अंकल ने मुझे अपने दोस्त से चुदवाया

हैल्लो दोस्तों, कैसे हो आप? में उम्मीद करती हूँ कि आप सभी बिल्कुल ठीक हो. दोस्तों मेरा नाम प्रियंका है और मेरी उम्र 23 साल है और में दिखने में एकदम सेक्सी लगती हूँ. हर कोई मुझे देखकर मेरे जिस्म का दीवाना हो जाता है, क्योंकि मेरे बड़े बड़े बूब्स, पतली कमर, गोरा बदन, सेक्सी आखें उभरी हुई गांड उसे मेरी तरफ आकर्षित होने पर मजबूर कर देती है और वो मेरे जिस्म का गुलाम हो जाता है और मेरी चूत को चाटने, चूसने और चोदने लगता है और उसका मेरे साथ यह सब करना मुझे मन की संतुष्टि देता है. अब में आपको मेरी चुदाई की सच्ची घटना के आगे का हाल सुनाती हूँ, जिसमें में एक बार फिर से जमकर चुदी और मैंने अपनी चुदाई के बहुत मज़े लिए और अब में उस घटना की तरफ आगे बढ़ती हूँ.

दोस्तों उस दिन चुदाई के बाद में और अंकल बेड पर बिल्कुल नंगे लेटे हुए थे और टी.वी. देख रहे थे. अंकल मेरे बूब्स को दबा रहे थे और में धीरे धीरे उनके लंड को सहला रही थी, तभी अंकल ने मुझसे पूछा.

अंकल : जानू जब तुम्हे मेरे इरादे के बारे में पता चला तो तुम्हे कैसा लगा?

में : मुझे पहले थोड़ा अजीब सा लगा कि आप मेरे बारे में ऐसा कैसे सोच सकते हो? लेकिन बाद में जब मैंने आपके बारे में सोचा तो मुझे कुछ अजीब सा महसूस हुआ और उस दिन जब आप मेरी गांड को चाट रहे थे तो उस दिन से में आपकी दीवानी हो गयी और फिर में मन ही मन सोचने लगी कि आप कब मुझे चोदोगे?

अंकल : अच्छा तो मेरी रानी का भी मन था मुझसे चुदने का और इसलिए मेरे सामने जानबूझ कर वो सब सेक्सी ड्रेस पहनती थी, जिन्हें देखकर में उनकी तरफ और भी ज्यादा आकर्षित हो जाऊँ?

में : हाँ डार्लिंग मुझे जब भी पता चलता कि आप आ रहे हो तो खुद जानबूझ कर वो सभी सेक्सी ड्रेस पहनती थी.

फिर अंकल मेरे होंठ को किस करने लगे और अपने हाथ को मेरे बूब्स के ऊपर धीरे धीरे घिसने लगे. फिर मैंने कहा कि में अब बहुत थक गयी हूँ, अब हम थोड़ी सी देर आराम करते हैं और फिर से रात को चुदाई करते है. फिर अंकल बोले कि ठीक है हम आज शाम को मार्केट चलेंगे, कुछ शॉपिंग करेंगे और अब हम थोड़ी देर वैसे ही नंगे लेटे रहे और फिर उठकर शॉपिंग करने के लिए मार्केट चले गये, वहाँ से मैंने कुछ सेक्सी मेक्सी और पेंटी, ब्रा खरीद ली और अंकल ने मेरे लिए कुछ सेक्सी ड्रेस भी खरीदी. फिर हम वापस आ गए और शाम 7 बजे अंकल से उनका एक दोस्त प्रदीप अंकल मिलने आने वाले थे. फिर अंकल मुझसे बोले कि जानू तुम आज वो सेक्सी ड्रेस पहनना जो तुमने पिछली बार पहनी थी, उसमें तुम और भी हॉट लगती हो, क्योंकि आज मेरा एक बहुत अच्छा दोस्त हमसे मिलने यहाँ पर आ रहा है. दोस्तों मुझे उनका मुझसे यह सब कहना थोड़ा अजीब लगा, लेकिन फिर मैंने इस बात पर ज़्यादा कुछ ध्यान नहीं दिया और करीब शाम को 6 बजे अंकल मुझसे पूछने लगे.

