हैल्लो दोस्तों, नाम राज है और मेरी उम्र 18 साल और में दिल्ली का रहने वाला हूँ. मुझे बचपन से ही चुदाई करने का बहुत शौक है और में पिछले कुछ सालों से सेक्सी कहानियों को पढ़कर भी अपने मन को बहलाता हूँ. ऐसा करने में मुझे बड़ा मज़ा आता और आज में आप सभी को मेरा भी एक सच्चा सेक्स अनुभव और मेरी उस चुदाई के बारे में बताने जा रहा हूँ जिसमें मैंने एक लड़की को मेरे कोचिंग सेंटर पर चोदा. में उम्मीद करता हूँ कि आप सभी पढ़ने वालों को मेरा यह पहला सेक्स अनुभव जरुर पसंद आएगा. दोस्तों अब में आप सभी को ज्यादा बोर ना करते हुए पहले उस लड़की के बारे में थोड़ा बहुत बताकर अपनी कहानी को शुरू करता हूँ.
मैंने जिस लड़की को चोदा उसका नाम काजल था और वो दिखने में बड़ी ही मस्त हॉट सेक्सी थी. उसका वो गोरा कामुक जिस्म मुझे पहली बार में ही उसका दीवाना बना चुका था, इसलिए में उसकी तरफ बड़ा आकर्षित होकर उसकी चुदाई के मेरे साथ सपने देखने लगा था, क्योंकि अगर कोई भी उस लड़की को एक बार देख ले तो ना जाने वो कितनी बार उसके बारे में सोचकर उसके नाम की मुठ मारे. दोस्तों यह बात आज से करीब तीन महीने पहले की है जब में अपने घर से थोड़ी ही दूर एक सेंटर में इंजिनियरिंग की ट्यूशन के लिए जाता था और वहीं पर वो लड़की काजल भी नौकरी किया करती थी. जब में पहली बार वहां पर अपना रेजिस्ट्रेशन करवाने गया था, तभी से में उसको पहली बार देखकर ही पागल हो गया था.
दोस्तों में आप सभी को उसके फिगर के बारे में तो बताना ही भूल गया. वो थी बड़ी ही हॉट सेक्सी थी. उसके बूब्स बड़े ही मस्त गोल गोरे उभरे हुए थे, इसलिए उसके बूब्स को देखकर ही बस मज़ा आ जाए और हर बार उसको देखकर मेरा मन बस करता था कि में अभी उसके पास जाकर उसके बूब्स को पकड़ लूँ और उनको ज़ोर ज़ोर से दबाकर उनका रस चूस लूँ और उसकी कमर तो एकदम मिस यूनिवर्स की तरह पतली थी और में उसके कामुक बदन के बारे में क्या क्या बताऊँ?
में किसी भी शब्दों में बता नहीं सकता कि वो क्या मस्त मज़ेदार चीज़ थी और अब में अपनी आज की कहानी की तरफ आगे बढ़ता हूँ. दोस्तों उस दिन मेरी क्लास चार बजे की थी और में उस दिन अपने घर पर बैठा हुआ बोर हो रहा था, क्योंकि अभी सिर्फ़ दोपहर के ढाई बजे थे. तभी मैंने सोचा कि क्यों ना अभी से ही सेंटर चला जाए और इस बहाने से काजल को देखकर मेरा टाइम भी पास हो जाएगा और उसको देखकर मेरी आखें भी थोड़ी गरम हो जाएँगी.
में ख़ुशी ख़ुशी अच्छी तरह से तैयार होकर करीब तीन बजे अपने सेंटर पहुंच गया और मेरी क्या किस्मत थी कि उस समय वहां पर मैंने जाकर देखा कि काजल और मुझे छोड़कर और कोई भी सेंटर पर नहीं था. फिर मैंने काजल से पूछा कि सर कहाँ है? तो वो मुझसे बोली कि सर तो इस समय अपने घर पर खाना खाने गए हुए है और वो चार बजे तक ही वापस आएँगे. अब मैंने कहा कि तो ठीक है और फिर में इतना कहकर वापस अपने घर पर जाने लगा था, लेकिन तभी उसने मुझे पीछे से आवाज़ दी और वो मुझसे बोली कि आप यहीं पर रुक जाओ, में भी अकेली बैठी हुई बोर हो रही हूँ आपके रहने से मेरा भी मन लगा रहेगा.
