सभी लंड धारियों को मेरा लंडवत नमस्कार और चूत की मल्लिकाओं की चूत में उंगली करते हुए नमस्कार। sexkahani.net के माध्यम से आप सभी को अपनी स्टोरी सुना रहा हूँ। मुझे यकीन है की मेरी सेक्सी और कामुक स्टोरी पढकर सभी लड़को के लंड खड़े हो जाएगे और सभी चूतवालियों की गुलाबी चूत अपना रस जरुर छोड़ देगी।
मेरा नाम भुवन है। मैं मिर्जापुर का रहने वाला हूँ। मुझे सेक्स करना और लड़कियों को चोदना बहुत पसंद है। मेरे घर में 20 लोगो की बड़ी जॉइंट फेमिली है इसलिए घर में काफी काम होता है। इस वजह से मेरे यहाँ हमेशा कामवाली लगी रहती है। पहले वाली कामवाली का नाम सुषमा था। वो देखने में जरा भी खूबसूरत नही थी। ठीक से काम भी नही करती थी। उसे मेरी माँ ने निकाल दिया। अब हमारे घर एक नई कामवाली खाना बनाने आने लगी। उसका नाम कविता था। वो बहुत ही अच्छा खाना बनाती थी। उसके हर काम में बहुत परफेकशन दिखता था। जब वो फर्श पर पोछा मारती थी तो कोई भी अपना फेस उसमे देख सकता था। इतना चमका कर काम करती थी।
देखने में अच्छी सकल सूरत उसने पाई थी। कामवाली को चोदकर रंग भी उसका काफी साफ़ था। जब मैंने उसे देखा तो लाइन देने लगा। कुछ दिनों मे मेरी उससे सेटिंग हो गयी। उसकी बोडी ठीक थी। कद उसका छोटा ही था। हाईट 5’ 3” होगी। पर उसकी खूबसूरती बहुत थी। उसके बाल बड़े बड़े और काफी खूबसूरत थे। चेहरा गोल और बड़ा सा था। आँखे भी सुंदर थी। कुछ दिनों बाद ही वो मुझसे पट गयी। एक दिन मुझे कामवाली से अकेले में बात करने का मौका लगा।
“तेरा पति तुझे मजा देता है की नही??” मैंने पूछा
“भुवन!! वो तो तुरंत ही आउट हो जाता है। मुस्किल से 4 5 मिनट टिक पाता है। मुझे कभी भी उसके साथ यौन संतुस्टी नही मिल पाती है” कामवाली बोली
“आज मैं तुमको खूब यौन संतुस्टी दूंगा” मैंने कहा उसके बाद हम दोनों किस करने लगे। वो भी चुदने का मन बनाये हुई थी। वो रोज सलवार कमीज पहनकर ही मेरे घर काम करने वाली थी। जब साडी पहनती थी तो जादा उम्र की लेडीस लगती थी पर सलवार सूट में बिलकुल सेक्सी लड़की दिखती थी। कुछ देर हम एक दूसरे को किस करते रहे। फिर मैं उसे उसके होठ पर होठ रखकर चुसना शुरू किया। वो भी मुझे किस करने लगी। मेरे गले लग गयी। मैंने उसे सीने से लगा लिया और उसके कान को दांत में लेकर चबाने लगा। ऐसा करने से उसे बहुत मजा मिलने लगा। मैं उसकी पतली गर्दन को जीभ लगाकर चाटने लगा जिससे वो मदहोश होने लगी। मैंने उसके माथे पर कई बार किस कर किया। फिर हम दोनों अपने अपने कपड़े उतारकर बेड पर जाकर लेट गये। दोस्तों मेरी कामवाली की चूचियां काफी बड़ी बड़ी थी।