अंकल : मेरी रानी मेरा फ्रेंड आ रहा है, तुम आज बिल्कुल तैयार रहना.

में : आपने उसे यहाँ पर क्यों बुलाया है? उसे मेरे बारे में क्या बोलोगे कि में कौन हूँ?

अंकल : मेरी जान तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो, क्योंकि मैंने उसे पहले ही कह दिया है कि तुम मेरी नई बीवी हो और वैसे हम दोनों में सब कुछ चलता है, वो जब तुम्हे देखेगा तो एकदम पागल हो जाएगा.

में : तो ठीक है में सलवार कमीज पहन लेती हूँ.

अंकल : सलवार क्यों? तुम वो टाईट सेक्सी ड्रेस पहनो जो तुमने एक बार पहले भी पहनी थी.

में : हाँ ठीक है में उसे पहन लूंगी, लेकिन उसमें से तो मेरा सारा बदन बिल्कुल साफ दिखेगा.

अंकल : हाँ में भी यही चाहता हूँ कि वो तुम्हे देखे और वो मुझसे तुम्हे चोदने की बात कहे.

में : क्या? आप यह क्या कह रहे है?

अंकल : मेरी रानी मुझे पता है कि तुम्हे उससे चुदने से कोई आपत्ति नहीं होगी और तुम्हे यह सब करना अच्छा भी लगेगा कि आज तुम्हारे दो दो पति तुम्हारे पास है.

फिर में उनकी यह बात सुनकर ज़ोर से हंसी और बाथरूम की तरफ जाने लगी, तभी अंकल ने मुझे पीछे से कसकर पकड़ लिया और फिर मुझे किस करने लगे और बोले कि मेरी जान आज तुम्हे अपने दो पतियों के साथ बहुत मज़ा आएगा, अब जाओ जल्दी से फ्रेश हो जाओ और में अंदर चली गई. शाम को ठीक 7 बजे अंकल के एक दोस्त आए. फिर अंकल ने जाकर दरवाज़ा खोला तो में उस समय अपने कमरे में थी, वो उन्हे अंदर लेकर आ गए और सोफे पर बैठाया, उन्होंने मुझे आवाज देकर कहा कि आओ जान अंदर आओ, देखो आज तुमसे मिलने कोई आया है.

फिर जब में अंदर आई तो प्रदीप अंकल मुझे देखते ही रह गए, क्योंकि वो ड्रेस जो मैंने पहनी हुई थी, वह बहुत टाईट थी, जिसमें से मेरे बूब्स का उभरा हुआ आकार करीब करीब उन्हें पूरा दिख रहा था और वो मेरी चूत के ठीक ऊपर ही खत्म हो रही थी और मुझे ऐसे हाल में देखकर उनकी ज़बान बाहर निकल गई और अब वो मुझे घूर घूरकर देखने लगे. फिर अंकल ने उनसे मेरा परिचय करवाया और अब हम इधर उधर की बातें करने लगे, लेकिन मैंने ध्यान दिया कि वो बातें कम और मुझे ज़्यादा घूर रहे थे, में भी उनके ऐसे देखने से अब धीरे धीरे गरम हो रही थी. तभी अंकल ने उनसे पूछा कि क्या हुआ? ऐसे मेरी बीवी को घूर क्या रहा है?

प्रदीप : अरे यार में क्या करूं तेरी बीवी है ही ऐसी, मेरी नजर बार बार ना चाहते हुए भी उस पर जा रही है?

अंकल : तो तू क्या इसे लगातार ऐसे देखेगा? मुझे तो लगता है कि तू अब उसे खा ही जाएगा?

