हैल्लो दोस्तों, आपको अनिल का प्यार भरा नमस्कार, दोस्तों में 27 साल का हूँ और मेरी लम्बाई 5.7 है और मेरे लंड की लम्बाई चार इंच और उसकी मोटाई दो इंच है. दोस्तों में अपनी हॉट सेक्सी चाची को मौका मिलने के बाद भी उनकी चुदाई नहीं कर सका था और वो मौका उस दिन मेरे हाथ से निकल गया जिसका मुझे बहुत अफ़सोस हुआ. में उनकी चुदाई नहीं सका और अब में आज अपनी इस कहानी में आगे की घटना बताने जा रहा हूँ कि कैसे मैंने अपनी चाची को पहली बार चोदा उनकी चुदाई के मस्त मज़े लिए.
दोस्तों मेरी चाची जिनकी उम्र 33 साल, उनके दो बच्चे है एक लड़की जिसका नाम सीमा और जिसकी उम्र 13 साल और एक लड़का जिसका नाम पिंटू और उसकी उम्र 10 साल है. वो दोनों बच्चे मेरे साथ बहुत अच्छी तरह से घुलमिल गए थे और में भी उनके साथ अपना बहुत समय बिताने लगा और उनको भी अच्छा लगता और मेरा भी उनके साथ मन लगा रहता.
दोस्तों में उन दोनों बच्चों के साथ साथ उनकी माँ मतलब कि मेरी चाची से भी बहुत हंसी मजाक मस्ती करता और वो मुझे बहुत अच्छी लगने लगी थी. में उनकी चुदाई के सपने देखने लगा था और मन ही मन उनको छूने पकड़कर उनके बूब्स के मज़े लेने के विचार बनाने लगा था और अब चाची की हरकते उनका मेरी तरफ आकर्षित होना देखकर मुझे लगने लगा था कि उनको भी शायद अब मेरी ज़रूरत महसूस हुई होगी, इसलिए उसने सीमा से मेरे पास फोन करवाया. फिर सीमा बोली भैया आप तो हम लोगों को बिल्कुल ही भूल ही गये हो, ना आप कभी फोन करते हो और ना कभी यहाँ आकर हमसे मिलने की कोशिश करते हो, क्या बड़े भाई ऐसे होते है? फिर चाची ने उससे फोन अपने हाथ में लेकर मुझसे बात करते हुए कहा कि बच्चे तुम्हे बहुत याद करते है, इसलिए तुम एक बार इन दोनों से मिलने आ जाओ और मैंने आपके लिए एक सुंदर सुशील लड़की भी देखा है वो भी में आपको दिखा दूँगी. हाँ तो दोस्तों में फिर उनसे कुछ देर इधर उधर की बातें हंसी मजाक करके उनकी बातों का मतलब बहुत अच्छी तरह से समझकर बड़ा खुश होकर तीसरे दिन नागपुर, जहाँ में अपनी पढ़ाई कर था वहां से में कानपुर जहाँ मेरी चाची रहती है वहां पर पहुंच गया. फिर मुझे देखकर वो दोनों बच्चे और साथ में मेरी चाची, के घर के वो सभी लोग बहुत खुश हुए.
उस दिन रविवार का दिन था, इसलिए दोनों बच्चे उस समय घर पर ही थे, लेकिन मेरे चाचा की अलग से कहीं ड्यूटी लगी हुई थी इसलिए वो मेरे घर पर पहुंचने से पहले ही चले गये थे और वैसे भी वो तो हमेशा ही अपनी नौकरी की वजह से घर से ज्यादातर समय बाहर या फिर बहुत ज्यादा व्यस्त रहते जिसकी वजह से वो अपनी पत्नी बच्चों को अपना बहुत कम समय देते थे, जिसकी कमी अब चाची को कुछ ज्यादा ही महसूस होने लगी थी और वो अपने पति से वो सब करना चाहती थी, लेकिन हमेशा वो प्यासी ही रह जाती और उनको कभी वो नहीं मिलता जिसकी उनको उम्मीद अपने पति से थी.
में पूरे दिन भर चाची और उनके बच्चों के साथ मस्ती करता रहा और मेरी चाची भी हमारे साथ मस्ती करने लगी थी, जिसकी वजह से हम सभी बहुत खुश थे और सबसे ज्यादा ख़ुशी तो मेरी चाची के चेहरे से मुझे साफ झलकती हुई नजर आ रही थी. मैंने देखा कि चाची के चेहरे पर एक अलग सी चमक थी, जिसको देखकर में भी बहुत खुश था और वो भी मेरा पूरा दिन उन सभी लोगों के साथ कैसे गुजर गया मुझे बिल्कुल भी पता नहीं चला.
