हेल्लो दोस्तों मैं हरपाल सिंह खट्टर आप सभी का sexkahani.net में बहुत बहुत स्वागत करता हूँ। मैं पिछले कई सालों से इसका नियमित पाठक रहा हूँ और ऐसी कोई रात नही जाती जब मैं इसकी रसीली चुदाई कहानियाँ नही पढ़ता हूँ। आज मैं आपको अपनी स्टोरी सूना रहा हूँ। मैं उम्मीद करता हूँ कि यह कहानी
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सभी लोगों को जरुर पसंद आएगी। ये मेरी जिन्दगी की सच्ची घटना है।
दोस्तों मैं भटिंडा का रहने वाला हूँ। मेरे साथ में मेरे बड़े भैया और भाभी रहते है। मेरी पापा मम्मी गाँव में रहते है। मेरे बड़े भैया के 2 बच्चे थे. लिली और राहुल। धीरे धीरे मेरी भतीजी जवान और खूबसूरत माल होती जा रही थी। अब वो 17 साल की कच्ची कली हो गयी थी। उसका जिस्म अब पहले की तुलना में हॉट, सेक्सी और भरा हुआ हो गया था। मेरा तो लंड बार बार अपनी भतीजी को देखकर फुफकारने लग जाता था। मन करता था की इसका बलात्कार कर डालूं पर दोस्तों जो मजा किसी लौंडिया की चूत प्यार से मारने में होता है जो जोर जबरदस्ती में नही होता। इसलिए मैं अपनी भतीजी लिली को पटाकर चोदना चाहता था। धीरे धीरे मैं अपने काम पर जुट गया। कुछ दिनों बाद उसका 18 वां जन्मदिन मनाया गया।
मैं भतीजी को एक मस्त स्मार्ट फोन गिफ्ट कर दिया। उसमे मैंने कुछ ब्लू फिल्म भी डाल दी। अब लिली का जिस्म बहुत हॉट हो गया था। उसकी छाती अब बड़ी बड़ी हो गयी थी और उसके बूब्स 34” से भी जादा बड़े बड़े हो गये थे और बिलकुल संतरे के जैसे गोल गोल और रसीले दिखते थे। अक्सर लिली मेरे कमरे में आकर जब झाड़ू लगाती तो उसके टॉप से उसके दूध मक्खन की तरह मुझे दिख जाते। दोस्तों मेरे तो सोये अरमान जान जाते थे। मन करता था की बस अभी इसको चोद डालूं और अपने 10” के लंड की प्यास बुझा लूँ। पर मैं इन्तजार कर रहा था की सही मौका कब मिले। एक दिन रात के वक़्त मुझे प्रेस चाहिए था जो लिली के रूम में रखा था। उस वक़्त रात के 10 बजे थे। अचानक मैं उसके रूम में घुस गया। मेरी जवान भतीजी लिली मेरे द्वारा गिफ्ट किये गये स्मार्ट फोन में ब्लू फिल्म देख रही थी और “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी….. ऊँ—ऊँ…ऊँ….” की तेज आवाजे आ रही थी। जैसे ही मैं अंदर घुसा लिली डर गयी।
“चाचा आपपपप..????” उसके मुंह से निकला। वो जल्दी से फोन को बंद करने लगी पर इसी जल्दी में फोन हाथ से छूट कर गिर गया और फिर वो चुदाई वाली विडियो चलता ही रहा। “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ…हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..” की गर्म गर्म आवाजे एक लड़की विडियो में निकाल रही थी जो चुदवा रही थी। पुरे कमरे में सिर्फ वो सेक्सी आवाज ही गूंज रही थी। लिली का चेहरा लाल पड़ गया। जल्दी से उसने फोन उठाया और बंद किया।
“चाचू प्लीस पापा मम्मी से मत बोलना” लिली बोली
“नही बोलूँगा। भला मैं अपनी भतीजी की बुराई क्यों करूंगा” मैंने कहा और हंसकर मैं प्रेस लेकर लौट गया। धीरे धीरे मेरी भतीजी को चुदाई वाले नई नई विडियो देखने की आदत हो गयी। अब वो इंटरनेट से नये नये विडियो डाउनलोड करने लगी और रोज नये नये विडियो देकने लगी। एक दिन मैं उसे चूत में ऊँगली करते रंगे हाथों पकड़ लिया।
“प्लीस चाचू पापा मम्मी से मत कहना” लिली बोली
