मेरा नाम शोएब है ! मैं 25 वर्ष का युवक हूँ। मैं बचपन से ही बहुत शर्मीला हूँ। मेरे मन में लड़कियों के लिए बहुत इज्ज़त है। मैंने 17 साल की उम्र से मुठ मारना सीखा है और अभी भी कोशिश करता हूँ कि किसी लड़की को सोच कर ना मारूँ ! पता नहीं मेरा मन गवाही नहीं देता !
फिर भी मन में रहता है कि कोई मिले जिसको नंगा देखूँ, उंगली करूँ, चूची दबाऊँ ! खैर मैं अपनी असली आपबीती बताता हूँ ! बात उस समय की है जब मैं कोचिंग कम्पलीट करके नालंदा से सुरत लौट रहा था जहाँ मेरा परिवार रहता था। मैंने एसी में आरक्षण कराया था, मुझे क्या मालूम था कि मेरे साथ क्या होने वाला है।
मैं अपने कम्पार्टमेंट में बैठा और गाड़ी चलने की इंतजार करने लगा।
मैं खिड़की से पर्दे हटा कर देख रहा था तो कुछ लड़कियाँ इधर-उधर आ-जा रही थी। मैंने सोचा कि कोई लड़का या आदमी मेरे कम्पार्टमेंट में आए तो सही है, फ़र्जी के गंदे ख्याल से बच जाऊँगा पर शायद ऊपर वाला नहीं चाहता था कि ऐसा हो और थोड़ी ही देर बाद एक लड़की मेरे कम्पार्टमेंट में आई। उसने जींस, लाल टीशर्ट पहनी थी, उसके होंठ बहुत सुंदर थे, हिरन जैसी आँखें, काजल लगाये थी वो ! मेरा मन न मान के भी मैं उसे देख रहा थे ! मन कर रहा था कि उसके कमल नयन के रस में डूब कर मर जाऊँ!
खैर मैंने अपने आप पर काबू किया और बाहर देखने लगा। मैं इंतजार करने लगा कि कोई और आ जाए मेरे कम्पार्टमेंट में, तो सही है, पर कोई नहीं आया। शाम होने लगी, मैं भी खा पीकर सोने की तैयारी करने लगा !
इस बीच उससे मेरी एक बार बात हुई, उसने पूछा- कहा जाना है?
मैंने कहा- सुरत !
वो मुस्कराई, मैं उसकी आँखें ही देखता रहा। थोड़े देर बाद मैं सो गया शायद वो भी पता नहीं !
बीच रात में मुझे सिसकने के आवाज आई तो मैंने सर उठाकर देखा, कोई आदमी करीब 30-35 साल का उसको सहला रहा है।
मैं भी देखने लगा, वो उसका पैर चाट रहा था और एक हाथ से चूची सहला रहा था, दूसरा हाथ गांड पर था।
मैंने सोचा- रोकूँ ! फिर सोचा शायद लडकी के मंजूरी से चल रहा है !
मैं चुपचाप देखने लगा !
उसने उसकी टॉप उतार दी, दो चाँद सिर्फ काले धागे (ब्रा बहुत बारीक़ थी) से बंधे साफ़ नजर आ रहे थे। वो अब ब्रा भी उतर गई, मानो बाँध से पानी छोड़ दिया गया हो ! पता नहीं मुझे बुखार सा लगने लगा, सर एकदम गरम हो गया।
फिर भी मैं चुप कर के देखता रहा। वो उसकी चूची चूसे जा रहा था, कभी ये चूसता कभी वो ! लड़की की आँखें बंद सी थी, फिर उसने उसकी जींस उतारी, वो चूत में उंगली करने लगा। फिर थोड़ी देर बाद उसने लड़की की गांड चड्डी के ऊपर से ही चाटना शुरू कर दिया, बीच-बीच में चूतड़ों पर एक चांटा भी मार देता !
इसी बीच कोई स्टेशन आ गया और जैसे रुके पानी में कोई पत्थर फेंक दे और सारा शांति भंग हो जाय … कुछ हल्ला सा होने लगा वो आदमी झट से उस लड़की को छोड़ कर बाहर भाग गया।
मैंने देखा कि वो लड़की अभी तक वैसे ही पड़ी कुछ बकबक कर रही है। मैं हिम्मत करके पेशाब के बहाने उठा और खांसा। लेकिन उस लड़की पर कोई असर नहीं था, हिम्मत करके मैंने उसे छूकर कहा- मैडम !
फिर भी वो क्या बोले जा रही थी पता नहीं। मैंने उसे उठा कर कहा- मैडम, आपके कपड़े ! लेकिन वो बोले जा रहे थी, मैंने ध्यान से सुना, वो कह रही थी- मेरी लो ! और आहें भर रही थी। मुझे लगा कि शायद उसने शराब पी रखी है। मैंने उसको ब्रा पहनाई। मैं समझ गया कि यह पैसे वाले घर के लड़की है। ब्रा पहनते वक़्त वो मेरे हाथ से ही अपना चूची दबा रही थी। उसकी चड्डी गीली हो गई थी!
मैंने हाथ हटा लिया और फिर उसको जींस पहना दी बड़ी मुश्किल से !
वो फिर भी मुझ पर टूट रही थी, मैंने सोचा कि इसका जब तक नशा नहीं उतरेगा कुछ नहीं हो सकता !
मैं उसे लेटा कर बाथरूम चला गया। वापस आने के बाद मैंने उसे देखा तो वो एकदम बच्चे के तरह सो रही थी। मैंने उसके गाल पर एक चुम्बन लिया और जाकर सो गया ! अभी थोड़ी देर ही हुई थी, मुझे हल्की सी नींद आने लगी थी कि वो आदमी इतने में फ़िर उसके पास आकर खड़ा हो गया और उसकी चूची छूने लगा।
मैंने एक झटके से कहा- अब कुछ भी किया तो जूते मारूंगा !