प्रदीप : हाँ यार, लेकिन पहले तू अगर मुझे अनुमति देगा तो आज में इसे खा जाऊँ?

अंकल : हाँ मुझे पता था, इसलिए मैंने तुम्हे यहाँ बुलाया है चलो ठीक है आज की रात यह तेरी भाभी कम बीवी ज्यादा है, लेकिन इसके साथ तू जो भी करे थोड़ा ध्यान से आराम से अपना समझकर करना, इसे तू अपनी रंडी मत समझना नहीं तो यह तुझसे नाराज हो जाएगी.

दोस्तों अंकल के मुहं से यह बात सुनकर में एकदम चकित हो गई. फिर उन्होंने मुझे अपने पास बुलाया और मुझे दोनों के बीच में बैठने को कहा और फिर में उनके बीच में बैठ गई, तभी प्रदीप अंकल ने मेरे कंधे पर अपना एक हाथ रख दिया और बोले कि अरे वाह प्रिया वाह तुम क्या हॉट हो और क्या आज तुम मेरी पत्नी बनोगी? फिर मैंने कुछ नहीं कहा, सिर्फ़ गर्दन हिलाकर हाँ का इशारा किया. तभी समीर ने कहा कि तुम दोनों बात करो, में थोड़ी देर में बाहर से आता हूँ और फिर वो वहाँ से उठकर चले गए और उन्होंने बाहर से दरवाजा बंद कर दिया, अब रूम में हम दोनों थे.

फिर प्रदीप ने सबसे पहले मेरे होठों को चूसना शुरू कर दिया और अब उनके दोनों हाथ मेरे बूब्स को दबाने लगे, मसलने लगे और अब में भी उनका पूरा पूरा साथ देने लगी. फिर वो मुझे उल्टा करके मेरी पीठ को किस करने लगे और एक हाथ से मेरी गांड को दबाने लगे. मुझे उनकी यह स्टाईल कुछ ज़्यादा पसंद आई और में सिसकियाँ भरने लगी और वो मुझसे बोले कि रानी तुम तो सेक्स की देवी हो और तुम्हे देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया था और मेरा तो जी करता है कि में सारी जिंदगी तुम्हे चोदता रहूं.

फिर में उनकी बात सुनकर हंसी और मैंने उनके होंठ को किस किया, इतनी देर में उन्होंने मेरी उस ड्रेस को उतार दिया और मुझे एकदम नंगा कर दिया और फ़्रीज़ से चॉकलेट का एक डब्बा निकाला और मेरे बूब्स पर लगा दिया और धीरे धीरे चूसने लगे, उनकी वाह क्या स्टाईल थी, में तो पागल हो रही थी. फिर उन्होंने वो चॉकलेट को अपने लंड पर भी लगाया और मुझे अपना लंड चूसने को कहा. फिर में भी झट से उनका लंड चॉकलेट के साथ चूस रही थी और वो मुझसे बोल रहे थे हाँ और ज़ोर से चूस मेरी रानी चूस और अंदर ले ओहहह रानी तू क्या मस्त चूसती है, मेरे करीब 15 मिनट चूसने के बाद वो झड़ गये और मैंने उनका सारा गरम गरम वीर्य अपने मुहं से बाहर निकाल दिया, वो एक बार मेरे मुहं में झड़ चुके थे, लेकिन में अभी भी बहुत गरम थी और उन्होंने मुझे अपनी बाहों में भर लिया और फिर से मेरे बूब्स को दबाने, चूसने, चाटने लगे और मेरी चूत में उंगली करने लगे.

उनकी इस हरकत की वजह से मेरी चूत बिल्कुल गीली हो गयी थी. अब उन्होंने मुझे बेड पर लेटाया और मेरी चूत में चॉकलेट लगाई और फिर चाटने लगे. में तो जैसे पागल हो रही थी और उनके इस तरह से मेरी चूत चाटने की वजह से में आहहह्ह्ह उह्ह्हह्ह प्रदीप ऑश हाँ और ज़ोर से सक करो उईईईईई माँ हाँ और आगे आवाज़े निकाल रही थी.

