हाय, दोस्तों मेरी यह कहानी बिल्कुल सच्ची। मेरा नाम दीपक है (बदला हुआ नाम) मैं 26 साल का हूँ, 5 फुट 8 इंच लम्बा हूँ। मेरा लंड 8 इंच लम्बा है।
मेरे बड़े भाई, गिरीश की शादी हुए एक साल हुआ है। पिछले कुछ महीनो से व्यापार में बहुत तेज़ी आने से गिरीश भैया रात को देर देर तक काम करते हैं। कई बार मैं भैया को कोमल भाभी की चुदाई और गांड ठुकाई करते हुए-छुप कर देख चुका था।
मेरी भाभी का नाम कोमल है , वह 5 फुट 5 इंच लम्बी हैं, वो25 साल की हैं और फिगर 36-32-36 है, बहुत गोरी और तीखे नैन-नक्श हैं। कोमल भाभी के कूल्हे ( गांड ) उभरे हुए हैं और उठी हुई चूचियाँ हैं।
एक बार जब भैया किसी काम से 15 दिनों के लिए जयपुर से बाहर चले गए तो मैंने देखा कि कोमल भाभी उदास-उदास सी होने लगी थी और मैंने देखा कि वो दिन में कई बार अपनी चूत को अपने हाथ से खुजलाती रहती थीं।
इन 4-5 दिनों में वो कई बार मेरे सामने भी अपनी चूत को खुजलाती रहती थीं और खुजलाते समय मेरी तरफ़ बड़े ही मोहक अंदाज में, गहरी नज़रों से देखती भी जाती थीं।
मैं जान गया था कि कोमल भाभी की चूत बड़ी मचल रही है, पर मैं क्या कर सकता था।
एक सुबह मैंने देखा कि कोमल भाभी जब दूध लेने दूध वाले के पास आईं, तो उसके सामने अपनी चूत को खुजलाईं, दूध वाला भी बड़ी गहरी नज़रों से कोमल भाभी को चूत खुजलाते देख रहा था, मुझे एक झटका सा लगा, मैं जान गया कि मुझे कुछ करना पड़ेगा, वरना घर की इज़्ज़त जाने वाली है। हिंदी सेक्स स्टोरीज , चुदाई की कहानी , गांड मारने की कहाँनी , फकिंग स्टोरीज , पोर्न स्टोरीज , xxx stories , sex stories , chudai ke kanahi , chudai ke kahani hindi me , hindi sex stories
उस रात मैंने पक्का सोच लिया कि मुझे कोमल भाभी की मदद करनी ही पड़ेगी, वरना कुछ भी हो सकता है।
उस रात जब सब लोग सो गए, मैं उसी तरह कोमल कोमल भाभी के पास जाकर सो गया और मैंने तो फ़ैसला कर लिया था कि आज कुछ तो करके ही रहूँगा। सबके सो जाने के बाद मैंने एक कोशिश की, मैंने पहले उनके करीब जाकर लेट गया, फिर आहिस्ता से, उनके मम्मों पर हाथ फिराया और आहिस्ता-आहिस्ता से दबाने लगा।
मुझे ऐसा लग रहा था कि वे भी मूड में आ रही हैं। फिर मैंने उनके कॉटन वाले टॉप में हल्के से हाथ डाला।
जब मेरा हाथ उनकी मुलायम चूचियों पर गया, तब मेरे हाथ में उनका स्पंजी ब्रा थी, जो मुझे डिस्टर्ब कर रही थी। इस दौरान मेरी धड़कनें तेज़ हो रही थीं।
फिर मैंने अपनी उँगलियों से उनकी ब्रा को हटाने की कोशिश की, पर नाकाम रहा क्योंकि मेरे ऐसा करने से वे थोड़ा सा हिलने लगीं और मैंने फ़ौरन अपना हाथ हटा लिया।
लेकिन, कुछ देर बाद मैं खुद ही हैरान हो गया, क्योंकि मेरे लंड पर कोमल भाभी का हाथ था और देखते ही देखते उन्होंने हल्के से मेरे लंड को मसलना शुरू किया।
मुझे तो यकीन ही नहीं आ रहा था।
उनके ऐसा करने से मुझे भी जोश आ गया, मैंने उनकी मदद करने के लिए अपनी ज़िप खोल कर अपना लंड उनके हाथ में दे दिया- लो मसलो मेरे लौड़े को अहह.. ओह…!