मेरे मन में तो उसके मुहं से यह बात सुनकर ख़ुशी के लड्डू फूटने लगे थे और मेरे लंड ने भी अब अपनी तरफ से हरकत करना शुरू कर दिया था और उसके बाद में ख़ुशी ख़ुशी उसके पास बैठ गया. फिर थोड़ी देर तक हम दोनों ने बड़े गप्पे लगाए और अब मेरे लंड की तो हालत भी पहले से ज्यादा खराब हो रही थी. फिर थोड़ी ही देर के बाद वो अब बाहर आने को उतावला हो रहा था और इस वजह से मुझे थोड़ी सी शरम आ रही थी और मैंने अब क्लास के अंदर ही जाना ठीक समझा. तो मैंने काजल को कहा कि में अंदर बैठकर पढ़ रहा हूँ.
वो बोली कि हाँ ठीक है और में जैसे ही अंदर क्लास में घुसा तो मैंने अंदर से दरवाज़ा बंद किया और उसके बाद अपनी पेंट को खोला और फिर में लग गया अपने लंड को अपने एक हाथ में लेकर उसको ज़ोर ज़ोर से हिलाने, जिसकी वजह से वो शांत हो सके और मैंने यह भी नहीं सोचा कि में अपने लंड से निकले वीर्य को कहाँ निकालूँगा? में जोश में आकर काजल के बारे में सोचता हुआ अपने उस काम में लगा रहा. फिर मैंने कुछ देर बाद झड़ जाने के बाद अपना काम खत्म करके अपनी पेंट को बंद कर लिया और झड़ने की वजह से मेरा लंड छोटे आकार का होकर चुपचाप बैठ गया.
फिर जैसे ही में पीछे मुड़ा मेरी तो पीछे का वो नजारा देखते ही फट गयी, क्योंकि उस समय मेरे पीछे काजल खड़ी हुई थी और वो एकदम चकित होकर अपनी आखें फाड़ फाड़कर मेरी तरफ देख रही थी और अब तो मेरा वो सब देखकर बड़ा बुरा हाल हो रहा था और उस समय मेरी काजल से आँख मिलने की भी हिम्मत नहीं हो रही थी, लेकिन फिर मैंने थोड़ी सी हिम्मत की और काजल के पास जाकर मैंने उससे माफ़ करने के लिए बोला. पहले तो वो कुछ देर तक एक भी शब्द नहीं बोली.
फिर मैंने दोबारा उससे माफ़ करने के लिए बोला तो वो अब मेरी तरफ देखने लगी और वो मुझसे पूछने लगी कि क्या यह सब मेरी वजह से किया जा रहा था? दोस्तों पहले तो मैंने उसके सामने भोला बनने की बहुत कोशिश की और अब मैंने उससे पूछा कि क्या सब कुछ के बारे में तुम मुझसे पूछ रही हो? अब वो मुस्कुराते हुए मुझसे बोली कि तुम्हे अब मेरे सामने ज्यादा भोला बनने की ज़रूरत नहीं है, जब से तुम यह सब कर रहे थे, में तभी से तुम्हारे पीछे खड़ी हुई थी और में तुम्हे बड़े ध्यान से देख और सुन रही थी.
दोस्तों अब तक उसके मुहं से वो सभी बातें सुनकर मेरे पसीने छूटने लगे थे और इसलिए मैंने उससे कहा कि प्लीज़ प्लीज़ तुम यह बात किसी से मत कहना, में आज के बाद ऐसा कभी नहीं करूँगा, लेकिन दोस्तों जैसा कि मैंने पहले भी कहा था कि उसके फिगर इतने मस्त सेक्सी है कि उसको देखकर ही किसी का भी लंड तुरंत तनकर खड़ा हो जाए और मेरे साथ भी उस समय ठीक वैसा ही हो रहा था और मेरा लंड एक बार फिर से तन गया था.
तभी उसकी नज़र मेरी पेंट पर पड़ी और उसने मेरा खड़ा हुआ लंड देख लिया, लेकिन अब ना जाने उसको ऐसा क्या हुआ वो बड़ी ही शरारती नज़रों से मुझे देखने लगी थी और वो मेरी तरफ अपनी स्माइल देते हुए मुझसे बोली कि तुम बड़े हही बेशरम हो. अब मुझे उसकी बातें सुनकर थोड़ा थोड़ा सा साहस आ रहा था, इसलिए मैंने उससे पूछा कि क्या मतलब? तो वो मेरे लंड की तरफ इशारा करते हुए बोली कि लगता है इसको अब भूख लगी है? तो मैंने उससे कहा क्या बुझवाएगी इसकी भूख? तो वो बड़े ही सेक्सी अंदाज से बोली कि हाँ क्यों नहीं?