रात को हम सभी ने एक साथ में बैठकर खाना खाया और उसके कुछ देर बाद अब सोने की बारी आ गई. दोस्तों चाचा के घर में तीन कमरे है, दो कमरे उन लोगों के उठने बैठने और बीच वाले को उन्होंने एक स्टोर रूम बना रखा था.
मेरे चाचा मेरी चाची के कहने पर बाहर वाले रूम में सो गये और अंदर वाले रूम के अंदर दो बेड लगे हुए थे. एक छोटा बेड और एक बहुत ही बड़ा बेड लगा हुआ था.
उस छोटे बेड पर चाची और उनकी लड़की सीमा सो गई और बड़े वाले बेड पर में और चाची का लड़का पिंटू मेरे साथ में सो गया और फिर में अपनी दोनों आंखे बंद करके चाची की सुंदरता और उनके भरे हुए गोरे गठीले कामुक बदन के बारे में सोचता हुआ ना जाने कब सो गया.
फिर रात को करीब 12:30 बजे मैंने अपने गाल पर कुछ महसूस किया और अपनी दोनों आंखे बंद किए में कुछ देर तक उसको समझने की कोशिश करता रहा, लेकिन मेरी समझ में कुछ भी नहीं आया, इसलिए मैंने अपनी आँख खोलकर देखा तो में देखकर एकदम चकित रह गया, क्योंकि मेरी चाची अब अपना बेड मेरे बेड के पास लाकर उनके बेड पर ही लेटकर अपने एक हाथ को आगे बढ़ाकर मेरे गाल को सहला रही थी.
मैंने चाची से पूछा कि आप यह क्या कर रही हो, बच्चे नींद से जाग जाएँगे, तब चाची कहने लगी कि तुम उसकी बिल्कुल भी चिंता मत करो कोई भी नहीं जागेगा और इतना कहकर उसने मेरा एक हाथ पकड़कर रज़ाई के अंदर से ही अपने बूब्स पर रख दिया और वो मेरी तरफ देखकर मुस्कुराने लगी.
में भी वो ठीक मौका समझकर उनकी मेक्सी के अंदर अपने हाथ को डालकर उनके बूब्स को अब सहलाने लगा. उसके गोल बड़े आकार के बूब्स की गोलाई को छूकर उसको महसूस करके मन ही मन बहुत खुश होने लगा था और मेरे सहलाने हाथ घुमाने की वजह से कुछ ही मिनट में चाची के निप्पल तनकर खड़े होने लगे थे और अब चाची जोश में आकर मुझसे कहने लगी उफ्फ्फफ्फ्फ़ हाँ थोड़ा और ज़ोर से दबाओ ना क्या धीरे धीरे बच्चों की तरह खेल रहे हो, हाँ थोड़ा इससे भी ज्यादा दम लगाओ.
अब में चाची के कहने पर जोश में आकर ज़ोर ज़ोर से उनके बूब्स को दबाने और निप्पल का रस निचोड़ने लगा था, जिसकी वजह से हम दोनों ही बहुत कम समय में पूरी तरह से जोश में आकर मज़े मस्ती करने लगे और अब वो मेरे गाल को सहलाने लगी थी. फिर थोड़ी देर के बाद में अपना हाथ मेक्सी के अंदर से ही नीचे करते हुए अब सीधा उनकी चूत पर ले गया और उस समय मैंने छूकर महससू किया कि उनकी पेंटी चूत वाले हिस्से से पूरी गीली हो चुकी थी, क्योंकि वो अब बहुत जोश में आ चुकी थी.
मैंने बिना देर किए तुरंत उनकी पेंटी में अपने उस हाथ को डाल दिया और अब में उनकी कामुक उभरी हुई चूत की लंबी लंबी झांटो को सहलाने लगा और गीली चूत में अपनी एक ऊँगली को डालकर में चूत के दाने को सहलाने लगा था, जिसकी वजह से अब उनके मुहं से सिसकियों की आवाज़ आईईईईईईइ उफफ्फ्फ्फ़ आने लगी थी और वो मुझसे अब आहे भरते हुए कहने लगी थी आह्ह्हह्ह्ह उफ्ह्ह्हह्ह प्लीज तुम अब अपनी इस उंगली को मेरी चूत में पूरा अंदर तक डाल दो ना, क्यों मुझे इतना तरसा रहे हो? प्लीज थोड़ा जल्दी करो मुझे कुछ हो रहा है.
