हेल्लो दोस्तो, मैं सुनील आज एक बहोत ही मज़ेदार और मस्त गरम कहानी आप के लिए ले कर आया हूँ. ये मेरी पहली कहानी है, जिसे आज मैं आप सब के सामने रखने जा राहा हूँ.
ये कहानी मेरी लाइफ मे मेरे सेक्स के बारे मे है. ये बात करीब 2 साल पुरानी है, पर इसे आज बता रहा हूँ. क्योकि इसका सीधा सा कारण है, की मेरे अंदर इतनी हिम्मत न्ही थी.
पर जब मैने आप जैसे दोस्तो की इंटरनेट पर काफ़ी सारी कहानिया पढ़ी. तब जा कर मेरे अंदर हिम्म्त आई की, अब शायद टाइम आ गया है. की अब मुझे भी अपने दिल की बात सब के सामने रखनी चाहिए.
दोस्तो, मैने अब तक अपनी लाइफ मे बहुत सारी लड़कियो को चोदा है. अगर आपको मेरी ये पहली कहानी पसंद आ गई. तो मैं वादा करता हूँ की आप सब को अपनी लाइफ की एक एक चुदाई की कहानी बताउँगा.
तो अब टाइम आ गया है, की मैं अपनी कहानी पर आउ.
मेरा नाम सुनील है, और मैं हिमाचल का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 24 साल है. शुरू से मेरी बॉडी काफ़ी अच्छी बनी हुई है. मेरी एक बहुत बड़ी कमज़ोरी बचपन से ही रही है.
जब भी मैं कोई खूबसूरत लड़की देखता हूँ. तो मेरा दिल उसको चोदने का करने लग जाता है. मेरा लंड उसी टाइम पेंट मे खड़ा हो कर उसे सलामी देने लग जाता है.
ये बात आज से 2 साल पहले की है, जब मैं 10+2 पास आउट करके पास के कॉलेज मे आइटीआई कर रहा था. मैं उस टाइम जवान था, और चूत मारने के लिए बेताब था. क्योकि मैने तभी रियल लाइफ मे चूत के दर्शन न्ही किए थे.
मैं अभी तक हिन्दी सेक्स स्टोरी और सेक्सी ब्लू मूवी देख कर अपना काम चला रहा था. मैने अभी फर्स्ट सेम की परीक्ष दी , और मैं अब एक दो महीने के लिए बिल्कुल फ्री था.
तभी मेरे घर मेरे पापा के एक दोस्त की बेटी घर पर रहने के लिए आ गई. वो अपनी 10+2 क्लास की स्टडी ख़तम करके, मेरे घर के पास कोचिंग सेंटर अपनी आगे की स्टडी के लिए कोचिंग लेने के लिए आई थी.
वो एक गाव की लड़की थी, पर उसको देख कर मैं पूरी तरह से उसका दीवाना हो गया. मेरा दिमाग़ एक दम काम करना बंद कर गया. वो दिखने मे बहुत ही सुंदर लग रही थी. उसे देखते ही मेरा लंड उसे सलामी देने लग जाता था.
मैं ज़रा उसके बारे मे आपको बता देता हूँ. ताकि आप सब को थोड़ा बहुत उसके बारे मे पता चल जाए. उसका नाम रेणु था और उसका रंग दूध जैसा गोरा और इतना मस्त जिस्म की मैं शायद ही अच्छे से बता पाउ.
उसकी हाइट 5’4 इंच होगी, बाल लंबे और एक दम काले. उसकी बड़ी बड़ी काली आँखें. गाल एक हल्के हल्के गुलाबी और दोनो होंठ पूरे गुलाब की पंखुड़ी. उसके बूब्स देख कर ऐसा लगता था. मानो की उसके बूब्स दूध से भरे हुए है.
रेणु का फिगर 36-30-36 था, अब शायद आप सब को अंदाज़ा आ ही गया होगा. की मैं किस कयामत की बात कर रहा हूँ. वो बहुत ही ज़्यादा सेक्सी थी, जब से मैने उसे देखा था, मैं उसी का होकर रह गया था.य
मैं दिन रात उसको देख कर चुदाई के सपने देखता रहता था. जब वो बाथरूम मे नहाने के लिए जाती थी. तो मैं उसको चुपके से देखने की कोशिश करता था. पर ये सब बेकार था, क्योकि वो डोर को अच्छे से बंद कर के बातरूम मे जाती थी.
पर मैं जान बुझ कर अपना डोर खुला रखता था. मैं चाहता था की वो ग़लती से बाथरूम का दरवाजा खोले और मुझे नंगा देख ले. पर ये भी शायद मेरी किस्मत मे न्ही था. उसने आज तक ग़लती से मेरा दरवाजा न्ही खोला था.
खैर फिर धीरे धीरे हम दोनो मे बातें होने लग गई. बातो ही बातो मे मैं उसके जिस्म से अपना जिस्म टच कर देता था. सच मे ये करना मुझे बहुत अच्छा लगता था.
अब हम दोनो मे काफ़ी अच्छी दोस्ती हो गई थी. एक रात की बात हम दोनो एक बेड पर बैठ कर टीवी देख रहे थे. और साथ ही बातें भी कर रहे थे, हम दोनो एक ही रज़ाई मे थे.
