कामिनी आंटी की साड़ी
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हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम सागर है और में जयपुर का रहने वाला हूँ, मेरी बॉडी मस्त है और में भाभी, आंटी और विधवा को पसंद करता हूँ. अब में आपका समय ज्यादा ख़राब ना करते हुए सीधे अपनी स्टोरी पर आता हूँ, जैसा कि दोस्तों मेरा लहंगा साड़ी का बिजनस है तो मेरे पास सुंदर भाभी और आंटी आती रहती है.
ये कुछ ही दिनों पहले की बात है, मेरे पास एक सेक्सी सी आंटी आई थी और जिनका नाम कामिनी था, बाप रे जैसा नाम वैसा काम, क्या माल लग रही थी? एकदम जैसे कोई काम की प्यासी अप्सरा हो, उसके बूब्स उसके ब्लाउज से लटक रहे थे मानो अभी बाहर ब्लाउज फाड़कर आ जाए और उनकी गांड तो एकदम गद्देदार बिल्कुल ऐसी थी कि बस पकड़कर ढोल बजाओ. जैसा कि कामिनी मेरे पास लहंगा देखने आई थी. मैंने उन्हें लहंगा पसंद करवाया और फिर ट्रायल के लिए पहना रहा था, क्या बताऊँ मेरी तो साँसे तेज हो रही थी? मेरे हाथ कांप रहे थे. अब में कामिनी की पूरी बॉडी को महसूस कर रहा था, उनकी गांड इतनी सॉफ्ट और मुलायम थी और उसके बूब्स तो क्या बताऊँ? एकदम टाईट और फूले हुए थे.
अब कामिनी को भी पता चल रहा था कि में ट्रायल के बहाने उसे महसूस कर रहा हूँ तो उसने भी अपना पल्लू झटका कर मेरे सामने अपने बूब्स रख दिए. अब में चुन्नी को लगाने के बहाने उसके बूब्स को टच कर रहा था. अब कामिनी को भी मज़ा आ रहा था, उसने एक के बाद एक कई बार ट्रायल करवाया और बाद में उसने एक पसंद किया और डिलवरी घर करने लिए बोला. फिर में समझ गया कि कामिनी को भी क्या चाहिए? फिर मैंने डिलवरी करने के लिए हाँ कर दी. अब में रात को उसके घर जाने का इंतज़ार कर रहा था कि करीब 8 बजे उसका फोन आया कि डिलवरी उसके फ्लेट में देनी है और अपना एड्रेस और फोन नंबर मुझे दे दिया.
फिर में भी तैयार होकर पहुँच गया और मेडिकल शॉप से एक कंडोम का पैकेट लिया और एक सिल्की चॉकलेट ली. फिर मैंने उसकी बिल्डिंग के बाहर पहुँचकर उसे कॉल किया तो वो बाहर ही डिलवरी लेने आ गई और मुझे चाय पीने के लिए कहने लगी तो मैंने भी हाँ कर दी और उसके साथ उसके फ्लेट में चला गया. उसने कुछ पज़ामा और टी-शर्ट पहन रखा था, वो क्या बॉम्ब लग रही थी? एकदम टाईट टी-शर्ट, जैसे कि उसके बूब्स फँस गये हो और उसकी गांड तो क्या बताऊँ? एकदम बाहर जैसे कि उस पर बोतल रख दूँ. अब हम उसके फ्लेट में जा पहुंचे, उसके घर में सिर्फ़ उनकी सास और पति विदेश में रहते थे. अब में समझ गया कि कामिनी इतनी कामुक क्यों है? अब कामिनी आंटी किचन में जाकर मेरे लिए चाय लेकर आई.
फिर वो मुझे जैसे ही चाय दे रही थी तो मेरा ध्यान उनके बूब्स पर था और चाय मेरे हाथ से फिसल गयी और मेरी जीन्स पर आकर गिर गयी तो मुझे बहुत ही जलन हो रही थी. फिर आंटी ने मुझे जीन्स उतारने को कहा और बाम लगाने को कहा तो अब में जीन्स उतारकर टावल पहनकर खड़ा हो गया. फिर आंटी रूम से जाकर बाम और टूथपेस्ट लेकर आ गई और नीचे बैठकर लगाने लगी, अब मुझे क्या एहसास हो रहा था? एक तरह जलन और दूसरी तरफ आंटी के सॉफ्ट हाथ मेरी जांघ पर थे. अब वो भी तेज साँसें ले रही थी, उनकी गर्म साँसों से मेरा लंड खड़ा हो गया और टावल के ऊपर से ही टेंट बन गया था. फिर आंटी भी मेरे लंड को देख रही थी और तेज साँसें ले रही थी. फिर मैंने थोड़ी हिम्मत करते हुए आंटी के बूब्स पर अपना हाथ रख दिया तो आंटी ने मुझे हल्की सी स्माईल दी.