अब मैंने उनसे कहा कि यहाँ से मेरा हाथ ठीक तरह से वहां पर नहीं पहुँच रहा है, इसलिए अब आप भी मेरे बेड पर आ जाओ और फिर वो मेरी बात को सुनकर धीरे से उठकर मेरे बेड पर आ गई और उन्होंने पिंटू को एक तरफ करके चाची ने उसके ऊपर एक रज़ाई को डाल दिया था और एक दूसरी रज़ाई को लेकर उन्होंने हम दोनों पर डाल दिया और हम उसमें घुस गये.
फिर चाची ने सबसे पहले मेरी बनियान को उतार दिया और उसके बाद उन्होंने मेरा पाज़मा भी उतार दिया, जिसकी वजह से अब में सिर्फ़ अंडरवियर में था और वो मेरे गालों को चूमने लगी और उसी के साथ चाची ने अपना एक हाथ मेरे लंड पर रख दिया, जो अब एकदम टाईट होकर चार इंच का होकर खड़ा हो चुका था और में अपने हाथों से चाची के दोनों बूब्स को दबाने लगा था.
हम दोनों जोश में आकर हल्की हल्की आवाजे निकाल रहे थे. फिर मैंने भी कुछ देर बाद चाची की ब्रा को खोल दिया और उनके एक बूब्स को अपने मुहं में लेकर में जोश में आकर निप्पल को चूसने लगा और चाची ने अपने होश को खोकर मेरे एक हाथ को पकड़कर अपने दूसरे बूब्स पर रख दिया और फिर क्या था? वो अब आह्ह्ह्ह्ह्ह आईईईई प्लीज थोड़ा ऊऊईईेईई ज़ोर से दबाव चूसो ना करने लगी. अब में ज़ोर ज़ोर से चाची के बूब्स को दबाने और उनकी निप्पल को चूसने लगा था और फिर उन्होंने मेरा एक हाथ पकड़कर अपनी पेंटी के अंदर डाल दिया था और तब मैंने छूकर देखा कि अब तक उनकी पूरी पेंटी भीग चुकी थी.
में चाची की चूत को सहलाने लगा और वो आह्ह्ह्ह ऊऊऊह्ह्ह्हह्ह यह तुम क्या कर रहे हो आह्ह्हह्ह मुझे बहुत मज़ा आ रहा है? तब मैंने कहा कि चाची प्लीज मुझे अब आपकी चूत को चूसना है और उसी समय चाची कहने लगी कि आपने तो मेरे मुहं की बात छीन ली, क्योंकि मुझे भी अब आपका लंड चूसकर उसके मज़े लेने है और फिर उनके यह बात खत्म करते ही हम दोनों तुरंत 69 की पोजीशन में आ गए और चाची ने एक ज़ोर का झटका देकर मेरी अंडरवियर को उतार दिया.
उस समय वो पहली बार मेरे लंड को अपनी चकित नजरों से घूर घूरकर देखते हुए कहने लगी कि अरे अनिल यह तुम्हारा लंड है या कोई हथोड़ा, इतना मस्त लंड तो में आज पहली बार देख रही हूँ. इससे आज में अपनी चुदाई करवाकर बड़े मज़े ले सकती हूँ और मुझे पता होता तो में पहले से तुमसे अपनी चुदाई करवाकर अपनी प्यासी चूत को शांत कर देती और तुम इस दमदार, मजेदार लंड को लेकर अब तक कहाँ घूम रहे थे तुमने मुझे अब तक क्यों नहीं चोदा? और फिर चाची ने अपनी बात को खत्म करके झट से मेरे लंड का पूरा टोपा अपने मुहं में लेकर वो मज़े से चूसने लगी.
मैंने भी चाची का जोश देखकर उसी समय उनकी पेंटी को उतार दिया और अपनी जीभ को मैंने चाची की गीली रसभरी चूत में डालकर में चूत को ज़ोर ज़ोर से चूमने लगा, जिसकी वजह से अब हम दोनों के मुहं से आह्ह्ह्हह उूऊऊऊऊऊऊ की आवाज निकलने लगी. हम दोनों पूरे जोश में आकर चूस चाट रहे थे और चाची मेरे लंड को पूरा अंदर करके किसी अनुभवी रंडी की तरह मेरा लंड चूस रही थी और करीब दस मिनट के बाद चाची मेरे मुहं पर ही झड़ गई और उन्होंने अपना पूरा रस मेरे मुहं में निकाल दिया और मैंने भी जोश में आकर उनकी चूत का पूरा रस पी लिया. में बड़े मज़े लेकर चाची की गरम चूत को अपनी जीभ से चाट रहा था और दोस्तों मुझे नहीं पता था कि चूत का रस इतना स्वादिष्ट भी होता है. में चाटता रहा, लेकिन वो अब कुछ ढीली पड़ने लगी थी.
