किशोरी बुआ और मेरी चुत की मलाई

हेलो दोस्तों, मेरा नाम गरिमा है मैं आपको अपनी जिंदगी की सच्ची सेक्स कहानी बताने जा रही हूं. तब मैं 21 साल की थी. बचपन में ही मेरी मम्मी की डेथ हो गई थी मम्मी के जाने के बाद मेरी देखभाल एक आंटी ने कि जो हमारे साथ हमारे घर में ही रहती थी.

मेरे बड़े होने पर पापा ने मुझे बताया कि यह आंटी तुम्हारी बूआ है, उनका नाम किशोरी था, और वह 42 साल की थी. वह दिखने में गोरी थी और अक्सर मेरे पापा के रूम में घुसी रहती थी. अब मैं भी जवान हो रही थी मेरे मन में उन्हें बार बार पापा के रूम में जाते देख कई सवाल उठते थे.

एक दिन सुबह मैं नहा कर अपने रूम में आई और अब कपड़े पहनने लग गई, मैं अपनी ब्रा की को बंद कर रही थी तभी बुआ बिना दरवाजा नॉक किए अंदर आ गई और मैंने अपने बूब्स पर हाथ रख कर कहा, बुआ आप को ऐसे अंदर नहीं आना चाहिए था.

वह मेरे पास आई और मेरे बूब्स से हाथ हटाते हुए अपना हाथ मेरे बूब्स पर रख दिया और दबाने लगी. तब मैंने बूआ से कहा आप यह क्या कर रही है? बुआ ने बिना कुछ कहे अपनी साड़ी का पल्लू उतारते हुए ब्लाउज को खोला और अपने बूब्स को आजाद कर के कहने लगी यह देख मेरे पास भी है.

अब वह मेरे बूब्स को दबाते दबाते ही बोल पड़ी कि तुम अपने बूब्स को दबाती रहती हो इसीलिए यह बड़े हो गए हैं. मैंने उनकी बात को अनसुना करते हुए कहा आप यह सब बातें छोड़ो, मुझे स्कूल जाना है मैं लेट हो रही हूं, उसने कहा आज स्कूल की छुट्टी मार ले.

मैंने कहा आप बाहर जाओ मुझे तैयार होने दो. मैं बाहर मिलती हूं. बुआ ने कहा गरिमा कपड़े पहनने की क्या जरूरत है, मेरी बात मानो तो सलवार भी उतार दो.

मैंने गुस्से में कहा आप बहुत गंदी है.

उन्होंने कहा देख तेरे पापा ने वैसे भी मूड बहुत खराब कर रखा है, अब तुम मत करो. वह तो है सेक्स के मामले में बहुत ढीले हे. मुझे उन की यह बात सुनकर बहुत गुस्सा आया और मैंने गुस्से में ही बोला अगर मेरे पापा के बारे में कुछ बोला तो फिर देखना. बुआ ने कहा अरे तुम तो नाराज हो गई. पर मेरी बात ध्यान से सुनो. मैं तेरे पापा की रखेल हूं, उन्होंने मुझे एक आदमी से 30,000 रुपयों में खरीदा था. अगर पूरी कहानी सुननी है तो तुम्हे बिस्तर पर लेटना होगा.

मैंने उनकी यह बात सुनकर स्कूल जाना कैंसल कर दिया, और उनके साथ बेड पर बैठ गई. अब उन्होंने मेरे और अपने दोनों के कपड़े उतार दिए. और अब हम एक दूसरे के सामने बिल्कुल नंगे थे.

बुआ ने अपने बूब्स पर मेरा हाथ रखा और अपना मेरे बूब्स पर रखकर कहा जैसे जैसे मैं करती हूं वैसे ही तुम भी करना.

मैं उनके बड़े बड़े बूब्स देखती रही, उनके निप्पल बहुत बड़े बड़े थे और मेरे छोटे छोटे थे. मुझे यह कुछ समझ नहीं आया और मैंने बुआ से पूछ लिया. वह बोली मेरी बच्ची से चूसने या चुसवाने पड़ते हैं, तभी इतने बड़े बड़े होते हैं.