दोस्तों फिर कुछ मिनट चाटने, चूसने के बाद उन्होंने मेरे दोनों पैरों को फैलाया और अपने लंड को मेरी चूत पर रखकर घिसने लगे और में उनका लंड लेने के लिए मरी जा रही थी. फिर मैंने उनसे बोला कि प्लीज प्रदीप अब और मुझे मत तड़पाओ, प्लीज घुसा दो अपना लंड मेरी चूत में और आज मेरी चूत को खुश कर दो, फाड़ दो मेरी चूत को. फिर वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर मेरी इसी हालत पर ज़ोर ज़ोर से हंस रहे थे और फिर बोले कि रानी इतनी जल्दी नहीं थोड़ा रुको, में वो सब दूंगा जो तुम्हे चाहिए. फिर में उनसे लगातार आग्रह कर रही थी और जब वो नहीं माने तो मैंने उन्हे ज़ोर से धक्का दे दिया और लेटा दिया, में उनके ऊपर बैठ गई.

अब मैंने उनका लंड एक हाथ से पकड़कर अपनी चूत सेट किया और धीरे धीरे उस पर बैठती गई. उनका लंड मेरी चूत गीली और पूरी खुली हुई होने की वजह से एकदम फिसलता हुआ पूरा का पूरा मेरी चूत में घुस गया और में उनके लंड के ऊपर बैठकर अपनी गांड को ऊपर नीचे कर रही थी और वो मेरे बूब्स को दबा रहे थे और चूस रहे थे, में आहह उह्ह्हह्ह वाह प्रदीप आपका लंड तो बहुत मज़बूत है और बड़ा भी है ओहह्ह्ह्ह आहह मुझे तुम्हारा लंड बहुत अच्छा लगा, मुझे आज सच में तुम्हारे लंड से चुदने में बहुत मज़ा आ रहा है और अब वो भी मुझे नीचे से अपनी गांड उठाकर ज़ोर के झटके से चोद रहे थे और कह रहे थे कि रानी अब जब भी मेरा मन होगा, में तुम्हारे पास आ जाऊंगा और तुम्हे चोदूंगा, क्यों तुम आओगी ना मेरे पास?

में बोली कि हाँ मेरे राजा में जरुर आउंगी और आपसे जरुर चुदूंगी, अह्ह्ह्ह डार्लिंग में जरुर आउंगी. दोस्तों मेरे मुहं से यह बात सुनकर प्रदीप मुझे और ज़ोर ज़ोर से चोदने लगे और में भी लगातार ऊपर नीचे होने लगी और जब उनका वीर्य बाहर निकलने वाला था तो वो बोले की रानी मुहं में लोगी या बूब्स पर? दोस्तों पता नहीं किस जोश में मैंने उसको मेरे मुहं के लिए हाँ कर दिया और उसने अपना लंड मेरे मुहं में डाल दिए और फिर उनके पानी से मेरा मुहं भर गया और मैंने उसमें से कुछ पी लिया और कुछ अपने बूब्स पर लगा दिया. फिर हम दोनों कुछ देर ऐसे ही लेटे रहे. फिर मैंने मेक्सी निकाली और उसे पहन लिया. फिर मैंने देखा कि प्रदीप जी ने एक टावल पहन लिया, लेकिन थोड़ी देर बाद एक बार फिर से उनका लंड खड़ा हो गया और में उस समय बालकनी में खड़ी हुई थी तो वो वहाँ पर पीछे से आकर मुझे किस करने लगे.

तभी अंकल दरवाजा खोलकर अंदर आ गए, उन्होंने मेरी तरफ मुस्कुराते हुए पूछा क्यों तुम्हारा काम हो गया? फिर मैंने भी मुस्कुराते हुए गर्दन हिलाकर हाँ में जवाब दिया.

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