एक दिन मैं कमरे में अकेला बैठा था अचानक से मेरे फोन की बेल बजी और एक भाभी मुझसे मिलने के लिए बोली. उन्होंने अपना नाम अंजलि बताया. मैंने उनसे पहले भी नेट पर बात की थी उन्होंने मुझे याद दिलाते हुए बोला कि हम दोनों ने जीमेल चैट से बात की थी और मैंने उनको अपना फोन नम्बर भी वहीं पर दिया था.
मैंने भाभी से काम के लिए पूछा तो उन्होंने बताया कि वो मसाज करवाना चाहती हैं. मैंने ओके कहा तो उन्होंने मेरी फीस पूछी.
मैंने उनसे कहा कि पहली बार फ्री में.. और दूसरी बार आप जितना दे सकती हो उतने में.. लेकिन पहली बार में इतना जरूर दे दीजिएगा कि जहाँ से मैं आऊँ वहां से आपके यहाँ आने-जाने तक का खर्चा जरूर निकल आए.
वो हंसते हुए बोलीं- ओके तुम आ जाओ, मैं तुम्हें राजीव चौक मेट्रो स्टेशन से पिक कर लूँगी.
मैं उनके बताए हुआ टाइम पर वहां पहुँच गया और वहां से मैं उनकी गाड़ी में उनके साथ उनके घर चला गया.
दस मिनट बाद हम घर पर पहुँच गए और उन्होंने मुझे बैठने को कहा. उनकी उम्र 31 साल की थी, उनके चूचे काफ़ी बड़े थे. वो मोटी जरूर थी लेकिन बहुत ही सेक्सी लग रही थीं. उन्होंने काले रंग की सलवार कमीज़ डाल रखी थी.
भाभी मेरे लिए पानी लाईं. उन्होंने झुक कर मुझे पानी दिया तो में उनके बड़े चूचे देख कर हैरान रह गया.
उफ़.. क्या मस्त चुचियां थीं.. मन किया कि अभी इनके सारे कपड़े निकाल कर इनको चोद डालूँ, लेकिन मैं ऐसा नहीं करना चाहता था. मुझे तो बस मेरा काम करना था और वहां से निकल लेना था.
मैंने उनके कपड़ों की तारीफ़ की और उन्होंने भी मुस्कुरा कर मेरे कपड़ों की भी तारीफ़ की.
कुछ पल बाद उन्होंने मुझसे कहा- क्या हम अब शुरू कर सकते हैं?
मैंने ‘हाँ’ बोला तो वो तौलिया लेने के लिए कमरे में चली गईं.
वो जाते वक्त बोलीं- तुम मेरे सर की भी मालिश कर दोगे?
मैंने हाँ बोल दिया.
उनके आने के बाद मैंने उनके सर की मालिश शुरू कर दी.
मैं धीरे-धीरे करके उनके कंधे और मम्मों को छू रहा था, वो बड़े आराम से इस सब का मजा ले रही थीं.
कुछ देर बाद भाभी बोलीं- तुम्हारे हाथों में तो जादू है, मेरे सर का दर्द एकदम गायब हो गया.
मैंने कहा- ऐसी बात नहीं है बस सब इंटरनेट से सीखा है.
उन्होंने मुझसे बोला- क्या तुम सब कर सकते हो?
मैंने अनजान बनते हुआ पूछा- सब मतलब?
बोलीं- सब मतलब सब..
मैंने उनसे मुस्कुरा कर हाँ बोल दिया. भाभी सेक्स मसाज की बात कर रही थी.
‘तो देर क्यों कर रहे हो.. सब करो ना..!’
मैंने भाभी के कपड़े उतारे और खुद भी एक तौलिया ही लपेट लिया.
वो अब सिर्फ़ गुलाबी कलर की ब्रा और पेंटी में ही थीं.. हालांकि वो मोटी थीं लेकिन सेक्सी लग रही थीं.