अब बुआ ने मेरे बूब्स को अपने हाथों में लिया और दबाने लगी, दबाने तरीका एकदम अलग था और वह मुझसे पूछने लगी कि कैसा लग रहा है मेरी बच्ची?

मैं लंबी लंबी सांस में भरते हुए कहने लगी बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा है. मेरे मन तो उसकी इस हरकत से बहुत खुश हुआ और मन ही मन कहने लग गया कि ऐसे ही करते रहे बस करते ही रहे. मेरे मुंह से धीमी धीमी आऊ औउ अय्य्य आवाज निकली है. यह करीब 20 मिनट तक चलता रहा. दोस्तों आप ये कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है ।

अब बुआ ने मुझे अपने गोद में बैठाया और बूब्स को छेड़ते हुए मुझसे पूछने लगी क्या तुमने कभी लटकू भैया को देखा है? मैंने कहा कौन से लटकू भैया? उसने मेरे सामने लेट कर उन की चूत को दिखाते हुए कहा यह है बहन, और लड़के जिससे पेशाब करते हैं वह होते हैं इनके लटकु भैया.

मैं भी उनकी भोसड़ी जैसी चूत को देखकर मचल उठी और उन्हें अपनी पूरी कहानी बताने को कहा. पर उन्होंने मुझसे कहा मैं अपनी कहानी एक शर्त पर ही बताऊंगी. मैंने कहा कौन सी शर्त बुआ? बुआ ने कहा तुम्हे अपने सारे कपड़े उतार कर मेरी गोदी में आकर बैठना पड़ेगा.

मैं उनकी कहानी को सुनने के लिए बेकरार थी इसलिए फटाफट अपने कपड़े उतार कर अपनी बुआ की गोद में आकर बैठ गई. उन्होंने मुझे अपनी बाहों में जकड़ कर अपने हाथों से मेरे दूध मसल मसल के कहने लगी आज तुझे में ऐसी कहानी बताउंगी जिस से तेरी तबीयत दिल से नहीं बल्कि तेरी जांघों से फडफडायेगी.

अब बुआ मेरी चूत पर हाथ मसलते हुए अपनी कहानी की शुरुआत करने लगी और बोली यह बात तब की है जब मैं तेरी उमर की थी. मुझे देख लड़कों के लटकू खड़े हो जाते थे और मुझे सलामी देते थे. मैं उनकी कहानी के बीच में अपने दूध को मसलते हुए बोली, आप तो अब भी कम नहीं हो.

वह मुझे थोड़ा तीखी आवाज में बोली ऐसे कहानी के बीच में बोलकर कहानी का मजा किरकिरा मत कर वरना तेरी चूत में अपना हाथ डालकर कर फाड़ दूंगी.

मैं भी डरते हुए धीमी आवाज में कहा नहीं बूआ ऐसा मत करना. वह अपनी कहानी को आगे बढ़ाते हुए बोली एक छगन तेली था जिसकी उम्र करीब 60 साल की थी. एक बार उस गांव में तेज बारिश के चलते बाढ़ आ गई और उसने मुझे बचाया. जब मेरी आंख खुली तो मैंने अपने सामने छगन को बिल्कुल नंगा देखा और पूछा तुम  ऐसे नंगे क्यों खड़े हो?

तब उसने कहा तुम्हारी जान बचाने की वजह से मेरे कपड़े गीले हो गए. तभी मैंने भी महसूस किया कि मेरे बदन पर कोई कपड़ा नहीं था. मैं बहुत घबरा गई हूं और वहां से भागने की कोशिश करने लगी.

उस बुड्ढे ने मुझे वहीं रोक दिया और बेड पर जोर से पटक दिया और मेरे नंगे शरीर पर टूट पड़ा.

अब वह मेरे बूब्स को जोर से चूसने लगा और अपना हाथ मेरी चूत पर रख कर अपनी एक उंगली मेरी चूत में डाल कर ऊपर नीचे करने लगा. मेरी दर्द के मारे आःह्ह्ह औउ निकलती गई और वह जोर जोर से करता रहा और मेरे दूध को पीने लग गया. थोड़ी देर बाद मुझे भी मजा आने लगा. मैंने भी उसके लंड को हाथ में पकड़कर अपनी चूत की तरफ इशारा किया.