और उन्होंने सच में मसलना शुरू कर दिया।
मैं तो अपने आपे में ही नहीं रहा।
हम दोनों ने एक-दूसरे के कपड़े निकाले तो मैं पहली बार साक्षात नंगी औरत को देख रहा था।
मैं तो कोमल भाभी को नंगी देख कर बहुत खुश हो गया और चूत को देखा तो शायद कोमल भाभी ने सुबह ही अपनी चूत साफ़ की थी।
मैंने चूत पर हाथ फिराया, तो मेरे हाथ में चिकना रस आया, मैंने कोमल भाभी से पूछा- आप चुदासी हो रही हो?
वो बोलीं- बहुत, आज तो प्यारे देवर जी, मेरी जी भर के चुदाई कर दो।
बस मैंने कोमल भाभी को दोनों हाथों से उठाया और बिस्तर पर लिटा कर दोनों टाँगें फैला दीं और कोमल भाभी के होंठों पर चुम्बन करने लगा। फिर दोनों मम्मों को हाथों से पकड़ कर बहुत प्यार से मसका, फिर चूचुकों को मुँह में लेकर खूब चूसा।
अब तो कोमल भाभी बहुत चुदासी हो गईं और कहती हैं- अभय, अब मेरी चूत चाटो..! हिंदी सेक्स स्टोरीज , चुदाई की कहानी , गांड मारने की कहाँनी , फकिंग स्टोरीज , पोर्न स्टोरीज , xxx stories , sex stories , chudai ke kanahi , chudai ke kahani hindi me , hindi sex stories
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
मैंने कोमल भाभी की दोनों टाँगें अपने कन्धे पर रखीं और बीच में मुँह लगाया और चूत की पुत्तियों को खींच कर चूसने लगा, फिर ज़ुबान से सारा रस पीने लगा, अपनी पूरी ज़ुबान चूत में डाल दी।
चूत के मुकुट (क्लाइटॉरिस) को दोनों होंठों में दबा कर चूसने लगा तो कोमल भाभी मस्त होकर अपने कूल्हे उठा रही थीं, वो बोलीं- अभय, तुम्हें औरत की चुदाई करना बहुत अच्छी आती है।
मैंने 10 मिनट कोमल भाभी की चूत चाटी और चूत के मुकुट को मुँह में लेकर खींच कर जो चूसा, तो कोमल भाभी को पहला चरमोत्कर्ष मिल गया।
वो मेरा सिर अपनी चूत पर दबाने लगीं और झटके लेने लगीं, मैं लगातार चूत चाटता रहा, एक मिनट तक उनकी चूत झड़ती रही।
फिर कोमल भाभी ने मेरा लंड मुँह में लिया और प्यार से चूसने लगीं, चारों तरफ अपना हाथ लंड पर फिराने लगीं और आधा लंड 4 इंच मुँह में ले लिया।
फिर वो ज़ुबान से सारे प्रीकम को चाट गईं और बोलीं- अब मेरी चुदाई करो, मैं बहुत तड़प रही हूँ। कितने दिन से तुम्हारे भैया ने मुझे अच्छी तरह से नहीं चोदा है।
मैंने कोमल भाभी के चूतड़ों के नीचे एक तकिया रखा और दोनों टाँगें फैला दीं।
फिर मैंने अपने लंड पर बहुत सारा तेल लगाया। जब मैं अपना लंड नीचे लाया, तो कोमल भाभी ने झपट कर मेरा लंड अपने हाथ से पकड़ कर चूत के छेद पर रखा।
मैंने आहिस्ते से लंड को चूत में डालने के लिए दबाव दिया तो सुपारा चूत में अन्दर घुस गया और कोमल भाभी की आँखें फ़ैल कर बड़ी हो गईं।
मैंने पूछा- कोई तकलीफ़ तो नहीं हो रही है?
