हैलो दोस्तो.. मैं रवि शर्मा दिल्ली से हूँ। मेरी उम्र 18 साल है.. औसत बॉडी.. रंग सांवला है।
meri sex story Hindi मेरी आंटी के बारे में है, मैं अपनी आंटी के बारे में बता दूँ, उनकी उम्र 28 साल है.. हाइट 5.5 फुट, रंग सांवला.. फिगर 32-30-34 का है। कुल मिला कर वो एक सेक्स बम्ब हैं।
जब वो हमारे मकान में रहने आई थीं.. उस समय मेरे दिल में उनके लिए ऐसा कुछ नहीं था। लेकिन समय के साथ सब कुछ बदल गया।
हुआ कुछ यूं कि एक बार मेरे पेरेंट्स कुछ दिनों के लिए गांव गए हुए थे और उन्हें मेरा ध्यान रखने के लिए कह गए थे।
रात के करीब 9 बजे मैं छत पर अपनी फेसबुक गर्लफ्रेंड से बात क़र रहा था।
मुझे नहीं पता था कि आंटी मुझे सुन रही हैं।
अगले दिन सुबह जब उनके पति जॉब पर चले गए, मैं अपने कपड़े धो रहा था।
आंटी मेरे पास आकर जीने पर बैठ गईं और इधर-उधर की बातें करने लगीं।
अचानक आंटी मुझसे पूछने लगीं- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है क्या?
मैं- नहीं..
आंटी- मुझसे झूठ मत बोल.. कल रात में फ़ोन पर किस से बात कर रहा था?
मैं तो एकदम से डर गया कि ये मेरे पेरेंट्स से न बोल दें।
मैं- जब आपको पता है तो पूछ क्यों रही हो?
आंटी- कभी उसके साथ सेक्स किए हो।
अब मैं थोड़ा शर्मा गया।
वो बोलीं- शर्मा मत.. मुझे दोस्त जैसा समझ।
मैं अब तक आंटी से खुल चुका था- नहीं, मैंने किसी से नहीं किया।
आंटी- क्यों.. तुम्हें ये सब करने का दिल नहीं करता?
‘करता तो बहुत है.. लेकिन डर भी लगता है।’
वो बोलीं- डर किस चीज का..?
‘कहीं वो प्रेग्नेंट न हो जाए?’
वो बोलीं- तो किसी औरत को गर्लफ्रेंड बना लो।
मैं बोला- कोई औरत मेरी गर्लफ्रेंड क्यों बनेगी.. उसका पति भी तो है उसके लिए।
वो बोलीं- मैं हूँ न.. मैं बनूँगी तुम्हारी गर्लफ्रेंड!
दोस्तो.. इस बात से मुझे भला क्या ऐतराज होता.. तब भी मैंने नखरे दिखाए।
मैं बोला- पहले मैं आपको चैक करूंगा।
वो बोलीं- क्या चैक करोगे?
मैं बोला- आपके प्राइवेट पार्ट्स।
अब तक मैं अपने कपड़े धो चुका था।
वो बोलीं- तो यहीं चैक करोगे या कमरे में चलोगे?
फिर मैं उन्हें अपने कमरे में ले गया और अन्दर से दरवाजा बंद कर लिया।
अब मैं बहुत खुश था, आज मुझे चूत मिलने वाली थी।
हम दोनों ने एक-दूसरे को आलिंगनबद्ध किया। मैंने उनके होंठों को बहुत देर तक चूसा। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था, मेरा लंड खड़ा हो चुका था.. और कपड़ों के ऊपर से ही उनकी चूत में घुसा जा रहा था।
मैंने उन्हें बिस्तर पर पटक दिया और उनका ब्लाउज खोल दिया, उनके चूचे बहुत अच्छे लग रहे थे, मैंने 2-3 मिनट तक उनके चूचों को चूसा, वो कामोत्तेजक अवस्था में ‘ऊऊहह.. आअह..’ क़र रही थीं।
फिर मैंने उनकी साड़ी को खींचते हुए पूरा उतार दिया और उनके पेट पर चुम्मा करने लगा।
उन्हें भी मजा आ रहा था।
उनका पेटीकोट उतरने के बाद वो बिल्कुल नंगी हो गईं। फिर मैंने अपने कपड़े उतार दिए और बिल्कुल नंगा हो गया।
आंटी मेरा खड़ा लंड देख कर खुश हो गईं, उन्होंने लपक कर मेरा लण्ड पकड़ लिया और हिलाने लगीं।
मुझे बहुत अच्छा लग रहा था।
मैं उनकी चूत में उंगली करने लगा। उनकी चूत बहुत गद्देदार थी। वो सिसकारियां ले रही थीं.. जिससे मुझे और जोश आ रहा था, मुझे मजा आ रहा था।
वो बोलीं- अब और बर्दाश्त नहीं होता.. चोद दो मुझे।
अब मैं भी कण्ट्रोल से बाहर था, मैंने उन्हें बिस्तर पर लिटाया.. उनकी गांड के नीचे एक पिलो लगाया और लंड सैट करके धक्के लगाने लगा।
मैं खुद को जन्नत में महसूस कर रहा था, पूरे कमरे में उनकी मादक सिसकारियां गूंज रही थीं। ‘इस्स्स्स्स.. आह..आअह..’
इस मजे के कारण मेरे मुँह से भी सिसकारियां निकलने लगीं।
करीब 5 मिनट की चुदाई के बाद वो बोलीं- पोजीशन बदल लेते हैं।
मैं बिस्तर पर लेट गया और वो मेरे लंड पर बैठ गईं और ऊपर-नीचे करने लगीं।
कुछ ही मिनट में वो दो बार झड़ चुकी थीं। अब मैंने उन्हें घोड़ी बना कर उनके पीछे से उनकी चूत में लंड डाल दिया और आगे-पीछे करने लगा।
कुछ देर बाद मैं भी झड़ने वाला था, मैंने उन्हें बताया.. तो वो बोलीं- अन्दर ही डाल दो.. मैं आ-पिल ले लूँगी।
धकापेल चोदने के बाद मैं वहीं उनके साथ ढेर हो गया।
मैं उनकी गांड भी मारना चाहता था.. पर वो नहीं मानीं, बोलीं- दर्द होता है।
उस दिन मैंने उनकी चूत चार बार मारी मुझे मजा आ गया।
उनके पति के जॉब पर जाने के बाद मैं उन्हें रोज चोदता रहा। अब वो अपने गांव चली गई हैं।
तो दोस्तो, ये था मेरा पहला अनुभव.. उम्मीद है आप लोगों को पसंद आया होगा।