यह इशारा बुढा एकदम समझ गया और अपना लंड पर थूक लगाकर एक ही झटके में मेरी चूत को फाड़ दिया और जोर जोर से ऊपर नीचे करने लगा. मेरे दर्द के मारे जान निकलने लग गई. थोड़ी देर बाद मेरी चूत उसके लंड का मजा लेने लगी, और उसने अपना सारा पानी मेरी चूत में ही निकाल दिया.

बुआ की यह कहानी सुनकर मेरी चूत भी लंड का स्वाद लेने के लिए तड़प गई. मैंने अपनी बुआ को देखते हुए कहा मे लंड को अपनी चूत में लेना चाहती हूं.

उस ने मुझसे कहा आआ मेरी बच्ची आज तुझे बिना लडकों के ३ तरीके बताती हूं जिससे तुझे लंड जीतना ही स्वाद आएगा.  मेरे कहा कौन से ३ तरीके?

उसने कहा सुन पहला तरीका.

मैंने कहा सुनाओ.

अपनी टांगे खोल कर मेरे सामने बैठ जा.

मैंने ऐसे ही किया और बुआ ने मेरी उंगली अपनी चूत में डलवा दी और कहा जब तक मैं ना रुकु तक तुम ऊपर नीचे करते रहना. मैं अपनी बुआ को कहने लगी वह आप खुद के मजे ले रही हो, मेरा क्या? बुआ ने कहा मेरी बच्ची तेरी बुआ ऐसे नहीं हे की खुद ही मजे ले. ईतना कहते हुए बुआ ने अपनी दो उंगलिया मेरी चूत में डाल कर ऊपर नीचे करने लगी.

ऐसे करने से मुझे बहुत मजा आने लग गया और मेरा अगले ५ मिनट में ही पानी निकल गया और मैं तड़प कर बेहोश सी हो गई, और थोड़ी देर बाद ही बुआ की चूत से भी पानी बरस गया अब हम दोनों नंगे होकर लेटे रहे. बुआ के साथ ऐसा करके मुझे बहुत अच्छा लगा.

अब बुआ ने मुझे दूसरा तरीका बताते हुए कहा तुम अभी बेड पर सीधा लेट जाओ, और मैं भी अब सीधा लेट गई. वह अब मेरे ऊपर आकर अपने भोसड़े जैसी चूत को मेरी छोटी सी चूत पर लगडने लगी. अब मुझे भी उनके रगडने से मजा आ रहा था, मैं भी उनका जवाब दे रही थी. थोड़ी देर बाद बुआ की चूत से पानी बरस गया और मेरी छोटी सी चूत मानो समुंदर में डूब गई.

अब मैंने बुआ को नीचे करते हुए खुद को ऊपर ले लिया और अपनी कश्ती जैसी चूत को समंदर जैसी बड़ी चूत पर लगाना शुरु कर दिया, अब उस ने मुझे तीसरा तरीका बताया. दोस्तों आप ये कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है ।

अब बुआ ने मुझे अपने ऊपर से हटाया और मेरे ऊपर आकर 69 की पोजीशन में लेट गई और मेरी चूत को चाटने लगी और मैं भी उनकी चूत को चाटने लगी. मुझे बहुत मजा आने लग गया और मैंने अपना सारा पानी उनके मुंह में ही निकाल दिया और वह भी तब तक नहीं उठी जब तक उनकी चूत से पानी नहीं निकला.

बुआ के इन तरीकों से अपनी जुदाई करना सीख लिया था और अब वह भी मेरी चुदाई करती रहती थी. आप भी अपनी फ्रेंड या किसी और लड़की के साथ बिना लंड के भी मजे ले सकते हैं. और किसी को शक भी नहीं होगा कि दो लड़कियां बंद कमरे में सेक्स कर सकती हैं.

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