कोमल भाभी बोलीं- नहीं, सिर्फ़ चूत पसर गई है, ऐसा महसूस हुआ।
मैंने और दबाव दिया और आधा लंड चूत में डाल दिया, फिर मैं कोमल भाभी के होंठों पर चुम्बन करने लगा और आहिस्ते-आहिस्ते लंड अन्दर-बाहर करके चोदना शुरू किया।
चार और धक्के मारे और पूरा 7 इंच लंड चूत में घुसेड़ दिया।
कोमल भाभी ने मेरे चूतड़ पकड़ लिए पर मैंने लंड को चूत में पेलना जारी रखा।
वे बोलीं- ठहरो जरा, लौड़े को ऐसे ही चूत में थोड़ी देर रखो, बहुत मज़ा आता है।
मैंने लंड को चूत में रखा और मम्मों को मसलने लगा।
दो मिनट के बाद कोमल भाभी बोलीं- बस अब जी भर के मेरी चुदाई करो।
मैंने अपना लंड आधा से ज़्यादा अन्दर-बाहर कर के चुदाई करने लगा, पूरी 10 मिनट की चुदाई के बाद कोमल भाभी को दूसरा परम-आनन्द प्राप्त हुआ। हिंदी सेक्स स्टोरीज , चुदाई की कहानी , गांड मारने की कहाँनी , फकिंग स्टोरीज , पोर्न स्टोरीज , xxx stories , sex stories , chudai ke kanahi , chudai ke kahani hindi me , hindi sex stories
वो मुझे अपनी बाहों में पकड़ कर झटके लेने लगीं, मैंने आहिस्ते-आहिस्ते चुदाई चालू रखी।
दो मिनट तक कोमल भाभी का ओर्गेज्म चला, फिर वो अपना दोनों हाथ बेड पर फैला कर बोलीं- माय गॉड अभय, आप तो गजब के चोदू हो.. ऐसे तो तुम्हारे भाई ने मुझे कभी नहीं चोदा।
मैंने कहा- कोमल भाभी अभी चुदाई ख़त्म नहीं हुई है, मेरा माल निकलेगा तब ख़त्म होगी।
कोमल भाभी बोलीं- हाँ.. मुझे मालूम है.. बस अपनी कोमल भाभी को जी भर के चोदो, बहुत मज़ा आता है।
मैंने लंड पूरा बाहर निकाल दिया और कोमल भाभी को चाट कर साफ़ करने को कहा, फिर चूत में वापस डाला, अब तो लम्बे-लम्बे धक्के मारने लगा और कोमल भाभी बहुत उत्तेजित हो गईं, बोलने लगीं- फाड़ दो मेरी फाड़ दो मेरी चूत… पूरा लंड अन्दर डाल दो।
मुझे पसीना आने लगा, कोमल भाभी ने अपना पेटीकोट लेकर मेरा माथा पोंछ दिया और चुम्बन देने लगीं।
पूरे 10 मिनट मैंने खूब चुदाई की, बाद में बोला- कोमल भाभी मैं आ रहा हूँ..!
कोमल भाभी बोलीं- हाँ अन्दर ही आओ..!
और मैं वीर्य की पिचकारियाँ चूत में छोड़ने लगा, गरम-गरम पिचकारियां मारीं, कोमल भाभी तो आनन्द के मारे बेहोश सी हो गईं, वो भी साथ में झड़ी थीं और उनका पूरा बदन झटके खाने लगा।
दो मिनट तक हम दोनों झड़ते रहे, आख़िर में मैं निढाल होकर कोमल भाभी पर ही लेट गया, मेरा लंड नरम होने लगा।
मैंने उठ कर लंड चूत से बाहर निकाला, पूरा लंड वीर्य और रज से भरा चमक रहा था।
हम दोनों बाथरूम में गए, कोमल भाभी कमोड पर बैठीं और तभी मेरा माल कोमल भाभी की चूत से निकल कए टपकने लगा।
कोमल भाभी बोलीं- अभय तुम्हारा माल तो देखो, साण्ड की तरह पूरा कप भर कर निकला है और तुम्हारा भाई का तो सिर्फ एक चम्मच निकलता है।
मैंने अपना लंड साबुन से धोया और हम दोनों ने कपड़े पहन लिए।
मैं कोमल भाभी को बांहों में लेकर चूमने लगा और पूछा- क्या तुम्हारा देवर चुदाई के लायक है?
कोमल भाभी ने भी मुझे अपने बाहुपाश में जकड़ लिया- हाँ जी है ..!
यह मेरा और कोमल भाभी का मस्त चुदाई वाल प्रकरण था जो आपके सामने रख दिया
हिंदी सेक्स स्टोरीज , चुदाई की कहानी , गांड मारने की कहाँनी , फकिंग स्टोरीज , पोर्न स्टोरीज , xxx stories , sex stories , chudai ke kanahi , chudai ke kahani hindi me , hindi sex stories