इशारे से प्रेम कहानी शुरू हुई और सेक्स पे ख़त्म

मेरा नाम कुंदन सिंह है। मैं जालंधर का रहने वाला हूँ। यहाँ मेरे मम्मी, पापा मेरी बहन रहती है जो मुझसे दो साल छोटी है। मेरी उम्र 21 साल है। उम्मीद है कि यह कहानी आप को अच्छी लगेगी क्यों कि यह मेरी सच्ची कहानी है।

हमने अपने घर के नीचे के हिस्से को किराये पर दिया हुआ है। वहाँ पर तीन परिवार रहते हैं। एक परिवार में एक पुरुष और 2 नेपाली लड़कियाँ रहती हैं, जो बहुत सुन्दर हैं। दूसरे परिवार में एक मियां-बीवी रहते हैं। उसकी तो बात ही मत पूछो। चूचे मध्यम आकार के लेकिन एकदम तने हुए, रंग गोरा। हमारे नीचे वाले बाथरूम के ऊपर तक दरवाजा नहीं है इसी लिए मैं उसके गोरे गोरे मलाई जैसे चूचों के दर्शन कई बार कर चुका हूँ। लेकिन उसकी मेरे साथ सेट्टिंग नहीं हो सकती थी।

अब बात तीसरे परिवार की, उसमें पांच लोग हैं आदमी-औरत उनके दो 10-12 साल के दो लड़के और एक 18 साल की लड़की जिसका नाम जानवी है। जानवी का रंग सांवला है लेकिन फिगर का क्या कहना, चूचे एकदम तने हुए।
यह तो थी जान-पहचान ! अब आता हूँ कहानी या यों कहो की आपबीती पर। जानवी बारहवीं क्लास में पढ़ती है। वो रोज शाम को कपड़े सुखाने छत पर आती है।

एक दिन मेरी मम्मी ने कहा- जानवी आई थी, वो बोल रही थी कि उसने कंप्यूटर सीखना है।
मैं मन ही मन खुश होने लगा। वो शाम को 7.00 बजे कंप्यूटर सीखने के लिए आई। मैं उसे कंप्यूटर सिखाने लगा वो मेरी दांई और बैठी थी इसलिए कभी कभी जानबूझ कर मैं माउस चलते समय उसके वक्ष से अपनी कोहनी लगा देता।

उसने कंप्यूटर पर लिख दिया- रजनीश आई लव यू।

मैंने उससे पूछा तो उसने बताया कि रजनीश उसकी क्लास में पढ़ता है।

मैंने उससे बोला- मैं इसके बारे में तेरी मम्मी को बताऊँगा।

वो मुझसे कहने लगी- आपको इससे क्या मिलेगा? लेकिन मैं फंस जाऊँगी, मैंने तो गलती से लिख दिया, मैं अब रजनीश से प्यार नहीं करती।

फिर उसकी मम्मी ने बुला लिया और वो चली गई। अगले दिन उसने ऊपर छत पर जाते समय मेरे कमरे में एक पर्चा फेंक दिया। उसमें लिखा था कि मैं उसकी मम्मी से शिकायत न करूँ, और वो रात को कंप्यूटर सीखने आएगी।
मैं शाम को उसका इंतजार करने लगा, वो 7.00 बजे आ गई। वो मुझसे पूछने लगी कि क्या मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है।

तो मैंने उसे न में जवाब दिया। उसने मुझे हमारी गली की लड़कियों के चक्करों के बारे में बताया।

उसने बोला- न तो आप किसी से प्यार करते हैं और न ही मैं।

मुझे लगा कि उसका इशारा मेरी ओर था। तो मैंने उसे आई लव यू बोल दिया। उसने शरमाते हुए हाँ कर दी। और इस तरह से हमरी प्रेम कहानी शुरू हो गई।

जब भी वो छत पर जाने लगती वो मुझसे मिलने आ जाती। कुछ दिनों के बाद मैंने उसके गाल पर चुम्बन कर लिया। मेरी बहन एक साल से होस्टल में रहती थी और मम्मी पापा का भी विचार बन गया पुणे रहते रिश्तेदारों से मिलने का। मेरे कॉलेज शुरु होने वाले थे इस लिए मैंने जाना रद्द दिया। वो दो हफ्ते के लिए जा रहे थे।

जानवी और उसका परिवार रोज़ रात को सोने के लिए छत पर आते थे। मैंने जानवी को बोल दिया रात को नीचे मुझसे मिलने के लिए आये। वो रात के करीब सवा एक बजे मुझसे मिलने आ गई। मैंने उसे अन्दर बुलकर दरवाजा बंद कर लिया। मैं उसके गाल पर चुम्बन करने लगा, फिर उसके होंठ चूसने लगा। दोस्तों आप ये कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है।

उसने अपनी ऑंखें बंद कर ली, मैंने उसके वक्ष पर हाथ फिराया। तो उसने मुझे ऐसा करने से रोका। लेकिन मैं उसे समझाते हुए उसके चूचे दबाने लगा और वो गर्म होने लगी, मुझे जोर जोर के पकड़ने लगी। मैंने उसका कमीज उतार दिया। वो शरमा रही थी और अपने हाथों से अपने आप को छुपा रही थी।

मैंने उसके हाथ फ़ैलाए और उसे अपनी बाहों में समां लिया। मैंने उसकी पजामी ब्रा और चड्डी उतार दी। और खुद तो मैं निक्कर में था मैंने उसे इसको उतारने के लिए कहा तो पहले तो उसने मना किया लेकिन मेरे कहने पर उसने उतार दी।

फिर मैंने उसे बिस्तर पर लिटाकर चूमना चालू कर दिया। वो मदहोश हो रही थी, मेरे चूमते हुए उसने मुझे जोर से जकड़ लिया और उसकी चूत से पानी बहने लगा।

मैं उसका पूरा शरीर चूमने लगा, वो कहने लगी- प्लीज़ ! मेरी प्यास बुझा दो।

उसने मुझे बताया कि वो पहले किसी लड़के के इतना करीब नहीं आई और इस पर मुझे विश्वास तब आया जब मैंने अपना 7 इंच का लंड उसकी कसी हुई चूत में डाला और उसकी चीखें निकल गई।

मैंने अपनी रफ़्तार कम की और उसके होठों को चूसने लगा इससे वो थोड़ी शांत हुई। उसके बाद मैंने अपनी गति बढ़ा दी उसे भी मजा आने लगा और वो भी चूतड़ उठा कर मेरा लंड अपनी चूत की गहराई तक ले जाने लगी। जब उसकी चूत की दीवारे मेरे लंड को दबा रही थी तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था।

अगले 15 मिनट में वो दो बार अपना कामरस छोड़ चुकी थी। अब मेरी बारी थी, मैंने उसे कहा- मैं झड़ने वाला हूँ।
तो उसने बोला कि वो प्रेग्नेंट नहीं होना चाहती। तो मैंने अपना लंड निकाल कर उसके मुंह पर अपना पानी छोड़ दिया। उसके बाद मैंने 2 बार उसकी चूत और गांड भी मारी।

यह मेरी जिंदगी का पहला सेक्स अनुभव था। अब हमें जब भी मौका मिलता है हम सेक्स जरूर करते हैं। उम्मीद है, आप सभी को मेरी यह सच्ची कहानी ज़रूर पसंद आई होगी। कृपया मुझे अपने विचार भेजें !

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