बेहद गोल होने की वजह से बाहर से ही दिख जाती थी। उसे देककर किसी भी मर्द का लौड़ा खड़ा हो जाता। मेरा भी हो गया। उसके दूध 34” के काफी बड़े बड़े थे। वो ब्रा और पेंटी पहनकर बेड पर लेट गयी। मैंने अंडरवियर पहन रखा था। मैं भी उसके पास लेट गया और बाहों में भरकर खूब चुम्मा लिया। वो भी मुझे प्यार दुलार करने लगी। उसके हाथ पैर भी कम सेक्सी नही थे। मैंने उसके हाथो को सहला सहलाकर किस किया। उसके पैर पर चुम्बन लिया। फिर उसके 34” के दूध को ब्रा के उपर से मसलने लगा। कामवाली को काफी आनन्द मिलने लगा। वो “..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….अअअअअ….आहा …हा हा सी सी सी” करने लगी।
“भुवन!! तुमने अभी तक कितनी गर्ल्स को चोदा है??” वो पूछने लगी
“एक भी नही। तुम मेरी लाइफ की पहली लड़की हो” मैं बोला
ये सुनकर वो काफी खुश हुई। उसके बाद उसके दूध को ब्रा के उपर से मसलने लगा। कामवाली को खूब मजा आया। दोनों छाती को मैंने खूब मसला और दबाया। खूब आनन्द लिया। फिर ब्रा निकलवा दी। “बहनचोद!! तेरी चूची नही ये तो चूचा है” मैंने कहा और जीभ निकालकर चाटना शुरू कर दिया। वो सी सी करने लगी। इतने बड़े बड़े पपीते मैंने आज तक नही देखे थे। इतने बड़े पपीते तो सिर्फ मेरी माँ के थे। फिर मैंने मुंह में लेकर suck करना शुरू कर दिया। खूब चूसा और लाल लाल कर दिया। कामवाली की निपल्स तो इतनी सुंदर की थी मैं क्या कहूँ। बड़े बड़े पपीते पर काले काले ब्राउन कलर के गोले जैसे आग ही लगा रहे थे। मैंने दोनों दूध को इतना चूस डाला और दबाया की और साइज बड़ा हो गया।
वो “……अई…अई….अई…..इसस्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….” करने लगी। मैं दबा दबाकर खूब चूसा। अब क्लीवेज की गहराई में जीभ लगाकर चाटने लगा। मैं उसे पूरी तरह से उत्तेजित करना चाहता था जिससे वो मेरा लंड भी चूस डाले। अब मैंने उसकी चूत पर लाल कलर की पेंटी को सहलाना शुरू किया। मेरी कामवाली के गोरे बदन पर लाल कलर की पेंटी बहुत सेक्सी दिख रही थी। मैंने ऊँगली से उसकी चूत खूब सहलाई और उसे गरमा दिया।
“भुवन!! प्लीस मेरी चूत मत पीना क्यूंकि इसमें बहुत कीटाणु होते है” कामवाली कहने लगी
“पागल है क्या??? असली मजा तो चूत चाटने में ही है” मैंने बोला
फिर उसकी पेंटी को मैंने कुछ मिनट उपर से चाटा। जब वो गरमा गयी और जब उसकी बुर अपना पानी छोड़ने लगी तब जाकर मैंने उसे नंगा किया। उसकी पेंटी मैंने उतारी। फिर पैर खोलकर 15 मिनट उसकी चूत चाटी। दोस्तों मेरी सेक्सी कामवाली की बुर भी बहुत सेक्सी थी। बिलकुल नीट एंड क्लीन चूत थी उसकी। कोई बाल नही था उस पर। उसकी चूत की वेदी काफी ऊँची थी इसलिए मैं अच्छे से चूत चटाई कर पा रहा था।
“कविता!! क्या तेरा पति तेरी चूत नही चूसता है??” मैंने पूछा “नही वो कभी चूसता है। वो नही जानता की औरत को कैसे खुश करते है” कामवाली बोली
उसके बाद मैंने 15 मिनट उसकी बुर चटाई अच्छे से कर डाली। वो “अई…..अई….अई… अहह्ह्ह्हह…..सी सी सी सी….हा हा हा…” करने लगी। दोस्तों चुदाई का असली मजा तो लंड चुसाने में आता है। इसलिए मेरा उससे लंड चुसाने का बड़ा मन कर रहा था। हम दोनों 69 वाली पोजीशन में आ गये। मैंने अपना 7” लम्बा और मोटा लंड उसके मुंह में भर लिया। वो चूसने लगी। मैं उसकी चूत पीने लगा।