तभी लाइट चली गई, और मेरा हाथ ग़लती से उसके बूब्स पर आ गया. मुझे लगा की अब तो ये पक्का मुझे एक थप्प्पड़ मारेगी. पर उसने मुझे कुछ न्ही कहा, इससे मेरी हिम्मत बढ़ गई. मानिए उसके बूब्स को ज़ोर से दबा दिया और उसके मूह से मस्त सी आहह की आवाज़ निकल गई.
मैं समझ गया की आग दोनो तरफ लगी हुई है. मैं ये मौका किसी भी हालत मे न्ही छोड़ना चाहता था. इसलिए मैने उसके होंठो को अपने होंठो मे ले लिया. और ज़ोर ज़ोर से उसके होंठो को चूसने लग गया.
रेणु भी मेरा पूरा साथ दे रही थी. मेरे हाथ अभी उसकी चूत के पास ही गया था, की तभी लाइट आ गई. हम दोनो तभी एक दूसरे से अलग हो गये और चुप चाप अपने रूम मे चले गये.
अब मैं अच्छे से समझ चुका था, की अब रेणु भी चुदाई के लिए एक दम तयार है. पर अब शो टाइम का मुझे वेट करना था. हमारे 2 दिन ऐसे ही एक दूसरे से आँखो ही आँखो मे बात कर रहे थे.
फिर 2 दिन बाद सनडे को मम्मी पापा सुबह ही मेरी मासी के घर चले गये. उन्होने शाम तक आना था, मैं उनको बस स्टॅंड तक छोड़ने के लिए गया. जब मैं घर वापिस आया तो मैं और रेणु घर पर अकेले थे.
मैने जाते ही उसे अपनी बाहों मे भर लिया और उसके होंठो को ज़ोर ज़ोर से चूसने लग गया. उसने मुझे धक्का दे कर दूर कर दिया, और नखरे से करने लग गई.
पर हवस का भूत अब मेरे सिर पर चड़ा हुआ था. मैं कहा रुकने वाला था, मैने उससे ज़बरदस्ती करनी शुरू कर दी. कुछ ही देर मे वो लाइन पर आ गई और किस करने मे मेरा साथ देने लग गई.
फिर अब मेरे हाथ उसके बूब्स और गांड पर चलने लग गये. उसका जिस्म काफ़ी गरम हो रहा था. मैने उसके सारे कपड़े और अपने कपड़े उतार कर साइड मे फेंक दिए.
अब हम दोनो पूरे नंगे हो चुके थे, मेरे होंठ और जीब उसके नंगे जिस्म पर चल रही थी. मैने उसके बूब्स करीब 20 मिनिट तक अच्छे से चूसे और फिर मैं उसे अपनी गोध मे उठा कर बेडरूम मे ले गया.
वाहा जाते ही मैने उसकी चूत को पागलो की तरह चूसना शुरू कर दिया, क्योकि मैने आज चूत पहली बार देखी थी. उसमे से बार बार नमकीन पानी निकल रहा था. जो सच मे काफ़ी टेस्टी था, जेसा मैने सुना और पढ़ा था.
फिर रेणु खड़ी हुई और मेरे लंड को अपने हाथो मे कर हिलाने लग गई. मैने धीरे से अपना लंड उसके होंठो पर रगड़ना शुरू कर दिया. फिर धीरे धीरे उसने मेरा लंड अपने मूह मे डाल कर चूसना शुरू कर दिया.
कसम से मुझे इसमे काफ़ी मज़ा आ रहा था, पर अभी असली मज़ा आना ज़रूरी था. मैने उसके मूह से अपना लंड बाहर निकाला और उसकी दोनो टाँगे उठा कर उसे चूत पर लंड सेट कर दिया.
मुझे अच्छे से पता था, की रेणु को बहुत दर्द होने वाला है. इसलिए मैने पहले ही उसके होंठो को अपने होंठो मे ले कर चूसना शुरू कर दिया. कुछ ही देर मे उसे मज़ा आने लग गया. और फिर मैने तभी एक जोरदार धक्के से अपना आधा लंड उसकी चूत मे उतार दिया.
लंड अंदर जाते ही उसकी कंवारी चूत फट गई, और रेणु रोने लग गई, वो मेरे नीचे मछली की तरह तड़प रही थी. पर मैने उसके दर्द की कोई फिकर न्ही करी और एक और धक्का मार कर उसकी चूत्त मे पूरा लंड उतार दिया और वो चिल्लाते हुए बोली.
रेणु – श बेहेन के लौडे, साले मैं रंडी न्ही कुत्ते आराम से चोद ले.
मैं – क्या करूँ जान पर आज से तू मेरी रंडी बन गई है.
उसके मूह से गालिया सुन कर मेरे अंदर जोश आ गया और मैं उसे ज़ोर ज़ोर से चोदने लग गया. मेरा लंड हर धक्के से उसकी चूत को फाड़ रहा था. मैने उसके जिस्म पर अपने लंड का पानी निकाल दिया था.
फिर हम दोनो ने पापा मम्मी के आने से पहले 3 बार चुदाई करी. उसके बाद हम दोनो कभी मौका मिलता था, तभी हम दोनो चुदाई शुरू कर देते थे.
पर थोड़े दिन बाद वो चली गई, फिर मैं काफ़ी टाइम तक अकेला रहा . ये कहानी आपको केसी लग प्लीज़ मुझे बताइए.