में उनसे बोला कि चाची ज़रा ज़ोर ज़ोर से चूसो और मेरी यह बात सुनकर चाची ने अपनी स्पीड को बढ़ा दिया और करीब दो मिनट बाद मैंने भी अपना वीर्य चाची के मुहं में निकाल दिया, जिसकी वजह से अब मेरा लंड भी धीरे धीरे ठंडा पड़ चुका था.
चाची ने एक बार फिर से मेरे लंड को सहलाना शुरू कर दिया और मैंने उनके बूब्स को सहलाना और उनको दबाना शुरू किया, जिसकी वजह से थोड़ी ही देर में हम दोनों ही वापस गरम हो गये थे. अब मैंने बिना देर किए तुरंत चाची को सीधा लेटा दिया और अपना लंड उनकी चूत के मुहं पर रख दिया और उसी समय चाची मुझसे कहने लगी कि अनिल प्लीज थोड़ा सा धीरे धीरे डालना, क्योंकि तुम्हारा लंड बहुत मोटा है और मुझे इसको अपनी छोटी सी चूत में लेने पर बहुत दर्द होगा.
फिर मैंने चाची से कहा कि तुम इतना मत घबराओ, में दर्द कम होने की अपनी तरफ से पूरी कोशिश करूंगा और फिर मैंने अपनी तरफ से उसकी चूत में अपने लंड को एक जोरदार झटका मार दिया, जिसकी वजह से मेरा आधा लंड चाची की चूत को चीरता हुआ अंदर चला गया और वो बहुत ज़ोर से चिल्लाई उूउऊईईईईई माँ में मर गई उफ्फ्फफ्फ्फ़ प्लीज अब तुम इसको बाहर निकालो, वरना में आज इस दर्द की वजह से मर ही जाउंगी आह्ह्ह्ह प्लीज अब छोड़ दो तुम मुझे.
मैंने चाची का दर्द देखकर अपने लंड को बाहर निकाल लिया और अपने हाथ में मैंने ढेर सारा थूक लेकर चाची की चूत पर लगा दिया और थोड़ा सा थूक मैंने अपने लंड पर भी लगाकर लंड को पहले से ज्यादा चिकना कर लिया और में चाची के निप्पल को ज़ोर ज़ोर से खींचकर चूसने लगा, जिसकी वजह से अब वो कुछ और ज्यादा गरम हो गयी और वो मेरे मुहं को अपनी छाती पर दबाने लगी और मुझसे ज़ोर ज़ोर से बूब्स को चूसने के लिए कहने लगी.
मैंने अपना लंड चाची की चूत पर रखकर पूरे जोश में आकर एक जोरदार धक्का मार दिया तो एक ही झटके में मेरा पूरा लंड चाची की चूत की गहराईयों में समा गया और वो ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी थी, लेकिन उसी समय मैंने उनके मुहं पर अपना एक मुहं रख दिया और में उसके होंठो को चूसने लगा और चाची के गोरे बदन से खेलने लगा, जिसकी वजह से थोड़ी देर में चाची को भी अब बड़ा मज़ा आने लगा था और वो भी मेरे धक्के देने के साथ साथ नीचे से अपनी गांड को उछालने लगी थी.
करीब दस मिनट तक लगातार धक्के देने के बाद हम दोनों ही एक साथ झड़ गये और में अपनी चाची के ऊपर ही लेटकर उनके बूब्स से खेलने लगा. फिर कुछ देर बाद चाची ने उठकर अपनी पेंटी से पहले मेरे लंड को साफ किया और उसके बाद उन्होंने अपनी चूत को भी साफ किया और अब चाची ने मुझे एक भरपूर किस किया और उनकी उस मज़ेदार चुदाई इतने मज़े मस्ती देने के लिए वो मुझसे धन्यवाद बोलकर अपने बेड पर वापस चली गई और उनके चेहरे से मुझे उनकी संतुष्टि साफ साफ नजर आ रही थी और में उस घटना के बारे में सोचकर ना जाने कब सो गया.
दूसरे दिन सुबह में भी हंसी ख़ुशी उठकर में चाय नाश्ता करके नागपुर के लिए वापस निकल पड़ा, क्योंकि दोस्तों अपनी चाची की प्यासी चूत की चुदाई का वो सपना जिसको में बहुत दिनों से देख रहा था वो पिछली रात को पूरा हो गया था और उस ताबड़तोड़ चुदाई की वजह से मेरी चाची भी बहुत खुश खिली खिली नजर आ रही थी.