उसकी चीखें निकल गई

मेरे दोस्त मुझे प्यार से ‘मौसा’ कहते हैं, मैं जोधपुर का एक रहने वाला हूँ।
अब फालतू बातें छोड़ कर मैं मुद्दे पर आता हूँ।
बात उन दिनों की है, जब मैं स्नातकी का छात्र था। मेरी क्लास में ही एक लड़की पढ़ती थी जिसका नाम शालिनी था। उसका फिगर 34-26-30 था जिसे देख कर मेरा लंड खड़ा हो जाया करता था। मैंने अपने सपनों में उसे ना जाने कितनी बार चोदा था।
लेकिन वो मुझे अपने भाई की निगाहों से देखती थी और मैं उसके लिए बहनचोद बनने के लिए तैयार था।
बस मेरे दिमाग़ में उसकी चूत घूमती थी, उसके मम्मे देख कर मेरा मन करता था कि उसके मम्मों पर ही मूठ मार दूँ।
वो जब भी कुछ बोलने को मुँह खोलती तो मेरा लंड मचल जाता।
एक बार की बात है मेरा हाथ ग़लती से उसके चूचों पर लग गया। आज भी मुझे याद है कि मैंने उस रात इतनी मुठ मारी कि मेरा लंड सूज गया था।
अगले दिन मैं कॉलेज में लंगड़ा कर चल रहा था तो उसने पूछा- भैया, क्या हुआ? ऐसे क्यों चल रहे हो?
अब मैं उसे क्या बताता कि सब उसके मम्मों का कमाल है।


अब मैं आपको बताता हूँ कि मेरी वो बहन रंडी कैसे बनी।
मेरे ही कॉलेज में एक लड़का था जिसका नाम मिट्ठन था। एक रात मैंने उन दोनों को सभागार में बैठे देखा।
यह देख कर मेरा दिमाग़ खनका कि ये दोनों अकेले रात में यहाँ बैठ कर क्या कर रहे हैं।
ध्यान से देखने पर पता चला कि दोनों एक-दूसरे को चूम रहे थे और मिट्ठन शालिनी की चूचियाँ मसल रहा था।
यह देख कर पहले तो मुझे बहुत गुस्सा आया मगर मैंने अपने आप को काबू में रखा और सब कुछ छुप कर देखने लगा।
मिट्ठन अब धीरे-धीरे उसके टॉप के अन्दर हाथ डालने लगा था और साथ ही मेरा हाथ मेरे लंड पर चला गया।
शालिनी ने अपने हाथ को मिट्ठन के पैन्ट में डाल कर उसके लंड के साथ खेलना शुरू कर दिया था।
मेरा तो लंड तन कर दर्द करने लगा था, मेरे लौड़े की नसें दिखने लगी थीं। मन तो कर रहा था कि मिट्ठन को मार कर शालिनी को चोद डालूँ।
खैर अब आगे बताता हूँ।
दोनों की साँसें तेज हो चुकी थीं। मैंने ध्यान से देखना शुरू किया तो पता चला कि अब दोनों ने एक-दूसरे के ऊपर के कपड़ों को उतार कर दूर फेंक कर एक-दूसरे से लिपट चुके थे।
मिट्ठन शालिनी की दायीं चूची को मसल रहा था और बायीं चूची को मुँह में डाल कर चूस रहा था, शालिनी के मुँह से ‘आ उहह’ की सिसकारियाँ निकल रही थी।
ये सब देख कर मेरा मन बिगड़ने लगा। मैंने अपने लंड पर थूक लगाया और उसे हिलाना शुरू कर दिया।
उधर शालिनी इतनी ज़्यादा उत्तेजित हो चुकी थी कि उसकी आवाज़ें थोड़ी तेज़ हो गई थीं।
फिर अचानक से मिट्ठन ने शालिनी के बालों को अपने हाथ से पकड़ा और अपने लंड को उसके मुँह में घुसेड़ दिया, शालिनी मज़े से उसके लंड को चूसने लगी।
यह देख कर तो मैं और भी पागल हो उठा, मैं अपने लंड को लगातार हिलाए जा रहा था और यह कल्पना किए जा रहा था कि शालिनी मेरे लंड को चूस रही है।
फिर अचानक से मिट्ठन ने शालिनी को कुतिया के जैसे खड़ा करके पीछे से उसकी चूत में लंड को घुसा दिया।
शालिनी के मुँह से एक हल्की सी ‘आह’ निकली और फिर वो मज़े में आगे-पीछ हो कर चुदवाने लगी।
मुझे लगा कि शालिनी रोएगी या चीखेगी पर बस उसके मुँह से एक ‘आह’ निकली और वो मज़े लेने लगी।
यह देख कर मुझे पता चल गया कि यह साली चालू रंडी है।
उसके मटकते चूतड़ और उछलती हुई चूचियाँ देख कर तो मेरे लंड का बहुत बुरा हाल हुए जा रहा था।
वो दोनों चुदाई का मज़ा लिए जा रहे थे और इधर मैं अपने लंड को रगड़े जा रहा था। मैं बस यही सोच रहा था कि काश इस चूत में मेरा लंड होता।
अचानक से मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ। मैंने मूठ मारने की गति को बढ़ा दिया और इसी के साथ मेरे लंड से ढेर सारा पानी निकाला और इसी के साथ मैं वहीं पर दीवाल के सहारे टिक गया।
कुछ ही दूर हो रही चुदाई भी अब रुक चुकी थी और दोनों अपने-अपने कपड़े पहन रहे थे और इसी दिन मुझे पता चला कि मेरी वो बहन एक रंडी है और मैं यही सोच रहा था कि काश कभी मुझे भी ऐसा मौका मिले और मैं भी उसे चोद सकूँ।
दोस्तो, इसी के साथ मेरी यह कहानी खत्म हुई। कहानी कैसी लगी यह ज़रूर बताइएगा।
जल्द ही मैं आपको अपनी अगली कहानी सुनाऊँगा जिसमें मेरी रंडी बहन शालिनी मेरे एक जूनियर से एक पार्क में चुदी।

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