अब मैंने उनकी पूरी बॉडी की मसाज करनी शुरू कर दी. मैंने उनकी कमर शुरू किया, फिर उनके चूतड़ और पैरों तक आ गया. वो बस अपनी आँख बंद करके आराम से लेटी हुई थीं. मैं भी अपनी मसाज से उनको खुश करना चाहता था. अब वो सीधा लेट गईं और मैंने उनके पैरों की मसाज शुरू कर दी. मैं उनके पेट तक अपना हाथ ले जाता और फिर से वापिस उनके पैरों तक आ जाता.
थोड़ी देर बाद वो बोलीं- मैंने ‘टंग मसाज’ के बारे में सुना है.. क्या तुम जानते हो?
मैं समझ गया कि अब वो मुझसे क्या चाह रही हैं. मैंने उनकी ब्रा और पेंटी को निकाल दिया और उनके मम्मों पर तेल लगा कर उन्हें मसलने लगा. उनके चूचे बहुत बड़े थे.
अब मैंने अपनी जीभ को उनकी चुत के बिल्कुल पास ले गया और चुत को सहलाते हुए बड़े प्यार से होंठों से चुत पर एक चुम्मा धर दिया. वे भी अपने हाथों से मेरा लंड सहलाने लगीं. फिर थोड़ी देर बाद मैंने अपने होंठ उनकी चुत पर रख दिए.
उन्होंने मुझसे पूछा- मेरी चुत का स्वाद कैसा लग रहा है?
मैं बोला- नमकीन..
उन्होंने पैर पसार कर चुत पूरी खोल दी.
मैं उनकी चुत के अन्दर तक जीभ घुसा कर चुत चाट रहा था और उनकी चुत से टपकती हर बूँद को पी रहा था. वो मेरे बालों में हाथ डाल कर मेरे मुँह को अपनी चुत पर रगड़ने लगीं. मैं उनकी चुत को चाटता रहा. उनके मुँह से आवाज़ आने लगी- आआहह.. अहह ज़ोर से करो आआह.. वउूऊहह.. और अन्दर तक जीभ डालो.. यहाँ से भी रगड़ो.. अह..
भाभी की चुत बिल्कुल गरम हो चुकी थी. वो बोलीं- क्या तुम अपना लंड डाल अन्दर सकते हो?
मैंने कहा- अगर आप कहो तो जरूर डाल दूँगा.
उन्होंने आँख मारते हुए कहा- क्या लिख कर दूँ?
मेरा लंड भी पूरी तरह से तना हुआ था और मैंने खड़ा लंड उनकी चुत में पेल दिया. चुत से लंड रगड़ कर जा रहा था. वो बहुत मज़े से चुदाई का मजा ले रही थीं.
फिर वो बोलीं- मैं आपके ऊपर आना चाहती हूँ.
मैंने उनको अपने ऊपर लिया और खुद नीचे लेट गया. अब वो मेरे लंड पर बैठ कर खुद ही ऊपर-नीचे होकर चुत चुदाई का मजा ले रही थीं.
कुछ देर बाद मैंने उन्हें डॉगी स्टाइल में चोदा. वो मजे में सीत्कार रही थीं- एयाया उउम्म्म्म..
करीबन 15 मिनट की चुदाई के बाद उन्होंने फर से मुझे चुत की टंग मसाज के लिए बोला और मैं उनकी चुत को फिर से अपनी जीभ से चाटने लगा.
वो मेरे लंड को सहलाने लगीं. एक-दो मिनट के बाद ही उनका भी चुत रस निकल गया और चुत का सारा रस मेरे मुँह में आ गया. वो हाथ से मेरे लंड को सहला रही थीं.. तो मेरा भी पानी तभी निकल गया.
उनका शरीर बिल्कुल अकड़ गया. मैंने बाथरूम में जाकर नहाया. थोड़ी देर बाद मैं बाहर आया तब तक वो भी रेडी हो गई थीं.
भाभी ने मुझे 1000 रूपए दिए और मुझे वापिस मेट्रो स्टेशन पर छोड़ आईं. अब वो मेरी रेग्युलर कस्टमर हैं. उसके बाद उन्होंने मुझे कई और औरतों से मिलाया. मैं ये सब पैसों के लिए करता हूँ, सभी की गोपनीयता बनाए रखता हूँ, सो कोई भी मुझसे असंतुष्ट नहीं रहती है.
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