हैलो दोस्तों !मैरा नाम कुनिका हैं। मै दिल्ली की रहने वाली हु।मेरा फिगर 32_28_32 हैं। और मै हद से ज्यादा चुदाई कि दिवानी हु।मै एक कोलेज स्टूडेन्ट हू।अब तक जितने भी लड़के मेरी लाइफ में आये सब एक नम्बर के चोदू थे,प्यार के नाम पर हमेशा अपनी वासनाओं को शान्त करते रहते थे।अब तो मै भी एक नम्बर की चुद्दकड बन चुकी थी अगर मेरे को हर 3_4 दिन में सैक्स ना मिले तो में अपनी चुत में कभी अंगुली
कभी गाजर तो कभी बैंगन डालकर अपनी वासना को शान्त करती थी। कोलेज में अगर कोई भी party होती थी तो उसमें मेरे को जरूर बुलाया जाता था। अब वक्त बीतता चला गया और बीतते वक्त के साथ साथ लड़को का ध्यान मेरे पर से कम होता चला गया क्योंकि कोलेज मे हर साल नये नये सामान जो आते हैं।आज कल मेरी चूत को लण्ड कम और सब्जियां ज्यादा मिल रही थी।कभी बैंगन कभी केले तो कभी अंगुली से मै अपनी वासना को शान्त करती थी अब मै लोडा पाने के लिए तरस रही थी। तभी मैने सुना कि कोलेज की न्यू ईयर पार्टी होने वाली हैं , ये सुनते हि मै खुश हो गयी चलो फाइनली अब मेरे को लण्ड मिल ही जायेगा। अब पार्टी शुरू हो गयी । मै पार्टी मे पहुची। मै पार्टी enjoy कर ही रही थी तो वहा एक लड़का आकर मेरे से बातें करने लग गया तभी उसकी गर्लफ्रेंड आकर बोली साली रंडी मेरे ब्वायफ्रेंड से दूर रह। ये सुनते हि मेरा दिमाक गुस्से से फट गया मैने उस लड़की को हजारों गालियां सुनाई और जम के धुलाई कर दी फिर मैने गुस्से में पाँच पैक लगा लिये और एक बीयर की बोतल उठा के घर आ गयी।मै बुरी तरहा वासना से भरी हुयी थी और गुसासा भी आ रहा था। तभी मेरा धयान बोतल के उपरी पतले हिस्से पर गया और वो लण्ड जैसा लगा । मैने अपने सारे कपड़े उतार दिये और जोर से म्यूजिक बजा दिया। अब मै निमठने वाली पोजिशन मे बैठ गयीं और बोतल को धीरे धीरे अपनी चूत में घुसाने लग गयी अब बोतल का पतला वाला हिस्सा पूरा मेरी चूत में घुस गया था। अब मै जोर जोर से उछकर बोतल से खुद को चोदने लग गयी। लेकिन अभी भी मेरे को शान्ति नही मिली क्योंकि बोतल का पतला हिस्सा मेंरी चूत के लिए छोटा था।
अब मै रसोई मे जाकर कुछ और ढूंढने लग गयी और मेरी दो अंगूलीयां चूत में थी। तभी मेरी नजर लोकी पर पड़ी। लोकी कम से कम 10 इ़च लम्बी और 4_5 इंच मोटी थी । मैने लोकी उठाई और चूत में डालने लगी लेकिन लौकी मेरी चूत में जा नही रही थी, क्योंकि लोकि मेरे छेद से ज्यादा मोटी थी। मैंने और ज्यादा दम लगाया लेकिन बात नहीं बनी। अब मैने घी का डिब्बा लिया । पहले तो मैने अपनी चूत को अन्दर और बाहर से घी से चुपड़ा और फिर लोकी को भी अच्छी तरहा से घी से चुपड़ लिया। (Don’t try this at your home) अब लोकी को मैने चूत से लगाया और धक्का देने लगी,मेरे पैर काँप रहे थे। फिर मैंने ज्यादा जोर से धक्का लगा दिया और लौकी मैरी चुत के अन्दर दोस्तों मेरे को इतना तेज दर्द हुवा कि मै जोर से चिल्ला पड़ी। इतना तेज दर्द तो मेरे को सील टूटने के टाइम भी नहीं हुवा था। मेरी चूत से खून आने लग गये थे। फिर मैने लोकि को धीरे धीरे अन्दर बाहर करना शुरू किया और जम के लोकी से अपनी चुदायी की। दोस्तों चुदाई का ऐसा दर्द और ऐसा मजा मेंरे को पहले कभी नहीं आया था। अब मेरी चुत फट कर भोषडा बन गयी मैने अपने हाथों अपनी ही चुत फाड़ ली।आखिर मेरी वासना शान्त हो गयी लेकिन फिर मै 4_5 दिन तक ठीक से चल नही पाई desi kahani , hindi sex stories ,hindi sex story ,sex story , sex stories , xxx story ,kamukta.com , sexy story , sexy stories , nonveg story , chodan , antarvasna ,antarvasana , antervasna , antervasna , antarwasna , indian sex stories ,mastram stories , indian sex stories
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