दोस्तों उसके मुहं से वो शब्द सुनकर मेरी तो जैसे किस्मत ही खुल गयी थी, क्योंकि दोस्तों वो दिन मेरी जिन्दगी का सबसे अच्छा दिन बनने वाला था और उस मौके का फायदा उठाते हुए तुरंत मैंने उसका एक हाथ अपने हाथों में पकड़ लिया और फिर मैंने उसी समय उसके उस नरम मुलायम हाथ को अपने लंड के ऊपर रख दिया. वाह वो क्या मस्त मजेदार पल था, मुझे तो लग रहा था कि जैसे में कोई सपना देख रहा हूँ.
मैंने उसको अपने पास खींच लिया और उसको अपनी बाहों में भरकर मैंने उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिए. में उसको कुछ देर चूमता और उसके होंठो का रस चूसता रहा, लेकिन तभी वो कुछ देर बाद पीछे हट गई और अब वो मुझसे कहने लगी कि यहाँ नहीं किसी के आने का यहाँ पर मुझे कुछ ज्यादा डर है. दोस्तों में ऐसा मस्त मजेदार मौका अपने हाथ से गंवाना नहीं चाहता था, तो मैंने उससे कहा कि चलो हम कहीं और चलते है. अब वो मुझसे कहने लगी कि हाँ ठीक है, लेकिन फिर उसने कहा कि अगर बाहर किसी ने हमें देख लिया तो?
फिर थोड़ी देर बाद वो खुद ही बोल पड़ी कि चलो हम दोनों स्टोर रूम में चलते है, मैंने कहा कि हाँ ठीक है और फिर उसने तुरंत ही स्टोर का दरवाजा खोला और फिर उसके अंदर जाते ही हमने उसको अंदर से बंद कर लिया और जैसे ही उसने दरवाजा बंद किया में उसके पीछे गया और एकदम से मैंने उसको पकड़ा और में उसकी गर्दन को चूमने लगा और अपने दोनों हाथ मैंने उसके बूब्स पर रख दिए. ऐसा करने से मुझे वाह क्या मस्त मज़ा आ रहा था, क्योंकि उसके वाह क्या मस्त मुलायम बूब्स थे जिनको छूकर मुझे मज़ा ही आ गया.
अब वो पीछे मुड़ गई और हम दोनों ने एक लंबा फ्रेंच किस किया, जिसमें उसने मेरा पूरा पूरा साथ दिया और इस दौरान मेरे दोनों हाथ उसके बूब्स पर थे और उसका एक हाथ मेरे लंड पर था, वो मेरे लंड को सहला रही थी और में उसके बूब्स को दबाकर ज़ोर ज़ोर से मसल रहा था. फिर जब हम दोनों की किस टूटी तो मैंने बिना देर किए अब उसके टॉप को उतार दिया, वाह क्या मस्त गोल आकार के गोरे बूब्स अब मेरे सामने थे, जिसको देखकर में अपने पूरे होश खो बैठा था और फिर मैंने उसके बूब्स को ऊपर से ही चूसना शुरू कर दिया और तभी मैंने अपना एक हाथ उसकी जींस में डालना शुरू किया जिसकी वजह से वो बहुत ही ज़्यादा गरम हो रही थी.
मैंने महसूस किया कि उसकी जींस बड़ी ही टाइट फिटिंग की थी इस वजह से मुझे अपने हाथ को अंदर डालने में थोड़ी सी ज्यादा मेहनत करनी पड़ी, लेकिन में आख़िर में अपनी मंज़िल तक पहुंच ही गया और तब मैंने छूकर महसूस किया कि उसकी चूत एकदम साफ बिना बालों की चिकनी थी और मैंने पाया कि वो अब तक बुरी तरह से गीली हो चुकी थी. अब तक वो जोश में आकर अपनी ब्रा को भी उतार चुकी थी और में बुरी तरह से उसके बूब्स के उठे हुए निप्पल को चूस रहा था.
अचानक से उसने मुझे ज़ोर से धक्का दे दिया और में नीचे गिर गया और इससे पहले कि में कुछ करता वो मेरे पास आई और उसने मेरी पेंट को खोल दिया. उसके बाद उसने मेरी अंडरवियर को उतार दिया और अब मुझे उसके यह सब करने की वजह से लगने लगा था कि वो अब मुझे वर्ल्ड का सबसे अच्छा मस्त मजेदार ब्लो जॉब देने वाली थी. में इतना जोश में था कि में उन सभी के बीच बस दो मिनट में ही झड़ गया, लेकिन मुझे अब काजल की दाद देनी पड़ेगी कि उसने मेरे लंड से निकले वीर्य की एक भी बूँद को बेकार नहीं किया और वो मेरा सारा वीर्य पी गयी. उसने मेरे लंड को चाट चाटकर साफ कर दिया और वो मेरे लंड को कुछ देर तक अपने मुहं में लेकर लोलीपोप की तरह चूसती हुई उसके मज़े लेती रही.