फिर में आंटी को सोफे पर बैठाकर आंटी को स्मूच करने लगा, अब आंटी ने भी स्मूच करना शुरू कर दिया और भूखी शेरनी की तरह मुझ पर टूट पड़ी और मेरे ऊपर आकर बैठ गयी. फिर हमने 10 मिनट तक स्मूच किया, अब आंटी मेरा हाथ पकड़कर मुझे बेडरूम में ले गई और मुझे बेड पर धक्का देकर सुला दिया और अपनी टी-शर्ट उतार दी, क्या बूब्स थे आंटी के एकदम सॉफ्ट और सफ़ेद? आंटी ने ब्लेक कलर की ब्रा पहनी थी और जैसे ओवर लोड हो रही थी. फिर आंटी मेरे ऊपर आकर मुझे स्मूच करने लगी और मेरी बॉडी को चूमने और चाटने लगी.
फिर मैंने भी आंटी की ब्रा को खोलकर आंटी के बूब्स को आज़ाद कर दिया, क्या पिंक निप्पल थी और वो भी एकदम उठी हुई? अब में आंटी के निप्पल को काट और चूस रहा था. आंटी को भी बहुत मज़ा आ रहा था, अब में धीरे से आंटी की नाभि पर चूसने लगा और आंटी का पजामा उतार दिया. फिर आंटी ने अपनी गांड उठाकर मेरी मदद की और आंटी ने अपनी ब्लेक कलर की पेंटी भी उतार दी, क्या चूत थी आंटी की एकदम पिंक? और उस पर हल्के-हल्के बाल, मुझे आंटी की चूत ज़्यादा चुदी हुई नहीं लग रही थी.
फिर में आंटी की चूत के दाने को अपनी जीभ से चाट रहा था तो आंटी तड़प के कारण मेरे सर को पकड़कर दबा रही थी, शायद पहली बार किसी ने उनकी चूत चाटी हो. अब वो चिल्ला रही थी, आअहहा आअहह एम्म्म हम्म्म्, अब में भी पूरे जोश से उनकी चूत को चाट रहा था कि अचानक आंटी ने मेरा सर दबा दिया और सारा लावा मेरे मुँह पर छोड़ दिया. फिर मैंने अपना मुँह साफ किया और अब वापस आंटी के निप्पल को सहलाने लगा और स्मूच देने लगा.
फिर आंटी वापस जोश में भर गयी. फिर उन्होंने मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मेरे ऊपर चढ़कर बिल्कुल भूखी शेरनी की तरह टूट पड़ी और मेरी पूरी बॉडी को किस करने लगी. अब मेरा लंड तो एकदम सलामी दे रहा था. फिर आंटी ने मेरा लंड पकड़कर उस पर प्यार से किस किया और वो उसे सहला रही थी. फिर मैंने अपनी जेब में से कंडोम निकाल कर दिया तो आंटी ने बोला कि मुझे पता था कि तुम मुझसे सेक्स करना चाहते हो तो इसलिए मैंने तुम्हें डिलेवरी के लिए घर बुलाया था.
फिर आंटी ने मेरे लंड पर कंडोम लगाया और उसे चूसने लगी. फिर थोड़ी देर के बाद आंटी सो गई और मुझे अपने ऊपर खींच लिया. फिर आंटी ने अपनी टांगे फैलाकर मेरा लंड अपनी स्वीट सी चूत में सेट किया, अब में भी आंटी के ऊपर आकर प्यार वाले झटके दे रहा था वो भी बिल्कुल कंट्रोल से, अगर आप तेज झटके मारेंगे तो पानी भी जल्दी निकलेगा और मज़ा भी नहीं आयेगा.
फिर धीरे-धीरे आंटी को झटका देते हुए में बारी-बारी से स्मूच भी कर रहा था और कान पर, लिप्स पर, माथे पर, गाल पर किस कर रहा था और आंटी भी बहुत इन्जॉय कर रही थी और में भी बहुत इन्जॉय कर रहा था. फिर आंटी ने मुझे नीचे कर दिया और वो मेरे ऊपर आकर चोदने लगी तो मैंने आंटी की स्पीड धीरे करवाई, अब आंटी ने भी पहली बार धीरे-धीरे करने का आनंद उठाया.
फिर काफ़ी देर के बाद मैंने आंटी को नीचे किया और फिर आंटी को डॉगी स्टाईल में लेकर सेट किया और झटके दिए. फिर करीब 10 मिनट के बाद में झड़ गया और आंटी के ऊपर ही सो गया और में आंटी को अपनी बाहों में लेकर आंटी के बालों को सहला रहा था और उन्हें किस कर रहा था. अब मुझे आंटी काफ़ी खुश लग रही थी, में समझ सकता हूँ कि आंटी की खुशी प्यार वाला सेक्स बहुत ही मीठा होता है. फिर आंटी और मैंने चॉकलेट को एक दूसरे के मुँह पर लगाकर खाया और फिर हम दोनों ने एक दूसरे को कपड़े पहनाये और फिर में अपने घर के लिये निकल गया. अब आंटी को जब भी मौका मिलता है तो आंटी मुझे कॉल करती है और में उनके घर जाकर उनकी खूब चुदाई करता हूँ.