“कविता!! मैं तुमको खुश करूंगा। तुम मुझे करो!!” मैं बोला
वो अब अच्छे से चूसने लगी। मैंने उसको अच्छी तरह से गर्म कर दिया था तभी वो चूसने को राजी हो गयी। वरना वो ऐसे तैयार नही थी। मेरी सुंदर कामवाली हाथ में लेकर लंड फेट रही थी और मुंह में लेकर चूस रही थी। मैं उसकी चूत में ऊँगली करके चलाने लगा। वो पागल होने लगी। इस तरह से हम लोगो ने 69 वाले पोज में खूब मस्ती की। मैंने उसकी चूत में इतनी ऊँगली कि वो झड़ गयी। अब हम दोनों अलग हो गये।
“कुछ देर मेरा लंड और चूसो!!” मैं बोला और कुर्सी पर जाकर बैठ गया
कामवाली मेरे पास आकर झुक गयी और लंड को पकड़ कर फेटने लगी। दोस्तों उसका हाथ का स्पर्श और टच करना मुझे बहुत अधिक जोश दिला रहा था। जैसे जैसे वो मेरे 7” लंड को फेटने लगी मुझे सेक्स का नशा मिलने लगा। पहले कामवाली खूब फेटी। फिर मुंह में लेकर चूस डाली। मुझे लगा की साक्षात स्वर्ग में पंहुच गया हूँ। वो ऐसे चूसने लगी जैसे कोई देसी रंडी चुस्ती है। मैं तो मन्त्रमुगध हो गया। वो सर हिला हिलाकर मेरा लंड चूस डाली। मेरी गोलियों को खूब चूसी। मुझे मजा मिल गया। जब वो लंड बहार निकाली तो उसके मुंह पर मेरा लंड का रस लगा हुआ था। मैंने उसे पास बुलाकर ओंठो पर फिर से किस कर डाला।
“मेरा लंड चूसकर तूने मुझे बहुत मजा दिया है कविता रानी!!” मैंने कहा
वो अपनी तारीफ सुनकर हंसने लगी।
“भुवन!! अगर तुम मुझे बिना कंडोम के चोदोगे तो मैं गर्भवती हो सकती हूँ” कामवाली कहने लगी
“तू परेशान न हो। मैं तुझे कंडोम लगाकर चोदूंगा” मैंने कहा
मैंने अलमारी से एक ड्यूरेक्स वाला कंडोम निकाला। दोस्तों मेरी अलमारी में हमेशा कंडोम रहता था क्यूंकि अक्सर ही काम पड़ जाता था। मैंने पैकेट फाड़ा और कंडोम को लंड पर चढ़ा लिया। उसे बिस्तर पर मैंने लिटा दिया और चूत में लौड़ा डालकर जल्दी जल्दी चोदने लगा। वो दोनों टांग फैलाकर चुदाने लगी। “आऊ…..आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा…..” करने लगी। मैं आज उसे कंडोम लगाकर पेल रहा था। मैं नही चाहता था की वो किसी तरह की मुसीबत में पड़े। मैं फटाफट सटासट धक्के मारने लगा। उसे जल्दी जल्दी चोदकर मजा देने लगा।
“भुवन जान!! और तेज अपने लंड को दौडाओ मेरी चूत की गली में!! आऊ…..आऊ….हमममम…कितना आनन्द आ रहा है मुझे!!” कामवाली कहने लगी
उसकी चूत की गली अब काफी मक्खन छोड़ चुकी थी जिससे मेरे लंड को अच्छी चिकनाई मिल रही थी। मैंने अपने कुल्हे उठा उठाकर उसे पेला और उसकी चूत का हलुआ बना डाला। मुझे भी काफी आनन्द मिलने लगा। मैं कामवाली के बालो को खोलकर सेक्स कर रहा था। ऐसे अवतार में वो और भी अधिक सेक्सी दिख रही थी। मैंने फिर से उसके दोनों 34” के दूध को मुंह में लेकर चूसना चालू किया और धक्के देते देते मैं झड़ गया। सारा माल उसकी बुर में छोड़ दिया।