मैंने उसकी जींस और पेंटी को तुरंत ही उतार दिया और उसके बाद मैंने अपने भी सारे कपड़े उतार दिए और हम दोनों उसके बाद एक दूसरे के सामने पूरे नंगे हो चुके थे और वो बिना कपड़ो के काम देवी की तरह सुंदर नजर आ रही थी. फिर मैंने उसको नीचे लेटा दिया और अब हम दोनों 69 की पोज़िशन में आ गये. दोस्तों उसकी वाह क्या मस्त चूत थी, मुझे तो उसको चूसकर मज़ा ही आ गया और वो टाइट भी बहुत थी.
बहुत देर तक उसकी चूत को चूसने चाटने के बाद अब उससे रहा नहीं गया और वो लंड को अपने मुहं से बाहर निकालकर मुझसे बोलने लगी कि प्लीज़ आह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अब बहुत हो गया. अब तुम अपना लंड मेरे अंदर डाल दो और मुझे तुम अब जमकर चोद दो.
फिर मैंने उसके मुहं से यह बात सुनकर अपने लंड को उसकी चूत के मुहं पर रख दिया और एक ज़ोर का झटका मार दिया, जिसकी वजह से मेरा लंड उसकी चूत में थोड़ा सा अंदर चला गया और उसके मुहं से आईईईइ माँ में मर गई उफफ्फ्फ्फ़ प्लीज थोड़ा धीरे करो मुझे बहुत तेज अजीब सा दर्द है, जैसे किसी ने मेरे अंदर गरम सा कुछ डाल दिया है की आवाज बाहर निकल गई.
दोस्तों उसके साथ ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उसकी चूत बहुत टाइट और मेरा लंड मोटा और वो बिना चुदी थी. मेरे साथ उसकी वो पहली चुदाई और मेरा सबसे मस्त मजेदार सेक्स अनुभव था. मेरी तो आज किस्मत ही खुल चुकी थी, क्योंकि में पहली बार में ही किसी कुंवारी लड़की की चुदाई करके उसकी चूत की सील को तोड़ने वाला था और यह बात सोच सोचकर में बड़ा खुश हो चुका था.
फिर थोड़ी मेहनत करके मैंने दबाव बढ़ाते हुए धीरे धीरे करके अपना पूरा लंड उसकी चूत के अंदर डाल दिया था और में कुछ देर उसका वो दर्द देखकर रुक गया, लेकिन कुछ देर बाद मैंने दोबारा से धक्के देना शुरू किया जिसकी वजह से उसको भी बड़े मस्त मज़े आने लगे थे और जोश में आकर अब वो भी अपनी गांड को ऊपर उठाकर मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी थी और करीब बीस मिनट के धक्के देने के बाद हम दोनों ही एक के बाद एक झड़ गये. जिसकी वजह से हम दोनों का वो लावा उसकी चूत से निकलकर बाहर आकर बहने लगा था और उसके साथ साथ हम दोनों का जोश भी अब धीरे धीरे ठंडा होता चला गया.
दोस्तों वो मेरा अब तक का सबसे मस्त सेक्स अनुभव था. में उसकी चुदाई करके झड़ते समय किसी दूसरी दुनिया में चला गया और फिर इसके बाद हम दोनों ने एक बार फिर से दोबारा सेक्स के मज़े लिए और जब मैंने टाइम देखा तो उस समय सात बज चुके थे. अब हम दोनों की हालत यह बात सोचकर बड़ी खराब थी कि कहीं हम बाहर पकड़े ना जाए. फिर मैंने चुपके से बाहर निकलकर देखा तो बाहर उस समय कोई नहीं था और उस समय तक सबकी छुट्टी हो चुकी थी मेरे सर भी वहां पर नहीं थे. फिर हम दोनों सही मौका देखकर वहां से बाहर निकल गए और अपने अपने घर पर भाग गये.
दोस्तों उस पहली चुदाई के बाद मेरी हिम्मत अब पहले से बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी. मुझे अब किसी भी बात का कोई डर नहीं था और फिर हम दोनों ने मौके का बहुत बार फायदा उठाकर सेक्स किया, लेकिन वो सब काम अब हम दोनों ने दूसरी जगह पर किया.
मैंने बहुत बार उसको अपने घर पर बुलाकर अपने लंड को शांत किया और एक बार उसके घर भी जाकर में उसकी चुदाई के मस्त मज़े ले चुका हूँ. वो हर बार मेरी चुदाई से बहुत खुश थी और मैंने उसको हर बार जमकर चुदाई का असली मज़ा और पूरा सुख दिया. उसने भी हर बार मुझे चुदाई के समय अपना पूरा पूरा साथ दिया, जिसकी वजह से हम दोनों बहुत खुश थे.