितने दिन तक रखेंगे बेटा?

पर वो नहीं मानी. महीने भर का समय और बिता. जीजा को तलाक के लिए वकील साहब के थ्रू नोटिस भिजवा दिया गया था.

उस दिन अम्मी अब्बा मेरे चाचा के बेटे के लड़के की मुसलमानी में बनारस गए थे. यास्मिना को भी जाना था पर वो बीमार हूँ बोल के नहीं गई. मेरे कोलेज के लिए मैं भी नहीं गया.

अम्मी अब्बा के जाने के दुसरे दिन मैं कमरे में था. पेट में बहुत दर्द था इसलिए कॉलेज नहीं गया. यास्मिन आप को लगा की मैं चला गया. वो तब नहा रही थी. नहाने के बाद वो बहार आई. और फिर अपने बदन को पौंच के किचन में उसने चाय पकाई. वो चाय पी रही थी तभी बहार फ्रूट बेचनेवाले बूढ़े दया शंकर की आवाज आई. वो बूढा पिछले काफी सालों से हमारे मोहल्ले में फ्रूट बेचने आता था इसलिए सब उसे जानते थे. वो केला ले लो, केला ले लो, अमरुद खा लो की आवाज लगा रहा था. यास्मिन दीदी ने उसे बुलाया, चाचा इधर आओ. मैं कमरे में ही था और उसकी आवाज मुझे सुनाई दी.

बूढा घर के दरवाजे के पास अपनी टोकरी रख के बैठ गया.

यास्मिन आपा ने कहा, केले कैसे दिए?

शंकर अंकल: अब आप से क्या टोल मोल करना बेटा, 20 रूपये दर्जन हे, आप के लिए १५१ लगा दूंगा.

यास्मिन आपा ने टोकरी में पड़े हुए केलों को दबा के देखा और बोली: ये तो सब ढीले के ढीले हे, मुझे कडक चाहिए थे.

बूढा: पूरा लखनऊ ढीले केले मांगता हे कहते हे की कडक केले कच्चे होते हे अन्दर से.. और तुम्हें कच्चे चाहिए?

यास्मिन दीदी उसे देख के बोली: मैं कडक केले खाती हूँ.

और फिर वो जानबूझ के बूढ़े के सामने ऐसी झुकी की उसके डीप क्लीवेज को बूढ़े ने देख लिया. उसका लंड जरुर फडफडा गया होगा मेरी बहन के क्लीवेज को देख के. यास्मिन दीदी ने दो तिन केले और दबाये और बोली, बोलो कडक केला हे आप के पास?

बूढ़े ने अपनी धोती के अन्दर लंड को खुजाया और बोली, तुम्हे कैसा कच्छा केला चाहिए तो तो बताओ, पुराना होगा तो चलेगा?

यास्मिना आपा: कडक होना चाहिए कितना भी पुराना हो.

बूढ़े ने कहा, कडक तो बड़ा हे और खाने में भी एकदम मीठा हे.

मेरी बहन ने कहा, दिखाओ फिर वो वाला केला!

बूढ़े ने आँख मार के कहा, वो केला थोडा महंगा हे और एक ही हे!

ये कह के उसने फिर से धोती के अन्दर अपने लंड को हिलाया. बहन यास्मिन ने कहा, चलो अंदर ही आ जाओ अपनी टोकरी ले के.

बूढा बहन के पीछे आ गया. और जैसे ही यास्मिन ने दरवाजे को बंध किया बूढ़े ने अपनी धोती ऊपर उठा ली. उसके लंड के अंदर की अकडन एकदम आ गई थी. और रंग में वो लोडा एकदम काला था. यास्मिन जैसे ही पलटी वो लंड को देख के अपने मुहं के ऊपर हाथ रख के जैसे शर्मा ही गई!

बूढ़े ने कहा, जल्दी ले लो मेरा केला बिटिया!

यास्मिना आप सीधे अपने घुटनों के उपर आ बैठी. और उसने बूढ़े के लंड को जल्दी से अपने मुहं में भर के चुसना चालू कर दिया. वो साथ में लंड को अपने हाथ में पकड़ के उसे गोल गोल घुमाते हुए चुस्से लगा रही थी. शंकर एकदम आहत सा हो गया था मेरी बहन के इस सेक्सी अंदाज को देख के. वो यास्मिन आप के माथे को पकड के अपने लंड पर दबाने लगा. मेरी बहन ने कस कस के उसके लौड़े को चूसा.

5 मिनिट मस्त ब्लोव्जोब देने के बाद जब वो खड़ी हुई तो शंकर ने उसकी चुंचियां अपने हाथ में पकड के जोर जोर से दबाई. यास्मिन आप के मुहं से आह आह निकल गया. वो तडप रही थी कामुकता और अन्तर्वासना की आग में. उसने शंकर के लंड को पकड़ के उसकी मुठ मारनी चालू कर दी. साले बूढ़े केलेवाला का केला सच में एकदम मोटा और लम्बा था.

यास्मिन आपा: केला तो सच में मस्त हे तेरा बूढ़े!

शंकर: जब अन्दर डालूंग तो और भी अच्छा लगेगा मेरी रंडी!

फिर शंकर ने मेरी आपा को दिवार पकड़ के खड़ा कर दिया. उसकी सलवार का नाडा उसने खिंच दिया. बहन की सलवार निचे गिर गई. उसकी बड़ी गांड को बूढ़े ने अपने हाथ से सहलाई. फिर उसको थोडा झुका दिया. ऐसे की जैसे बहन आधी डौगी स्टाइल में थी. फिर पीछे से इस बूढ़े ने मस्त नुकीले लंड को मेरी बहन की बुर में डाल दिया. यास्मिन आपा आह कर गई और बूढ़े ने लंड को चूत में घिसना चालू कर दिया.

उसके लंड के बहन के बुर में घुसने से चप चप की आवाजे आ रही थी जिन्हें मैं आराम से सुन सकता था. यास्मिन आपा भी अपनी बड़ी गांड को मस्त हिला के लंड को भोगती गई.

बूढ़े ने फट फट चोद के पांच मिनिट में ही बहन की चूत में अपना पानी झाड दिया. फिर वो लंड को बहार निकाल के अपनी धोती से साफ़ करने लगा. उसने धोती की गाँठ लगाईं. बहन ने भी सलवार को उठा के नाडा बाँध दिया. यास्मिन आप ने दरवाजे को खोला और देखा की बहार कोई नहीं हे. फिर उसने बूढ़े को घर से भगा दिया.

जाते जाते शंकर ने उसे 4-5 केले दिए और बोला, ये लो ये केले भी खा लेना!

दोस्तों उसके बाद मेरी आपा दरवाजे को बंध कर के नहाने चली गई. चुदवाने के बाद फट से चूत धो लेने से प्रेग्नन्सी नहीं रहती हे!

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