कांता बाई की चुदाई

हेलो दोस्तों कैसे हो आप? मेरा नाम अनुराग हे. दोस्तों यह कहानी मेरे और मेरे घर में काम करने वाली एक नौकरानी के बीच की सेक्स के बारे में है. उस नौकरानी का नाम हे कांता. वैसे इस नाम से तो आपको लगेगा कि यह तो कोई आंटी होगी या  कोई मोटी सी बुढिया.

पर ऐसा बिल्कुल नहीं है. कांता के बारे में आप सभी को बता दूं. उसकी उम्र लगभग ३० साल की है और उसकी ४ साल की बेटी भी है जिसे वह अक्सर अपने साथ ही लेकर आती है हमारे घर पर. और उसका सेक्सी फिगर करीब ३४-३०-३४ हे. दीखने में वह थोड़ी सी सावली सी रांड है, पर जब उसे कोई देख ले तो उसका लंड एकदम तन जाए. यह मैं आपको यकीन के साथ कह सकता हूं.

क्योंकि उसके चेहरे की बनावट काफी सुंदर है और उसके साथ साथ वह अपने आपको काफी साफ सुथरा रखती है, जिसके कारण उसकी सुंदरता में चार चांद लग जाते हैं.

अब हम कहानी की तरफ चलते हैं. तो यह बात तब की है जब मेरे घर के सभी लोग शादी में गए हुए थे और उन्होंने मेरी खाने पीने की जिम्मेदारी कांता पर छोड़ी थी.

में इस बात से काफी खुश था क्योंकि मैं हमेशा से कांता के साथ वक्त गुजारना चाहता था. और सच कहू तो में उसकी चूत बजाना चाहता था और अगर मौका मिले तो उसकी गांड भी मारना चाहता था.

उस दिन मैं घर पर अकेला था और करीब १० बजे डोर बेल बजी और मैंने दरवाजा खोला और मेरे सामने कांता खड़ी थी और आज उसके साथ उसकी बेटी नहीं थी. उसने लाइट ग्रीन कलर की साड़ी पहनी हुई थी और अपने पल्लू को अपनी कमर से बांधा हुआ था.

मेरे दरवाजा खोलते ही वह अंदर आ गई और जैसे ही मैंने दरवाजा बंद कर के पीछे मुड़ा तो मैं तो पीछे से उसकी मटकती गांड को देखते ही रह गया, सच में उस दिन मै अपने आपको काफी खुश किस्मत समझ रहा था.

अंदर जाते की कांता ने मुझे नाश्ते के बारे में पूछा और मैंने उसके शरीर को बड़े गौर से निहारते हुए ना में जवाब दिया और मन ही मन सोचा की साली आज तो मैं तुझे खा कर अपनी भूख मिटाना चाहता हूं.

मैं चाहता तो था कि अभी जाकर उसे कमर से पकड़ लू और अपने पहले से खड़े हो चुके लंड को उसकी गांड की दरार में फसाकर आगे पीछे करके अच्छे खासे घुसे लगाउ पर मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी कि मैं ऐसा करूं.

मेरे ना कहते ही कांता अपने साफ सफाई के काम में लग गयी और मैं निराश होकर अपने कमरे में जाकर बैठ गया और अपने लैपटॉप पर पॉर्न देखने लगा और लंड हिलाने लगा.

मेरे दिमाग में कई बातें चल रही थी. कभी मैं यह सोच रहा था कि अपना लंड बाहर निकाल कर मुठ मारने लग जाता हूं और जब कांता मेरे कमरे में आएगी तो मेरे लंड को देख कर उसका क्या रिएक्शन होगा उसे मैं देखना चाहता था.

पर मेरे काफी इंतजार करने पर भी कांता मेरे कमरे में नहीं आयी तो मैं अपने कमरे से बाहर आया और उसे देखने लगा, तो वहां नहीं थी पर जैसे ही मैं बेड बाथरूम की तरफ गया तो कांता वहां वॉशिंग मशीन में कपड़े डाल रही थी और उसके जूके होने के कारण उसकी मोटी मुलायम गांड मेरी तरफ मुंह करके मुझे देख रही थी.

वह कुछ ऐसा था की मानो वह मुझे कह रही हो की आ और मुझे मार, उसे देख कर तो में अपना आपा ही खो रहा था पर मेने कुछ सोचा और पीछे की और मुड गया.

पर मुड़ने के बाद मेने एक बार और सोचा की बेटा अभी नहीं तो कभी नहीं और यह बात सोचते ही मैं पीछे की ओर मुड़ा और मैं तो जैसे दंग ही रह गया क्योंकि कांता मेरे बिल्कुल सामने खड़ी थी और मुझे देख रही थी.

मुझे देखते देखते उसने कहा क्या हुआ छोटे बाबू? आपको कुछ चाहिए क्या?

उसकी यह बात सुनते ही मुझे रहा नहीं गया और मैं झट से उसके पास गया और उसे सर के पीछे हाथ डाल कर उसके होठों को अपने होठों में भर लिया और किस करने लगा.

मुझे किस करते ही पहले तो कुछ सेकंड उसने कोई हरकत नहीं की पर फिर अचानक वह उठने की कोशिश करने लगी, पर मेरी पकड इतनी मजबूत थी कि वह अपने आप को मुझसे ना छूड़वा पायी.

लगभग एक मिनट बाद मैंने उसके ओठ को आजाद किया और उसपर अपनी पकड़ थोड़ी ढीली की तो वह झट से मुझे धक्का देकर मुझसे अलग हो गई..

कांता ने कहा यह क्या कर रहे हो तुम? तुम्हारा दिमाग तो खराब नहीं हो गया है?