“…सी सी सी सी….भुवन!! तुमसे तो मेरी चूत का भरता बना दिया है जान” वो कहने लगी
अपनी चूत को पेंटी से उसने पोछा।
“कविता डार्लिंग!! मुझे तेरी गांड अब चोदनी है!! पेट के बल लेट जाओ” मैंने कहा
वो लेट गयी। अब मैं उसकी पीठ से खेलने लगा। दोस्तों उसकी पीठ बहुत ही सेक्सी थी। लम्बी, चिकनी और मांसल त्वचा वाली। पहले मैंने हाथ लगाकर पूरी पीठ पर सहलाया, फिर किस किया। उसे काफी प्यार किया। फिर मेरा ध्यान उसके दो मस्त मस्त 36” के चूतड़ पर चला गया। मेरी खूबसूरत कामवाली के चुतड बड़े बड़े गोरे गोरे थे की किसी भी मर्द का लौड़ा खड़ा कर दे। ऐसा लग रहा था की बेकरी से निकला हुआ ताज़ा बन मसलने को मिल गया हो। मैंने खूब हाथ से उसके चूतड़ को मसला और उसे गर्म कर दिया। मेरी सुंदर छवि वाली कामवाली अब “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..” करने लगी। मैं उसके दोनों सफ़ेद मखमली चूतड़ पर कई बार किस किया और पप्पी ले ली। वो कराहने लगी। उसकी हालत बता रही थी की उसे भी कितना मजा मिल रहा था।
“भुवन!! गांड मराने में तो बहुत कस्ट होता है!! प्लीस ऐसा मत करो!!” कामवाली विनती करने लगी
“जान!! तुम बेकार ही डर रही हो। शुरू में हल्का दर्द जरुर होता है पर बाद में इतना मजा मिलता है की क्या बताऊं। एक बार तुमको आदत हो गयी तो रोज ही अपनी गांड मराया करोगी” मैंने कहा
वो मेरी बात का विश्वास कर ली। पेट के बल बेड पर लेटी रही। मैंने लेट कर उसके दोनों बन जैसे चूतड़ को खोलकर उसकी गांड चाटना शुरू किया। वो “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी….. ऊँ…ऊँ…ऊँ….” करने लगी। मैं उसकी गांड के ब्राउन छेद को खूब चूसा चाटा। कसके गर्म किया उसे। फिर तेल लगाकर ऊँगली घुसा डाली। वो ची ची करने लगे। दर्द से उसका पसीना छूटने लगा। मैं उसकी गांड में ऊँगली करके चारो तरफ घुमाया। कुछ देर ऊँगली अंदर बाहर की। अब मेरी कामुक चुदासी कामवाली की गांड ढीली पड़ गयी। मैंने अपने लंड में तेल मल लिया। अब मेरा लंड काफी चिकनाई युक्त हो गया था। मैं धीरे धीरे उसकी गांड के बेहद कसे छेद में लंड का सुपाड़ा घुसाना शुरू किया।
“भुवन!! प्लीस धीरे धीरे डालो !! ….. ऊँ…ऊँ…ऊँ….दर्द होता है” कामवाली कहने लगी
मैंने उसकी बात मानी और सिर्फ 5” लंड अंदर घुसा दिया। अब अंदर बाहर करके उसकी गांड चोदने लगा। तेल की वजह से उसका दर्द कम हुआ था। वरना तो शायद नही करवाती। मैं शुरू हो गया। वो बेड पर पेट के बल लेटी रही। मैं उसके उपर बैठकर उसकी गांड मार रहा था। कुछ देर में वो नोर्मल हो गयी। उसका दर्द छूमंतर हो गया।
मैं पीछे से और धक्का मारा और पूरा 7” लंड उसकी गांड के बहुत ही कसे बिल में पंहुचा दिया। उसे पता ही नही चला। अब मैं फटाफट उसकी ठुकाई शुरू कर दी। उसे अब दर्द नही हो रहा था। वो मजे लेने लगी। “……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ….” करने लगी। मैंने बैठकर उसकी गांड खूब मारा। मुझे तो इतना मजा मिला की बता नही सकता। फिर लंड निकाला और फिर से उसकी खूब गांड को जीभ लगाकर चाटा। पर फ्रेंड्स अभी भी दूसरी वाली मेरा माल नही झरा था। अब दोनों की बैठ गये। फिर से मैं उसे गोद में बिठाकर दूध चूसने लगा। फिर वो कपड़े पहनकर चली गयी।