मैं समझ गया की अब ये माल चूत आराम से दे देगी। 1 हफ्ते बाद मेरे बड़े भैया भाभी गाँव मेरे पापा को देखने चले गये। मेरे पापा की तबियत खराब थी। अब घर पर सिर्फ मैं और भतीजी लिली ही रह गये थे। उस दिन शाम को घर में बड़ा सन्नाटा था। मैं बहुत थका हुआ था। उस दिन ऑफिस में मुझे बड़ा काम पड़ा था। मैंने 9 बजे ही खाना खा लिया और सो गया। लिली टीवी वाले रूम में टीवी देख रही थी। मैं सो चुका था। रात 2 बजे मेरी नींद कुछ देर के लिए टूटी। “आऊ…..आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा..” की तेज आवाजे मैंने सुनी। जब मैं लिली के कमरे में गया तो हैरान रह गया। दोस्तों वो पूरी तरह से नंगी थी और स्मार्ट फोन में चुदाई वाली फिल्म देख रही थी। जल्दी जल्दी वो अपनी बुर में ऊँगली कर रही थी। उसकी रसीली चूत से ताजा ताजा मक्खन निकल रहा था।
साफ़ था की वो मोटा लंड खाना चाहती थी। मैं तुरंत जाकर उसे पकड़ लिया और उसके उपर लेट गया। अपना मुंह मैं भतीजी के होठो पर रख दिया और जल्दी जल्दी मैं उसके गुलाबी होठ चूसने लगा। लिली मान गयी। कहीं कोई मनाही नही। कोई विरोध नही। वो भी मेरे होठ चूसने लगी। लिली ने मुझे बाहों में भर लिया और हम दोनों रासलीला करने लगे। मैंने बनियान और कच्छे में था। क्यूंकि मैं यही पहनकर रात में सोता था गर्मी की वजह से। किस करते करते मेरा लंड मेरे कच्छे में ही खड़ा हो गया। अब दोनों तो एक दूसरे में समाए जा रहे थे। मेरी भतीजी मेरे जिस्म को बार बार सहला रही थी। वो भी अपना मुंह चला रही थी। इधर मैं भी अपना मुंह चला रहा था।
वो मेरे मुंह में अपनी जीभ डालने लगी। मैं जल्दी जल्दी चूसने लगा। लिली की जीभ मुझे पागल कर रही थी। दोस्तों आज मैं उसके जिस्म में उतर जाना चाहता था। उसकी आत्मा में समाकर उसके कसके चोद लेना चाहता था। मैंने भी अपनी जीभ उसके मुंह में डाल दी। उसके बाद तो ऐसा तांत्रिक चुम्बन हम लोगो से किया की उधर लिली की चूत भीग गयी और इधर मेरा लंड कच्छे में ही बहने लगा। मैंने उसके नीचे वाले होठ काट कई बार दांत से काट लिए। अब लिली को तेज सेक्स चढ़ चुका था। वो बिस्तर पर लेट गयी और अपनी चूत में जल्दी जल्दी ऊँगली करने लगी।
“चाचू! आज घर पर कोई नही है। बोलो क्या आप मुझे चोदोगे अपने इस मोटे लंड से???” लिली किसी छिनाल की तरह बोली
मैं खड़ा था। वो जल्दी जल्दी अपनी चूत में मेरे सामने ऊँगली कर रही थी।
“चाचू! प्लीस कुछ तो बोलो। आज लोगे मेरी चूत। तुमको भी मजा मिल जाएगा। इधर मैं भी अपनी चूत की प्यास बुझा लुंगी” लिली बोली
अब देर करना सही नही था। दोस्तों मैं अपना कच्छा उतार दिया। लिली के पैर खोल दिए। जिस गद्दे पर वो लेती थी वो काफी मोटा और नर्म और आरामदायक था। लिली की कमर पकड़कर मैं उसे किसी रंडी की तरह अपनी तरफ खीच लिया। उसके पैर खोल दिए। उसकी चूत में मैंने थूका तो सीधा चूत पर जाकर गिरा। अपना लंड मैंने हाथ से पकड़ लिया और लिली के चूत के दाने पर घिसने लगा। वो“अई…..अई….अई… अहह्ह्ह्हह…..सी सी सी सी….हा हा हा…” की मधुर आवाजे निकालने लगी। मैं 5 मिनट तक अपनी भतीजी को तड़पाता रहा। अपने मोटे 10” के रोकेट जैसे दिखने वाले लंड से उसके चूत के दाने को घिसता रहा। लिली कसकती रही। आखिर वो ग्रेट पल आ गया जब मैं अपनी सगी भतीजी की रसीली चूत में लंड सरका दिया और घपा घप उसे बजाने लगा।