मैंने कहा कांता प्लीज मेरी जान, मैं तुम्हारा दीवाना हो गया हूं. पता नहीं कितने दिनों से तुमसे यह बात कहना चाहता था पर आज तक नहीं कर पाया.

कांता ने कहा तुम यह क्या कर रहे हो? मैं एक शादीशुदा औरत हूं, तुम्हें शर्म नहीं आती यह सब बात मुझे कहते हुए?

मैंने कहा मुझे पता है सब कुछ, पर मैं तुम्हारी सुंदरता के आगे कुछ नहीं कर पाया, मुझे माफ करना.

उसने कहा की में यह बात अभी मालकिन को फोन करके बताती हु.

मैंने कहा नहीं ऐसा कुछ मत करना, तुम जो कहोगी मैं तुम्हारे लिए करूंगा प्लीज.

कांता ने कहा क्या मतलब है तुम्हारा?

मैंने अपनी जेब में हाथ डाला और काफी सारे पैसे कांता को दिखाये.

मैंने कहा : यह सब तुम्हारे हैं, और यही नहीं और भी तुम्हें दे सकता हूं.

पैसों को देखकर और पैसों की बात सुनकर कांता की आंखों में मैंने एक अजीब सी चमक देखी और मैं समझ गया कि मुर्गी फस गई.

मैं आगे बढा और सारे के सारे पैसे कांता के हाथ में थमा दिए और उसने भी पैसों को पकड़े रखा.

मैंने कहा चलो यार तुम्हें भी पैसे मिलेंगे और मजा भी.

कांता ने कहा लेकिन अगर किसी को पता चल गया तो?

मुझे ग्रीन सिग्नल मिल चुका था और मैंने उसे अपने गोद में उठा लिया और कहां की किसी को कैसे पता चलेगा जब हम किसी को कुछ बताएंगे नहीं?

मेरी बात सुन कर मुस्कुराने लगी और मैं उसे उठाकर अपने कमरे में ले गया और बेड पर पटक दिया.

मैंने कुछ सेकंड का समय लिया और वह अपने कपड़ों से बाहर थी और मेने बिना देर किये बीमार उसकी चुसाई शुरू कर दी और पूरे शरीर में उसके चुचे अपने मुंह में भरकर चूसने लगा.

वह भी अब मस्ती में आ चुकी थी और मेरी पैंट के ऊपर से मेरे लंड को टटोल रही थी, उसकी हरकत मुझे काफी पसंद आ रही है और मैंने देर ना करते हुए अपने आप को भी कपड़ो से आजाद कर दिया और अपना ७ इंच लम्बा लंड उसके सामने कर दिया और उसे चूसने को कहा, पर उसने चूसने से मना कर दिया.

मैं उस वक्त पूरे जोश में था तो मैंने भी इसपर ज्यादा जोर नहीं दिया और देर ना करते हुए उसकी चुदाई शुरू कर दी.

मैंने उसकी टांगे खोली और बिना देर किए एक बार में सारा का सारा लंड उसकी चूत की गहराई में पहुंचा दिया और जोश में आगे पीछे कर के उसकी चुदाई करने लगा. वह आह हो अहह औउ ओह अह ह और मजा आ झ ओएसए हहा ओह अह्ह्ह आ रहा हे.

क्या बात है तेरे पति का इतना बड़ा नहीं है क्या??

नहीं बाबूजी उसका तो छोटा सा है आहा ओह अहह औऔ येस्स्स्स औउ येस्स.

आह ओह्ह मेरी जान में जोर जोर से चोद रहा था और वह भी मुझे अच्छे से साथ दे रही थी और मजे ले रही थी.

तभी मैंने लंड बाहर निकाला और उसके दोनों घुटनों को जोड़कर उसकी चूचीयो को सटा दिया और उसके कमर के नीचे तकिया फसा दिया जिसके कारण उसकी चूत एकदम ऊपर की और उभर आई.

और में उसके ऊपर किसी सांड की तरह चढ़ गया और अपने लंड को उसकी चूत में उतार दिया और किसी सांड की तरह से चोदने लगा.

वह नहीं ऐसे नहीं दर्द हो रहा हे.

साली चुप कर थोड़ी देर में सब ठीक हो जाएगा.

साली मुझे धमकी दे रही थी ना घरवालों को बताएगी, अब बता और उसके साथ साथ मेने ठप ठप ठप लंड लगाना चालू कर दिया और पूरे कमरे में आह हो अहह औउऔ आई आवाज आ रही थी

करीब १० मिनट तक मैंने उसे ऐसे ही चोदा और इस दोरान वह तिन चार बार जड़ चुकी थी और उसे मजा आ रहा था.

और चोदो बाबूजी चोदो मेरी चूत को दे दो मुझे भी एक अमिर ओलाद.

साली कुत्ती तेरी मां की चूत, बहन चोद और तभी मैं स्वर्ग में पहुंच गया और मैं अपना लंड जैसे ही निकाला वह मेरे एकदम नीचे थी और मेरे लंड ने अपनी गर्मी छोड़ दी और कांता का पूरा शरीर मेरे वीर्य से भर गया.

जड़ते ही मैं तो जेसे निढाल हो गया और कांता को तो उस पोज से बड़ी मुश्किल से मुक्ति मिली.

इसके बाद अगले दिन शाम तक जब तक मेरे परिवार वाले घर पर नहीं आ गये मेने कांता की कई बार चुदाई की और अब भी जब कभी मौका मिलता है तो मैं उसकी खूब चुदाई करता हूं और उसके साथ साथ वह तो मुझसे एक बच्चा भी चाहती है.

पर इस बारे में मैं अभी सोच रहा हूं कि क्या करूं उसको अपने बच्चे की मां बनाउ या नहीं?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

|