कुछ दिन बीत गया। मुझे फिर से उसके सेक्सी बदन की तलब लगने लगी। मैं उसे धीरे से अपने कमरे में बुलाया।
“सेक्स करेगी??” मैंने पूछा
“अभी तो बहुत काम है भुवन!! संडे को तुम मेरे घर पर आ जाओ” वो बोली
दोस्तों उसे हफ्ते में एक दिन छुट्टी मिलती थी। मेरी माँ उसे छुट्टी के भी पैसे देती थी। क्यूंकि इन्सान तो आखिर इंसान है। कोई मशीन तो नही। मैं बेसब्री से संडे का इंतजार करने लगा। शाम को मेरी खूबसूरत कामवाली ने काल किया।
“हाँ बोलो!! जानम!” मैंने कहा
“मेरी माँ कुछ देर के लिए बाहर गयी है। तुम आ जाओ” कामवाली कविता फोन पर बोली
“ठीक है आ रहा हूँ” मैंने कहा
“कंडोम लेते आना” वो बोली
“ले आऊंगा” मैंने कहा
उसके बाद मैंने फोन काट दिया। कपड़े पहने और पास की एक दूकान से कंडोम लिया। फिर कविता कामवाली के घर चला गया। शाम का वक़्त था। हल्का अँधेरा था। मैं जल्दी से सीढियों से उपर वाले फ्लोर पर चढ़ गया। मुझे देखती ही वो दरवाजा खोल दी। मैं अंदर घुस गया। वो फौरन दरवाजा बंद कर ली। मुझे बताई की उसकी माँ एक घंटे के लिए बाहर गयी है। पहले हम दोनों ने किस किया। फिर अपने अपने कपड़े उतार डाले।
“आज कैसे चुदेगी?? खुद ही बता दे” मैंने कहा
“आज कुर्सी पर बैठकर मुझे पेलो” कामवाली कहने लगी
मैं नंगा हुआ और अंडरवियर उतार डाला। जल्दी जल्दी लंड फेटने लगा। कुछ देर मुठ देकर लोहे जैसा मजबूत बना लिया और कुर्सी पर बैठ गया। कामवाली मेरे पास आ गयी। मेरा लंड बंदूक की तरह खड़ा हुआ था। वो आकर मेरे लंड पर बैठने लगी। धीरे धीरे लंड को अपनी योनी में घुसा ली। फिर उचक उचक कर खुद ही चुदाने लगी। आज दोस्तों ये वाला पोज हमारे लिए बिलकुल नया था। इससे पहले कुर्सी पर बैठकर हम दोनों ने चुदाई न की थी। कविता “हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ….ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी… हा हा.. ओ हो हो….” करने लगी। मैंने उसे बाहों में भर लिया और उसके गुलाब जैसे होठो को खूब किस किया। वो खुद ही उछल उछलकर चुदाती रही। कुछ देर बाद हम दोनों बिस्तर पर चले गये। मैंने उसे अपने लंड की घुड़सवारी करवाई। कामवाली 2 बार झड गयी। फिर मैं भी झड़ गया।
मैंने उसके 34” के दूध को मुंह में लेकर 5 मिनट चूसा। फिर उसे एक चोकलेट गिफ्ट की। जल्दी से कपड़े पहनकर भाग आया। दोस्तों अब वो मेरी पर्सनल गर्लफ्रेंड बन गयी है। जब उसका पति उसकी यौन जरूरत को पूरा नही कर पाता तो मुझसे ही चुदाती है। आपको स्टोरी कैसी लगी मेरे को जरुर बताना और सभी फ्रेंड्स नई नई स्टोरीज के लिए sexkahani.net पढ़ते रहना। आप स्टोरी को शेयर भी करना।