हम दोनों की जन्नत की तरह आनन्द की प्राप्ति होने लगी। हम दोनों चाचा भतीजी भरपूर यौन सुख का मजा लेने लगे। जल्दी जल्दी मैं अपनी भतीजी की बुर चोदने लगा। वो मस्त हो गयी। उसकी हालत, उसका चेहरा ये बताने के लिए पर्याप्त था की वो उच्च स्तर का मानसिक और शारीरक सुख का मजा ले रही थी। दोस्तों आज मेरे घर में बस “…..ही ही ही……अ अ अ अ .अहह्ह्ह्हह उहह्ह्ह्हह….. उ उ उ… यस यस ओह्ह यस चाचा! आज फाड़ दो मेरी रसीली चूत। पेलो और जोर से…ओह्ह यस” की आवाजे आ रही थी। लिली जबरदस्त सम्भोग रत थी। किसी रस्सी की तरह उसका बदन ऐठ और घूम रहा था। मैने उसकी पतली लचकती कमर को दोनों हाथो से कसके पकड़ रखा था। चाहकर भी लिली भाग नही पा रही थी। मैं लम्बे लम्बे शॉट्स उसकी चुद्दी में लगा रहा था। एक एक्सपर्ट मर्द की तरह मैं उसको पेल रहा था। मेरा 10” का लंड उसे भरपूर सुख और चुदाई वाला नशा दे रहा था।
हम दोनों जबर्दस्त तरीके से सम्भोग कर रहे थे। हमारे बेड के पावे चू चू कर रहे थे। लिली की चूत में बवंडर आ चुका था। वो मजे से लंड खा रही थी। मेरी कमर जल्दी जल्दी घूम घूम कर उसे बजा रही थी। दोस्तों आखिर में 16 17 मिनट बाद वो पल आ गया जिसका हम दोनों को इंतजार था। जल्दी जल्दी अनगिनत धक्के के बीच मैंने माल उसकी गुलाबी चुद्दी में छोड़ दिया। मैं स्खलित हो गया। लिली का पेट अब भी मरोड़ खा रहा था। “……अई…अई….अई……अई….इसस्स्स्स्स्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….” की आवाजे अब भी उसके मुंह से निकल रही थी। कुछ देर में वो भी ठंडी पड़ गयी। मैं भी एक किनारे लेटकर सुस्ताने लगा। हम चाचा भतीजी का पहला सम्भोग कामयाब रहा था। हम दोनों को भरपूर मज मिला था।
हम दोनों पसीने में तर हो चुके थे। दोनों हांफ रहे थे। दोस्तों आधे घंटे बाद फिर से हम दोनों तैयार हो गये थे।
“क्यों भतीजी मेरे लंड की सेवा कैसी लगी???” मैंने लिली से पूछा
“मजा आ गया चाचू। अबसे फोन में चुदाई फिल्म देखना बंद। सिर्फ आपका ही मोटा लंड अब मुझे रोज खाना है” लिली शरारती होकर बोली अपना सिर हिलाकर
“अच्छा!…तो आकर मेरा लंड चूसो भतीजी” मैंने कहा
उसके बाद लिली मेरी जांघो को सहलाने लगी। दोस्तों मैं 5’ 10 लम्बा गबरू जवान मर्द था। अच्छी और फिट बॉडी थी मेरी। धीरे धीरे लिली मेरे नंगे जिस्म से खेल रही थी। आज घर पर कोई नही था इसका वो पूरा पूरा फायदा उठा रही थी। धीरे धीरे उसने मेरे लंड को हाथ से पकड़ लिया और उपर नीचे करके जल्दी जल्दी फेटने लगी। वो मजे लेकर से मेरा 10” का लौड़ा चूसने लगी। धीरे धीरे उसे अच्छा लगने लगा। वो जल्दी जल्दी मेरे लौड़े को हाथ से फेट भी रही थी।
मुझे अलग तरह की यौन उतेज्जना महसूस हो रही थी। अब मेरा लौड़े ३ इंच मोटा हो गया था। लिली इसे किसी आइसक्रीम की तरह चूस रही थी। मुझे मजा आ रहा था। मेरा लौड़ा तो किसी खूटे की तरह दिख रहा था। बिलकुल तम्बू दिख रहा था। लिली इसे अपने मुंह में पूरा अंदर तक गहराई तक लेने लगी और लगन से चूसने लगी। मुझे तो परम आनंद मिलने लगा। अब मेरा लंड बहुत सुंदर और गुलाबी लग रहा था। लंड पूरी तरह से खड़ा हो चुका था। लिली की उँगलियाँ उसपर जल्दी जल्दी घूम रही थी और मेरे लंड को फेट रही थी। मुझे आनंद आ रहा था। मैंने उसके सिर को दोनों हाथो से पकड़ लिया और जल्दी जल्दी लेटे लेटे ही उसका मुंह चोदने लगा। उसे तो साँस तक नही आ पा रही थी। मुझे ये सब बहुत अच्छा लग रहा था। मैंने काफी देर तक मुख मैथुन का मजा ले रहा था। दोस्तों उसके बाद मैंने बिस्तर पर सीधा लेट गया।