उसने मुझे एक मुक्का जड़ दिया, मैं नीचे झुका और सामने पडी मिल्टन की बोतल दे मारी उसके सर पर !
वो सकपका कर भाग गया लेकिन मेरी फट गई थी कि कहीं फिर न आये और लड़कों के साथ !
मैं उस लड़की के पास बैठ गया और उसकी तरफ देखने लगा और डूब गया उसकी आँखों में ! फिर से मैंने उसे चूम लिया ! उसके बाल संवार कर सोने चला गया ! दोस्तों आप ये कहानी मस्ताराम डॉट नेट पे पढ़ रहे है।
अब नींद कहाँ आने वाली थी ! वो गोल-गोल चूची, लाल रंग के चड्डी ! सोच कर ही मेरा लण्ड खड़ा हो गया था और दर्द भी कर रहा था।
मैं उल्टा सोच कर मुठ मारने लगा …. कल्पना करने लगा …….कि मैं उस लड़की की बुर चाट रहा हूँ, फिर गांड में ऊँगली कर रहा हूँ !
… नहीं नहीं ! यह मैं क्या सोच रहा हूँ ! इस बेचारी लड़की ने क्या मेरा बिगाड़ा है, यह भी तो किसी की बहन ही होगी….
कोई याद नहीं आने पर मैंने कटरीना कैफ की चूत मारी, गांड में उंगली की फिर गांड मारी, चूची तो जानवरों की तरह नोची।
बहुत मजा आया ! आह !
सुबह उसने मुझे जगाया और कहा- ब्रुश कर लो ! चाय पी लो ! ट्रेन लेट है !
ब्रुश करने के बाद हमने साथ में चाय पी। फिर मैंने बड़े संयम से पूछा- कल.. कल रात में क्या हुआ था? इतने में वो रोने लगी और बताया- तुम जब सो गए थे तो वो आया ! मैं अभी सोने की कोशिश कर रही थी, इतने में वो आया बगल वाली सीट पर बैठ गया, अभी आँख बंद ही की थी कि उसने मेरा मुँह रुमाल से बंद कर दिया और मेरे मुँह में कुछ पिला दिया शायद कई पॉवर-गेनर था, मुझे होश था पर दिमाग खराब हो गया था !
मैंने उसे चुप कराया।
वो यह भी कहने लगी- मुझे मालूम है कि तुमने मुझे किस किया था !
मैं तो सकपका गया, वो हंस कर मेरी बाहों में आ गई।
मैंने भी उसे अपनी बहो में जकड लिया उसने कहा की आप बहुत अच्छे है मुझे आपसे प्यार हो गया मैंने उसके माथे पर और एक गाल पर किस किया और बोला चलो चाय पि लेते है चाय पिने के बाद मैं फिर सो रात भर का जगा सो गया वो भी जस्ट लेट गई थोड़ी देर बाद जब हमारा खाना आया तो हमने खाना खाने के बाद थोड़ी देर यहा वह की बाते की फिर मई उसके करीब जाकर उसके हाथ को अपने हाथ में लेकर मजे से सहलेन लगा उसने मुझे रोका नहीं तो मैं मन ही मन खुश हो गया.
फिर मैंने उसे लिटा दिया और उसकी टी-शर्ट थोड़ी ऊपर कर दिया और उसके पेट पर किस करने लगा उसकी नाभि में जीभ डालकर चोदने लगा वो भी सिस्कारिया भरने लगी जिससे मुझे और भी मजा आने लगा. किस करने के बाद मैंने उसकी टी-शर्ट निकल दिया और अपना कपडा भी निकल दिया उसके ऊपर आके उसके बूब्स को ब्रा के ऊपर से दबाया किस किया वो मेरा सर दबाने लगी उसके चूचो को मैंने उसकी ब्रा से आज़ाद किया और सहलाने लगा चूसने लगा दातो से हलके हलके उसके निप्प्लस को काटने लगा.
अब बारी आई चुत की मैंने उसका जीन्स और पंतय दोनों निकल दिया और उसकी चुत में दो उंगली डालकर अंदर बहार करने लगा वो अपने नाख़ून से मुझे नोचने लगी फिर निचे जाकर उसकी चुत की फाको को फैला कर छुट में जीभ लगाकर चाटने लगा वो भी अपने पैरो से मेरे सर को जकड कर दबा दी और मैं नमकीन स्वाद वाली चुत में घुस मजे करने लगा. दोस्तों आप ये कहानी मस्ताराम डॉट नेट पे पढ़ रहे है।
फिर वो मुझे बोलने लगी यार अब डाल दो मेरी चुत में अपना लंड अब कण्ट्रोल नहीं होगा फिर फाटक से मैंने अपना जीन्स निकल कर अंडरवियर निकल फेक दिया और अपने खड़े लंड को उसकी चूत में घुसा दिया चुत गिल्ली होने की वजह से आसानी से लंड अंदर चला गया फिर मैं और मैं फक फक karate हुए उसकी चुत में धक्के लगाने लगा वो सिस्कारियो से गूंजने लगी मुझे जोश आने लगा और धक्के तेज होने लगे फिर वो बोली मेरा होने वाला है मुझे भी फील होने लगा की मैं अब झाड़ने वाला हूँ उसने मुझे कसके पकडे हुए था मैं भी खूब तेज तेज झटके लगाया जिसके बाद हम दोनों चिल्लाते हुए एक साथ झड़ गए.
तो कैसी लगी आप सभी को मेरी ये सेक्स स्टोरी मुझे जरुर बताये.