“लिली चल मेरे लंड पर आ जा” मैंने कहा
लिली किसी शरारती लड़की की तरफ कूदकर मेरे लंड पर आकर बैठ गयी। फिर उसने खुद ही अपनी चूत में मेरा मोटा लंड घुसा दिया। अभी तो आधे पहले मैंने उसकी चुद्दी की बैंड बजाई थी इस वजह से उसके बुर के होठ पूरी तरह फट कर दाए बाए झूल रहे थे। मुझे खुसी हो रही थी की आज अपनी सेक्सी और खूबसूरत जवान की बुर मैंने फाड़कर रख दी।
फिर लिली मेरे लंड पर बैठ गयी और हल्के हल्के धक्के देने उसने शुरू कर दिए।
“ओह्ह यस!! ओह्ह यस बेबी” मैंने कहा
धीरे धीरे लिली किसी रंडी की तरह मेरे मोटे लंड पर कूदने लगी। वो तेज तेज उचल रही थी। उसके बाल खुल गये थे और तेज तेज हवा में उछल रहे थे। लिली का गोरा महकता जिस्म मेरे सामने था। जब वो जल्दी जल्दी कूद रही थी उसकी 34” की चूचियां इधर उधर डांस कर रही थी। मुझे मजा आ रहा था।
““……अई…अई….अई……अई….इसस्स्स्स्स्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….” लिली पागलो की तरह चिल्ला रही थी। फिर मैं भी नीचे से धक्के मारने लगा। लिली की कमर को मैंने दोनों हाथों से पकड़ रखा था। कुछ देर बाद उसकी कमर अपने आप घूम रही थी। मुझे कुछ करना नही पड़ रहा था। भतीजी अपने आप चुद रही थी। मेरा लंड उसकी रसीली बुर में उसी तरफ से बुरी तरफ फंस गया था जैसे कुतिया की चूत में कुत्ते का लंड फंस जाता है। हम दोनों दो जिस्म एक जान हो गये थे। लिली मेरे लंड की सवारी कर रही थी। डिस्को डांस कर रही थी। वो मटक मटक कर चुदवा रही थी। उसके बाद दोस्तों वो झूला झूलने लगी।“..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….अअअअअ….आहा …हा हा हा चाचू मजा आ रहा है। करते रहो। प्लीस अभी झड़ना मत…. ऐसा बोलने लगी।
मैंने उसकी संगमर्मर जैसी चूची को कसके हाथ में भर लिया और सहलाने लगा। फिर मैं धीरे धीरे दबाने लगा। लिली मचल मचल कर चुदाने लगी। उसकी आँखों बंद थी जैसे चुदाई वाली कोई पूजा या प्रार्थना कर रही हो। मैंने उसके रूप और खूबसूरती का रस अपनी आंखों से पी रहा था। दोस्तों जबकि दूसरी तरह उसकी रसीली चूत का रस मेरा लंड पी रहा था।
वो मेरे लंड पर कसरत कर रही थी। झुला झूल रही थी। आखिर में 35 मिनट के सम्भोग के बाद हम दोनों साथ ही स्खलित हो गये। लिली मेरे उपर गिर गयी जैसे युद्ध में उसे गोली लग गयी हो। वो जोर जोर से “ हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ….ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी सी… हा हा हा.. ओ हो हो….” बोलकर हांफ रही थी। मेरे सीने पर दो धडाम हो गयी। उसकी नर्म नर्म चूचियां मुझे जन्नत जैसा मजा दे रही थी। मैं प्यार से उसकी नंगी पीठ सहलाने लगा।
“मेरी बच्ची!! मजा आया चाचू का मोटा लंड खाकर?? बोलो भतीजी मजा आया की नही
“बहुत मजा आया चाचू” लिली बोली
दोस्तों अब मेरी भतीजी मुझसे पूरी तरह से पट चुकी है। जब मन करता है मैं उसे बता देता हूँ और उसके रूम में जाकर रात में उसे मैं चोद लेता हूँ।